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मार्च, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विक्रम संवत् 2079 के राजा शनिदेव होंगे

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  हिंदू नववर्ष Hindu New Year 2079 विक्रम संवत् 2079  Vikram Samvat 2079 चैत्र का महीना हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार इस नव संवत्सर 2079 का नाम नल होगा जिसके स्वामी शुक्रदेव होते हैं। इस नवसंवत्सर के राजा शनि और मंत्री गुरु होंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष आरंभ होता है। इस बार ये तिथि 2 अप्रैल 2022 शनिवार को है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार विक्रम संवत् 2079 आरंभ होगा, जिसका नाम नल रहेगा। इस बार हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2029 का आरंभ शनिवार (2 अप्रैल 2022) से शुरू हो रहा है। इसलिए इस वर्ष के राजा शनिदेव रहेंगे, वहीं मंत्री पद देवगुरु बृहस्पति के पास रहेगा। मंत्रिमंडल में अन्य सस्येश सूर्य, मेधेश बुध, दुर्गेश बुध, धनेश शनि, रसेश मंगल, धान्येश शुक्र, निरसेश शनि और फलेश मंगल होंगे। इन सभी ग्रहों का शुभ-अशुभ प्रभाव देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा। इस बार ग्रहों के मंत्रिमंडल में चार पद सौम्य ग्रहों को छह पद क्रूर ग्रहों को प्राप्त हुए हैं।   हलांकी शनी देव न्याय के देव हैं मगर उनकी गिनती दण्ड विधान के

भाजपा का इतिहास एवं विकास BJP Foundation Day 6 April

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History and Development of BJP  भाजपा का इतिहास एवं विकास भाजपा स्थापना दिवस 6 अप्रैल BJP Foundation Day 6 April भाजपा का इतिहास एवं विकास History and Development of BJP   भारतीय जनता पार्टी एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है जो भारत को एक सुदृढ़, समृद्ध एवं शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प है। भारत को एक समर्थ राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ भाजपा का गठन 6 अप्रैल, 1980 को नई दिल्ली के कोटला मैदान में आयोजित एक कार्यकर्ता अधिवेशन में किया गया, जिसके प्रथम अध्यक्ष श्री अटल बिहारी वाजपेयी निर्वाचित हुए। अपनी स्थापना के साथ ही भाजपा ने अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं लोकहित के विषयों पर मुखर रहते हुए भारतीय लोकतंत्र में अपनी सशक्त भागीदारी दर्ज की तथा भारतीय राजनीति को नए आयाम दिए। कांग्रेस की एकाधिकार वाली एक-दलीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था के रूप में जानी जाने वाली भारतीय राजनीति को भारतीय जनता पार्टी ने दो ध्रुवीय बनाकर एक गठबंधन-युग के सूत्रपात में अग्रणी भूमिका निभाई है। देश में विकास आधारित राजनीति की नींव भी भाजपा ने विभिन्न राज्यों म

hindu panchang हिंदू पंचांग और नववर्ष का महत्व

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      *🚩 हिंदू पंचांग के महत्व को समझिए 🚩* जब बच्चा पैदा होता है तो पंडित जी द्वारा उसका नामकरण कैलेंडर से नहीं  हिन्दू पंचांग से किया जाता है । 😊   🚩 ग्रहदोष भी हिन्दू पंचाग से देखे जाते हैं और विवाह,जन्मकुंडली आदि का मिलान भी हिन्दू पंचाग से ही होता है ।    सभी व्रत, त्यौहार हिन्दू पंचाग से आते हैं।   🚩   मरने के बाद तेरहवाँ भी हिन्दू पंचाग^ से ही देखा जाता है।    मकान का उद्घाटन, जन्मपत्री, स्वास्थ्य रोग और अन्य सभी समस्याओं का निराकरण भी  हिन्दू कैलेंडर {पंचाग} से ही होता है। 🚩 आप जानते हैं .... कि रामनवमी, जन्माष्टमी, होली, दीपावली, राखी, भाई दूज, करवा चौथ, एकादशी, शिवरात्री, नवरात्रि, दुर्गापूजा सभी विक्रमी संवत कैलेंडर से ही निर्धारित होते हैं  |  इंग्लिश कैलेंडर में इनका कोई स्थान नहीं होता। 🚩 *सोचिये! आपके इस सनातन धर्म के जीवन में इंग्लिश नववर्ष या कैलेंडर का स्थान है कहाँ ? 🚩 भारतीय संस्कृति का नव संवत्  ही नया साल है.... जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की  दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तियां, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया

