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नवंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जानिये कौन है त्रिपुरा के नौजवान मुख्यमंत्री विप्लव देव

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जानिए नौजवान मुख्यमंत्री श्री विप्लव देव की कहानी .. कंजरवाल के गुण गाने वाली मीडिया आपको कभी नही बताएगी , हम सभी को प्रचार करना होगा  त्रिपुरा की जीत के पीछे उस भयंकर लूट के खात्मे की कहानी भी है जिसने त्रिपुरा के नौजवानों की किस्मत बदल दी है और पूरे पूर्वोत्तर का खर्च आधा कर दिया है। समुद्री मार्ग से आने वाली वस्तुएं पूर्वोत्तर तक पहुंचाने का एकमात्र मार्ग बंगाल का हल्दिया बंदरगाह हुआ करता था। पूर्वोत्तर के प्रवेश द्वार गुवाहाटी की हल्दिया बंदरगाह से दूरी थी 1220 किमी तथा त्रिपुरा की राजधानी अगरतला की दूरी थी 1645 किमी। जबकि त्रिपुरा से बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह, जिसे अब चट्टोग्राम बंदरगाह कहा जाता है, की दूरी थी मात्र 67 किमी। तथा त्रिपुरा से गुवाहाटी की दूरी है केवल 550 किमी। अगरतला से चट्टोग्राम को दो नदियां, बंगला देश की मेघना तथा त्रिपुरा की गुमती नदी जोड़ती हैं। मेघना में छोटे जहाज पहले से ही चलते थे। केवल गुमती नदी के 35 किलोमीटर की लंबाई में जमी गाद के कारण छोटे जहाज नहीं चल सकते थे। अब समझिए उस लूट की कहानी... 1971 में बांग्लादेश को मिली आज़ादी के बाद चट्टोग्राम बंदरगाह के

गरीबों को आत्मनिर्भरता देना ही ईश्वर की सच्ची साधना है

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         * उपहार *        आज उसका जन्म दिन था। बच्चे व पत्नी स्वागत में व्यस्त थे। कुछ रिश्तेदार भी आए हुए थे । टेबल सजाई जा रही थी। रंग बिरंगे गुब्बारे देख कर बच्चे चहक रहे थे।उपहारों के रंग बिरंगे पैकेट्स थे।सभी तैयारियों में लगे थे।बड़ा सा केक टेबल पर सजाया हुआ था और वह न जाने कहाँ खो गया।  उसको स्मृति उसे कई साल पीछे ले आई.. जब मात्र 12-13 साल की थी। शहर में एक पेड़ के नीचे बैठा रहता। आने-जाने वालों के सामने हाथ फैलाकर भीख मांगता। शाम तक इतना हो जाता कि उसका व उसकी मां का पेट भर जाता। एक दिन वहां से एक साहब गुजरे। वे शहर में नए आए थे। अपने ऑफिस पैदल हो जाते थे। वह दौड़ कर उनके पास गया। हाथ जोड़कर नमस्ते करके हाथ फैला दिया। उसे कुछ ज्यादा ही उम्मीद थी कि साहब है, तो बीस का नोट तो हाथ में आएगा ही। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टे उनके भाव से साफ जाहिर हुआ कि उसका इस तरह से हाथ फैलाना उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। फिर भी पांच का सिक्का हथेली पर रख दिया। एक-दो दिन तो इस तरह रोज मांगते रहने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। दो पांच रुपए हाथ में रख दिया करते. पर उनके मिजाज से लगता था कि उन्हें भिखम

