'केसरिया' मोदी आवो नी...संभालो म्हारा देश




वोटर बोले, 'केसरिया' मोदी आवो नी...संभालो म्हारा देश
आईबीएन-7 | May 16, 2014
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नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के तूफान में विरोधी तिनके की तरह उड़ गए। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार जनता ने इतने चौंकाने वाले नतीजे दिए कि कांग्रेस घुटनों पर आ गई और बीजेपी अकेले अपने दम पर केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब हो गई। बीजेपी जश्न मना रही है, मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। 30 साल बाद किसी पार्टी को केंद्र में अकेले बहुमत मिला है। बीजेपी अकेले अपने दम पर 282 सीटें लेती दिख रही है।

उत्तर प्रदेश में 42 फीसदी वोट और 73 सीट,
दिल्ली में 46 फीसदी वोट और सातों सीट,
गुजरात में 59 फीसदी वोट और सभी 26 सीट,
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना को 44 सीट,
राजस्थान में 55 फीसदी वोट और सभी 25 सीट,
मध्य प्रदेश में 54 फीसदी वोट और 27 सीट,
छत्तीसगढ़ में 50 फीसदी वोट और सभी 9 सीट,
हिमाचल में 53 फीसदी वोट और सभी चार सीट,
उत्तराखंड में 55 फीसदी वोट के साथ सभी पांच सीट बीजेपी ने हासिल कीं।
कर्नाटक और बिहार में भी बीजेपी को अच्छी खासी सीटें मिलीं और तो और तमिलनाडु में भी जयललिता की लहर के बीच पार्टी का खाता खुला।
आंध्र में भी प्रदर्शन सुधरा।
भारत के कुल वोटों का 33 फीसदी हिस्सा कमल को मिला।

इस जीत ने बीजेपी को जोश में भर दिया है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद मोदी अपनी मां से मिलने गांधी नगर पहुंचे। उनके हाथों से जीत की मिठाई भी खाई। इधर बीजेपी दिग्गज भी एक-दूसरे को मिठाई खिलाने में व्यस्त थे। अंतिम परिणाम आने तक एनडीए 330 से ज्यादा सीटें हासिल करती दिख रही है। इसमें अकेले 280 सीटें बीजेपी के खाते में गईं यानि बंपर कामयाबी। 1984 के बाद 30 सालों में पहली बार किसी एक पार्टी को अपने बलबूते पूर्ण बहुमत मिला।

वहीं यूपीए की झोली में गिरीं सिर्फ 62 सीटें और कांग्रेस का हाथ तो जैसे सिकुड़ता चला गया। इतिहास में पहली बार सवा सौ साल पुरानी ये पार्टी पचास सीटें तक नहीं जीत सकी, पूरे देश में सिर्फ 20 फीसदी वोट कांग्रेस को नसीब हुए।

चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने कांग्रेस मुक्त भारत का बड़ा चर्चित नारा दिया था। तब शायद ही किसी ने सोचा हो कि वाकई कांग्रेसमुक्त भारत का ही जनादेश आएगा। तो क्या अब अच्छे दिन आने वाले हैं। क्या बीजेपी या मोदी के धुर विरोधियों को या किसी वर्ग विशेष को चिंतामग्न होने की जरूरत है।
जवाब बीजेपी के नाथ ने ही दे दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं से अपील करूंगा कि ऐतिहासिक विजय मिली है हमें, लेकिन इस विजय के उमंग और उत्साह में संयम बनाए रखें। किसी व्यक्ति, वर्ग के प्रति किसी भी तरह के उत्तेजक शब्दों और नारों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। बीजेपी की परंपरा के प्रति पूरी प्रतिबद्धता बनाए रखिए।
अब देश उम्मीदों के साथ नरेंद्र मोदी की ओर ताक रहा है। उम्मीदें अपार हैं। महंगाई, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, वंशवाद, आर्थिक बदहाली, स्थायी विदेश नीति से जुड़ी हैं। मोदी ने 60 महीने मांगे थे, जनता ने वोट देकर उन्हें ये मोहलत बख्शी है। अब खरा उतरने की बारी एनडीए सरकार की है।

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