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अप्रैल, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अष्ट्रावक्र गीता के रचयिता , प्रकाण्ड विद्वान अष्टावक्र Ashtravkr

अष्ट्रावक्र गीता के रचयिता , प्रकाण्ड विद्वान अष्टावक्र Ashtravkr *अष्टावक्र इतने प्रकाण्ड विद्वान थे कि माँ के गर्भ से ही अपने पिताजी "कहोड़" को अशुद्ध वेद पाठ करने के लिये टोंक दिए जिससे क्रुद्ध होकर पिताजी ने आठ जगह से टेड़ें हो जाने का श्राप दे दिया था।*   *पौराणिक कथा...✍🏻* *अष्टावक्र अद्वैत वेदान्त के महत्वपूर्ण ग्रन्थ अष्टावक्र गीता के ऋषि हैं। अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का महत्वपूर्ण ग्रन्थ है।* *'अष्टावक्र' का अर्थ 'आठ जगह से टेढा' होता है। कहते हैं कि अष्टावक्र का शरीर आठ स्थानों से टेढ़ा था।* *उद्दालक ऋषि के पुत्र का नाम श्‍वेतकेतु था। उद्दालक ऋषि के एक शिष्य का नाम कहोड़ था। कहोड़ को सम्पूर्ण वेदों का ज्ञान देने के पश्‍चात् उद्दालक ऋषि ने उसके साथ अपनी रूपवती एवं गुणवती कन्या सुजाता का विवाह कर दिया। कुछ दिनों के बाद सुजाता गर्भवती हो गई। एक दिन कहोड़ वेदपाठ कर रहे थे तो गर्भ के भीतर से बालक ने कहा कि पिताजी! आप वेद का गलत पाठ कर रहे हैं। यह सुनते ही कहोड़ क्रोधित होकर बोले कि तू गर्भ से ही मेरा अपमान कर रहा है इसलिये तू आठ स्थानों से वक्र (टेढ़ा

श्रीकृष्णजी द्वारा घोषणा "हां में भगवान हूं "

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                   श्रीकृष्णजी द्वारा घोषणा "हां में भगवान हूं " Declaration by Shri Krishnaji " Yes, I am God "           गीता में भगवान श्रीकृष्ण का उदघोष 'हां में ही भगवान हूं ' Bhagavad Gita The Song of God Commentary by Swami Mukundananda https://www.holy-bhagavad-gita.org/chapter/11/hi   Bhagavad Gita The Song of God Commentary by Swami Mukundananda भगवान श्रीकृष्ण ही हैं जो स्वयं यह कहते हैं कि में ही भगवान हूं और अपना विराट स्वरूप के दर्शन करवाते है।      विश्वरूप अथवा विराट रूप भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण के सार्वभौमिक स्वरूप से सम्बंधित है। इस स्वरूप में भगवान श्रीकृष्ण जी भगवद्गीता के अध्याय ११ पर हैं। जिसमें भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को कुरुक्षेत्र युद्ध में विश्वरूप दर्शन कराते हैं। यह संदर्भ वेदव्यास कृत महाभारत ग्रंथ में है। अध्याय ग्यारह : विश्वरूप दर्शन योग भगवान के विराट रूप के दर्शन का योग पिछले अध्याय में श्रीकृष्ण ने अर्जुन की भक्ति को पोषित और प्रगाढ करने के लिए अपनी दिव्य विभूतियों का वर्णन किया था। अध्याय के अन्त में वे स्पष

हिन्दुस्तान को मुगलिस्तान बनानें के सभी षडयंत्र विफल करनें होंगे - अरविन्द सिसौदिया