सिंधु - सरस्वती सभ्यता : भारतीय सँस्कृति

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▪️विश्व विजयी          भारतीय संस्कृति🚩 __________________ 🔰सिन्धु घाटी की लिपि : क्यों अंग्रेज़ और कम्युनिस्ट इतिहासकार नहीं चाहते थे कि इसे पढ़ाया जाए! 🔰 ▪️इतिहासकार अर्नाल्ड जे टायनबी ने कहा था - विश्व के इतिहास में अगर किसी देश के इतिहास के साथ सर्वाधिक छेड़ छाड़ की गयी है, तो वह भारत का इतिहास ही है। भारतीय इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी की सभ्यता से होता है, इसे हड़प्पा कालीन सभ्यता या सारस्वत सभ्यता भी कहा जाता है। बताया जाता है, कि वर्तमान सिन्धु नदी के तटों पर 3500 BC (ईसा पूर्व) में एक विशाल नगरीय सभ्यता विद्यमान थी। मोहनजोदारो, हड़प्पा, कालीबंगा, लोथल आदि इस सभ्यता के नगर थे। पहले इस सभ्यता का विस्तार सिंध, पंजाब, राजस्थान और गुजरात आदि बताया जाता था, किन्तु अब इसका विस्तार समूचा भारत, तमिलनाडु से वैशाली बिहार तक, आज का पूरा पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान तथा (पारस) ईरान का हिस्सा तक पाया जाता है। अब इसका समय 7000 BC  से भी प्राचीन पाया गया है। इस प्राचीन सभ्यता की सीलों, टेबलेट्स और बर्तनों पर जो लिखावट पाई जाती है उसे सिन्धु घाटी की लिपि कहा जाता है। इतिहासकारों का दावा है,

पंजाब से बीकानेर एक ट्रेन आती है जिसका कथित नाम ही कैंसर एक्सप्रेस है ...

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     पंजाब से बीकानेर एक ट्रेन आती है जिसका कथित नाम ही कैंसर एक्सप्रेस है ... यह कन्टेन्ट वाटृसएप से उठाया गया है। मगर यह एक कडवा सच है कि पंजाब और हरियाणा के बहुत से किसान अपना उगाया अनाज नहीं खाते है। क्यों कि इनमें रासायनिक खादों के उपयोग से इतना जहरीला पन आ गया कि कैंसर के मरीजो की बउी संख्या पंजाब और हरियाणा में पाई जाती है। केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को यह जांच करवाना चाहिये कि कैंसर और पंजाब हरियाणा के खाद्यन्न का क्या सम्बंध है। अगर इससे कैंसर हो रहा है तो इसकी रोकथाम भी करनी होगी और इस हेतु अन्य कदम भी उठानें होंगे। क्यों कि किसी के स्वास्थय से खेलने का किसी को कोई अधिकार नहीं है।     -------------------------------------------//----------------------------- अब आप समझ जाइये कि पूरे देश मे सिर्फ पंजाब हरियाणा के ये आढ़तिये और किसान क्यों सड़क जाम करके जबरन MSP की मांग पर अड़े हुए हैं भटिंडा से बीकानेर एक ट्रेन चलती है जिसका नाम ही कैंसर एक्सप्रेस रख दिया गया है हालांकि ट्रेन का नाम कुछ और है लेकिन इस ट्रेन में भटिंडा से शुरू होकर पंजाब के कई शहरों के लोग बीकानेर इस्थित आचार्य

हिन्दू अपने धर्म से अलग नहीं हो सकता और भारत हिन्दू से अलग नहीं हो सकता – डॉ. मोहन भागवत जी

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  साभार : विश्व संवाद केन्द्र, भारत चित्र साभार : स्वदेश, ग्वालियर  भारत हिन्दू से अलग नहीं हो सकता – डॉ. मोहन भागवत जी भारत हिन्दू से अलग नहीं हो सकता – डॉ. मोहन भागवत जी Date - 28.11.2021 ग्वालियर.    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि राष्ट्रीय पत्रकारिता द्वारा ‘स्व’-जागरण का अभियान शुरू हो चुका है, दुनिया भारत की तरफ उम्मीद से देख रही है. हिन्दू अपने धर्म से अलग नहीं हो सकता और भारत हिन्दू से अलग नहीं हो सकता. हिन्दू है तो भारत है और हिन्दू नहीं तो भारत नहीं. अंग्रेजों ने हिन्दुओं को छोड़कर भारत का इतिहास लिखा. उसे कोई भी पढ़ता है तो उसे ऐसा लगता है कि हिन्दू कहीं था ही नहीं. ऐसा आभास होता है मानो, दस पन्द्रह पीढ़ी पूर्व हमारे कोई पूर्वज थे ही नहीं. जबकि तथ्य यह है कि हिन्दू नहीं है तो भारत भी नहीं है. सरसंघचालक शनिवार को ग्वालियर में स्वदेश के पचास वर्ष पूर्ण होने पर जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल बिहारी बाजपेयी सभागार में आयोजित ‘स्व’र्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राष्ट्रीय ‘स्व’यंस

