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जुलाई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

राष्ट्र प्रथम-सदैव प्रथम, रिफ्लेक्ट करने वाली भावना होनी चाहिए - प्रधानमंत्री मोदी

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  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आपको हमेशा ये याद रखना है कि आप एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी ध्वजवाहक है। इसलिए, आपके हर एक्शन, आपकी हर गतिविधि में Nation First, Always First- राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम इसी भावना को रिफ्लेक्ट करने वाली होनी चाहिए। PM Narendra Modi का ट्रेनी IPS अफसरों से संवाद, कहा- युवा लीडरशिप देश को बढ़ाएगी आगे PM Modi Interacts With IPS Probationers: पीएम मोदी ने आईपीएस ट्रेनी से कहा कि नेशन फर्स्ट की पॉलिसी को अपनाएं. कोई भी फैसला लें तो उसमें देशहित का ध्यान जरूर रखें. नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज (शनिवार को) ट्रेनी आईपीएस अफसरों (IPS Probationers) से संवाद किया. प्रधानमंत्री ने ट्रेनी आईपीएस अफसरों से कई सवाल पूछे और उनसे सुझाव मांगे. प्रधानमंत्री ने ट्रेनी आईपीएस अफसरों से कहा कि आपकी युवा लीडरशिप देश को आगे बढ़ाएगी. देश के काम आती है अफसरों की पढ़ाई बता दें कि इन आईपीएस अफसरों की ट्रेनिंग सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी, नई दिल्ली में हुई है. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा कि अफसरों की पढ़ाई देश की सेवा में काम आती है. पुलिस

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा हमारा

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    सारे जहाँ से अच्छा  या तराना-ए-हिन्दी उर्दू भाषा में लिखी गई देशप्रेम की एक ग़ज़ल है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश राज के विरोध का प्रतीक बनी और जिसे आज भी देश-भक्ति के गीत के रूप में भारत में गाया जाता है।  इस गीत को प्रसिद्ध शायर मुहम्मद इक़बाल ने १९०५ में लिखा था और सबसे पहले सरकारी कालेज, लाहौर में पढ़कर सुनाया था। यह इक़बाल की रचना बंग-ए-दारा में शामिल है। उस समय इक़बाल लाहौर के सरकारी कालेज में व्याख्याता थे। उन्हें लाला हरदयाल ने एक सम्मेलन की अध्यक्षता करने का निमंत्रण दिया। इक़बाल ने भाषण देने के बजाय यह ग़ज़ल पूरी उमंग से गाकर सुनाई। यह ग़ज़ल हिन्दुस्तान की तारीफ़ में लिखी गई है और अलग-अलग सम्प्रदायों के लोगों के बीच भाई-चारे की भावना बढ़ाने को प्रोत्साहित करती है। १९५० के दशक में सितार-वादक पण्डित रवि शंकर ने इसे सुर-बद्ध किया। जब इंदिरा गांधी ने भारत के प्रथम अंतरिक्षयात्री राकेश शर्मा से पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो शर्मा ने इस गीत की पहली पंक्ति कही। सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा ग़ुर्बत में

प्रधानमंत्री मोदी - “आपके विचार लाल किले की प्राचीर से गूंजेंगे।

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  पीएम मोदी ने देश के युवाओं से कहा है कि आपके विचार लाल किले से गूजेंगे। 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस   भाषण के लिए विचारों और सुझावों का आह्वान करते हुए उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “आपके विचार लाल किले की प्राचीर से गूंजेंगे। ... Your thoughts will reverberate from the ramparts of the Red Fort      Share Your Ideas and Suggestions for PM Shri Narendra Modi’s Independence Day Speech On 15th August every year, the Prime Minister speaks from the ramparts of the Red Fort and lays out the government's programmes and policies. Over the last few years, the Hon’ble Prime Minister has directly invited ideas and suggestions from citizens for the Independence Day Speech. Similarly, this year too the Prime Minister invites citizens to contribute their inputs for New India. So, now you have the opportunity to tell your ideas, give word to your suggestions and crystallize your vision. PM Narendra Modi will pick up some of the ideas in his speech on 15th August.     प्रधानमंत्री मोदी के स्वतंत्