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    हिन्दुस्तान को मुगलिस्तान बनानें के सभी षडयंत्र विफल करनें होंगे - अरविन्द सिसौदिया भारत में मुगल हमलावर थे, उन्होने जबरिया धर्मान्तरण करके लाखों मुसलमान बनाये, गांवो शहरों के नाम बदले, मंदिरों मूर्तियों को तोडा , हिन्दू देवस्थानों पर अपने धर्मस्थल खडे किये। इतिहास इस बात का साक्षी है। अंग्रेज हकूमत ने निश्चित ही मुगल शासन को पराजित कर ब्रिटिश हकूमत खडी की , टुकडों टुकडों में बंटे भारत का एकीकरण किया , 1857 के स्वतंत्रता संग्राम जिसे तब गदर कहा गया । उसके बाद कुछ समय तक अंग्रेज मुसलमानों के खिलाफ भी रहे, मगर बाद में उन्होनें अघोषित संधी कर मुसलमानों का साथ दिया और साथ लिया। इसी रणनीति का हिस्सा बंग भंग था और बाद में देश विभाजन और पाकिस्तान निर्माण भी रहा। 1947 में हिन्दुओं को हिन्दुस्तान मिला था, किन्तु हिन्दुओं से लगातार धोका होता रहा, देश को मुगलिस्तान बनानें वाली ताकतें भारत के बाहर से और भारत के अन्दर , अघोषित एजेण्डे पर अपना काम करती रहीं हैं।  मुसलमानों का जनसंख्या विस्फोट भी इसी एजेण्डे का एक हिस्सा रहा है। बांगला देशी मुसलमनों को भारत में बसाये जानें का निरन्तरता भी इसी का

पी के, कांग्रेस की वापसी नहीं करवा सकते - अरविन्द सिसौदिया

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Arvind Sisodia       पी के, कांग्रेस की वापसी नहीं करवा सकते - अरविन्द सिसौदिया     PK can't get Congress back: Arvind Sisodia राजनैतिक रणनीतिकार के रूप में ख्याती प्राप्त कर चुक प्रशांत किशोर अर्थात पी के वही व्यक्ति हैं जो पंजाब में असली परिक्षा के समय कैप्टन अमरिन्दर सिंह का साथ छोड गये थे। अर्थात उनकी रणनीति से नहीं समय परिस्थिती को देख कर वे ग्राहक चुनते है। यह गलत है कि 2014 में नरेन्द्र मोदी जी ने उनसे कोई डील की थी, बल्कि उन्होने मोदी जी की टीम में रह कर रणनीति बनाना सीखा है। उन्होने जिन राजनैतिक दलों के प्रमुखों के साथ काम किया, वे अपने दल के स्वयं स्वामी जैसी स्थिती वाले तो थे ही किन्तु उनके यहां टांग खिचाई नहीं थी। जो कि कांग्रेस की सबसे प्रमुख समस्या है। कांग्रेस की कुछ अलग प्रकार की समस्यायें है। जो उसे हांसिये पर डालती है। जैसे कि तुष्टिकरण की राजनीति जो कि बहुसंख्यक मतदाता हिन्दू विरोधी है। उससे उत्पन्न विरोधाभास आप न तो मंदिरों में जाकर , न ही जनेऊ पहन कर, न ही अपने आपका कोई गौत्र बता कर दूर कर सकते। दूसरी बडी समस्या है नेतृत्व की है श्रीमती सोनिया गांधी का सोच परिप

