'आप' में ये विवादित चेहरे




'आप' को नुकसान पहुंचा सकते हैं ये विवादित चेहरे
dainikbhaskar.com | Jan 14, 2014, 


http://www.bhaskar.com/article/NAT-trouble-for-aam-aadmi-party-from-its-leaders-4492880-PHO.html
नई दिल्‍ली. आम आदमी पार्टी के नेता और केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री सोमनाथ भारती पर सबूत के साथ छेड़छाड़ का आरोप है, तो कुमार विश्‍वास का उनकी ही पार्टी में विरोध होने लगा है। 'आप' के दूसरे वरिष्‍ठ नेता प्रशांत भूषण भी कश्‍मीर पर दिए बयान को लेकर निशाने पर हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में 300 सीटों पर लड़ने का एलान कर कांग्रेस-भाजपा जैसे दलों की नींद उड़ाने वाली आम आदमी पार्टी के कई नेताओं का विवादों से ऐसा नाता जुड़ा है कि छूटने का नाम नहीं ले रहा है।

मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में शनिवार को कुमार विश्‍वास की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में हंगामा मचा तो सोमवार को प्रशांत भूषण के पत्रकार सम्‍मेलन को हिंदू रक्षा दल ने एक बार फिर हल्‍ला बोल दिया। वैसे, 'आप' के विवादित नेताओं की सूची में सिर्फ ये दो ही नाम नहीं हैं, बल्कि दिल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन, राखी बिड़ला, शाजिया इल्‍मी, सोमनाथ भारती जैसे कई नेता हैं, जो विवादों के भंवर में फंस चुके हैं। जानिए, 'आप' के विवादित नेताओं के बारे में।

फोन पर केस से संबंधित गवाह से विचार-विमर्श करने को कहा था
'आप' नेता और केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री सोमनाथ भारती पर सबूत के साथ छेड़छाड़ का आरोप है। वकालात के दौरान उन पर यह आरोप लगाया था। यह बात पिछले साल अगस्‍त की है। उन दिनों सोमनाथ पवन कुमार नामक अपने एक क्‍लाइंट का केस लड़ रहे थे। पवन पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगे थे। उस समय सीबीआई ने सोमनाथ पर आरोप लगाया था कि उन्‍होंने फोन पर केस के संबंधित गवाह को केस के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए कहा था। इस पर उस समय सीबीआई स्‍पेशल जज पूनम ए बांबा ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसे आपत्तिजनक, अनैतिक और सबूत के साथ छेड़खानी बताया था। इसे देखते हुए जज बांबा ने कुमार की जमानत रद्द कर दी थी।

कुमार ने सीबीआई कोर्ट के इस आदेश को प्रशांत भूषण और सोमनाथ भारती के माध्‍यम से दिल्‍ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन दोनों की कोर्ट ने उन्‍हें किसी भी प्रकार की छूट देने से मना कर दिया था।
कुमार विश्‍वास आम आदमी पार्टी का सबसे विवादित चेहरा
आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ने से पहले कुमार विश्‍वास की पहचान सिर्फ मंचीय कवि के तौर पर हुआ करती थी। दिल्‍ली के रामलीला मैदान में जन लोकपाल के लिए चलाए गए आंदोलन में वह जुड़े तो अन्‍ना हजारे के साथ थे, लेकिन कुछ समय बाद अरविंद केजरीवाल ने पार्टी ने बनाई तो उनके साथ हो लिए। 'आप' में शामिल होने के बाद कुमार विश्‍वास के साथ पहला विवाद तब जुड़ा जब 'मीडिया सरकार' ने एक स्टिंग किया। उस स्टिंग में विश्‍वास कैश, हवाई जहाज में बिजनेस क्‍लास का टिकट और फाइव स्‍टार होटल में कमरे की डिमांड करते दिखे। इसके बाद दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में 'आप' को सफलता मिली और 'आप' के नेता मनीष सिसोदिया ने एक बयान दे दिया कि अमेठी से राहुल गांधी को हमारे कुमार विश्‍वास भी चुनौती दे सकते हैं। इसके बाद से विश्‍वास लगातार विवादों में रहे। उनकी पुरानी वीडियो क्लिपिंग सामने आईं। अब जद (यू) छोड़ चुके विधायक शोएब इकबाल ने मुद्दा उठाया कि इमाम हुसैन के बारे में अपमानजनक बातें कह कर विश्‍वास ने मुस्लिमों की भावना को ठेस पहुंचाई है। विश्‍वास ने माफी मांग कर विवाद ठंडा किया। लेकिन, शनिवार को जब वह लखनऊ पहुंचे तो उनकी प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में हंगामा हो गया। समाजवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने उन पर अंडा फेंका। रविवार को जब विश्‍वास अमेठी पहुंचे तो उन सभी सिद्धांतों को ताक पर रख दिया, जिनका उनकी पार्टी दुहाई देती रहती है। उनके काफिले में 300 कारें और एसयूवी शामिल थीं। नरेंद्र मोदी पर एक पुराने वीडियो का हवाला देकर आम आदमी पार्टी की ही सदस्‍य मल्लिका साराभाई ने भी कुमार विश्‍वास पर निशाना साधा। उन्‍होंने सवाल पूछा कि क्‍या विश्‍वास ने शिवजी से मोदी की तुलना पैसे लेकर की थी? कुमार विश्‍वास सोमवार को अमेठी में सुनीता कोरी नाम की एक दलित महिला के घर जाने को लेकर भी विवादों में घिर गए। यह वही महिला है, जिसके घर राहुल गांधी 2008 में गए थे। महत्‍वपूर्ण बात यह भी है कि जिस वक्‍त कुमार विश्‍वास उस महिला से मिल रहे थे, वहां पर मीडिया के कैमरे भी थे। कुमार विश्‍वास ने रविवार को ही अमेठी में रैली की थी, जिसमें उन्‍होंने राहुल की आलोचना करते हुए कहा था कि वह दलितों के घर खाना खाने जाते हैं और फिर मीडिया को बुलाते

