'आतंकी आसमान से नहीं आते। वे पड़ोसी देश के नियंत्रण वाले भूभाग से ही आते हैं।' - प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रपति



पाकिस्तान पर राष्ट्रपति प्रणब का करारा प्रहार
Sat, 05 Oct 2013  

ब्रसेल्स। सख्त मिजाज वाले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए करारा प्रहार किया। शुक्रवार को उन्होंने पाक को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि सीमापार से सरकार प्रायोजित आतंकवाद अस्वीकार है। चार दिवसीय बेल्जियम यात्रा पर पहुंचे प्रणब ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है, लेकिन अपनी क्षेत्रीय अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। 
भारत में आतंकी गतिविधियों के पीछे गैरसरकारी तत्वों (नॉन स्टेट एक्टर्स) का हाथ होने के पाकिस्तान के दावे को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। मुखर्जी ने कहा कि वे (आतंकी) आसमान से नहीं आ रहे हैं, बल्कि पड़ोसी देश के नियंत्रण वाले भूभाग से आते हैं। मुखर्जी ने दोहराया कि पाकिस्तान में आतंकवाद के बुनियादी ढांचे के सफाए की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। सरकार प्रायोजित आतंकवाद को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसलिए हम लगातार दोहरा रहे हैं कि कृपया अपने इलाके में मौजूद आतंकी संगठनों का खात्मा करें।' सरकार समर्थित आतंकवाद पर पाकिस्तान के इन्कार पर मुखर्जी ने कहा, '2004 में इस्लामाबाद ने सहमति जताई थी कि वह भारत विरोधी ताकतों को अपनी सरजमीं का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देगा।'
मुखर्जी ने स्पष्ट किया कि भारत अपनी भूभागीय अखंडता को बनाए रखते हुए पड़ोसी देश के साथ शांति चाहता है। 1971 में जब इंदिरा गांधी भारत और जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, तो दोनों देशों ने शिमला समझौता किया था। इसके तहत 91 हजार युद्धबंदी लौटाए गए थे। यह सिर्फ सद्भावना प्रदर्शित करने के लिए किया गया था। हमारी मूल विदेशी नीति में कोई भूभागीय महत्वाकांक्षा नहीं है। मुखर्जी ने कहा जब मैं विदेश मंत्री था तो अक्सर कहता था, 'अगर मैं चाहूं तो अपने दोस्त बदल सकता हूं, लेकिन पड़ोसी नहीं। मेरा पड़ोसी जैसा भी है, मुझे उसे स्वीकार करना होगा।'
प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों को दी सलामी
बेल्जियम यात्रा के दौरान शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए हजारों भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। ब्रसेल्स स्थित स्मारक (स्तंभ) पहुंचे 78 वर्षीय प्रणब ने शहीदों की याद में जल रही ज्योति को फिर से प्रज्ज्वलित किया। इसके बाद एक मिनट का मौन रखा गया। विजिटर्स बुक में तमाम बातों के साथ मुखर्जी ने महात्मा गांधी को याद करते हुए लिखा, 'शांति के लिए कोई राह नहीं है, शांति ही राह है।'
'आतंकी आसमान से नहीं आते। वे पड़ोसी देश के नियंत्रण वाले भूभाग से ही आते हैं।'
-प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रपति

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

विश्व व्यापी है हिन्दुओँ का वैदिक कालीन होली पर्व Holi festival of Vedic period is world wide

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

कांग्रेस ने देश को भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण और आतंकवाद दियाः भजन लाल शर्मा bjp rajasthan

भाजपा की सुपरफ़ास्ट भजनलाल शर्मा सरकार नें ऐतिहासिक उपलब्धियां का इतिहास रचा

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

कांग्रेस की हिन्दू विरोधी मानसिकता का प्रमाण

हमें वीर केशव मिले आप जबसे : संघ गीत

सिसोदिया से जब इस्तीफा लिया तो अब स्वयं केजरीवाल इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे - अरविन्द सिसोदिया

रामसेतु (Ram - setu) 17.5 लाख वर्ष पूर्व