त्रिपुरा निकाय चुनाव में कांग्रेस 0 और TMC -1

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- 28 November, 2021 त्रिपुरा में नगर निकाय चुनाव में 334 में से 329 सीटों पर भाजपा की विजय का परचम  लहराया है ।  त्रिपुरा निकाय चुनावों में भाजपा ने  लगभग क्लीन स्वीप कर दिया है । यहां कांग्रेस, TMC और वामपंथी दलों को जनता ने पूरी तरह नकार दिया है । टीएमसी को लाभ यह है कि वहां उन्हें 20 प्रतिशत के लगभग वोट मिला है । सबसे बुरी स्थिति में कांग्रेस है । साम्यवादियों ने कई दशक त्रिपुरा पर राज्य किया है किंतु उसे मात्र 4 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है । बंगाल में साम्यवादियों और कांग्रेस का वोटर भाजपा  में शिफ्ट हुआ है उसी तरह सिक्किम में साम्यवादी ओर कांग्रेसी वोटर BJP और TMC में शिफ्ट हो गया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की बंफर जीत के बाद बधाई देते हुए कहा यह सुशासन की जीत है । हालांकि ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट में बह गई थी, कोर्ट के दिशा निर्देशों में ही चुनाव हुये । इसलिये भाजपा की जीत के मायनें बढ़ गये हैं । वहां 81 प्रतिशत मतदान हुआ और भाजपा का परचम एक तरफा रहा, टी एम सी को मात्र 1 सीट मिली है । लेफ्ट को 3 सीटें मिलीं और कांग्रेस को 0 सीट मिली है । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक

भारतीय राजनीति के बिगड़े बोल Bigdebol

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इस आलेख में राजनेताओं के बिगड़े बोल दिये जा रहे हैं, आपकी ध्यान में कोई बिगड़ी शब्दावली हो तो टिप्पणी के माध्यम से अवश्य बताएं । --// 🎭 👉 *काँग्रेस पार्टी की कुछ राजनीति की भूली-बिसरी यादे जिनको भुला दिया आप सबने आज वो बाते फ़िर से हम आप सबको याद दिला रहै है ।* *१:- यूपी के लोग भिखारी होते हैं-* ( राहुल गाँधी कांग्रेस उपाध्यक्ष )  *२ :- पंजाब के 70% लोग नशेड़ी होते हैं-* ( राहुल गाँधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष ) *३ :- 90% बलात्कार तो लड़की की मर्जी से होते हैं–* धरम वीर गोयत ( हरयाणा कांग्रेस, कांग्रेस प्रवक्ता )  *४ :- बीवी पुरानी हों जाये तो मजा नहीं आता–* ( श्रीप्रकाश जैसवाल, कोयला मंत्री कांग्रेस )  *५ :- महंगाई अच्छी है, ये तो ऐसे ही बढ़ेगी–* ( पी चिदंबरम कांग्रेस )  *६ :- बलात्कार तो हर जगह होता है–* ( रेणुका चौधरी, कांग्रेस )  *७ :- सोनिया जी कहेंगी तो झाड़ू भी लगाउँग--* ( भक्त चरणदास, कांग्रेस )  *८ :- पाकिस्तान के हिंदुओं को अपने ऊपर हों रहे अत्याचार के सबूत देने होंगे–* ( सुशील शिंदे, कांग्रेस )  *९ :- मैं सोनिया जी के लिए जान तक दे दूँगा–* ( सलमान खुर्शीद, कांग्रेस )  *१० :- बोफोर्

Coronavirus कोरोना अभी गया नहीं है, सावधानी बरतना हम सबकी जिम्मेदारी-पीएम मोदी PM Modi

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    भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज रविवार दिनांक 28.11.2021 को “मन की बात” कार्यक्रम के 83 वें एपिसोड को सम्बोधित करते हुये सभी देशवासियों को सजग किया, सावधान किया कि कोरोना अभी गया नहीं है। सावधानी रखें अपना बचाव करते रहें। कोरोना अभी गया नहीं है, सावधानी बरतना हम सबकी जिम्मेदारी-पीएम मोदी आप इस साल को कैसे विदा कर रहे हैं, नए साल में क्या कुछ करने वाले हैं, ये भी जरुर बताइये और हां ये कभी मत भूलना कोरोना अभी गया नहीं है। सावधानी बरतना हम सब की जिम्मेदारी है-पीएम मोदी ----- * लंदन। दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले सामने आए कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट अब दुनिया भर में तेजी से फैलता दिखाई दे रहा है। इटली और जर्मनी में ओमीक्रोन के मामलों की पुष्टि हुई है। दुनियाभर में हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से आए लोगों की जांच की रही है।   * बेंगलुरु। कोविड के नए स्वरूप 'ओमीक्रोन' के बड़े पैमाने पर फैलने की आशंका के बीच कर्नाटक में दक्षिण अफ्रीका के 2 नागरिक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और उनके नमूनों को स्वरूप के बारे में पता लगाने के उद्देश्य से आगे की जांच के लिए भेज दिया गया है

