नरेन्द्र मोदी : जीवन परिचय




नरेन्द्र मोदी
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नरेन्द्र दामोदरदास मोदी (जन्म 17 सितंबर, 1950) 7 अक्टूबर, 2001) भारतीय जनता पार्टी के प्रसिद्ध नेता और वर्तमान में गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। 'केशुभाई पटेल' के इस्तीफे के बाद नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने। नरेंद्र मोदी गुजरात के सबसे ज़्यादा लंबे समय तक राज करने वाले मुख्यमंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के अनुसार गुजरात में 'भारतीय जनता पार्टी' के वर्चस्व की मूल वजह वही हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने दिसम्बर 2002 और फिर दिसम्बर 2007 और 2012   में विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत हासिल किया।

जीवन परिचय

नरेंद्र मोदी को अपने बाल्यकाल से कई तरह की विषमताओं एवं विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है किन्तु अपने उदात्त चरित्रबल एवं साहस से उन्होंने तमाम अवरोधों को अवसर में बदल दिया, विशेषकर जब उन्‍होने उच्च शिक्षा हेतु कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। उन दिनों वे कठोर संद्यर्ष एवं दारुण मन:ताप से घिरे थे, परन्तु् अपने जीवन- समर को उन्होंने सदैव एक योद्धा-सिपाही की तरह लड़ा है। आगे क़दम बढ़ाने के बाद वे कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखते, साथ-साथ पराजय उन्हें स्वीकार्य नहीं है। अपने व्‍यक्‍तित्‍व की इन्‍हीं विशेषताओं के चलते उन्होंने राजनीति शास्त्र विषय के साथ अपनी एम.ए की पढ़ाई पूरी की

राजनीतिक जीवन

1984 में देश के प्रसिद्ध सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस) के स्वयं सेवक के रूप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की। यहीं उन्हें निस्वार्थता, सामाजिक दायित्वबोध, समर्पण और देशभक्‍ति के विचारों को आत्म सात करने का अवसर मिला। अपने संघ कार्य के दौरान नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। फिर चाहे वह 1974 में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ चलाया गया आंदोलन हो, या 19 महीने (जून 1975 से जनवरी 1977) चला अत्यंत प्रताडि़त करने वाला 'आपात काल' हो।

भाजपा में प्रवेश
1987 में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) में प्रवेश कर उन्होंने राजनीति की मुख्यधारा में क़दम रखा। सिर्फ़ एक साल के भीतर ही उनको गुजरात इकाई के प्रदेश महामंत्री (जनरल सेक्रेटरी) के रूप में पदोन्नत कर दिया गया। तब तक उन्होंने एक अत्यंत ही कार्यक्षम व्यवस्थापक के रूप में प्रतिष्ठा हासिल कर ली थी। पार्टी को संगठित कर उसमें नई शक्ति का संचार करने का चुनौतीपूर्ण काम भी उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस दौरान पार्टी को राजनीतिक गति प्राप्त होती गई और अप्रैल, 1990 में केन्द्र में साझा सरकार का गठन हुआ। हालांकि यह गठबंधन कुछ ही महीनो तक चला, लेकिन 1995 में भाजपा अपने ही बलबूते पर गुजरात में दो तिहाई बहुमत हासिल कर सत्ता में आई।

