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कांग्रेस का असली सांप्रदायिक चेहरा

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कांग्रेस का असली सांप्रदायिक चेहरा  हिंदू धर्म के लोग कांग्रेस से नफरत क्यों करते हैं? मैं कांग्रेस पार्टी से नफरत क्यों करता हूं इसके लिए आप इस पोस्ट को एक बार अवश्य पढ़े। Google पर साम्प्रदायिक हिंसा बिल 2005-2011 सर्च कर डिटेल्स पढ़ें, दस सेकेंड लगेंगे,आपके पैरों के नीचे से जमींन खिसकने लगेगी। इसे सोनिया गांधी के नेतृत्व में बनाया गया था। *"Communal violence bill"* कांग्रेस के लिये जान फूंकने वाले हिंदुओं सुनो मैं कांग्रेस के घोर विरोधी क्यों हूं । "एंटोनी माइनो" की भयानक खतरनाक साजिश। जिसे पढ़कर रोंगटे खड़े हो जायेगा। अगर लागू हो गया होता तो मरना भी दूभर हो जाता। जीने की बात ही छोड़ो। तुम्हारे विनाश वाला बिल जिसे काँग्रेस ने दो बार संसद मे पेश किया। 2005 मे और फिर 2011में । कांग्रेस हिंदुओ के खिलाफ ऐसा बिल लेकर आई थी जिसको सुनकर आप कांप उठेंगे । परन्तु भाजपा के जबरदस्त विरोध के कारण वह पास नहीं करवा सकी । मुझे यकीन है कि 90% हिन्दुओ को तो अपने खिलाफ आये इस बिल के बारे में कुछ पता भी नहीं होगा जिसमें शिक

VHP : विश्व हिन्दू परिषद

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विश्व हिन्दू परिषद कि स्थापना विषय बिन्दु 1:- रामराज्य की संकल्पना के साथ स्वतंत्र हुए भारत में भी हिंदुओं की दुर्दशा का अंत नहीं हुआ था अवैध धर्मांतरण गौ हत्या भगवा,न राम कृष्ण आदि हिंदू देवी देवताओं का अपमान भारत के महापुरुषों का अपमान हिंदू प्रतीकों की दुर्दशा आदि कारणों से हिंदू अपने ही देश में अपने को दूसरी श्रेणी का नागरिक समझने के लिए विवश हो रहा था इस परिस्थिति पर चिंतन मनन करने के लिए भारत के विभिन्न संप्रदायों के प्रमुख संतो महापुरुषों की एक चिंतन बैठक स्वामी चिन्मयानंद जी के मुंबई स्थित सांदीपनि आश्रम में 29 अगस्त 1964 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हुई इस विचार मंथन से विश्व हिंदू परिषद का जन्म हुआ। 2:- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अपने देश का नेतृत्व सेकुलर विचारधारा का था। ईसाई, मुसलमान ,तुष्टीकरण और हिंदू समाज पर अन्याय हो रहा था । 3:- संघ के प्रचारक और हिंदुस्तान समाचार के संस्थापक श्री दादा साहब आपटे पत्रकार इस नाते से विदेशों में जाते थे उन्होंने विदेश से हिंदुओं की समस्याओं उनका निराकरण आदि के संबंध में पुणे के केसरी नाम के समाचार प

उपराष्ट्रपति भी रहे जवाहरलाल नेहरू ?

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उपराष्ट्रपति भी रहे जवाहरलाल नेहरू ? आज के दिन हुआ था पहली अंतरिम सरकार का गठन, नेहरू थे उप-राष्ट्रपति short by शुभम गुप्ता / 02 Sep 2018,Sunday ब्रिटिश हुकूमत से भारतवासियों को सत्ता सौंपने के लिए 2 सितंबर 1946 को पहली अंतरिम सरकार का गठन हुआ था जिसके राष्ट्रपति 'ब्रिटिश गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया' और उपराष्ट्रपति जवाहरलाल नेहरू थे। इस सरकार में प्रधानमंत्री के सभी अधिकार नेहरू के पास और आंतरिक सुरक्षा एवं सूचना प्रसारण मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी सरदार वल्लभ भाई पटेल के पास थी। ------- ...जब आजादी मिलने के 1 साल पहले बनी 'भारत सरकार' अंग्रेजों के हाथ से हुकूमत छीनकर, भारत-पाकिस्तान का भविष्य तय करने वाली पहली अंतरिम सरकार 2 सितंबर 1946 में बनी थी. वंदना भारती 02 सितंबर 2017, ब्रिटिश हुकूमत से सत्ता लेकर भारत और पाकिस्तान बनाने में मदद देने के लिए 2 सितंबर, 1946 को भारत की अंतरिम सरकार का गठन किया गया था. बहुत कम लोग जानते हैं कि भारत की पहली स्वत्रंत सरकार भारत को आजादी मिलने के लगभग 1 साल पहले ही बन गई थी. इसका कार्यकाल 2 सितंबर, 1946 से लेकर 15 अग

सदगुरु जग्गी वासुदेव

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                                                                जन्म 3 सितंबर 1957 सद्गुरु ने 8 भाषाओं में 100 से अधिक पुस्तकों की रचना भी की है। जग्गी वासुदेव जिन्हें दुनिया भर में सद्गुरु के नाम से जाना जाता है। इनका जन्म 5 सितंबर सन् 1957 को कर्नाटक राज्‍य के मैसूर शहर में हुआ था। बचपन से ही सद्गुरु को प्रकृति से काफी लगाव था। साभार ... जग्गी वासुदेव जीवनी - Biography of Jaggi Vasudev in Hindi Jivani Published By :  Jivani.org         योगी ,  दिव्य   पुरुष ,  सदगुरु   जग्गी   वासुदेव   अध्यात्म   की   दुनिया   में   अपना   एक   विशिष्ट   स्थान   रखते   हैं।   इनका   जीवन   गंभीरता   और व्यवहारिकता   एक   आकर्षक   मेल   है ,  अपने   कार्यों   के   जरिए   इन्होंने   योगा   को   एक   गूढ़   विद्या   नहीं   बल्कि   समकालीन   विद्या   के   तौर   पर   दर्शाया। सदगुरु   जग्गी   वासुदेव   को   मानवाधिकार ,  व्यापारिक   मूल्य ,  सामाजिक - पर्यावरणीय   मसलों   पर   अपने   विचार   रखने   के   लिए   वैश्विक   स्तर   पर आमंत्रित   किया   जाता   है। जग्गी वासुदेव एक योगी, सद्गुरु औ