महंगाई डायन खाए जात है…? संसद में भाजपा


- अरविन्द सिसोदिया     
महंगाई पर संसद में चर्चा हो रही है और जनद्रोही वामपंथी इसमें में मीन-मेख निकल कर कांग्रेस सरकार को परोक्ष रूप से बचानें में लगें हैं ...!! शैम शैम !!!
 * भाजपा सांसद और एनडीए सरकार में वित्‍त मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने कहा कि सरकारी गोदामों में साढ़े छह करोड़ टन अनाज रखा हुआ है। लेकिन इसके वितरण की सही व्यवस्था नहीं है। सरकार गोदामों से अनाज मुक्त करे तो खुले बाज़ार में अनाज की कीमतें जरूर गिरेंगी। सरकार घाटे के डर की वजह से ऐसा नहीं कर रही है। क्या लोग भूखों मरे और सरकार नुकसान की चिंता करती रहे?

 *सांसद और एनडीए सरकार में वित्‍त मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने कहा कि यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान सदन में 12 वीं बार महंगाई पर चर्चा हो रही है। लेकिन आम आदमी को राहत नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई गरीबों पर लगने वाला सबसे बुरा टैक्स होता है।'

*केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा,आज का सच यही है। इसके साथ ( महंगाई ) ही में जीना सीखना होगा।

*शिवसेना के अनंत गीते ने कहा कि देश की 70 करोड़ से अधिक आबादी महंगाई की चपेट में है और हर कोई इससे निजात चाहताहै। उन्होंने कहा कि गरीबी के संबंध में सरकार की ओर से जारी आंकड़े सही नहीं हैं।

अन्नाद्रमुक के एम थम्बीदुरई ने कहा कि पिछले पांच साल में सोने के मूल्य में हुई बढोतरी से साफ है कि मुद्रास्फीति किस ऊंचाई तक पहुंच चुकी है।
*नई दिल्ली। संसद में बुधवार को महंगाई पर बहस की शुरूआत करते हुए भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने रिटेल सेक्टर में विदेशी निवेश का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वॉलमार्ट के आने से महंगाई कम होने वाली नहीं है, इसलिए सरकार को अमेरिका के आगे झुकने की जरूरत नहीं है। लोकसभा में नियम 184 के तहत महंगाई पर लोकसभा में 7 साल में 12वीं बार चर्चा हो रही है। सिन्हा ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि इस महंगाई के कारण कई लोग मिट्टी में मिल चुके है। बढ़ी कीमोतों की सबसे ज्यादा मार गरीब आदमी पर प़डी है, जो अपना परिवार चलाने में भी असमर्थ हो गया है। 
उन्होंने कांग्रेस की नेतृत्व वाली सरकार से सवाल किया कि आखिर प्रस्तावित खाद्य नीति लागू क्यों नहीं की गई। महंगाई की वजह से पिछले दो साल में छह लाख करो़ड रूपए अतिरिक्त खर्च हुए हैं। अगर महंगाई को काबू में रखा जाता तो उस पैसे का कहीं और इस्तेमाल किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि इस महंगाई के कारण पांच करो़ड और भारतीय गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर विकास की सोच खत्म होनी चाहिए। सिन्हा ने कहा कि महंगाई के सवाल पर सरकार कहती है कि वह मजबूर है, सरकार कभी मजबूर नहीं हो सकती, क्योंकि मजबूर सरकारें किसी का भला नहीं कर सकतीं। पूर्व वित्त मंत्री ने कुछ खबरों का हवाला देते हुए कहा कि कृषि मंत्रालय अक्सर ये बातें करता है कि देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ।
उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण के आंक़डों का हवाला देते हुए कहा कि देश में प्रति व्यक्ति खाद्यान्न की मात्रा में कोई कमी नहीं आई है, तो फिर लगातार बढ़ती महंगाई का कारण क्या है। कॉरपोरेट जगत पर निशाना साधते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि भारत का व्यापारी वर्ग अब भारत में नहीं बल्कि विदेशों में निवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में भारतीयों ने विदेशों में 44 अरब डॉलर निवेश किए हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के दबाव की वजह से रिटेल सेक्टर में एफडीआई को मंजूरी मिली है। विदेशी निवेश रामबाण इलाज नहीं है। उदारीकरण का मतलब यह नहीं है कि हमारे धन का बाहर निवेश किया जाए। उन्होंने कहा कि वॉलमार्ट जैसे संस्थानों ने देश के छोटे किसानों, दुकानदारों को बर्बाद कर दिया। सरकार वॉलमार्ट के चक्कर में नहीं प़डे। देश में रिटेल क्षेत्र में विदेशी निवेश को मंजूरी देने से सरकार को सावचेत किया।

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