PM Modi मोदी जी की लोकप्रियता के 20 कारण

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रशंसक होने और उनकी राजनीतिक शक्ति और इच्छा के अलावा उनका पक्ष लेने के कई कारण हैं । जैसे :-   1. सबसे पहले तो यह नेता कभी भी फटे-पुराने कपड़ों, बिखरे बालों या गन्दी स्थिति में नहीं दिखेगा!  2. नरेंद्र मोदी की बॉडी लैंग्वेज बहुत प्रभावशाली लगती है। उसकी चाल मर्दानगी से भरी है।  3. वह भगवा वस्त्र में एक साधु की तरह दिखता है, एक सैन्य पोशाक में एक सैनिक जैसा दिखता है, साधारण रोजमर्रा के कपड़ों में एक दिव्य राजकुमार जैसा दिखता है।  4. देशभक्ति उनकी सांस है और अनुशासन उनका ब्लड ग्रुप है।  5. भले ही वह दुनिया के किसी भी महान शख्सियत के साथ खड़े हों, लेकिन उनकी प्रतिभा मुट्ठी भर लगती है । अन्य प्रतिभाएँ बौनी लगती हैं।  6. हमने अतीत में ऐसा कोई नेता नहीं देखा जिसने चुनाव से पहले इतने असंभव वादों को पूरा किया हो।  7. देश के शीर्ष पर होने के बावजूद वह अपने परिवार पर बिल्कुल भी विशेष उपकार नहीं करते हैं। उसके भाई-बहन उसके आसपास कभी नहीं देखे जाते। बिल्कुल नहीं।  8 वह कभी एक भी छुट्टी नहीं लेता।  9. वह कभी बीमार नहीं होता।  10. वह जानता है कि कितना कहना है और

Suicide Note Dr. Archana Sharma of Dausa महिला डॉक्टर पर धारा 302 का केस दर्ज करनें वाला ही आत्महत्या का असली अपराधी है - अरविन्द सिसोदिया

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 The person who filed a case of section 302 on the woman doctor is the real culprit of suicide - Arvind Sisodia   महिला डॉक्टर पर धारा 302 का केस दर्ज करनें वाला ही आत्महत्या का असली अपराधी है - अरविन्द सिसोदिया कोई डॉक्टर किसी मरीज की हत्या कर देगा , यह बात भारत में और विशेषकर हिन्दू जीवन पद्यती में न तो हो सकती है। न ही कल्पना की जा सकती है। मानवीय भूल, गलत समझ या कोई त्रुटी रही हो तो उसे 302 का जामा किसी भी तरह से नहीं पहनाया जा सकता।     राजनैतिक क्षेत्र में धरना प्रदर्शन दबाव जैसे कार्यक्रम वोट बैंक की राजनीति के कारणं चलते रहतें हैं। कानून व्यवस्था को बनाये रखनें के लिये भी इनकी जरूरत होती है। मगर कार्यवाही विवेकपूर्ण ही होनी चाहिये। विशेषकर तब जब मंत्रालय स्वयं मुख्यमंत्री के पास हो ।    पुलिस तो अच्छी तरह से जानती है कि धारा 302 क्या है। इसे किसी को सन्तुष्ट करनें या किसी के दबाव में नहीं लगाया जा सकता है। इसमें वास्तविक तथ्य होना चाहिये। कोई चाकू , झुरी से मर्डर नहीं किया गया था,कोई गोली थोडे ही मारी गई थी। कोई शत्रुता थोडे ही थी।   रिपोर्ट भले ही धारा 302 में दर्ज की हो मगर प

