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प्रधानमंत्री रहे श्री इन्द्रकुमार गुजराल का आज निधन

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प्रधानमंत्री रहे श्री इन्द्रकुमार गुजराल का आज निधन हो गया। वे एक अच्छे राजनेता थे,उन्होने स्वच्छ छवी की राजनीति की हमेशा वकालत की। गुजराल 21 अप्रैल 1997 से 19 मार्च 1998 तक प्रधानमंत्री पद पर रहे। वह देश के 12वें प्रधानमंत्री थे। वह वीपी सिंह और फिर देवगौड़ा सरकार में विदेश मंत्री के पद पर भी रहे थे। गुजराल के दो बेटे हैं जिनमें से एक नरेश गुजराल अकाली दल के नेता और राज्यसभा सांसद हैं। उनके भाई सतीश गुजराल प्रमुख चित्रकार एवं वास्तुविद हैं। उनकी पत्नी शीला का 2011 में निधन हो गया था और वह कवयित्री थीं।

दक्षिणेश्वर काली मंदिर - जहां हुए रामकृष्ण परमहंस

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दक्षिणेश्वर काली मंदिर - जहां हुए रामकृष्ण परमहंस ***दक्षिणेश्वर काली मंदिर*** http://ghumakkadijindabad.blogspot.in/2011/04/blog-post_01.html दक्षिणेश्वर मंदिर देवी माँ काली के लिए ही बनाया गया है। दक्षिणेश्वर माँ काली का मुख्य मंदिर है। भीतरी भाग में चाँदी से बनाए गए कमल के फूल जिसकी हजार पंखुड़ियाँ हैं, पर माँ काली शस्त्रों सहित भगवान शिव के ऊपर खड़ी हुई हैं। काली माँ का मंदिर नवरत्न की तरह निर्मित है और यह 46 फुट चौड़ा तथा 100 फुट ऊँचा है। कोलकाता के उत्तर में विवेकानंद पुल के पास दक्षिणेश्वर काली मंदिर स्थित है। यह मंदिर बीबीडी बाग से 20 किलोमीटर दूर है। दक्षिणेश्वर काली मंदिर - जहां हुए रामकृष्ण परमहंस समूचा विश्व इन्हे स्वामी विवेकानन्द के गुरू के रूप में मानता है। कोलकाता में उनकी आराधना का स्थल आज भी लोगों के लिये श्रद्धा का केन्द्र है। दक्षिणेश्वर मन्दिर के बारे में बता रही हैं कामाक्षी: कोलकाता में हुगली के पूर्वी तट पर स्थित मां काली व शिव का प्रसिद्ध मन्दिर है दक्षिणेश्वर। कोलकाता आने वाले प्रत्येक सैलानी की इच्छा यहां दर्शन करने की अवश्य होती है। यह मन्दिर लगभग ब

तनोट राय (आवड़ माता) मंदिर : जहाँ पाकिस्तान सेना द्वारा गिराए गए बम नहीं फटे थे।

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वाह एसा मंदिर व चमत्कार पहली बार सूना और आज इस मंदिर को देखकर यकीन हो गया : महावीर प्रसाद जैसलमेर से करीब 130 किमी दूर स्थि‍त माता तनोट राय (आवड़ माता) का मंदिर है। तनोट माता को देवी हिंगलाज माता का एक रूप माना जाता है। हिंगलाज माता शक्तिपीठ वर्तमान में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लासवेला जिले में स्थित है। भाटी राजपूत नरेश तणुराव ने तनोट को अपनी राजधानी बनाया था। उन्होंने विक्रम संवत 828 में माता तनोट राय का मंदिर बनाकर मूर्ति को स्थापित किया था। भाटी राजवंशी और जैसलमेर के आस-पास के इलाके के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी तनोट माता की अगाध श्रद्धा के साथ उपासना करते रहे। कालांतर में भाटी राजपूतों ने अपनी राजधानी तनोट से हटाकर जैसलमेर ले गए परंतु मंदिर तनोट में ही रहा। तनोट माता का य‍ह मंदिर यहाँ के स्थानीय निवासियों का एक पूज्यनीय स्थान हमेशा से रहा परंतु 1965 को भारत-पाक युद्ध के दौरान जो चमत्कार देवी ने दिखाए उसके बाद तो भारतीय सैनिकों और सीमा सुरक्षा बल के जवानों की श्रद्धा का विशेष केन्द्र बन गई। सितम्बर 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ। तनोट पर आक्रमण