नई 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति' : आधुनिक राष्ट्र निर्माण

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    नई 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति' : आधुनिक राष्ट्र निर्माण नमस्कार! कार्यक्रम में मेरे साथ जुड़ रहे कैबिनेट के मेरे सभी सहयोगीगण, राज्यों के माननीय राज्यपाल, सभी सम्मानित मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, राज्य सरकारों के मंत्रीगण, उपस्थित शिक्षाविद, अध्यापकगण, सभी अभिभावक और मेरे प्रिय युवा साथियों! नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों और विशेषकर सभी विद्यार्थियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बीते एक वर्ष में देश के आप सभी महानुभावों, शिक्षकों, प्रधानाचार्यों, नीतिकारों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है। कोरोना के इस काल में भी लाखों नागरिकों से, शिक्षकों, राज्यों, ऑटोनॉमस बॉडीज से सुझाव लेकर, टास्क फोर्स बनाकर नई शिक्षा नीति को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। बीते एक वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आधार बनाकर अनेक बड़े फैसले लिए गए हैं। आज इसी कड़ी में मुझे बहुत सारी नई योजनाओं, नए initiatives की शुरुआत करने का सौभाग्य मिला है। साथियों, ये महत्वपूर्ण अवसर ऐसे समय में आया है जब देश आज़ादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है। आ

देश आज़ादी के 75 साल : अमृत महोत्सव प्रारंभ

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       ये महत्वपूर्ण अवसर ऐसे समय में आया है जब देश आज़ादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है। आज से कुछ ही दिन बाद 15 अगस्त को हम आज़ादी के 75वें साल में प्रवेश भी करने जा रहे हैं। एक तरह से, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का implementation, आजादी के अमृत महोत्सव का प्रमुख हिस्सा बन गया है।   इतने बड़े महापर्व के बीच 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति' के तहत आज शुरू हुई योजनाएं 'नए भारत के निर्माण' में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगी। भारत के जिस सुनहरे भविष्य के संकल्प के साथ आज हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, उस भविष्य की ओर हमें आज की नई पीढ़ी ही ले जाएगी। भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में, यानि आज कैसी शिक्षा दे रहे हैं, कैसी दिशा दे रहे हैं। इसीलिए, मैं मानता हूं, भारत की नई 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति' राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े factors में से एक है। और इसीलिए, देश ने इस शिक्षा नीति को इतना आधुनिक बनाया है, इतना फ्यूचर रेडी रखा है। आज इस कार्यक्रम में जुड़े अधिकांश महानुभाव, नई राष्ट्र

हम क्यों गुलाम हुये - अटल बिहारी वाजपेयी

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   मत भूलो, पग-पग पर बलिदानों की गंगा बहाई है..! - अरविन्द सिसौदिया     कहने को कह दिया जाता है कि भारत बहुत ही शांतिप्रिय ढंग से आजाद हो गया और अहिंसा और सत्याग्रह के द्वारा कहीं कोई खून नहीं बहा, कहीं कोई हिंसा नही हुई।   “देदी हमें आजादी बिना खडग ढाल सावरमती के संत तूने कर दिया कमाल” मगर सच यह है कि ये बात सिर्फ गीत गाने और झूठ फैलाने से अधिक कुछ नहीं है। 20 लाख से अधिक निर्दोष नागरिकों के खून से हमारी स्वतंत्रता के हाथ सनें हे। 1.5 करोड़ से अधिक लोगों के घर छूटे । पाकिस्तान बनें भारत से 75 लाख लोग भारत आये और लगभग इतने ही भारत से पाकिस्तान गये । आंकडों के कई गुणा भी हो सकती है असलियत ।     मगर सच बहुत खौफनाक है, विश्व की जनसंख्या सम्बंधी सबसे बडी अदला बदली हुई। जो लोग इस विभाजन से प्रभावित हुये, उनकी जायदादें चलीं गईं, परिवार के सदस्य मारे गये, महिलाओं की इज्जत लूट ली गई, दुनिया में कहीं ऐसी मिसाल नहीं होगी कि लाशों से भरी रेल गाडियां आई हों! और सरकार खामोश सब देखती रही हो। मगर हमारी आजादी ऐसी ही थी, जिसमें नेहरूजी के हाथ में सत्ता थी और देशवासियों के हाथ में मायूसी, विक्षोभ और नफरत

