tag:blogger.com,1999:blog-5812446417135784435.post343393074950584714..comments2024-03-23T16:44:14.915+05:30Comments on ARVIND SISODIA : अपवित्र कर दिया नोबेल पुरूस्कार ...http://arvindsisodiakota.blogspot.com/http://www.blogger.com/profile/18240030021982563608noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5812446417135784435.post-53616146096599079652010-10-30T16:10:56.852+05:302010-10-30T16:10:56.852+05:30इन पुरुस्कारों की पवित्रता हमेशा संदिग्ध रही है ...इन पुरुस्कारों की पवित्रता हमेशा संदिग्ध रही है , ब्रिटेन की साहित्यिक संस्था ने भी अरूधंती रॉय को मात्र एक उपन्यास पर ही इनाम देकर ओहदा उंछ कर दिया और अब वे दूसरे उपन्यास लिखने के बजाये भारत में जितने भी विध्वंश तत्व हैं उनकी तरफदारी कर रहीं हैं...! यह एक सिस्टम है...! मेने लिऊ को वास्तव में पुरूस्कार देना चाहिए यही लिखा है मगर उसे , अपने स्वार्थ के आधार पर देना गलत है ! शायद आपने पोस्ट ठीक से पढी नहीं ..!!! एक अंश निम्न प्रकार से है...... <br />अपवित्र कर दिया नोबेल को <br /> प्रश्न यह है कि जब लिऊ को वास्तव में पुरूस्कार देना चाहिए था ..., में उसे इसके हक़दार के तौर पर स्वीकार करता हूँ..! मगर जब उसे ताकत देने का वक्त था , तब तो उसे दिया नहीं गया.., आज जब उस दौर को २१-२२ साल हो गए तब आप उसे पुरूस्कार इसलिए दे रहे हो कि चीन में फिर बगावत हो....!! पुरुस्कार कितना ही पवित्र क्यों न हो मगर उसका उपयोग आपने अपनी गर्ज के लिए; अपने स्वार्थ के लिए, अपने गंदे काम के लिए करके, उसे अपवित्र कर दिया...! क्यों कि आज वही चीन जिसे आपने आगे आगे रखा था वह आपके वश में नहीं है..., अमरीकी गलत नीतियों के कारण आज वह भस्मासुर हो गया ..!! भारत को नीचा दिखाने के लिए आपने लम्बे समय तक पाकिस्तान और चीन की मदद की...!! आज वह आपकी वैज्ञानिकता, आर्थिकता और विश्व वर्चस्व को खतरा बन गया है तो आपने उसे इस तरह से संकट में डालने की ठानी जो ठीक नहीं है ! दूसरे के कंधे पर बन्दूक रखकर चलाना अनुचित है.., सीधा मुकावला करो.., हो जाये तीसरा विश्व युद्ध .., वह होना तो है ही.., और यह भी तय है की चीन के कारण ही होगा तीसरा विश्व युद्ध...!!http://arvindsisodiakota.blogspot.com/https://www.blogger.com/profile/18240030021982563608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5812446417135784435.post-83697762401271351982010-10-30T16:10:11.770+05:302010-10-30T16:10:11.770+05:30इन पुरुस्कारों की पवित्रता हमेशा संदिग्ध रही है ...इन पुरुस्कारों की पवित्रता हमेशा संदिग्ध रही है , ब्रिटेन की साहित्यिक संस्था ने भी अरूधंती रॉय को मात्र एक उपन्यास पर ही इनाम देकर ओहदा उंछ कर दिया और अब वे दूसरे उपन्यास लिखने के बजाये भारत में जितने भी विध्वंश तत्व हैं उनकी तरफदारी कर रहीं हैं...! यह एक सिस्टम है...! मेने लिऊ को वास्तव में पुरूस्कार देना चाहिए यही लिखा है मगर उसे , अपने स्वार्थ के आधार पर देना गलत है ! शायद आपने पोस्ट ठीक से पढी नहीं ..!!! एक अंश निम्न प्रकार से है...... <br />अपवित्र कर दिया नोबेल को <br /> प्रश्न यह है कि जब लिऊ को वास्तव में पुरूस्कार देना चाहिए था ..., में उसे इसके हक़दार के तौर पर स्वीकार करता हूँ..! मगर जब उसे ताकत देने का वक्त था , तब तो उसे दिया नहीं गया.., आज जब उस दौर को २१-२२ साल हो गए तब आप उसे पुरूस्कार इसलिए दे रहे हो कि चीन में फिर बगावत हो....!! पुरुस्कार कितना ही पवित्र क्यों न हो मगर उसका उपयोग आपने अपनी गर्ज के लिए; अपने स्वार्थ के लिए, अपने गंदे काम के लिए करके, उसे अपवित्र कर दिया...! क्यों कि आज वही चीन जिसे आपने आगे आगे रखा था वह आपके वश में नहीं है..., अमरीकी गलत नीतियों के कारण आज वह भस्मासुर हो गया ..!! भारत को नीचा दिखाने के लिए आपने लम्बे समय तक पाकिस्तान और चीन की मदद की...!! आज वह आपकी वैज्ञानिकता, आर्थिकता और विश्व वर्चस्व को खतरा बन गया है तो आपने उसे इस तरह से संकट में डालने की ठानी जो ठीक नहीं है ! दूसरे के कंधे पर बन्दूक रखकर चलाना अनुचित है.., सीधा मुकावला करो.., हो जाये तीसरा विश्व युद्ध .., वह होना तो है ही.., और यह भी तय है की चीन के कारण ही होगा तीसरा विश्व युद्ध...!!http://arvindsisodiakota.blogspot.com/https://www.blogger.com/profile/18240030021982563608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5812446417135784435.post-16350443439597515142010-10-29T12:54:56.332+05:302010-10-29T12:54:56.332+05:30आपकी सामग्री बहुत अच्छी है आप क्यों नोवुल पुरस्कार...आपकी सामग्री बहुत अच्छी है आप क्यों नोवुल पुरस्कार क़ा बिरोध कर रहे है वाह योग्य है या नहीं लेकिन लोकतंत्र क़ा पक्ष और विश्व क़ा जनमत उसके पक्ष में होने के करण 'ली ओं साओ' को नोवुल पुरस्कार मिलना ही चाहिए.सूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.com