गुरु नानक देव : सिखों के प्रथम गुरु

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गुरु नानक देव गुरू नानक देव, सिखों के प्रथम गुरु (आदि गुरु) हैं। इनके अनुयायी इन्हें गुरु नानक, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। गुरु नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु - सभी के गुण समेटे हुए थे। इनका जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तिलौंडा तलवंडी (पंजाब) नामक गाँव में (आधुनिक रायपुर) संवत् १५२७ में कार्तिकी पूर्णिमा (१५ अप्रैल, १४६९) को एक खत्री कुल एवं बेदी वंश में हुआ था । इनके पिता का नाम कल्यानचंद या कालू था । तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया। बचपन से इनमें प्रखर बुद्धि के लक्षण दिखाई देने लगे थे। लड़कपन ही से ये सांसारिक विषयों से उदासीन रहा करते थे । ७-८ साल की उम्र में स्कूल छूट गया और सारा समय वे आध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में व्यतीत करने लगे। इनका विवाह सोलह वर्ष की अवस्था में गुरुदासपुर जिले के अंतर्गत लाखौकी नामक स्थान के रहनेवाले मूला की कन्या सुलक्ष्मी से हुआ था । ३२ वर्ष की अवस्था में इनके प्रथम पुत्र हरीचंद्र का जन्म हुआ । चार वर्ष पीछे दूसरे पुत्र लखमीदास का जन्म हुआ ।

क्रन्तिकारी तात्याटोपे को फांसी नहीं लगी थी

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                          *** 1857 की क्रांति के महानायक तात्या टोपे *** 1857 की क्रांति के इस महानायक तांत्या टोपे का जन्म, 1814 में हुआ था। बचपन से ही ये अत्यंत सुंदर थे। तांत्या टोपे ने देश की आजादी के लिये हंसते-हंसते प्राणो का त्याग कर दिया। इनका जन्म स्थल नासीक था। इनके बचपन का नाम रघुनाथ पंत था। ये जन्म से ही बुद्धिमान थे। इनके पिता का नाम पांडुरंग पंत था। जब रघुनाथ छोटे थे उस समय मराठों पर पेशवा बाजीराव द्वितीय का शासन था। रघु के पिता बाजी राव के दरबार में कार्यरत थे। कई बार बालक रघु अपने पिता के साथ दरबार में जाते थे। एक बार बाजी राव बालक की बुद्धिमानी देखकर बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने बालक को एक टोपी उपहार में दी और उन्होंने उनको तांत्या टोपे नाम दिया। उसी दिन से लोग इन्हें इसी नाम से पुकारने लगे।   उस समय ब्रितानी भारत में व्यापार करने के लिये आए थे। लेकिन भारत के राजा आपसी फ़ूट के कारण आपस में ही झगड़ा किया करते थे इसलिये फ़िरंगी आसानी से यहां अपने पैर जमा पाए और तानाशाही कर पाए। ब्रितानियों ने बाजी राव पेशवा की सम्पत्ति हड़प ली व उनकी राजधानी को अपने अधिकार में ले लिया व उसक

बालों का झड़ना बन्द : देशी चिकित्सा

बालों का बढ़ना देशी  चिकित्सा : 1. अमरबेल : 250 ग्राम अमरबेल को लगभग 3 लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाये तो इसे उतार लें। सुबह इससे बालों को धोयें। इससे बाल लंबे होते हैं। 2. त्रिफला : त्रिफला के 2 से 6 ग्राम चूर्ण में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लौह भस्म मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है। 3. कलौंजी : 50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें। इस उबले हुए पानी से बालों को धोएं। इससे बाल 1 महीने में ही काफी लंबे हो जाते हैं। 4. नीम : नीम और बेर के पत्त ों को पानी के साथ पीसकर सिर पर लगा लें और इसके 2-3 घण्टों के बाद बालों को धो डालें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है और बाल लंबे भी होते हैं। 5. लहसुन : लहसुन का रस निकालकर सिर में लगाने से बाल उग आते हैं। 6. सीताफल : सीताफल के बीज और बेर के बीज के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। ऐसा करने से बाल लंबे हो जाते हैं। 7. आम : 10 ग्राम आम की गिरी को आंवले के रस में पीसकर बालों में लगाना चाहिए। इससे बाल लंबे और घुंघराले हो जाते हैं। 8. शिकाकाई : शिकाकाई और सूखे आंवले को 25-25 ग्राम ल