अद्वितीय साहस : एशिया की पहली महिला कमर्शियल पायलट कैप्टन इन्द्राणी सिंह Captain Indrani Singh

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  एशिया की पहली महिला कमर्शियल पायलट कैप्टन इन्द्राणी सिंह, सॉफ्टवेयर की मदद से लाखों बच्चों को शिक्षा दे रही हैं ! एशिया की पहली महिला कमर्शियल पायलट कैप्टन इन्द्राणी सिंह 28 नवंबर, 1996 – कैप्टन इन्द्राणी सिंह एयरबस ए-300 विमान को कमांड करने वाली पहली महिला बनी। कैप्टन इंद्राणी सिंह को न केवल एशिया की पहली महिला कमांडर के रूप में जाना जाता है, बल्कि वह वंचित बच्चों के लिए किए जा रहे कल्याण कार्यों के लिए भी जानी जाती हैं। देश की पहली महिला कमर्शियल पायलट कैप्टन इंद्राणी सिंह किसी पहचान की मोहताज नहीं है। लेकिन मौजूदा समय में वो जो काम कर रही हैं वो हर किसी के बस में भी नहीं। वो अशिक्षित बच्चों को पढ़ाने का काम कर रही हैं। यह वो बच्चे हैं जो पढ़ार्इ छोड़कर मजदूरी आैर अन्य कामों में जुट जाते हैं। 1996 में, कैप्टन सिंह ने लिटरेसी इंडिया की शुरुआत की, एक गैर सरकारी संगठन जिसने आर्थिक रूप से गरीबों को शिक्षा और विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों के साथ एक स्थायी आजीविका प्रदान करने के लिए सशक्त बनाया। सिंह कहते हैं, यह मेरा निजी मिशन था. हजारों गरीब मजदूर बच्चों की पढ़ाई में मदद कर र

मानव कल्याण ही धर्म का मुख्य लक्ष्य है

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🍃🌻🍃🌻🍃🌻🌻🌻🍃 *🚩🌹मानव कल्याण ही धर्म का अंतिम लक्ष्य* *🚩🌹कहा गया है कि धर्म एव हतो हंति धर्मो रक्षति रक्षितः अर्थात‍् मरा हुआ धर्म मारने वाले का नाश करता है और रक्षित किया हुआ धर्म अपने रक्षक की रक्षा करता है। सामान्य जीवन में भी यदि कोई किसी व्यक्ति का वध कर देता है तो मृतक पक्ष के लोग उसका वध करने के लिए पागल हो उठते हैं और कई बार परस्पर प्रतिशोध लेने का ये सिलसिला कई पीढ़ियों तक चलता रहता है। यदि हम किसी व्यक्ति की सहायता करते हैं या किसी के जीवन की रक्षा करते हैं तो वो भी हमारी सहायता करने अथवा हमारे जीवन की रक्षा करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। धर्म की भूमिका भी बिल्कुल ऐसी ही होती है। धर्म की रक्षा करने अथवा एक बार स्वयं में धर्म स्थापित करने के उपरांत धर्म सदैव हमारी रक्षा करता रहता है।* *🚩इसी प्रकार से यदि हम सुरक्षा के नियमों का पालन करते हैं तो वे नियम हर हाल में हमारी सुरक्षा करने में सक्षम होते हैं लेकिन यदि हम सुरक्षा के नियमों को तोड़ते हैं तो हमारा जीवन संकट में पड़ जाता है। कई बार हम देखते हैं कि किसी नदी अथवा झील के किनारे बोर्ड लगा होता है कि यहां नहाना अथवा प

