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हिंदुओं को जागना, समझना और प्रतिकार करना सीखना होगा - अरविन्द सिसोदिया

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हिंदुओं को जागना, समझना और प्रतिकार करना सीखना होगा - अरविन्द सिसोदिया लगभग 3000 वर्षों से हम लगातारविदेशी ताकतों से संघर्ष कर रहे हैं , लड़ रहे हैं,पुरुषार्थ पूर्ण बलिदान कर रहे हैं । किंतु इसके बावजूद भी लगातार पराजित भी हुए , पराजय से बाहर निकलने के लिए संघर्ष भी हुए , स्वतंत्रता संग्राम भी निरन्तर चलते रहे, अंतिम स्वतन्त्रता संग्राम में हमारा पूरा पूरा उपयोग किया गया और स्वतंत्रता के बाद संविधान बनाते वक्त हिंदू समाज को पूरी तरह ठगा गया और सच कहे तो यह है कि हिंदुओं को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। अब जागा हुआ हिंदू यह महसूस कर रहा है कि उसके साथ क्या-क्या धोके हुए , इन सारे धोकों को समझना होगा ।  पहली चीज यह है कि हमें समझना होगा कि जो पार्टियां हिंदू विरोधियों का वोट लेती हैं ,  हम उन पार्टियों को पूरी तरह से हिंदू  विरोधी मानना चाहिए । क्योंकि यह उन पार्टियों की ठगी है कि वह हिंदू विरोधी पार्टी भी लेती हैं और हिंदुओं के वोट भी लेती हैं और अपनी 700 पुश्तों का इंतजाम करती हैं । इन्हें देश का भला करना है ना इस देश की मूल संस्कृति , मूल सभ्यता और मूल समाज जीवन की कोई चिंता है । इनके ल

रियल स्टेट में की जा रही राष्ट्रीय लूट को नियंत्रित किया जाये - अरविन्द सिसौदिया

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 रियल स्टेट में की जा रही राष्ट्रीय लूट को नियंत्रित किया जाये - अरविन्द सिसौदिया भारत में रियल स्टेट कारोबार अर्थात बहुमंजिला इमारतों को बनानें और बेचनें का धंधा ।इस धंधे में एक मंजिल अधिक ऊंचाई जाते ही एक क्षैत्रफल विशेष मिल जाता है, दस मंजिल अतिरिक्त बनाते ही 10 क्षैत्रफल मिल जाते हैं। यही असली भ्रष्टाचार है जिसे कोई समझ ही नहीं पाता। विशेष कथन - किसी भी भूखण्ड पर कितनी ऊंचाई तक निर्माण का अधिकार भू स्वामी को होगा, इसका स्पष्ट नियम होना चाहिये। इसी तरह किसी भू खण्ड पर कितना नीचे तक भूस्वामी को अधिकार होगा इसका निर्णय होना चाहिये। क्यों कि जमीन के नीचे खान मालिकों ने धरती खोखली कर दी तो जमीन के ऊपर रियल स्टेट वालों ने आसमान लांख लिया । पर्यावरण एवं सामान्य व्यवस्थाओं की दृष्टि से दोनो क्षैत्रों ने ही अति कर रखी है। इसलिये केन्द्र सरकार को अविलम्ब इस राष्ट्रीय लूट को रोकनें के लिये नियमबद्धता करनी चाहिये। जो अति कर चुके उनसे वसूली करनी चाहिये। क्यों कि यह राष्ट्रीय क्षति है। राष्ट्रीय सम्पत्ती की लूट है। भारत में जब से बोफोर्स घोटाला हुआ तब से राजनैतिक क्षैत्र का मकसद ही भ्रष्ट्राचार

