आतंकवाद का प्लेटफोर्म - कांग्रेस


आतंकवादियों के 'प्रवक्ता' -
मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला
- अरविन्द सीसोदिया
भारत सरकार किस बात के इंतजार में है ..., भारत के प्रधान मंत्री की अपील को ठोकर मारने वाली पीडीपी की मान्यता समाप्त हो जानी चाहिए थी , उमर की सरकार भंग हो जानी चाहिए थी . 

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा कि उनकी पार्टी द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में प्रस्तावित स्वशासन ( भारत से अलग होना ) ही राज्य की विभिन्न समस्याओं का एकमात्र समाधान है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री मुफ्ती ने पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा कि उनके क्षेत्र की सभी समस्याओं का समाधान करने का एकमात्र उपाय स्वशासन ( भारत से अलग होना ) है। सईद ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि क्षेत्र के सभी वर्गों के लोगों की इच्छाओं एवं आकांक्षाओं को शामिल कर पार्टी द्वारा प्रस्तावित स्वशासन ( भारत से अलग  होना ) के बारे में लोगों को शिक्षित करें। इस संदेश का स्पष्ट मतलव है कि वे भारत से कश्मीर को अलग करने का षड्यंत्र चला रहे हैं , हम उन्हें उनके नापाक मंसूवे पूरा करने का अवसर दे रहें हैं.
१ - विवादित अपहरण  कांड -
   विदित रहे कि जेकेएलएफ सुप्रीमो यासीन मलिक व अन्य पर तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी डाक्टर रुबिया सईद का अपहरण करने का आरोप है।सीबीआई केस के मुताबिक दिसंबर 1999 में डा. रुबिया सईद जब अस्पताल से लौट रही थी तो मेटाडोर स्टाप पर एक कार आकर रुकी और उसमें सवार लोगों ने उन्हें जबरन गाड़ी में बिठा लिया। अपहरणकर्ताओं ने डा. रुबिया की रिहाई के बदले में जेकेएलएफ के पांच खूंखार आतंकवादियों को रिहा करने की मांग की, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया। तब जाकर रुबिया सईद को आजाद किया गया था। माना यह जाता है कि यह मामला संदिग्ध है , तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद स्वंय आतंकवादियों को रिहा करना चाहते थे . इसके लिए रची गई यह साजिस थी.
२- जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और पीडीपी
    की गठबंधन वाली सरकार के दैरान-
- इससे पूर्व  जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और पीडीपी की गठबंधन सरकार के वित्तमंत्री तारीक हमीद कर्रा (पीडीपी नेता) ने प्रदेश के लिए अलग मुद्रा बनाने की बात उठाई थी। पीडीपी के सर्वेसर्वा सईद का तर्क था  कि जिस तरह यूरोपीय संघ के देशों में व्यापार आदि के लिए एक ही मुद्रा का चलन है उसी तरह घाटी में भी पाकिस्तानी मुद्रा का चलन हो ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार के साथ आपसी रिश्ते भी बढ़ें। इसी तरह से दो मुद्राओं के चलन की बात उसी फार्मूले का आर्थिक पहलू जो  कश्मीर में पाकिस्तानी मुद्रा का चलना करवा कर, जम्मू-कश्मीर पर भारत के दावे को कमजोर करता ।
  इस दोरान मुफ्ती का पाकिस्तान प्रेम छिपा नहीं है। उनकी पुत्री और पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को भारत आने की छूट देने की मांग की थी।
  स्वयं मुफ्ती मोहम्मद सईद समय-समय पर घाटी से भारतीय फौज हटाने की मांग भी करते रहे हैं-अर्थात घाटी में आतंकवादियों का स्वागत और सेना का विरोध।कभी सेना हटाने तो कभी सीमाओं को खोल देने की वकालत करने वाले सईद पिछले साठ सालों से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत में मिलाने की मांग क्यों नहीं करते?
   पाक अधिकृत कश्मीर में चल रहे आतंकवादी शिविरों को बंद करने की बात क्यों नहीं उठाते? क्या पीडीपी कश्मीर को भारत का अंग नहीं मानती?
हालाँकि कांग्रेस और  पीडीपी का मेलजोल अभी बना हुआ है, लेकीन पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू एवं कश्मीर की मौजूदा परिस्थिति पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आग्रह को ठुकरा दिया । महबूबा मुफ्ती की इस तरह  की हिम्मत के पीछे पाकिस्तान से सांठ -गांठ होना ही मुख्य करण है. 
३- अब कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस
    की गठबंधन सरकार / राग वही पुराना
28 जून 2010 ... इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रदेश में बढ़ते जनाक्रोश के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि सुरक्षा बल बेकाबू होते जा रहे हैं। जब कि यह तथ्य सही नही था ..? यहाँ पर उमर अब्दुल्ला भी वही  भाषा बोल रहे थे जो कभी मुफ्ती बोला करते थे.
10 जुलाई 2010 ... जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि श्रीनगर के हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना की तैनाती नहीं की गई है
सच यह है कि , उमर अब्दुल्ला को  देश द्रोही घोषित कर देना चाहिए. उमर ने अपनी सरकारी मशीनरी को भी आतंकवादियों के पक्ष में खड़ा कर सेना को हटाने के लिए बहुत ही तेजी से वकालत की थी.अलगाववादियों का साथ देना भी अपराध है,  इसकी सजा भी अच्छी मिलना चाहिए.
- हुर्रियत के और दर के बिच चल रहे वार्ता को भी सेना के अधिकारियो द्वारा सुना गया. जैसा की अख़बार लिखता है उसके अनुसार आतंकी और अलगाववादी अब घाटी के युवाओं को बेवजह बलि का बकरा बनाने पर तुले हैं।   युवाओं को पैसे देकर पत्थर फेंकने के लिए उकसाने के बाद ये लोग उन्हें मारने की साजिश भी रच रहे हैं ताकि उन्हें सुरक्षाबलों के हाथों शहीद दिखाकर भारत विरोधी भावनाओं को भड़काया जा सके।