कश्‍मीर के मुद्दे पर प्रशांत भूषण के बयान को लेकर बवाल

प्रशांत भूषण देश के जाने-माने वकील शांति भूषण के पुत्र हैं और आम आदमी पार्टी के संस्‍थापक सदस्‍य हैं, लेकिन कश्‍मीर मुद्दे पर उनके विवादित बयान आजकल आलोचना के केंद्र में हैं। सोमवार को भूषण की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में जमकर हंगामा हुआ। हिंदू रक्षा दल के अध्‍यक्ष विष्‍णु गुप्‍ता ने उन्‍हें 'आप' से बाहर निकालने की मांग की। वह पर्चे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में घुसा और प्रशांत भूषण को गद्दार कहते हुए नारेबाजी करने लगा। भूषण ने कुछ दिन पहले कश्‍मीर में जनमत संग्रह कराने की बात कही थी, जिसके बाद 'आप' के कौशांबी स्थित दफ्तर पर हमला किया गया था। उस हमले के पीछे भी हिंदू रक्षा दल का ही हाथ था। प्रशांत भूषण ने छह जनवरी को कहा था कि अगर केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो कश्मीर में जनमत संग्रह कराया जा सकता है। यह इस बारे में होगा कि वहां की जनता सेना की तैनाती और सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) चाहती है या नहीं? यह दूसरा मौका था जब भूषण ने कश्मीर में जनमत संग्रह की बात कही है। भूषण ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था- जनता से पूछा जाना चाहिए कि क्या कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा सेना संभाले? जिस फैसले को जनसमर्थन नहीं हो, वह अलोकतांत्रिक है। अगर जनता को लगता है कि सेना मानवाधिकार का हनन कर रही है और सेना नहीं चाहिए तो उसे वहां से हटा लेना चाहिए। भूषण के इस बयान से 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यह कहते हुए किनारा कर लिया था कि यह उनकी निजी राय है और कश्‍मीर से सेना हटाने का फैसला जनमत संग्रह के आधार पर नहीं हो सकता है।

दिल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सतेंद्र जैन भी घिर चुके हैं विवादों में 
दिल्‍ली का स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बनने के बाद उन्‍होंने अस्‍पतालों का दौरा कर काफी तारीफ भी बटोरी, लेकिन वह 10 जनवरी को विवाद में घिर गए। दिल्‍ली के जनकपुरी में एक निजी अस्‍पताल में नवजात बच्‍ची का शव कूड़ाघर में फेंके जाने के मामले में मीडिया ने उनसे सवाल किया था। इस पर उन्‍होंने कहा- यह मामला निजी अस्‍पताल का है, इस बारे में जाकर अस्‍पताल के एमएस से पूछो। इसके बाद केजरीवाल सामने आए और मामले को संभालने की कोशिश की। यह मामला कितना गंभीर था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्‍ट्रीय महिला आयोग ने जांच के आदेश दे दिए थे।

स्टिंग में फंसीं शाजिया इल्‍मी
दिल्‍ली विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ‘मीडिया सरकार’ नामक पोर्टल का स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) की नेता शाजिया इल्मी को गैरकानूनी तरीके से धन इकट्ठा करने की बात करते दिखाया गया। स्टिंग में शाजिया के सहयोगी को यह कहते हुए दिखाया गया कि शाजिया को कुछ लोग 'डायरेक्‍ट कैश' हाथ में देते हैं तो कुछ लिफाफे पकड़ा देते हैं। आरोप सामने आने के बाद शाजिया को अपनी उम्मीदवारी वापस लेने तक की पेशकश करनी पड़ी थी।


मंत्री नहीं बनाए जाने पर नाराज हो गए थे बिन्‍नी
आम आदमी पार्टी के नेता और लक्ष्‍मीनगर सीट से विधायक विनोद कुमार बिन्‍नी का नाम दिसंबर के अंतिम सप्‍ताह में विवादों में घिरा। उन्‍होंने 'आप' के खिलाफ बड़ा खुलासा करने तक की धमकी दे डाली थी। बताया जाता है कि वह मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज थे। हालांकि, बाद में वह मान गए और मीडिया से कहा कि वह नाराज नहीं हैं।

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