 महान क्रांतिकारी सेठ रामदास जी गुड़वाले दिल्लीवाले

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महान क्रांतिकारी सेठ रामदास जी गुड़वाले दिल्लीवाले                                        'हिस्ट्री ऑफ फ्रीडम मूवमेंट' (..दे दी हमे आजादी बिना खड्ग बिना ढाल) इतिहास के पन्नों में कहाँ हैं ये नाम?? सेठ रामदास जी गुड़वाले - 1857 के महान क्रांतिकारी, दानवीर जिन्हें फांसी पर चढ़ाने से पहले अंग्रेजों ने उनपर शिकारी कुत्ते छोड़े जिन्होंने जीवित ही उनके शरीर को नोच खाया। सेठ रामदास जी गुडवाला दिल्ली के अरबपति सेठ और बेंकर थे. इनका जन्म दिल्ली में एक अग्रवाल परिवार में हुआ था. इनके परिवार ने दिल्ली में पहली कपड़े की मिल की स्थापना की थी। उनकी अमीरी की एक कहावत थी “रामदास जी गुड़वाले के पास इतना सोना चांदी जवाहरात है की उनकी दीवारो से वो गंगा जी का पानी भी रोक सकते है” जब 1857 में मेरठ से आरम्भ होकर क्रांति की चिंगारी जब दिल्ली पहुँची तो दिल्ली से अंग्रेजों की हार के बाद अनेक रियासतों की भारतीय सेनाओं ने दिल्ली में डेरा डाल दिया। उनके भोजन और वेतन की समस्या पैदा हो गई । रामजीदास गुड़वाले बादशाह के गहरे मित्र थे । रामदास जी को बादशाह की यह अवस्था देखी नहीं गई। उन्होंने अपनी करोड़ों की सम

आतंकी संगठनों से राजनैतिक नेताओं की जीवनरक्षा के प्रति सुरक्षा एजेंसियों को सर्तक रहना होगा - अरविन्द सिसौदिया

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आतंकी संगठनों से राजनैतिक नेताओं की जीवनरक्षा के प्रति सुरक्षा एजेंसियों को सर्तक रहना होगा - अरविन्द सिसौदिया भारत में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को  हिन्दुत्ववादी माना जाता है तथा ये कट्टर इस्लामिक आतंकी गतिविधियों को अंजाम देनें वाले आतंकी संगठनों के निशानें पर हैं। केन्द्र सरकार को इनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखना ही होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की गुजरात में जनप्रतिनिधि के तौर पर यात्रा ही दंगों एवं आतंकी हमलों से लोहा लेते हुये हुई है। देश में तीन तलाक समाप्ती, जम्मू और कश्मीर में धारा 370 की समाप्ती और अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण,सीएए कानून एवं सर्जिकल स्ट्राईक जैसे बडे कामों को लेकर निश्चित ही कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकी संगठनों के निशानें पर वे हैं। उनकी जान को खतरा है।  पिछले दिनों जापान में चुनाव अभियान के दौरान वहां के प्रमुख राजनेता की हत्या कर दी गई। अमेरिका में भी तमाम सुरक्षा इंतजामों के बीच कई राजनैतिक हत्यायें हुई है। कई बार घटना को अंजाम देनें वाला कोई व्यक्ति होता या संगठन कोई होता है। मगर उसके पीछे

राजनैतिक स्वार्थ की रोटियां सेंकने के बजाए सभी दलों को देश को मजबूती देंने आगे आना चाहिए - अरविन्द सिसोदिया

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  राजनैतिक स्वार्थ की रोटियां सेंकने के बजाए सभी दलों को देश को मजबूती देंने आगे आना चाहिए - अरविन्द सिसोदिया Instead of baking loaves of political interest, all parties should come forward to strengthen the country - Arvind Sisodia राजनैतिक दलों की नैतिकता पर बड़ा सवाल , देश को क्षति पहुचानें वालों पर हो बड़ी और कड़ी कार्यवाहियां - अरविन्द सिसोदिया प्रथम कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करके, जबसे नरेंद्र मोदी-2 सरकार नें देश देशहित के काम तेजी से सम्पन्न करनें प्रारंभ किये,तब से ही एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत मोदी सरकार को काम करने से रोकनें का भी अभियान चल रहा है। केंद्र सरकार के निर्णय के विरुद्ध झूठ फैलाना, फिर उसका विरोध खड़ा करवाना, विरोध को टूलकिट के माध्यम से   ताकत देना  ओर फिर समर्थन के नाम पर खुद कूद पड़ना । जब शाहीन बाग आंदोलन खड़े किए जा रहे थे, तब एक कौम विशेष को उकसाने में पूरी ताकत लगाई गई, उन्हें केंद्र सरकार के साथ साथ देश,संबिधान और कानून व्यवस्था के विरुद्ध खड़ा किया गया । तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं कहा था कि यह एक प्रयोग है । इस आंदोलन के पीछे कांग्रेस थी किंतु दिल्