पुलिस के राजनीतिकरण रोकनें पर , गंभीरता से ध्यान देना होगा - अरविन्द सिसौदिया

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                                 Arvind Sisodia पुलिस के राजनीतिकरण रोकनें पर , गंभीरता से ध्यान देना होगा - अरविन्द सिसौदिया Serious attention has to be paid to stop politicization of police - Arvind Sisodia   महाराष्ट्र , पंजाब,राजस्थान और बंगाल में पुलिस और राजनैतिक कार्यकर्ताओं का बेजा इस्तेमाल सत्तारूढ़ दल के द्वारा किए जानें की घटनायें लगातार सुर्खियां बन रहीं है। विश्व के सबसे बडे राजनैतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, केन्द्रीय मंत्री, सांसद एवं विधायक तक इसकी चपेट में आये हैं। झूठे मुकदमें लादे गये, अन्यायपूर्ण घटनाक्रम अंजाम दिये गये और पुलिस स्वयं लगातार कठघरे में खडी है। न वह स्वयं निष्पक्षता से काम कर पा रही है और न ही सत्तारूढ़ दलों के कार्यकर्ताओं की मनमानी रोक पा रही है।  पंजाब में तो पुलिस ने प्रधानमंत्री जी की जान तक खतरे में डाल दी थी। अब यह प्रश्न खडा हो गया है कि पुलिस को निष्पक्ष एवं प्रभावी बनाये रखनें के लिये क्या कदम उठाये जायें। क्या उसे केन्द्र के अधीन लाया जाये या न्यायपालिका के अधीन लाया जाये। जागरूक नागरिकों को टिप्पणी के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करनें चाहिये।

अजान azaan

  अजान का हिन्दी अनुवाद   Note - उपरोक्त में कोई सुधार हो या त्रुटी हो तो टिप्पणी के माध्यम से बतायें ताकि ठीक की जा सके। दरअसल 'अज़ान' अरबी ज़बान का लफ्ज़ है और 'उज़्न' शब्द की जमा (प्लूरल, बहुवचन) है. अज़ान लफ्ज़ का मतलब है ' ऐलान '. यानी किसी चीज के बारे में लोगों को अगाह करना, खबरदार करना है. मतलब: मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं. नई दिल्ली: इस्लाम की 5 बुनियादी चीजों में नमाज़ का बहुत बड़ा दर्जा है. इसीलिए सभी मुसलमानों को 24 घंटे में 5 वक्त की नमाज पढ़ना फर्ज़ बताया गया है. हर मुसलमान का फर्ज़ है कि वो 5 वक्त की नमाज़ हर हालत में अदा करे. हर फर्ज़ नमाज से पहले मस्जिदों से अजान दी जाती है. अज़ान के ज़रिए सभी लोगों को मस्जिदों में नमाज के लिए इकट्ठा किया जाता है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि वो अज़ान जिसकी सदाएं 24 घंटे में 5 बार सुनने को मिलती हैं उसका मतलब क्या है. अगर आप नहीं जानते हैं तो फिर आज हम आपको बताने जा रहे हैं. सबसे पहले तो यह है कि 'अज़ान' शब्द क्या है और इसका मतलब क्या है? दरअसल 'अज़ान' अरबी ज़बान

यह है हिंदुत्व की परिवार व्यवस्था, जो अब कहीं गुम हो रहा है family system of Hindutva

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 यह है हिंदुत्व की परिवार व्यवस्था, जो अब कहीं गुम हो रहा है This is the family system of Hindutva, which is now getting lost somewhere.     न्यायालय  में एक मुकद्दमा आया ,जिसने सभी को झकझोर दिया |अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं|  मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था|          एक 70 साल के बूढ़े व्यक्ति ने ,अपने 80 साल के बूढ़े भाई पर मुकद्दमा किया था|       मुकद्दमे का कुछ यूं था कि "मेरा 80 साल का बड़ा भाई ,अब बूढ़ा हो चला है ,इसलिए वह खुद अपना ख्याल भी ठीक से नहीं रख सकता |मगर मेरे मना करने पर भी वह हमारी 110 साल की मां की देखभाल कर रहा है |       मैं अभी ठीक हूं, इसलिए अब मुझे मां की सेवा करने का मौका दिया जाय और मां को मुझे सौंप दिया जाय"।           न्यायाधीश महोदय का दिमाग घूम गया और मुक़दमा भी चर्चा में आ गया| न्यायाधीश महोदय ने दोनों भाइयों को समझाने की कोशिश की कि आप लोग 15-15 दिन रख लो|       मगर कोई टस से मस नहीं हुआ,बड़े भाई का कहना था कि मैं अपने  स्वर्ग को खुद से दूर क्यों होने दूँ |अगर मां कह दे कि उसको मेरे पास कोई परेशानी 