बंगाल में भाजपा को देवी दुर्गा का ही रूप धारण करना होगा - अरविन्द सिसौदिया

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बंगाल में सत्य और न्याय की रक्षा के लिये , भाजपा को देवी दुर्गा का ही रूप धारण करना होगा - अरविन्द सिसौदिया To protect truth and justice in Bengal,BJP will have to assume the form of Goddess Durga - Arvind Sisodia बंगाल यू भी वीर भूमि हैं, स्वतंत्रता के दौरान क्रांतिकारियों का सबसे बडा केन्द्र ही बंगाल था। वहां का जनमत गर्मी पशंद है अर्थात उसे मुर्दा लोग पशंद नहीं हैं। यह वीरता को पशंद करने वाली भूमि है। इसलिये यहां की राजनिती में कुछ हद तक हिंसा का समावेश होता ही है। यह साम्यवादी शासन में भी देखनें को मिला था । यही फिर उससे छीननें में ममता बनर्जी ने किया था। ममता बनर्जी हिंसा की दम पर ही विपक्ष को समाप्त करना चाहती है। जो कि इससे पहले साम्यवादियों ने भी किया था। उनका एक छत्र शासन हिंसा की दम पर ही था और वहीं ममता ने किया हुआ है। जो आवाज उठाये उसे बंगाल से बाहर करदो की नीति पर वे चल रहीं है।  वीरभूमि नरसंहार का मुद्दा बंगाल की विधानसभा में ही तो उठेगा । भाजपा ने विपक्ष की सही भूमिका निभाई। भाजपा को भय त्यागना ही होगा। उसे स्वयं भी देवी दुर्गा की तरह चण्डी स्वरूप को ही विधानसभा में धारण

Happy Hindu New Year सुस्वागतम हिन्दू नववर्ष चैत्र शुक्ल एकम 2 अप्रैल 2022

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 सुस्वागतम हिन्दू नववर्ष चैत्र शुक्ल एकम 2 अप्रैल 2022 Happy Hindu New Year Chaitra Shukla Ekam  2nd April 2022   *मेरा पर्व मेरा गर्व 🚩 * स्वागतम् नव वर्ष..* 🚩 1. घर के आंगन को रंग पोत कर साफ करिये, आंगन में तुलसी का पौधा नहीं है तो अभी लगायें। 2. घर की छत या सबसे उपर के हिस्से पर एक मजबूत पोल या पाईप गडवा दीजिए, नये वर्ष पर केशरीया ध्वज जो लगाना है। 3. घर के बाहर लगाने के लिए ऊँ व स्वास्तिक के अच्छे स्टिकर इत्यादि ले आईये। 4. घर के आसपास नीम का पेड ढूंढ कर रखिए। नव वर्ष तक उसमें नई कोंपलें आ जायेंगी। नव वर्ष के दिन सुबह सुबह वे कोपलें मिश्री के साथ स्वयं भी खानी है और ओरो को भी बांटनी है। 5. अच्छे शुभकामना संदेश ढूंढ कर रखिये, मित्रों को जो भेजने है। क्या कहा ? कार्ड भेजेगें । हां तो उसकी डिजाइन तैयार करने का समय आ गया है। सम्राट विक्रमादित्य, डॉ हेडगेवार आदि महापुरुषों के अच्छे चित्र ढूंढना प्रारंभ कर दीजिये। शुभकामनाएँ पोस्ट कार्ड पर भी भेजी जा सकती हैं। अपनापन लगता है। 6. नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आपके गाँव, शहर, मोहल्ले, प्रतिष्ठान में सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन की योजन

धारण किया हुआ कर्त्तव्यपथ ही धर्म है Dharma is the path of duty

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    धर्म ही हमारी पहचान हे  🌷 जिस प्रकार प्राणों के बिना मनुष्य जीवित नहीं रह सकता, उसी प्रकार धर्म (कर्त्तव्यपथ / नैतिक आचरण) के बिना मनुष्य का भी कोई महत्त्व नहीं।      धर्म आचरण की वस्तु है। धर्म केवल प्रवचन और वाद-विवाद का विषय नहीं।केवल तर्क-वितर्क में उलझे रहना धार्मिक होने का लक्षण नहीं है।धार्मिक होने का प्रमाण यही है कि व्यक्ति का धर्म पर कितना आचरण है। व्यक्ति जितना-जितना धर्म पर आचरण करता है उतना-उतना ही वह धार्मिक बनता है।'धृ धारणे' से धर्म शब्द बनता है, जिसका अर्थ है धारण करना। धर्म किसी संगठित लोगों के समुह का नाम नही न ही अभिमान व गर्व करने की वस्तु है ।        धर्म मनुष्य में शिवत्व /पवित्रता की स्थापना करना चाहता है।वह मनुष्य को पशुता के धरातल से ऊपर उठाकर मानवता की और ले जाता है और मानवता के ऊपर उठाकर उसे देवत्व की और ले-जाता है।यदि कोई व्यक्ति धार्मिक होने का दावा करता है और मनुष्यता और देवत्व उसके जीवन में नहीं आ पाते, तो समझिए कि वह धर्म का आचरण न करके धर्म का आडम्बर कर रहा है।     मनु महाराज के अनुसार धर्म की महिमा     वैदिक साहित्य में धर्म की बहुत महिमा