गांधी जी की गरीबी , शोध का विषय

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अंग्रेजी में एक शब्द है "एक्सपेंसिव-पावर्टी"  इसका मतलब होता है.... "महंगी- गरीबी" अर्थात... गरीब दिखने के लिए आपको बहुत खर्चा करना पड़ता है। गांधीजी की गरीबी ऐसी ही थी। एक बार सरोजनी नायडू ने उनको मज़ाक में कहा भी था कि "आप को गरीब रखना हमें बहुत महंगा पड़ता है !!" ऐसा क्यों ?...... गांधी जी जब भी तीसरे दर्जे में रेल सफर करते थे तो वह सामान्य तीसरा दर्जा नहीं होता था।  अंग्रेज नहीं चाहते थे की गांधी जी की खराब हालातों में, भीड़ में यात्रा करती हुई तस्वीरें अखबारों में छपे उनको पीड़ित (विक्टिम) कार्ड का लाभ मिले।  इसलिए जब भी वह रेल यात्रा करते थे तो उनको विशेष ट्रेन दी जाती थी जिसमें कुल 3 डिब्बे होते थे..... जो केवल गांधी जी और उनके साथियों के लिए होते थे, क्योंकि हर स्टेशन पर लोग उनसे मिलने आते थे। इस सब का खर्चा बाद में गांधीजी के ट्रस्ट की ओर से अंग्रेज सरकार को दे दिया जाता था। इसीलिए एक बार मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था की ..... "जितने पैसो में मैं प्रथम श्रेणी यात्रा करता हूँ उस से कई गुना में गांधीजी तृतीय श्रेणी की यात्रा करते हैं।" गांधीज

क्या तमाशा है अकूत धन कमाया शराब ठेकों से,जबाव में बता रहे हैं न्यूयार्क टाइम्स की पेड़ खबर

क्या तमाशा है अकूत धन कमाया शराब ठेकों से,जबाव में बता रहे हैं न्यूयार्क टाइम्स की पेड़ खबर । इस वार्तालाप से आप पार्टी के जबाव समझ सकते हैं    जनता पूछ रही कि - आपने शराब ठेकों में कितना कमाया हजार करोड,दस हजार करोड ? ठकेदारों को बहुत सी छूटें जनता की जेब काटनें के बावत दीं। जबाब है कि - हमनें दिल्ली की शिक्षा को विश्व की सर्वश्रैष्ठ शिक्षा व्यवस्था बनाई हमारी इन्टरव्यू न्यूयार्क टाइम्स में छपी है जी ...! ( घोटाले पर बोलना ही नहीं है ) ---- जज साहब और आ(रो)पी ! (भाई भरत शर्मा की पोस्ट की कापी) जज - तुमने मोबाइल फोन क्यों चुराया- ? आरोपी - मीलॉर्ड आपको शायद  पता नहीं है कि मेरी कमीज दुनिया की सबसे अच्छी कमीज है ! जज - मैं पूछ रहा हूँ कि तुमने मोबाइल फोन क्यों चुराया ? आरोपी - मेरी कमीज की चर्चा बड़े बड़े अखबारों में हो रही है मीलॉर्ड ! जज(झल्लाते हुए) - अरे मैं पूछ रहा हूँ कि तुमने मोबाइल फोन क्यों चुराया,इस बात का जवाब दो !? आ(रो)पी - हुजूर मैं आपको असली बात बताता हूँ ! मेरी कमीज की बात करने वाले असल में मेरी कमीज से जलते हैं ! जज - ऑर्डर ऑर्डर ! तुम साफ साफ बताओ कि तुमने मोबाइल फोन क्यो

जंगलराज रिटर्न्स एवं विपक्ष के 5 फेस प्रधानमंत्री से नितिश आऊट हो सकते हैं - अरविन्द सिसौदिया