दंदरौआ धाम , जहां हनुमानजी करते हैं इलाज dandrauasarkar doctor-hanuman Ji

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 दंदरौआ धाम , जहां हनुमानजी की प्रतिमा करती है इलाज Dandraua Dham, where Hanumanji's statue treats दंदरौआ धाम , जहां हनुमानजी करते हैं इलाज Dandraua Dham, where Hanumanji treats   ''नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा'' सैंकड़ों साल पुराना सिद्ध मंदिर है दंदरौआ धाम भिंड जिले के सुप्रसिद्ध दंदरौआ धाम स्थित हनुमान जी के  स्वरूप के दर्शन करने के लिए बढ़ी तादाद में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। मंदिर के महंत महामंडलेश्वर रामदास महाराज का कहना कि यहांं हनुमान जी के दर्शन मात्र से रोगों से मुक्ति मिलती है। इसलिए श्रद्धालु, डॉक्टर हनुमान के नाम से भी बुलाते हैं। दंदरौआ धाम स्थित हनुमान मंदिर पर विशेष पूजा-अर्चना होती आ रही है। यहां रोगों से मुक्ति के लिए हवन, पूजन व सुंदरकांड का भी आयोजन किया गया। दूर-दूर तक मंदिर की है ख्याति, दर्शन करने से रोगों से मिलती है मुक्ति भिंड जिले के मौ कस्बे के नजदीक दंदरौआ धाम वाले हनुमानजी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान प्रांत के कई जिलों में डाॅक्टर वाले हनुमानजी के नाम से सुप्रसिद्ध है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु मंगलवार और शनिवार को र

राणा दम्पत्ती की गिरफतारी अनैतिक: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का कद छोटा हो गया Arrest of Rana couple

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  राणा दम्पत्ती की गिरफतारी अनैतिक: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का कद छोटा हो गया Arrest of Rana couple immoral: Maharashtra CM's stature shortened   राणा दम्पत्ती की गिरफतारी अनैतिक: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का कद छोटा हो गया में एक कददावर लोकसभा सांसद के साथ रहा हूं । एक दिन हमें ज्ञात हुआ कि सांसद महोदय के घर के सामनें काफी लोग धरना देनें आ रहे हैं। वहां बडी संख्या में पुलिस बल आ गया । सांसद महोदय ने कहा वे लोग अपने महमान हैं, उन्हे अपनी बात कहनें का पूरा पूरा हक है। उनके लिये टेंट, दरी चद्दर,माईक,चायपान एवं पीनें के पानी की व्यवस्था करवाओ और जब वे कहें मुझे उनसे मिलने बुला लेना । पुलिस से कहदो कि वह यहां से चली जाये। यह सभी इंतजाम किये गये । पुलिस के पांच जवान रह गये और बांकी वे भी चले गये।  कुछ देर बाद वे लोग आये उनका धरना प्रारम्भ हो गया, नारे भी लगे। कुछ नारे सांसद महोदय के विरूद्ध भी लगाये गये । दो घंटे बाद धरना देनें वालों में से एक सज्जन आये उन्होनें सांसद महोदय से मुलाकात की इच्छा व्यक्त की । उन्हे बताया गया कि वे तो आपसे मिलनें के लिये दो घंटे से यहीं हैं। सांसद महोदय बि