महाबलिदानी राजा मोरध्वज : जब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन का अभिमान तोड़ा

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  महाबलिदानी राजा मोरध्वज : जब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन का अभिमान तोड़ा Mahabalidani Raja Mordhwaj: When Lord Krishna broke Arjuna's pride   *||"राजा  मोरध्वज की कथा"||* ************************ महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद अर्जुन को वहम हो गया कि वो श्री कृष्ण के सर्व श्रेष्ठ भक्त है,  अर्जुन सोचते हैं कि कन्हैया ने मेरा रथ चलाया, मेरे साथ रहे.. इसलिए मैं भगवान का सर्व श्रेष्ठ भक्त हूँ।  अर्जुन को क्या पता था कि वो केवल भगवान के धर्म की स्थापना का जरिया था। फिर भगवान ने उसका गर्व तोड़ने के लिए उसे एक परीक्षा का गवाह बनाने के लिए.. अपनें साथ ले गए। श्री कृष्ण और अर्जुन ने जोगियों का वेश बनाया और वन से एक शेर पकड़ा और पहुँच जाते है, भगवान विष्णु के परम-भक्त राजा मोरध्वज के द्वार पर।  राजा मोरध्वज बहुत ही दानी और आवभगत वाले थे, अपने दर पर आये किसी को भी वो खाली हाथ और बिना भोज के जाने नहीं देते थे। दो साधु एक सिंह के साथ दर पर आये है, ये जान कर राजा नंगे पांव दौड़ के द्वार पर गए और भगवान के तेज से नतमस्तक हो आतिथ्य स्वीकार करने के लिए कहा।  भगवान कृष्ण ने मोरध्वज से कहा कि

प्रभावी सिक्यूरिटी सिस्टम के साथ कश्मीर घाटी में ही बसाये जायें कश्मीरी पण्डितों को

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प्रभावी सिक्यूरिटी सिस्टम के साथ कश्मीर घाटी में ही बसाये जायें कश्मीरी पण्डितों को Kashmiri Pandits should be settled in Kashmir Valley with effective security system  - अरविन्द सिसौदिया   Arvind Sisodia  द कश्मीर फाईल्स के द्वारा लगभग 30 साल पहले घटी बेहद ही खौफनाक एवं लोकतंत्र एवं किसी भी शासन व्यवस्था पर कलंक कही जानें वाली घटना पुनः चर्चा में आई है। निश्चित रूप से इस्लामिक आतंक के द्वारा कश्मीर घाटी में इतना भय उत्पन्न किया गया है कि वहां वापस जानें का कोई साहस नहीं जुटा पायेगा। क्यों कि कश्मीर घाटी की जनसंख्या एवं राजनैतिक दलों ने भी कश्मीरी पण्डितों के निष्काशन में महती भूमिका निभाई है। जिसे कहने से सभी सरकारें बचती रहीं है। सवाल यह है कि अब उन्हे न्याय किस तरह से दिया जाये , इस विषय पर गंभीरता से विचार होना चाहिये ।  1- इस घटना क्रम के लिये पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद के साथ साथ जम्मू और कश्मीर के राजनैतिक दल भी जिम्मेवार हैं । विशेषकर अब्दुल्लाह परिवार तो लगातार ही पाकिस्तान परस्ती करता रहा है। इसके लिये उन्हे जेल में भी डाला गया है। 1990 अचानक ही नहीं घटा था, इसकी पूर्व तैयारी