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  जंगलराज रिटर्न्स एवं 5 फेस प्रधानमंत्री से नितिश आऊट हो जायेंगे - अरविन्द सिसौदिया प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा में फंसे नितिश बाबू लगता है, फंस गये ! क्यों कि बिहार में आरजेडी के साथ हुआ गठबंधन महाभारत के पश्चात हुये यादवी युद्ध की तरह होता प्रतीत हो रहा है। सत्ता में अचानक लौटते ही लालूप्रसाद यादव की पार्टी भारी जोश में होस खो बैठी है। क्यों कि अब नितिश बाबू पिंजरे में बंद तोते की तरह हो गये हैं। वे भाजपा को धोका देकर आये हैं, उधर जानें के अब रहे नहीं । लालूप्रसाद यादव की पार्टी पर डिपेन्ड हैं, अब गिरे तो भी कहीं के नहीं रहनें वाले। सुप्रीम मुख्यमंत्री अब उपमुख्यमंत्री तेजस्वि यादव हैं। टांग खिचाई लालू के बडे बेटे तेजप्रताप से होती रहेगी। महागठबंधन में सम्मिलित कांग्रेस ने साफ कर दिया कि उनकी ओर से प्रधानमंत्री का फेस राहुल गांधी ही हैं। अर्थात महागठबंधन में दो-दो प्रधानमंत्री फेस रहनें वाले हैं। जगल राज रिर्टन्स हो चुका है। लगता है 2024 आते आते नितिश कुमार आऊट हो जायेंगें। यूं भी विपक्ष के पास 5 प्रधानमंत्री प्रत्याशी के नजर आ ही रहे हैं। राहुल गांधी,ममता बनर्जी, शरद पंवार,अ

गीता ज्ञान: भगवान श्रीकृष्ण द्वारा सर्वोत्तम ज्ञान का प्रगटीकरण

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  गीता का मर्म एक बार महात्मा गाँधी के पास एक व्यक्ति गीता का रहस्य जानने के लिए आया। उसने महात्मा गाँधी से गीता के रहस्य के बारे में पुछा। गाँधी जी उस समय फावड़े से आश्रम की भूमि खोद रहे थे। उन्होंने उस व्यक्ति को पास बिठाया और फिर से आश्रम की भूमि खोदने में लग गए। इसी तरह काफी समय हो गया लेकिन महात्मा गाँधी उस व्यक्ति से कुछ नहीं बोले। आखिर में अकेले बैठे-बैठे परेशान होकर वह व्यक्ति महात्मा गाँधी से बोला – “में इतनी दूर से आपकी ख्याति सुनकर गीता का मर्म जानने के लिए आपके पास आया था लेकिन आप तो केवल फावड़ा चलाने में लगे हुए हैं। गाँधी जी ने उत्तर दिया – “भाई! में आपको गीता का रहस्य ही समझा रहा था।” महात्मा गाँधी की बात सुनकर वह व्यक्ति बोला – आप कहाँ समझा रहे था आप तो अभी तक एक शब्द भी नहीं बोले। गाँधी जी बोले – “बोलने की आवश्यकता नहीं है। गीता का मर्म यही है कि व्यक्ति को कर्मयोगी होना चाहिए। बस फल की आशा किए बगेर निरंतर कर्म करते चलो। यही गीता का मर्म है।” गाँधी जी के इस उत्तर को सुनकर व्यक्ति को गीता का रहस्य समझ में आ गया। ----- कब है गीता का अध्ययन सार्थक ? गीता अलौकिक ग्रन्थ व ज

