नोटबंदी के बाद मध्य प्रदेश में भाजपा ने जीत का परचम लहराया

       
नोट बंदी के बाद जिस तरह से विपक्ष ने हायतोबा मचाई थी उसका जबाव जनता ने दे दिया हे । जहाँ  जिसकी राज्य सरकार थी वहां उस दल को सीट मिल गई है । उत्तर भारत में आमजन भाजपा के फेवर में हैं । यह सबूत मध्यप्रदेश ने से दिया है । मध्यप्रदेश , असम और अरुणाचल के उप चुनावों में 2 लोकसभा और 3 विधानसभा चुनाव जीतें हैं ।
- अरविन्द सिसोदिया , जिला महामंत्री भाजपा  कोटा , राजस्थान 9509559131
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नई दिल्ली(जेएनएन)। नोटबंदी के फैसले के बाद 19 नवंबर को हुए उपचुनावों को केंद्र सरकार के लिए विपक्षी दलों ने जनमत संग्रह करार दिया था। लेकिन जो नतीजे सामने आ रहे हैं, वो पहले की रुझानों की ही तरह हैं। पश्चिम बंगाल की तमलुक सीट को टीएमसी अपने कब्जे में करने में कामयाब रही है। तमलुक सीट पर पहले भी टीएमसी का ही कब्जा रहा है। मध्य प्रदेश की शहडोल सीट पर भाजपा ने जीत का परचम लहराया है। शहडोल सीट भी पहले भाजपा के कब्जे में थी।

नतीजे
पश्चिम बंगाल -तमलुक लोकसभा पर टीएमसी अपने कब्जे में रखने में कामयाब रही है। टीएमसी उम्मीदवार दिव्येंदु अधिकारी ने अपने निकटम प्रतिद्वंदी को करीब पांच लाख वोटों से हराया है।
मध्य प्रदेश- लोकसभा उपचुनाव में शहडोल सीट से भाजपा के ज्ञान सिंह 60,383 मतों के अंतर से जीते।
त्रिपुरा- बारजाला और खोवाई विधानसभा सीट पर सीपीआईएम की जीत ।
मध्य प्रदेश- नेपानगर विधानसभा सीट पर भाजपा की जीत ।
पुडुचेरी: कांग्रेस ने जीती नेल्लीथोपु विधानसभा सीट पर सीएम वी. नारायणसामी ने AIADMK के उम्मीदवार को 11,144 वोटों से हराया।
पश्चिम बंगाल- मोंटेश्वर विधानसभा सीट को टीएमसी ने एक लाख 27 हजार के अंतर से जीत लिया है। दूसरी तरफ लोकसभा उपचुनाव में कुचबिहार सीट पर तृणमुल कांग्रेस के पार्थ प्रतिम रॉय 4,13, 231 वोट से जीते।
तमिलनाडु - तंजावुर विधानसभा सीट पर एआइडीएमके की जीत
रुझान
असम-लखीमपुर सीट पर भाजपा आगे ।
लोकसभा की इन सीटों पर हुए थे उपचुनाव
-लखीमपुर (असम)
-शहडोल (मध्यप्रदेश)
-कूचबिहार तथा तमलुक (पश्चिम बंगाल)
विधानसभा की इन सीटों पर हुए थे उपचुनाव
-बैठालंगसो और हयुलिआंग (सु)- अरूणाचल प्रदेश
-नेपानगर (सु)-मध्यप्रदेश
-मोंटेस्वर- (पश्चिम बंगाल)
-तिरूपराकुन्द्रण (तमिलनाडु)
-बारजाला और खोवई (त्रिपुरा)
-नेल्लीतोपे (पुदुचेरी)
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पश्चिम बंगाल उपचुनाव में तृणमूल ने तीनों सीटें बरकरार रखीं


पश्चिम बंगाल में 19 नवंबर को हुए उप चुनाव की मतगणना में तृणमूल कांग्रेस ने दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा और उसके प्रत्याशी बड़े मतों के अंतर से जीते हैं.
तमलुक लोकसभा सीट पर तृणमूल के दिव्येन्दु अधिकारी ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी माकपा के महिंद्रा पांडा को 4.97 लाख मतों के अंतर से हराया. वर्ष 2014 में उन्होंने 2.5 लाख मतों के अंतर से जीत हासिल की थी.

कूचबेहार लोकसभा सीट पर तृणमूल के पार्थप्रतिम राय ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी भाजपा प्रत्याशी हेमचंद्र बर्मन को 4.9 लाख मतों के अंतर से हराया. इस सीट पर वाम मोर्चा की सहयोगी फार्वड ब्लॉक तीसरे स्थान पर रही. राय ने वर्ष 2014 की तुलना में इस बार अपने जीत के मतों के अंतर में 38,000 की वृद्धि की.

मोन्टेर विधानसभा सीट पर तृणमूल के सैकत पांजा ने 1.27 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज करते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी माकपा के मोहम्मद उस्मान गनी सरकार को हराया. माकपा, कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.

मई 2016 में हुए विधानसभा चुनावों में तृणमूल की जीत का अंतर 786 वोट था जब कांग्रेस और माकपा ने संयुक्त रूप से चुनाव लड़ा था.

कूचबेहार लोकसभा सीट और मोन्टेर विधानसभा सीट पर क्रमश: तृणमूल सांसद रेणुका सिन्हा और विधायक सजल पांजा के निधन के कारण उपचुनाव कराया गया.
तमलुक लोकसभा सीट से तृणमूल के सांसद सुवेन्दु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल की नन्दीग्राम विधानसभा सीट से उपचुनाव जीता और अब वह राज्य मंत्री हैं. सुवेन्दु दिव्येन्दु के बड़े भाई हैं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने उप चुनाव के परिणामों को केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ जनादेश करार दिया है.

उन्होंने विपक्ष द्वारा आयोजित विरोध रैली में हिस्सा लेने के लिए नयी दिल्ली रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा "उप चुनाव के परिणाम केंद्र के नोटबंदी संबंधी जनविरोधी फैसले के खिलाफ करारा जवाब हैं. यह केंद्र के खिलाफ सामूहिक विद्रोह के बजाय जनता का विद्रोह है. भाजपा को इस जनादेश से सबक लेना चाहिए."

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