व्यक्तित्व
नरेन्द्र मोदी की छवि एक कठोर प्रशासक और कड़े अनुशासन के आग्रही की मानी जाती है, लेकिन साथ ही अपने भीतर वे मृदुता एवं सामर्थ्य की अपार क्षमता भी संजोये हुए हैं। नरेन्द्र मोदी को शिक्षा-व्यवस्था में पूरा विश्वास है। एक ऐसी शिक्षा-व्यवस्था जो मनुष्य के आंतरिक विकास और उन्नति का माध्यम बने एवं समाज को अँधेरे, मायूसी और ग़रीबी के विषचक्र से मुक्ति दिलाये। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नरेन्द्र मोदी की गहरी दिलचस्पी है। उन्होंने गुजरात को ई-गवर्न्ड राज्य बना दिया है और प्रौद्योगिकी के कई नवोन्मेषी प्रयोग सुनिश्चित किये हैं। ‘स्वागत ऑनलाइन’ और ‘टेलि फरियाद’ जैसे नवीनतम प्रयासों से ई-पारदर्शिता आई है, जिसमें आम नागरिक सीधा प्रशासन के उच्चतम कार्यालय का संपर्क कर सकता है। जनशक्ति में अखण्ड विश्वास रखने वाले नरेन्द्र मोदी ने बखूबी क़रीब पाँच लाख कर्मचारियों की मज़बूत टीम की रचना की है। नरेन्द्र मोदी यथार्थवादी होने के साथ ही आदर्शवादी भी हैं। उनमें आशावाद कूटकूट कर भरा है। उनकी हमेशा एक उदात्त धारणा रही है कि असफलता नहीं, बल्कि उदेश्य का अनुदात्त होना अपराध है। वे मानते हैं कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए स्पष्ट दृष्टि, उद्देश्य या लक्ष्य का परिज्ञान और कठोर अध्यवसाय अत्यंत ही आवश्यक गुण हैं।
पुरस्कार

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकाल के दौरान राज्य के पृथक-पृथक क्षेत्रों में 60 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किये हैं। उनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया जा रहा है-
दिनांक पुरस्कार
16-10-2003 आपदा प्रबंधन और ख़तरा टालने की दिशा में संयुक्त राष्ट्र की ओर से सासाकावा पुरस्कार।
अक्टूबर-2004 प्रबंधन में नवीनता लाने के लिए ‘कॉमनवेल्थ एसोसिएशन्स’ की ओर से CAPAM गोल्ड पुरस्कार।
27-11-2004 ‘इन्डिया इन्टरनेशनल ट्रेड फेयर-2004 में इन्डिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर गुजरात्स एक्सेलन्स’ की ओर से ‘स्पेशल कमेन्डेशन गोल्ड मेडल’ दिया गया।
24-02-2005 भारत सरकार की ओर से गुजरात के राजकोट ज़िले में सेनिटेशन सुविधाओं के लिए ‘निर्मल ग्राम’ पुरस्कार दिया गया।
25-04-2005 भारत सरकार के सूचना और तकनीकी मंत्रालय और विज्ञान-तकनीकी मंत्रालय द्वारा ‘भास्कराचार्य इन्स्टिट्यूट ऑफ स्पेस एप्लिकेशन’ और ‘जिओ-इन्फर्मेटिक्स’, गुजरात सरकार को "PRAGATI" के लिए ‘एलिटेक्स’ पुरस्कार दिया गया।
21-05-2005 राजीव गांधी फाउन्डेशन नई दिल्ली की ओर से आयोजित सर्वेक्षण में देश के सभी राज्यों में गुजरात को श्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला।
01-06-2005 भूकंप के दौरान क्षतिग्रस्त हुए गुरुद्वारा के पुनःस्थापन के लिए यूनेस्को द्वारा ‘एशिया पेसिफिक हेरिटेज’ अवार्ड दिया गया।
05-08-2005 ‘इन्डिया टुडे’ द्वारा श्रेष्ठ निवेश पर्यावरण पुरस्कार दिया गया।
05-08-2005 ‘इन्डिया टुडे’ द्वारा सर्वाधिक आर्थिक स्वातंत्र्य पुरस्कार दिया गया।
27-11-2005 नई दिल्ली में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में गुजरात पेविलियन को प्रथम पुरस्कार मिला।
14-10-2005 गुजराती साप्ताहिक चित्रलेखा के पाठकों ने श्री नरेन्द्र मोदी को ‘पर्सन ओफ द इयर’ चुना। इस में टेनिस स्टार सानिया मिर्ज़ा दूसरे क्रम पर और सुपरस्टार अमिताभ बच्चन तीसरे स्थान पर रहे। ये पुरस्कार दिनांक 18-05-2006 को दिये गये।
12-11-2005 इन्डिया टेक फाउन्डेशन की ओर से ऊर्जा क्षेत्र में सुधार और नवीनता के लिए इन्डिया टेक्नोलोजी एक्सेलन्स अवार्ड दिया गया।
30-01-2006 इन्डिया टुडे द्वारा देश व्यापी स्तर पर कराये गये सर्वेक्षण में श्री नरेन्द्र मोदी देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री चुने गये।
23-03-2006 सेनिटेशन सुविधाओं के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गुजरात के कुछ गाँवों को निर्मल ग्राम पुरस्कार दिये गये।
31-07-2006 बीस सूत्रीय कार्यक्रम के अमलीकरण में गुजरात एक बार फिर प्रथम स्थान पर रहा।
02-08-2006 सर्व शिक्षा अभियान में गुजरात देश के 35 राज्यों में सबसे प्रथम क्रमांक पर रहा।
12-09-2006 अहल्याबाई नेशनल अवार्ड फंक्शन, इन्दौर की ओर से पुरस्कार।
30-10-2006 चिरंजीवी योजना के लिए ‘वोल स्ट्रीट जर्नल’ और ‘फाइनान्सियल एक्सप्रेस’ की ओर से (प्रसूति समय जच्चा-बच्चा मृत्यु दर कम करने ले लिए) सिंगापुर में ‘एशियन इन्नोवेशन अवार्ड’ दिया गया।
04-11-2006 भू-रिकार्ड्स के कम्प्यूटराइजेशन के लिए चल रही ई-धरा योजना के लिए ई-गवर्नन्स पुरस्कार।
10-01-2007 देश के सबसे श्रेष्ठ ई-गवर्न्ड राज्य का ELITEX 2007- पुरस्कार भारत की केन्द्र सरकार की ओर से प्राप्त।
05-02-2007 इन्डिया टुडे-ओआरजी मार्ग के देशव्यापी सर्वेक्षण में तीसरी बार श्रेष्ट मुख्यमंत्री चुने गये। पाँच साल के कार्यकाल में किसी भी मुख्यमंत्री के लिए यह अनोखी सिद्धि थी।
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स्वतन्त्रता दिवस पर नयी परम्परा की शुरुआत