जैसलमेर पर भी हुआ था पाकिस्तानी कबाइली आक्रमण

#में_जीऊंगा_तो_प्रजा_के_साथ_मरूंगा_तो_प्रजा_के_साथ_मेरे_पूर्वजो_की_उपाधी_उतर_भड़_किवाड़_को_नही_लजाऊँगा  जैसलमेर पर पाकिस्तानी घुसपैठियों (कबायलीयों) का आक्रमण : दिनांक 24 फरवरी 1948 की अर्धरात्रि , जोधपुर महाराजा के निजी सचिव श्री ओंकार सिंह ( बाबरा ) को  जैसलमेर के महाराज कुमार श्री गिरधारी सिंह का तार मिला, वे अपने शयनकक्ष से बाहर आए उन्होंने तार खोल कर पढ़ा . तार में अंकित था – " पाँच सौ से अधिक पठान आक्रमणकारियों का एक दल भावलपुर कि ओर से बढ़ता हुआ यहाँ से चौबीस मील देवा तक पहुँचने के समाचार मिले हैं, इन के पीछे हजारों आक्रमणकारी आ रहे हैं जो गाँवों को जलाते हुए और लोगों को अंधाधुंध मारते हुए जैसलमेर कि ओर बढ़ रहे हैं, निवेदन है कि वायुयानों, कारों  ट्रकों आदि साधनों से शीघ्र सहायता भेजिए ... स्थिति अत्यन्त भयावह है, अतः तुरन्त सहायता से ही बचाव हो सकता है " .... तार को पढ़ते ही उन्होंने राजमहल के ए.डी.सी कक्ष को टेलीफोन किया और महाराजा श्री हनुवंतसिंह को तत्काल जगाने के निर्देश दिए और स्वयं महाराजा साहब से मिलने तत्काल उम्मेद भवन के लिए निकल पड़े, कश्मीर में भी पाकिस्तान द्वारा

कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में मतदान का अधिकार हमेशा होना चाहिये - अरविन्द सिसोदिया

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  कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में मतदान का  अधिकार हमेशा होना चाहिये - अरविन्द सिसोदिया अभी-अभी कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने बयान दिया है कि भारतीय जनता पार्टी बाहर के लोगों को कश्मीर में मतदान का अधिकार देकर, भाजपा के पक्ष के वोटर जोड़ने जा रही । उनका जो भी आरोप है वह अपनी पार्टी हित के लिये हैं । याद रहे कि कश्मीर में मतदाता सूची , भारत सरकार के कानून के अनुसार बनेगी , क्योंकि 370 समाप्त हो चुकी है ।  में जहां तक समझता हूं कि भारत में जो कानून है उसमें 6 महीने रहने के बाद, उस व्यक्ति को उस स्थान पर मतदान का अधिकार मिल जाता है । अर्थात जो भी कर्मचारी, अधिकारी या नागरिक कश्मीर में 6 महीनें से अधिक निवास करता है तो वह स्वतः मतदाता बनने का अधिकार प्राप्त कर लेता है । यह जन अधिकार भारत सरकार द्वारा दिया गया है इसका विरोध बेमानी है । महबूबा भी यह जानती हैं । किंतु असल बात जो है वह यह है कि कश्मीरी पंडितों के मताधिकार का अधिकार महबूबा नहीं देना चाहती । यह वर्तमान कानून से हो भी सकता है । कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का मताधिकार अधिकार इसलिए समाप्त ना हो जाए कि उन्हें  कश्मीर से

सोसल मीडिया पर डमी एकाउंटों द्वारा फेंक न्यूज आक्रमण को रोका जाए fake news

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  सोसल मीडिया पर डमी एकाउंटों द्वारा फेंक न्यूज आक्रमण को रोका जाए  एक तय सुदा रणनीति के तहत भारत की राष्ट्रभक्त मोदी सरकार के विरुद्ध गत 2/3 महीनें से डमी, फर्जी एवं विदेशी एकांउट के जरिये मीडिया एवं सोसल मीडिया पर फेक न्यूज फैलानें का काम जोर शोर से बड़े पैमाने से किया जा रहा हैं । यह सब मोदी सरकार के विरुद्ध निगेटिविटी फैलानें , हिंदुओं में विभाजन करनें और स्वयं को फेमस करनें की नियत से किये जा रहे हैं । इसके पीछे भाजपा विरोधी दल और वे नेतागण हैं जो स्वयं को अगला प्रधानमंत्री मानते हैं । सोसल मीडिया के यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक जैसे प्लेट फर्मों पर ये गतिविधियाँ चल रहीं हैं।  भारत की केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय , सूचना प्रसारण एवं आईटी मंत्रालय, विधि एवं कानून मंत्रालय को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए ।  कोई भी विदेशी मीडिया प्लेटफार्म भारत में भारतीय कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कैसे कर सकता है। यदि कोई संधि इस तरह की कभी पूर्व की सरकारों ने की भी हैं तो उनकी समीक्षा कर उन्हें रद्द करें । कुल मिला कर फेंक न्यूज फैलानें के शैतानी कृत्यों को अविलंब रोका जाए ------- युवा मित्रों को सोशल म