संघ का करारा जवाब:जम्मू-कश्मीर भारत का ही अंग रहेगा



- अरविन्द सिसोदिया,
जम्मू और कश्मीर युगों युगों से भारत का अभिन्न अंग है। इस पर सैंकडों हिन्दू राजाओं , महाराजाओं का शासन रहा है। विदेशी आक्रांताओं ने जबरिया वहां के हिन्दुओं का धर्मान्तरण किया है। अब्दुल्लाह परिवार हमेशा से गद्दार रहा है, उसे समय समय पर सबक सिखाया जाता रहा है। अनुच्छेद 370 अस्थाई धारा है इसका अस्तित्व स्वतः ही समाप्त प्रायः है। इस धारा से जम्मू कश्मीर के लोगों को आजादी मिलनी चाहिये। कोई ताकत नहीं जो इस प्रांत को भारत से अलग कर सके।

जम्मू-कश्मीर भारत का ही अंग रहेगा : संघ

अनुच्छेद 370 विवाद पर उमर को संघ का करारा जवाब

Wednesday,May 28,2014

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुच्छेद 370 पर दिए बयान पर विवाद बढ़ गया है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि अनुच्छेद 370 रहे न रहे, जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न रहा है और रहेगा। उमर ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि या तो अनुच्छेद 370 मौजूद रहेगा या जम्मू-कश्मीर भारत का अंग नहीं रहेगा।
विवाद की शुरुआत उधमपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आए जितेंद्र सिंह के बयान से हुई। उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद-370 के कारण राज्य को भारी नुकसान हो रहा है और इसे रद करने का विरोध केवल राजनीतिक कारणों से हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस अनुच्छेद को निरस्त करने के लिए बहस शुरू की जाएगी, ताकि युवाओं को इसके नुकसान के बारे जागरूक किया जा सके। राज्य की छह सीटों में तीन पर भारी बहुमत के साथ भाजपा की जीत को अनुच्छेद 370 जनसमर्थन से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए वादी को मुख्यधारा से जोड़ना जरूरी है। हालांकि बाद में अपने बयान से पीछे हटते हुए सिंह ने कहा कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
मंत्री के बयान पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कड़ा ऐतराज जताया। उमर ने ट्वीट किया, 'जम्मू-कश्मीर और शेष भारत के बीच एकमात्र संपर्क अनुच्छेद 370 है। इसे हटाने की बात करना न सिर्फ कम जानकारी का परिचायक है, बल्कि गैरजिम्मेदाराना भी है। पीएमओ में नए मंत्री कहते हैं कि धारा 370 को हटाने की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है। वाह! बहुत तेज शुरुआत है। पता नहीं कौन बात कर रहा है। उमर ने तो यहां तक कहा है कि अनुच्छेद 370 को हटाने का असर कश्मीर के भारत से अलग हो जाने तक भी हो सकता है। उन्होंने कहा, 'मेरे इस ट्वीट को सेव कर लीजिए। लंबे समय बाद जब मोदी सरकार की यादें धुंधली हो जाएंगी, तब या तो जम्मू-कश्मीर भारत में नहीं होगा या अनुच्छेद 370 रहेगा। वहीं दूसरी ओर महबूबा ने प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की मांग की।
आरएसएस के प्रवक्ता राम माधव ने उमर के ट्वीट का जवाब बुधवार की सुबह एक ट्वीट के जरिए ही दिया। उन्होंने लिखा है, 'जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा? क्या उमर इसे अपनी पैतृक संपत्ति समझते हैं? अनुच्छेद 370 रहे न रहे, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और हमेशा रहेगा।

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