लव जिहाद मतलब - वन वे ट्रैफ़िक धर्मपरिवर्तन

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इस्लाम वन वे ट्रैफ़िक  इस्लाम में प्रेम मतलब धर्मपरिवर्तन ! मंसूर अली खान पटौदी से शादी करने से पहले शर्मिला टैगोर ने इस्लाम कबूल किया था, जिसके बाद शर्मिला का नाम रखा गया आएशा बेगम! प्यार सच्चा था तो इस्लाम कबूल करवाने की जिद किस लिए ? और अगर इस्लाम कुबूल कर ही लिया है तो खुद को शर्मिला टैगोर कहने की जिद किसलिए ? अक्सर हिन्दुओं और बाकी विश्व को मूर्ख बनाने के लिये मुस्लिम और सेकुलर विद्वान(?) यह प्रचार करते हैं कि कम पढ़े-लिखे तबके में ही इस प्रकार की तलाक की घटनाएं होती हैं, जबकि हकीकत कुछ और ही है। क्या इमरान खान या नवाब पटौदी कम पढ़े-लिखे हैं? तो फ़िर नवाब पटौदी, रविन्द्रनाथ टैगोर के परिवार से रिश्ता रखने वाली शर्मिला से शादी करने के लिये इस्लाम छोड़कर हिन्दू क्यों नहीं बन गये? सैफ़ अली खान को अमृता सिंह से इतना ही प्यार था तो सैफ़ हिन्दू क्यों नहीं बन गया? अब अमृता सिंह को बेसहारा छोड़कर करीना कपूर से विवाह किया और बेटे का नाम रखा तैमूर. इससे अनुमान लगा ले इनका आदर्श वही खुनी तैमूर लंग है जिसने भारत में कत्लेआम मचाया था. आँख बंद कर लेने से रात नहीं होती- प्रेम अन्धा होता है. सभी धर्म समा

कोरोना महामारी : सावधानी हटी और दुर्घटना घटी

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सावधान कोरोना का नया वेरिएंट फिर सक्रिय हो गया है कोरोना नाम की महामारी नें अभी भी खतरे के संकेत दिए हुए हैं । पूरी दुनिया में इससे नई दहशत फैल गई है । नित्य नए नए रूप बदलकर ये बार बार सामने आ रही है । जब से स्कूल खुले हैं , त्यौहार और शादी ब्याह का सीजन आया है , तब से कोरोना के नए केसों में धीरे धीरे मगर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है ।  हमारे महान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी लगातार लगातार सावधान कर रहे हैं। मगर हमनें सावधानी रखना छोड़ ही दिया है । बचाव के साधन भी हमने लगभग छोड़ दिए हैं सामान्य तौर पर कोरोना के संदर्भ में जो सावधानियां रखनी थी । उन किसी भी सावधानी को हम अब नहीं रखते हैं । हम बिल्कुल निश्चिंत हो चुके हैं कि महामारी नाम की कोई चीज नहीं है , किंतु यह गलत है । कोरोना का नया संक्रमण फिर से सामने आ रहा है इसलिए हमको सावधानी रखनी ही चाहिए । आशा है कि कोरोना के नए संक्रमण से बचाव रखने के लिए सभी नागरिक अपने अपने स्तर पर सावधानी जरूर रखेंगे । सावधानी हटी और दुर्घटना घटी –----//----- दुनिया भर में अब तक 26 मामले  कोरोना के नए वैरिएंट 'बी.1.1.529' के अबतक के 26 मामले साम

विभाजन की वेदना विभाजन के निरस्त होने से ही मिटेगी – डॉ. मोहन भागवत Dr Mohan Bhgawat

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  साभार - विश्व संवाद केन्द्र भारत  विभाजन की वेदना विभाजन के निरस्त होने से ही मिटेगी – डॉ. मोहन भागवत ‘विभाजनकालीन भारत के साक्षी’ पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम विभाजन की वेदना विभाजन के निरस्त होने से ही मिटेगी  – डॉ. मोहन भागवत नोएडा. भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मन्दिर में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचलाक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि मातृभूमि का विभाजन न मिटने वाली वेदना है और यह वेदना तभी मिटेगी, जब विभाजन निरस्त होगा. सरसंघचालक जी ने कृष्णानन्द सागर जी की पुस्तक ‘विभाजनकालीन भारत के साक्षी’ का विमोचन किया. उन्होंने कहा कि इतिहास सभी को जानना चाहिए. “पूर्व में हुईं गलतियों से दुखी होने की नहीं, अपितु सबक लेने की आवश्यकता है. गलतियों को छिपाने से उनसे मुक्ति नहीं मिलेगी.” “विभाजन से न तो भारत सुखी है और न वे सुखी हैं, जिन्होंने इस्लाम के नाम पर विभाजन किया.” उन्होंने कहा कि इसे तब से समझना होगा, जब भारत पर इस्लाम का आक्रमण हुआ और गुरु नानक देव जी ने सावधान करते हुए कहा था – यह आक्रमण देश और समाज पर हैं, किसी एक पूजा पद्धति पर नहीं