स्वतन्त्र भारत के इतिहास में शायद यह पहली बार हुआ है कि जहाँ एक ओर प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने पन्द्रह अगस्त को स्वतन्त्रता दिवस पर परम्परागत तरीके से दिल्ली के लाल किले से देश को सम्बोधित किया वहीं दूसरी ओर भुज प्रान्त में लालन कालेज के मैदान से नरेन्द्र मोदी ने अपनी वेदना व्यक्त करते हुए"[38] केन्द्र सरकार पर सीधा आरोप लगाया कि यह सरकार अब केवल एक परिवार का गुणगान करने वाली मशीनरी बनकर रह गयी है। उसे न तो देश के आम आदमी की कोई चिन्ता है और न ही देश की आन्तरिक व बाह्य सुरक्षा की। बीबीसी सम्वाददाता ज़ुबैर अहमद ने तो इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए साफ साफ शब्दों में लिखा-"अगर भारत में अमरीका की तरह राष्ट्रपति शासन प्रणाली होती तो आज नरेन्द्र मोदी अपने भाषण के आधार पर मनमोहन सिंह से बाज़ी मार ले जाते और अगले साल चुनाव के बाद उनके समर्थकों का सपना भी साकार हो जाता। गुजरात के मुख्यमन्त्री का आज का दबंग और अभूतपूर्व कदम अगले साल के लिए एक ड्रेस रिहर्सल कहा जा सकता है।"
यद्यपि मोदी ने इसकी सूचना पहले से ही मीडिया के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित कर दी थी लेकिन मोदी के इस दुस्साहस पूर्ण कृत्य का जब मीडिया ने तुलनात्मक तरीके से सीधा प्रसारण किया तो कांग्रेस के कई नेताओं ने जहाँ एक ओर मोदी की तीखी आलोचना की और माफी माँगने तक को कहा  वहीं भाजपा के शीर्षस्थ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने मोदी को संयम बरतने की सीख भी दे डाली।

प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार

नरेन्द्र मोदी को 13 सितम्बर 2013 को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में आगामी लोकसभा चुनावों के लिये प्रधानमन्त्री पद का उम्मीद्वार घोषित कर दिया गया। इस अवसर पर पार्टी के शीर्षस्थ नेता लालकृष्ण आडवाणी मौजूद नहीं रहे और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इसकी घोषणा की। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है। यह खबर सुनते ही देश भर के भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर


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