- जम्मू कश्मीर सरकार जल्दी ही एक शासकीय नीति के तहत भारतीय सुरक्षा बलों, नागरिकों और दंगों के समय “पत्थर” फ़ेंकने वाले “गुमराह लड़कों” के पुनर्वास के लिये नीति बना मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि जल्दी ही इस सम्बन्ध में विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया जायेगा, ताकि इन “भटके हुए नौजवानों” को नौकरी या रोज़गार दिया जा सके  रही है।
उमर के काम भी वही हैं जो आतंवादियों के माध्यम से पाकिस्तान चाहता है,  मुफ्ती के भी सारे काम वही थे, फर्क वस यह है कि पहले मुफ्ती थे अब उमर है, दुर्भाग्य पूर्ण बात यह है कि यह सब कांग्रेस कि गोदी में बैठ कर हो रहा है. भारत  की जनता  का पैसा आतंकवादियों के मजे ,  दोनों में प्रतिस्पर्धा  है कि आतंकवादियों का सगा कोंन हो . .
 ४- आतंकवादियों के 'प्रवक्ता' -पूर्व राज्यपाल एस. के. सिन्हा

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एस. के. सिन्हा ने आरोप लगाया है कि मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्य मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आतंकवादियों के 'प्रवक्ता' के रूप में काम कर रहे थे। उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों की अलगाववादियों से मिली-भगत थी।लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सिन्हा ने अपनी किताब 'गार्गिन्ग इंडियाज इंटिग्रिटी' के विमोचन समारोह में कहा कि जब मैं राज्यपाल था, तो उस समय राजभवन और राज्य सरकार के बीच शीतयुद्ध जैसी स्थिति थी। देश का एक बड़ा जनमानस वर्तमान आतंकवाद के लिए , मुफ्ती मोहम्मद सईद को आतंकवाद का जन्मदाता मानता है।
५- हरवार कांग्रेस का प्लेटफोर्म 
देखनें की बात यह है कि कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद की नींव  कांग्रेस के प्लेटफोर्म पर ही रही है , जवाहरलाल नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को , इंदिरा गांधी ने फारूख अब्दुल्ला को , सोनिया गांधी ने 
 मुफ्ती मोहम्मद सईद और उमर  अब्दुल्ला  को सत्ता  पर काबिज करवाया . इन सब ने आतंकवाद को ही पनपाया .  
 - राधाकृष्ण मन्दिर रोड , डडवाडा , कोटा , राजस्थान.

टिप्पणियाँ

  1. sach hai -kangres hameshan se hi islamik aatak ki poshak rahi hai. inhein to sirf muslim vot se matlab hai....

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  2. कांग्रेस केवल आतंकवाद का प्लेटफार्म नहीं है यह भारत को पुन: गुलाम बनाने के नये रास्ते का निर्माण कर रही है।

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