मुख्यमंत्री गहलोत साहब ,कुछ तो अन्दर ही अन्दर पक रहा है ! Gehlot Sachin

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  Something is cooking inside, Chief Minister Gehlot sahib!  कुछ तो अन्दर ही अन्दर पक रहा है,मुख्यमंत्री गहलोत साहब ! कुछ तो अन्दर ही अन्दर पक रहा है,मुख्यमंत्री गहलोत साहब ! राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आपको भाग्यवान बताते हुये कहा है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। मुख्यमंत्री में ही रहने वाला हूं। निश्चित ही गहलोत भाग्यवान हैं तीनों बार वे किसी अन्य कांग्रेसी को ही पछाड़ कर राजस्थान के मुख्यमंत्री बनें है।  राजस्थान में प्रमुख हैसियत रखनें और दिल्ली की सही खबरें देनें के लिये प्रसिद्ध अखबार राष्ट्रदूत कह रहा है कि गहलोत युग समाप्त और मुख्यमंत्री गहलोत कह रहे हैं कि मेरा इस्तीफा तो हमेशा ही सोनिया गांधी जी के पास रहता है।   यूं तो कांग्रेस मुक्त भारत बनानें में भाजपा से ज्यादा स्वयं कांग्रेस का ही योगदान है, सत्य, न्याय, जनमत और बहूमत के विरूद्ध चलने का कांग्रेस का साहस आश्चर्यजनक है। एक कहानी बहुत सुनी जाती है कि मजबूर मां, जिद्दी बेटा और सब कुछ तबाह । कुछ वर्षों से कांग्रेस में यही देखनें को मिल रहा है। किसान आन्दोलन के चलते पंजाब में कांग्रेस की कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार

राज्य सरकारों की बढती असहष्णुता : तो क्या राजनैतिक दल संगठित अपराधकर्मी गिरोह बन जायेंगे

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राज्य सरकारों की बढती असहष्णुता तो क्या राजनैतिक दल संगठित अपराधकर्मी गिरोह बन जायेंगे So will political parties become organized crime gangs? इन दिनों दबंग दिखने और सामनें वाले दल को या व्यक्ति को नीचा दिखानें के लिये गैर कानूनी तरीके से राज्य के संसाधनों का दुरउपयोग कर अपमान करने की कई घटनायें सामनें आ रही है। सबसे पहले पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के सरंक्षण में भाजपा कार्यताओं एवं नेताओं पर आक्रमण की अनेकों घटनायें सामनें है। महाराष्ट्र में शिवसेना के द्वारा भी भाजपा के खिलाफ लगातार यही हो रहा है। पंजाब में स्वयं प्रधानमंत्री के साथ दुव्यवहार कांग्रेस शासन में किया गया । केरल में तो सामाजिक संगठन विषेश के लोगों की चुन चुन कर हत्या तक करदी जाती है। केन्द्र सरकार को अपनी शक्तियों का उपयोग करना चाहिये , गुण्डागर्दी , धमकी और गैर कानूनी हरकतों को करनें का अधिकार किसी दल को कभी नहीं दिया जा सकता। इन पर कार्यवाही नहीं होगी तो ये राजनैतिक दल नहीं गुण्डों के, माफियाओं के,डकैती के गिरोह  बन जायेगें। शिवसेना के द्वारा 20 फीट नीचे गाड़  देनें की धमकी का क्या अर्थ है। यह अपराध क्यों नहीं ह

विश्व पुस्तक दिवस,मानव सभ्यता की प्रथम पुस्तक “ ऋग्वेद ” की चर्चा के बिना अधूरा

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  " विश्व पुस्तक दिवस,मानव सभ्यता की प्रथम पुस्तक “ ऋग्वेद ” की चर्चा के बिना अधूरा "World Book Day" is incomplete without the discussion of the first book of human civilization "Rigveda".                                                 Arvind Sisodia  विश्व पुस्तक दिवस, विश्व की प्रथम लीपीबद्ध पुस्तक “ ऋग्वेद ”  की चर्चा के बिना “भारत” में नहीं मनाया जा सकता। क्यों कि यह पृथ्वी की मानव सभ्यता के प्रारम्भ, ज्ञान, विज्ञान,पुरूर्षाथ,परिश्रम और सामाजिक व्यवस्था के उदभव के एतिहासिक तथ्यों एवं इतिहास की स्थिती से हमें परिचित करवाती है,बताती है। जिसमें धर्म,आध्यात्म,दर्शन,नीति , ज्ञान, विज्ञान, भूगोल, समाज व्यवस्था की मानव सभ्यता की प्रथमतः साहस और उपलब्धियों का परिचय हमें होता है।  World Book Day cannot be celebrated in "India" without the discussion of the world's first scripted book "Rigveda". Because it acquaints us with the historical facts and history of the origin of human civilization of the earth, knowledge, science, manhood, labor an

