हिन्दू अपमान नहीं सहेंगे, संघ की चेतावनी..!

- अरविन्द सीसोदिया
देश में विगत ४० वर्षों वाद राष्ट्रीय  स्वंयसेवक संघ , जन आन्दोलन के रूप में सीधे तौर पर सड़कों पर उतरा  है..! उसके दो बड़े कारण बनें कि 
" एकतो सोची समझी साजिस के तहत हिन्दू आतंकवाद , भगवा आतंकवाद नाम चलाया गया...!  शैनें शैनें से इस आतंकवाद  को संघ से जोड़ने की चालें चलीं गई..!! इसी क्रम में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, देवेन्द्र गुप्ता और इन्द्रेश कुमार जी इत्यादी नामों पर आरोप जड करके, संघ की घेरा बंदी करना...! और फिर बिना किसी सबूत के संघ को सिमी से जोड़ देना ..! जिस संघ के ८५ वर्षों के सफ़र में एक भी घटना उसके विरुद्ध कभी साबित  नहीं हुई...! वह एक इस तरह का विशिष्ट संगठन है जो गणतंत्र दिवस की परेड में नेहरु जी के आमन्त्रण पर सम्मिलित हुआ था | "
" दूसरा एक सुनियोजित तरीके से चर्च प्रेरित धरमांतरण उद्देश्यों हेतु .., सरकार स्तर से   हिन्दू आस्थाओं पर ,  हिन्दू मान्यताओं पर, हिन्दूधर्म स्थलों पर , हिन्दू मान बिन्दुओं पर , आक्रमण हुए.., जैसे श्रीराम को ही काल्पनिक व्यक्ती बताने वाला शपथ पत्र केंद्र सरकार ने न्यायालय  में दाखिल कर दिया.., अमरनाथ यात्रा को भी बाधित कर दिया गया.., दीपावली के दिन हिन्दू शंकराचार्य   को गिरिफ्तार कर लिया गया, जन्माष्टमी के दिन स्वामी लक्ष्मणानन्द की वीभत्स  ह्त्या हुई , तो कभी स्वामी श्री श्री रविशंकर, तो कभी  स्वामी आशाराम जी , तो कभी स्वामी रामदेव  जी की प्रतिष्ठा धूमिल करने का प्रयत्न ..., हिन्दू देवी देवताओं के अश्लील और नग्न चित्र बनाना... , कुल मिला कर हिन्दू को हतोत्साहित करने का प्रयत्न.., उसे हीन भावना ग्रस्त करने की कोशिशें..., उसे कायर , डरपोक या निर्बल  होने की मानसिकता लाद देने  के कुप्रयास ,,,, "
       संघ एक अनुशासित संगठन है , वह देश के कानून को मनाने वाला और उसकी इज्जत करने वाला संगठन है.., समाज  को स्वाभिमानी बनाने और उसके द्वारा राष्ट्र को विश्व में सबसे उच्च स्थान पर आरुड करने के हर प्रयत्न में वह अग्रणी भूमिका  निभाता है ..! इसी कारण कांग्रेस की वर्त्तमान भूमिका को पहचानते हुए भी वह सहनकर्ता रहा .., हर तरह की जांच में सहयोग की बात कहता रहा, मगर जब हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच आपसी भाईचारा बढानें में लगे संघ प्रचारक इन्द्रेश जी को कांग्रेस सरकार ने सीधे सीधे दरगाह विस्फोट कांड से जोड़ लिया  तो उसे न्याय के पक्ष में , अन्याय के प्रतिकार हेतु  सड़कों पर उतर  कर १० नवम्बर २०१० को देश के सभी जिला केन्द्रों पर विशाल प्रदर्शन करते हुए.., सभाएं संबोधित करनी पड़ी ..! राष्ट्रपती महोदया के नाम २३ सूत्रीय विरोध पत्र देना पडा ...!!
संघ के सवालों पर चुप्पी क्यों....?
संघ के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदया के नाम सभी जिला केन्द्रं पर , शासकीय अधिकारीयों के माध्यम से दिए गए, विरोध पत्र में, बिंदु १४, १५ , १६ और १७  का जबाव सरकार की तरफ से आना चाहिए, विशेष कर मीडिया के बंधुओं  को पूछना चाहिए कि तब आपने यह किस आधार पर कहा था, अब किस आधार पर कह रहे हो...? राहुल गांधी झूठ बोले .., उसे सही सिद्ध करने झूठे मुकदमें लाद दो..?