कोटा,राजस्थान Kota,Rajasthan

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                                                            कोटा जग मंदिर (छत्र बिलास तालाब )                                                           कोटा सर्किट हॉउस  कोटा,राजस्थान भारत डिस्कवरी प्रस्तुति कोटा, जिसे पहले 'कोटाह' नाम से जाना जाता था, राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 246 किमी. दक्षिण में स्थित है। कोटा की पहचान चम्बल नदी से भी है। इस नदी पर कोटा में 'कोटा डैम' के नाम से एक बाँध का निर्माण भी हुआ है, जिससे बिजली के उत्पादन में मदद मिल सके। व्यापारिक केंद्र:- कोटा एक प्रमुख व्यापारिक केन्द्र है। साथ ही यह एक औद्योगिक नगरी भी है, यहाँ पर कॉटन टेक्सटाइल, केमिकल पावर प्लांट्स आदि कई उद्योग-धन्धे उपलब्ध है, जैसे - डी.सी.एम., सैमटेल, बिड़ला सीमेन्ट, श्रीराम फ़र्टिलाइजर आदि। इसे राजस्थान का 'पावर हाउस' भी कहा जाता है। यह शहर कोटा साड़ी के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। म्यूज़ियम, मन्दिर और पिकनिक स्पॉट से भरे इस शहर में अब मॉल भी खुल चुके हैं। गुमानपुरा और कोटरी रोड यहाँ के दो प्रमुख बाज़ार हैं। वर्तमान में यह एक शैक्षणिक नगरी के रूप

सैमटेल ग्लास लिमिटेड बंद (कलर पिक्चर ट्यूब्स) कोटा, राजस्थान

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Published on 27 Nov-2012 कब क्या हुआ परेशानी: श्रमिकों ने फर्नेश से छेड़छाड़ की शिकायत बोरखेड़ा पुलिस-प्रशासन से की, श्रमिकों का आंदोलन जारी * 6 नवंबर से ग्लास फैक्ट्री में उत्पादन बंद * 7 नवंबर को गैस की सप्लाई बंद होने के साथ ही कलर में उत्पाद ठप * 8 नवंबर को फैक्ट्री की बिजली कटी, फैक्ट्री अंधेरे में डूबी * 17 नवंबर की रात प्रोप्रिन गैस समाप्त होने से फर्नेश में लगे बर्नर बंद * 20 नवंबर को डीजल खत्म होने से जनरेटर बंद :- पीएफ कटा पर जमा नहीं श्रमिकों का कहना है कि प्रबंधन ने उनका पीएफ काटा, लेकिन भविष्य निधि कार्यालय में जमा नहीं कराया। इसके लिए वे लगातार पीएफ कमिश्नर से संपर्क कर रहे हैं। :- आज मशाल जुलूस सेमटेल ग्लास एवं कलर के श्रमिकों को मंगलवार शाम को 6.00 बजे सेमटेल बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक क्रांति तिवारी के नेतृत्व में कोटड़ी चौराहे से लेकर एरोड्रम सर्किल, घोड़े वाला बाबा चौराहा होते हुए पुलिस कंट्रोल रूम तक मशाल जुलूस निकाला जाएगा। ========= सेमटेल फैक्ट्री में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ भास्कर न्यूज , कोटा सेमटेल फैक्ट्री में अंधेरे का फायदा उठाने के

सूर्य-नमस्कार : सर्वांग व्‍यायाम

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सूर्य नमस्‍कार की विधि और मंत्र सूर्य-नमस्कार को सर्वांग व्‍यायाम भी कहा जाता है, समस्त यौगिक क्रियाऒं की भाँति सूर्य-नमस्कार के लिये भी प्रातः काल सूर्योदय का समय सर्वोत्तम माना गया है। सूर्यनमस्कार सदैव खुली हवादार जगह पर कम्बल का आसन बिछा खाली पेट अभ्यास करना चाहिये।इससे मन शान्त और प्रसन्न हो तो ही योग का सम्पूर्ण प्रभाव मिलता है। प्रथम स्थिति- स्थितप्रार्थनासन सूर्य-नमस्कार की प्रथम स्थिति स् थितप्रार्थनासन की है।सावधान की मुद्रा में खडे हो जायें।अब दोनों हथेलियों को परस्पर जोडकर प्रणाम की मुद्रा में हृदय पर रख लें।दोनों हाथों की अँगुलियाँ परस्पर सटी हों और अँगूठा छाती से चिपका हुआ हो। इस स्थिति में आपकी केहुनियाँ सामने की ऒर बाहर निकल आएँगी।अब आँखें बन्द कर दोनों हथेलियों का पारस्परिक दबाव बढाएँ । श्वास-प्रक्रिया निर्बाध चलने दें। द्वितीय स्थिति - हस्तोत्तानासन या अर्द्धचन्द्रासन प्रथम स्थिति में जुडी हुई हथेलियों को खोलते हुए ऊपर की ऒर तानें तथा साँस भरते हुए कमर को पीछे की ऒर मोडें।गर्दन तथा रीढ की हड्डियों पर पडने वाले तनाव को महसूस करें।अपनी क्षमता के अनुसार ही पीछे