हिन्दुत्व को नई तेजस्विता प्रदान करने वाले गोस्वामी तुलसीदास

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      तुलसीदास जी रामभक्ति शाखा के विश्व विख्यात कवि हैं। इन्होंने सम्पूर्ण विश्व के महत्वपूर्ण ग्रंथ “रामचरितमानस” को लिखा है। ये ग्रंथ भारत कोे ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व के मनुष्यों को प्रभावित करता है। ये भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म का सबसे महत्व पूर्ण ग्रंथ है। रामचरितमानस सम्पूर्ण मानव जाति के लिए प्रेरणा का स्रोत है। तुलसीदास जी भारत के ही नहीं वरन सम्पूर्ण जगत के आदर्श कवि हैं। - अरविन्द सीसौदिया चन्दन है इस देश कि माटी, तपोभूमि हर ग्राम है । हर बाला देवी कि प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है । इन पंक्तियों को किसी ने वास्तव में अपने कर्म - कौशल से सिद्ध किया है तो उस महान राष्ट्रभक्त का नाम पूज्य श्रीगोस्वामी तुलसीदास जी है,  श्रीरामचरित मानस वह ग्रंथ जिसने, मुगलों के आततायी हिंसक साम्राज्य में अपने अस्तित्व की लडाई लड़ रहे हिन्दुओं में नये विश्वास और नई ऊर्जा का संचार किया था, वह मौन धर्म क्रांति जो कलम से लिखी गई, सहास व आत्मोत्थान की अखण्ड ज्योती थी, जो सम्पूर्ण विश्व को आज भी प्रकाशमान किए हुये है।  जिसनें हिन्दुत्व को नई तेजस्विता प्रदान की। करोडों-करोड योद्धाओं जैसा काम उन्हो

राहुलजी की पोल न खुल जाये - अरविन्द सिसौदिया

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      राहुलजी की पोल न खुल जाये - अरविन्द सिसौदिया कांग्रेस की असलियत यह है कि वह राहुल गांधी को महत्वपूर्ण चर्चाओं से बचा कर रखना चाहती है ताकि राहुलजी की पोल न खुल जाये, कई बयानों से वे पहले भी ओने पौने हो चुके है।यू भी जग जाहिर है कि राहुल जहां - जहां जाते हैं वहां - वहां से कांग्रेस साफ हो जाती है । मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कथन सही प्रतीत होता है कि “ राहुल गांधी हमेशा बौद्धिक चर्चा से दूर भागते है।” वहीं वह कांग्रेस के किसी अन्य नेता को भी हीरो नहीं बनने देना चाहती ताकि कल को युवराज को कोई नई चुनौती न आ जाये । श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलेट और जतिन प्रसाद की लोकप्रियता से वह पहले ही व्यवधान युक्त है। इसलिये उसने आरोप लगाओ भाग जाओ, हुल्लड करो काम मत करने दो की नीति अपनाई है। कांग्रेस अब अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है वह अब कोई भी रिस्क नहीं उठाना चाहती । इसका सीधा सीधा रास्ता भी यही है कि खुद को बचाते हुये बधायें उत्पन्न करवाते रहो । फिर सामने आ जाओ। यह जनता पार्टी सरकार के समय भी किया गया था। पंजाब से ही तब शिरूआत हुई थी । बाद में आये परिण