यथा विरोध पत्र के
बिंदु १४ ---
हम आदरणीय प्रधानमंत्री जी को स्मरण दिलाना चाहते हैं कि उनकी खुद की सरकार ने पूर्व में अजमेर, हैदराबाद और समझौता  एक्सप्रेस के बम विस्फोटों में हुजी ( हरकत - उल - जिहाद - इस्लामी ) और एल. ई. टी . ( लश्कर - ए - तैयबा ) संगठनों को जिम्मेवार करार दिया था | अमरीकी विदेश मंत्रालय ने एल. ई.टी. के मुख्य समन्वयक आरिफ कसमानी को जुलाई २००६ के मुम्बई उपनगरीय  ट्रेन विस्फोटों एवं फरवरी २००७ में समझौता एक्प्रेस में हुए विस्फोटों में संलिप्त माना है | अमरीकी विदेश विभाग ने अपनी ६ अगस्त २०१० की अधिसूचना जारी कर उक्त  पाकिस्तानी संगठन हुजी ( हरकत - उल - जिहाद - इस्लामी )  को , विदेशी आतंककारी संगठन एवं इससे सम्बद्ध इल्यास कश्मीरी काके को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित  किया | अमरीका की सलाह पर इसी दिन संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद् की आतंकवाद - विरोधी दण्ड समिति ने भी इसी प्रकार के कदम उठाये हैं |   
बिंदु १५ --- इन अधिसूचनाओं पर रिपोर्टिंग करते हुए अमरीकी पत्रकार फाड़लर ने उल्लेखित किया, " हुजी ने अनेक आतंकवादी   घटनाओं को अंजाम दिया है | मार्च २००६ में पाकिस्तान के करांची स्थित अमरीकी वाणिज्य दूतावास पर हुए आत्मघाती विस्फोटों , जिसमें ४ लोग मारे गये और ४८ घायल हुए , में  हुजी जिम्मेवार था | मई २००७ में हुए हैदराबाद मस्जिद विस्फोट (जिसमें १६ लोग मारे गये और ४० घायल हुए ) और मार्च २००७ के वाराणसी विस्फोट ( जिसमें २५ लोग मारे गये और १०० घायल हुए  ) में भी हुजी जिम्मेवार था | "
बिंदु १६...
इस प्रकार , अमरीकी अन्वेषकों के अनुसार , समझौता एक्सप्रेस में एल. ई. टी. और अल-कायदा तथा मक्का मस्जिद विस्फोटो में हुजी का हाथ है | यदी अमरीकी अन्वेषक , जिनके पाकिस्तान में स्त्रोत और पहुँच हमसे बेहतर  है, सही है तो हमारे जांच कर्ता यह दावा कैसे कर रहे हैं कि इन घटनाओं के पीछे कुछ गिरिफ्तार किये गये हिन्दुओं का हाथ है | जबकी अमरीकी जांच एजेंसियां एल. ई. टी. , अलकायदा और हुजी संगठनों को जिम्मेवार करार दे  रही  हैं , जबकी भारतीय जांच कर्ता अभिनव भारत पर दोष मढ़  रही हैं | दोनों में से एक ही एजेंसी सही हो सकती है |
बिंदु १७ ----
इस सबसे इस निष्कर्ष पर सहज ही पहुंचा  जा सकता है कि नामजद रूप से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और व्यापक रूप से हिन्दू प्रवाह को बदनाम करने के पीछे कुत्सित राजनैतिक षडयन्त्र हैं | यह और कुछ नहीं , वोटों के लालची राजनेताओं की पुरानी चल है | हरवार जब भी वे ' अल्पसंख्यकों ' के वोट हथियाना चाहते हैं , तब तब वे आर. एस. एस. को अल्पसंख्यक - विरोधी चित्रित कर दुष्प्रचार करते हैं |
  अर्थात हम हिन्दू समाज के लोगों को सोचना और समझाना होगा की यह क्या षड्यंत्र है और क्यों है..!!!!  आगे इस विषय पर और बतायेंगें ........

टिप्पणियाँ

  1. क्योंकि उसके अन्दर एक इन्स्टिंक्ट नहीं है. अपने राष्ट्र, संस्कृति पर गर्व नहीं है. व्यापारी बन चुका है पूरी तरह..

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