देवउठनी एकादशी : तुलसी-शालिग्राम विवाह

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देवउठनी एकादशी और  तुलसी-शालिग्राम विवाह  हमारी भारतीय संस्कृति में अनेक व्रतोत्सव मनाए जाते हैं। इनमें तुलसी-शालिग्राम जी का विवाह एक महत्वपूर्ण आयोजन है। यह विवाह अखण्ड सौभाग्य देने वाला है। अत: भारतीय महिलाएं इस व्रतोत्सव को पूर्ण श्रद्धा और मनोयोग से पूर्ण करती हैं। यह विवाह कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन आयोजित किया जाता है। इस विवाह का पौराणिक महत्व है।     ब्रrावैवर्त पुराण की कथा के अनुसार— कालांतर में तुलसी देवी भगवान गणेश के शापवश असुर शंखचूड की पत्नी बनीं। जब असुर शंखचूड का आतंक फैलने लगा तो भगवान श्री हरि ने वैष्णवी माया फैलाकर शंखचूड से कवच ले लिया और उसका वध कर दिया। तत्पश्चात् भगवान श्री हरि शंखचूड का रूप धारण कर साध्वी तुलसी के घर पहुंचे, वहां उन्होंने शंखचूड समान प्रदर्शन किया। तुलसी ने पति को युद्ध में आया देख उत्सव मनाया और उनका सहर्ष स्वागत किया। तब श्री हरि ने शंखचूड के वेष में शयन किया। उस समय तुलसी के साथ उन्होंने सुचारू रूप से हास-विलास किया तथापि तुलसी को इस बार पहले की अपेक्षा आकर्षण में व्यतिक्रम का अनुभव हुआ। अत: उसे वास्तविकता का अनुमान हो गय

भारती वालमार्ट के अधिकारी निलंबित : कंपनी कारोबार के लिए रिश्वत

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भारती वालमार्ट के वित्तीय अधिकारी निलंबित मुंबई, एजेंसी http://www.livehindustan.com/news/business रिटेल कारोबार करने वाली दुनिया के दिग्गज अमेरिकी कंपनी वालमार्ट ने भारत के अपने संयुक्त उपक्रम (भारती वालमार्ट) के मुख्य वित्त अधिकारी और कुछ कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबन की यह कार्रवाई कंपनी पर कारोबार फैलाने के लिए रिश्वत देने के आरोपों की जांच के दौरान की गई है। कंपनी अमेरिका के अलावा ब्राजील, चीन और भारत में इस मामले की जांच शुरू कर दी है। यह जांच अमेरिकी संघीय रिश्वत निरोधक कानून के तहत की जा रही है। कंपनी के प्रवक्ता ने निलंबन की खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया है इसमें नई बात कुछ नहीं है। जिन लोगों के खिलाफ जांच चल रही हो यदि वह पद पर बने रहे तो जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती इसलिए ऐसे लोगों का हटना जरूरी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जबतक इनपर दोष सिद्ध नहीं हो जाता तब तक यह निर्दोष ही माने जांएगे। देश के खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के तहत रिटेल श्रृंखला खोलने की तैयारी में जुटी वालमार्ट के लिए यह एक बुरी खबर है। व

गुजरात विधानसभा BJP की पहली लिस्ट जारी

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गुजरात विधानसभा चुनावः BJP की पहली लिस्ट जारी, मोदी मणिनगर से लड़ेंगे http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?msid=17326664 नवभारतटाइम्स.कॉम |22Nov,2012| नई दिल्ली।। बीजेपी ने गुरुवार को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी ने अपनी पहली सूची में 84 उम्मीदवारों के नाम जारी किए हैं जिसमें मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का भी नाम है। मोदी गुजरात की मणिनगर विधानसभा सीट से सत्ताधारी बीजेपी के प्रत्याशी होंगे। पार्टी ने पहली लिस्ट में अपने सात मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करते हुए वरिष्ठ नेता अनंत कुमार ने बताया कि राज्य में पहले चरण के अंर्गत 87 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं जिसमें से पार्टी ने पहली लिस्ट में 84 उम्मीदवारों के नाम जारी किए गए हैं।