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism

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स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism विवेकानंद का राष्ट्रवाद डॉ अ कीर्ति वर्धन यह आलेख इस साइट से आभार सहित जनहित में लिया गया है ।   "राष्ट्रीयता का आधार धर्म व संस्कृति होता है |" लगभग १२० वर्ष पूर्व का स्वामी विवेकानंद का यह चिंतन आज विश्व व्यापी परिलक्षित होता दिख रहा है | 9 /11 /2001 की घटना के बाद अमेरिका के रणनीति विशेषज्ञ सेम्युएल हेन्तिन्ग्त्न ( semual hantingtan) ने पिछले 25 -30 वर्षों की खोज के बाद कहा " हम कौन हैं ?" और इसके निष्कर्ष में बताया "अमेरिका में भले ही विश्व के लगभग सभी समुदायों के लोग बसते हैं किन्तु अमेरिका की मौलिक पहचान श्वेत(wasp -white ), आंग्ल -सैक्शन(anglo -saxon ) ,प्रोतेस्तंत (protestant ) ही हैं | बाकी सभी समुदाय इसमें शामिल हैं | हाल ही में क्रिश्मस के अवसर पर ऑक्सफोर्ड में बोलते हुए ब्रिटिश प्रधान मंत्री ने घोषणा की " ब्रिटेन एक ईसाई राष्ट्र है और इसे कहने में किसी को संकोच अथवा भय की आवश्यकता नहीं |" स्वामी विवेकानंद का चिंतन 120 वर्ष बाद सत्य सिद्ध हो रहा है | उन्होने कहा था &q

स्वामी विवेकानन्दजी के भारत जागो अभियान की निरंतरता आवश्यक Swami Vivekananda's

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Continuity of Swami Vivekananda's India Wake Campaign is essential स्वामी विवेकानन्दजी के भारत जागो अभियान की निरंतरता आवश्यक       ‘‘आज हमारे देश की आवश्यकता है लोहे की मांसपेशियाँ और फौलाद के स्नायु तंत्र, ऐसी प्रचण्ड इच्छाशक्ति जिसे कोई न रोक सके, जो समस्त विश्व के रहस्यों की गहराई में जाकर अपने उद्देश्यों को सभी प्रकार से प्राप्त कर सके। इस हेतु समुद्र के तल तक क्यों न जाना पड़े या मृत्यु का ही सामना क्यों न करना पड़े।’’ - स्वामी विवेकानन्द      स्वामी विवेकानन्दजी के भारत जागो अभियान की निरंतरता आवश्यक श्रीस्वामी रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य, स्वामी विवेकानन्द आधुनिक समय के प्रथम धर्म-प्रचारक थे जिन्होने विदेश जाकर विश्व के सम्मुख सनातन धर्म के सर्वासमावेशक, वैश्विक संदेश को पुनःप्रतिपादित किया। ऐसा संदेश जो सब को स्वीकार करता है किसी भी मत, सम्प्रदाय को नकारता नहीं।        स्वामीजी एक प्रखर देशभक्त, राष्ट्र-निर्माता, समाजशास्त्री तथा महासंगठक थे। विदेशी शासन से विदीर्ण शक्ति, परास्त मन व आत्मग्लानी से परिपूर्ण राष्ट्र के पुनर्निमाण हेतु राष्ट्रवादी पुनर्जारण क