भारतवर्ष को प्राचीन ऋषियों ने 'हिन्दुस्थान' नाम दिया है Hindusthan

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ऋषियों ने इसलिए दिया था 'हिन्दुस्थान' नाम *********************************************** भारत जिसे हम हिंदुस्तान, इंडिया, सोने की चिड़िया, भारतवर्ष ऐसे ही अनेकानेक नामों से जानते हैं। आदिकाल में विदेशी लोग भारत को उसके उत्तर-पश्चिम में बहने वाले महानदी सिंधु के नाम से जानते थे, जिसे ईरानियो ने हिंदू और यूनानियो ने शब्दों का लोप करके 'इण्डस' कहा। भारतवर्ष को प्राचीन ऋषियों ने 'हिन्दुस्थान' नाम दिया था जिसका अपभ्रंश 'हिन्दुस्तान' है। ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ 'बृहस्पति आगम' के अनुसार हिमालयात् समारभ्य यावत् इन्दु सरोवरम्। तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते॥ यानि हिमालय से प्रारम्भ होकर इन्दु सरोवर (हिन्द महासागर) तक यह देव निर्मित देश हिन्दुस्थान कहलाता है। भारत में रहने वाले जिसे आज लोग हिंदू नाम से ही जानते आए हैं। भारतीय समाज, संस्कृति, जाति और राष्ट्र की पहचान के लिये हिंदू शब्द लाखों वर्षों से संसार में प्रयोग किया जा रहा है विदेशियों नेअपनी उच्चारण सुविधा के लिये 'सिंधु' का हिंदू या 'इण्डस' से इ

महबूबा मुफ्ती, भारत में नेहरू नहीं;अब मोदी सरकार है - अरविन्द सिसौदिया

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            कभी तालिवान, कभी आतंकवाद एवं कभी पाकिस्तान और अब लगभग कांग्रेस की ही भाषा का इस्तेमाल कर रहीं महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि  जम्मू कश्मीर के लोगों ने ’’हमारी किस्मत का फैसला महात्मा गांधी के भारत के साथ किया था, जिसने हमें अनुच्छेद 370 दिया, हमारा अपना संविधान और ध्वज दिया’’ तथा (नाथूराम) गोडसे के साथ नहीं रह सकतें।“ वे संभवतः भूल रहीं है लाखों वर्ष पूर्व से ही हिन्द भूमि जम्मू और कश्मीर है, 1947 में भी भारतीय सेना के शौर्य एवं उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की दृढता और महाराजा हरी सिंह जी के विलय के निर्णय से वह भारत में पूर्ण रूप से सम्मिलित हुआ है।  तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तो सखा प्रेम में इसे विषेश दर्जा देकर संर्घषक्षेत्र में बदल दिया था। जिसकी अशांती आज तक भी यह भुगत रहा है। उस गलती को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने सुधार लिया है। महबूबा मुफ्ती को यह याद रखना चाहिये कि अब भारत में नेहरू सरकार नहीं है । अब भारत में मोदी सरकार है।   ............    जम्मू और कश्मीर हिंदुत्व की ही बपौती https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2016/11/blog-post