26/11 के हमले में छः अमेरिकी नागरिक मारे गये थे

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http://meahindi.nic.in/mystart.php?id=23046535 26/11 के हमले में भारतीय मुजाहिद्यीन की सुगमतादायक भूमिका: संयुक्त राज्य सितम्बर 16, 2011  टाइम्स ऑफ इण्ड़िया, यह खबर भारत सरकार के इस  पेज से ली गई है  वाशिंगटन : संयुक्त राज्य ने बृहस्पतिवार को पुष्टि की थी कि भारतीय मुजाहिद्यीन (आई एम) ने वर्ष, 2008 के मुम्बई हमले में सुगमतादायक भूमिका निभाई थी, जो लश्कर-ए-तायबा (एल ई टी) द्वारा किया गया था, जिसमें छः अमेरिकी नागरिक सहित 163 लोग मारे गये थे”| इस कार्यवाई में जिस तथ्य को रेखाँकित किया गया है, वह यह है कि संयुक्त राज्य भारत पर हुए आतंकी हमले पर अब और अधिक तटस्थ नही है, राजकीय विभाग से प्राप्त एक मीडिया की टिप्पणी के साथ पाकिस्तान से जुड़े एक वैश्विक आतंकवादी संगठन के रूप में, आई एम का औपचारिक पद नाम स्वीकार करता है कि “ये पदवियाँ न केवल आई एम के माध्यम से पश्चिमी हितों के खतरों का उल्लेख करती हैं बल्कि भारत और एक निकट भागीदार संयुक्त राज्य को भी”. “जनसाधारण भारतियों ने भारतीय मुजाहिद्यीन की निर्दयतापूर्ण हिंसा का घातक प्रभाव झेला है और आज के कार्यकलापों से भारत सरकार के साथ हमारी एकत

चीन से 1962 का युद्ध नेहरू की वजह से हारे :पूर्व वायु सेना प्रमुख

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चीन से 1962 का युद्ध नेहरू की वजह से हारे थे हम: टिपणिस Tuesday,20 November, 2012, लिंक - http://zeenews.india.com/hindi/news नई दिल्ली: पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) ए वाई टिपणिस ने 1962 में चीन के साथ युद्ध में भारत की हार के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उस वक्त जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया है जब जंग के दौरान वायु सेना का इस्तेमाल नहीं किये जाने पर बहस जारी है। यहां ‘भारत और चीन, 1962 के युद्ध के पांच दशक बाद’ शीषर्क से आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए टिपणिस ने यह आरोप भी लगाया कि नेहरू ने वैश्विक नेता बनने की महत्वाकांक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को पीछे छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि यह बात थोड़ी बहुत सार्वभौमिक तौर पर मान्य है। हो सकता है कि कुछ भारतीयों को हिचकिचाहट में राजनीतिक मकसद से खुलकर यह बात स्वीकार्य नहीं हो कि पंडित नेहरू ने संघर्ष मुक्त निगरुट दुनिया के बड़े दृष्टिकोण के साथ वैश्विक नेता बनने की महत्वाकांक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के हित को छोड़ दिया। कल दिये उनके ये बयान वायु सेना के मौजूदा प्रमुख एयर चीफ मार

कसाब को फांसी : कब क्या हुआ ?

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26/11 के मुंबई हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को फांसी दे दी गई है। सुबह साढ़े सात बजे पुणे की यरवडा जेल में उसे फांसी दी गई है। 9 नवंबर को ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कसाब की दया याचिका कर दी थी। पिछले एक हफ्ते से कसाब की फांसी की तैयारी की जा रही थी। महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर आर पाटिल ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि कसाब को पूरी प्रक्रिया के बाद फांसी दी गई है। केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी खबर की पुष्टि की है। कसाब मामले में कब क्या हुआ? Wed, 21 Nov 2012 नई दिल्ली। वर्ष 2008 में 26 नवंबर को हुए मुंबई आतंकी हमले में 166 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। हमले में तीन पुलिस अधिकारी भी शहीद हो गए थे। एक नजर डालते हैं मामले पर कि कब-कब क्या-क्या हुआ? 26 नवंबर 2008 : अजमल कसाब और नौ आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया, जिसमें 166 लोगों की जान गई। 27 नवंबर 2008 : अजमल कसाब गिरफ्तार। 30 नवंबर 2008 : कसाब ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कुबूल किया। 27/28 दिसंबर 2008 : आइडेंटीफिकेशन परेड हुई। 13 जनवरी 2009 : एम एल तहलियानी को 26/11 मामले में विशेष जज नियुक्त किया ग