चन्द्रशेखर आजाद की माँ की सुध नहीं ली थी कांग्रेस सरकार नें

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जब चंद्रशेखर आजाद की शव यात्रा निकली... देश की जनता नंगे पैर... नंगे सिर चल रही थी... लेकिन कांग्रेसियों ने शव यात्रा में शामिल होने से इनकार कर दिया था    - एक अंग्रेज सुप्रीटेंडेंट ने चंद्रशेखर आजाद की मौत के बाद उनकी वीरता की प्रशंसा करते हुए कहा था कि चंद्रशेखर आजाद पर तीन तरफ से गोलियां चल रही थीं... लेकिन इसके बाद भी उन्होंने जिस तरह मोर्चा संभाला और 5 अंग्रेज सिपाहियों को हताहत कर दिया था... वो अत्यंत उच्च कोटि के निशाने बाज थे... अगर मुठभेड़ की शुरुआत में ही चंद्रशेखर आजाद की जांघ में गोली नहीं लगी होती तो शायद एक भी अंग्रेज सिपाही उस दिन जिंदा नहीं बचता     -शत्रु भी जिसके शौर्य की प्रशंसा कर रहे थे... मातृभूमि के प्रति जिसके समर्पण की चर्चा पूरे देश में होती थी.. जिसकी बहादुरी के किस्से हिंदुस्तान के बच्चे-बच्चे की जुबान पर थे... उन महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की शव यात्रा में शामिल होने से इलाहाबाद के कांग्रेसियों ने ही इनकार कर दिया था     -उस समय के इलाहाबाद... यानी आज का प्रयागराज... इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में जिस जामुन के पेड़ के पीछे से चंद्रशेखर आजाद निशाना लगा

नहीं मिला राजस्थान को पूर्णकालिक नया गृहमंत्री, कानून व्यवस्था में सुधार के आसार नहीं - अरविन्द सिसोदिया

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भाजपा राजस्थान के प्रभारी राष्ट्रीय महामंत्री राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने कोटा प्रवास के दौरान राजस्थान की गहलोत सरकार के नए मंत्रिमंडल को लेकर के उपेक्षापूर्ण कटाक्ष किया था कि " राजस्थान को नया गृहमंत्री मिल जाएगा और राजस्थान से जंगलराज समाप्त हो जाएगा । " किंतु अब राजस्थान के नए मंत्रिमंडल के विभागों का बंटवारा सामने आगया है, एक बार फिर गृहमत्री के रूप में अशोक गहलोत ने स्वयं को ही रखा है अर्थात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही गृह मंत्रालय रहा है । इस प्रकार राजस्थान में कानून व्यवस्था में सुधार की बहुत ज्यादा उम्मीद,अपेक्षा नहीं की जा सकती ।    एक मुख्यमंत्री के पास बहुत सारे मंत्रालयों के साथ साथ पूरे प्रदेश की अपेक्षाओं और पार्टी की आवश्यकताओं का भी अतिरिक्त भार रहता है । इस कारण से उस मन्त्रिमण्डल को श्रेष्ठ माना जाता है , जिसमें कम से कम मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास रहें ।      ताकि वह अपना समय लोककल्याणकारी योजनाओं व्यवस्थाओं के चिंतन मंथन अध्ययन में लगा सके । प्रशासनिक दक्षता और प्रतिबद्धताओं को समय दे सकें ।  किन्तु मुख्यमंत्री गहलोत गत तीन सालों से अपनी ही पार्टी

अंग्रेज कलेक्टर ए ओ ह्यूम ने कांग्रेस की स्थापना ब्रिटेन भक्त भारत बनाने के लिए की थी

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क्या आपने कभी इतिहास में यह पढा है कि कांग्रेस की स्थापना क्यों की गई ??  और क्यों एक निर्दयी अंग्रेज कलेक्टर ए ओ ह्यूम ने कांग्रेस की स्थापना किया ?  आखिर एक अंग्रेज कलेक्टर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना क्यों करेगा जो भारत की आजादी के लिए लड़ेगी जबकि वह अंग्रेज कलेक्टर खुद एक बेहद जुल्मी अधिकारी था  । बात 1857 की क्रांति के समय की है । उस समय इटावा का कलेक्टर ए ओ ह्यूम था । इटावा के क्रांतिकारी इटावा के पास जसवंतनगर में मोर्चा ले रहे थे । चारों ओर क्रांतिकारियों की प्रबलता थी। ' हर हर महादेव ' की गूंज और ' भारत माता की जय ' के नारे जब अंग्रेजों के कान में पड़ते थे तो उनके पैरों तले की धरती खिसक जाती थी ।  जब इन क्रांतिकारियों ने इटावा में अपनी मोर्चाबंदी की तो ह्यूम अपने कुछ अंग्रेज सिपाहियों को साथ लेकर इन क्रांतिकारियों का दमन करने के लिए वहां पहुंचा। कांग्रेस के संस्थापक के रूप में पूजा जाने वाला यह अंग्रेज कलेक्टर जब वहां पहुंचा तो उसने स्वयं भी हमारे कई क्रांतिकारियों की हत्या कर दी थी। हमारे सैनिक क्रांतिकारी एक मंदिर में अपना मोर्चा लगाए हुए थे। ह्यूम अपन