पुलिस का राजनैतिक दुर्भावना से आपराधिक इस्तेमाल रोकना होगा - अरविन्द सिसौदिया

 पुलिस का राजनैतिक दुर्भावना के लिए आपराधिक इस्तेमाल रोकना होगा - अरविन्द सिसौदिया
Criminal use of police for political malice must be stopped - Arvind Sisodia

अरविन्द सिसौदिया

 पुलिस का राजनैतिक दुर्भावना के लिए आपराधिक इस्तेमाल रोकना होगा - अरविन्द सिसौदिया

एक संवैधानिक एवं वैधानिक प्रक्रिया का प्रश्न है कि क्या किसी एक प्रदेश की पुलिस किसी दूसरे प्रदेश के नागरिक को, उस प्रदेश के पुलिस एवं प्रशासन को बिना बताये कैसे गिरफतार कर अपने साथ ले जा सकती है। यदि बिना बताये गिरफतार कर ले जाती है तो वह जबरिया घर में घुसना और अपहरण करना ही तो होगा । किसी दूसरे प्रदेश के क्षेत्र में उस प्रदेश के नागरिक को, उस प्रदेश से; उस प्रदेश की पुलिस को संज्ञान में लाये बिना कोई कैसे ले जा सकता है।

पंजाब पुलिस के द्वारा कांग्रेस शासन में उत्तरप्रदेश के कुख्यात माफिया को उत्तरप्रदेश से लाकर पंजाब में सुरक्षित जेल में रखनें का षडयंत्र किया गया था, पंजाब पुलिस नें ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में खामी रखते हुये उन्हे सड़क पर खडे रखनें का षडयंत्र किया था और अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के विरूद्ध उठनें वाली आवाजों को बंद करनें के लिये पंजाब पुलिस का बेजा इस्तेमाल हुआ है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली और संबिधान के प्रति उसके दायित्वों पर प्रश्न उभरे है। जिनका समाधान बहुत जरूरी हो गया है।

न्यायपालिका और केन्द्रीय गृहमंत्रालय को एक स्पष्ट प्रक्रिया इसके लिये बनाना चाहिये कि -
1- जहां भी पुलिस किसी को गिरफतार करे वहीं की जिला न्यायालय में उसे प्रस्तुत करे, तब ही अपने गंतव्य को ले जाये।
2-गिरफतारी करने वाले जिले के पुलिस अधिक्षक को संज्ञान में लाये बिना किसी के भी घर में घुसनें का अधिकार नहीं होना चाहिये।
3- पुलिस जिस जिले की है वहां के जिला न्यायालय से गिरफतारी का वारंट , दूसरे प्रदेश के मुख्य सचिव या पुलिस के सर्वोच्च अधिकारी के नाम साथ लाये।

पुलिस को आराजकता का अधिकार नहीं दिया जा सकता।
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पत्रकार अमन चोपड़ा को गिरफ्तार करने राजस्थान पुलिस टीम नोएडा पहुंच गई

नोएडा (उत्तर प्रदेश). राजस्थान उच्च न्यायालय ने शनिवार को आदेश दिया कि न्यूज18 के पत्रकार अमन चोपड़ा के खिलाफ अलवर में मंदिरों के विध्वंस पर उनके शो के मामले में उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. इस मामले ने राजस्थान में ‘मीडिया की आजादी’ को लेकर सवाल खड़े कर दिये हैं.

आदेश सुबह में पारित किया गया था और कुछ घंटों बाद ही राजस्थान पुलिस के अधिकारियों की टीम चोपड़ा को गिरफ्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित उनके आवास पर पहुंच गई. कुछ ही देर में उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. राजस्थान पुलिस ने कथित तौर पर चोपड़ा के आवास के बाहर गिरफ्तारी वारंट चिपकाया और यूपी पुलिस द्वारा उन्हें बाहर निकाला गया.
 

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भाजपा के प्रवक्ता सरदार तेजेन्दर सिंह बग्गा को पंजाब पुलिस गिरफतार कर पंजाब ले जा रही थी,हरियाणा में रोक लिया !

 
हाल ही में दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता सरदार तेजेन्दर सिंह बग्गा को पंजाब पुलिस गिरफतार कर पंजाब ले जा रही थी , कि दिल्ली पुलिस के कहनें पर हरियाणा पुलिस नें उन्हे हरियाणा में रोक लिया । इससे तीन राज्यों की पुलिस एक राजनैतिक दुर्भावना के प्रकरण में सम्मिलित हुई । इससे कई प्रश्न उभरे है।

क्यों की गई थी बग्गा की गिरफ्तारी ?

गौरतलब है कि बग्गा के खिलाफ पंजाब में अपराधिक मामला आम आदमी पार्टी के नेता डॉक्टर सनी सिंह की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था, मामला दर्ज होने के बाद पंजाब पुलिस तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की तलाश में थी। पंजाब पुलिस बग्गा की तलाश में पहले भी दिल्ली आई थी, लेकिन तब जवानों को बैरंग लौटना पड़ा था। तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने “ कश्मीर फाइल्स ” फिल्म पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी के बाद प्रतिक्रिया दी थी। बग्गा ने सीएम केजरीवाल को कश्मीरी पंडित विरोधी बताया था। इसके बाद बग्गा के खिलाफ पंजाब में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने इस पूरे मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को षडयंत्रकारी माना है। गुप्ता ने कहा है कि , तेजिंदर पाल बग्गा पर जो कार्रवाई हुई है वो बहुत शर्मनाक है, केजरीवाल ने पंजाब पुलिस के जरिए एक बुजुर्ग व्यक्ति को पिटवाया है, उनके मुंह में कपड़ा ठूंसा गया है, अभद्रता की गई है। पंजाब पुलिस इस कदर गुंडागर्दी पर उतारू है कि उन्होंने एक सिख को अपनी पगड़ी तक भी नहीं बांधने दी।

वहीं, बग्गा के पिता ने दिल्ली पुलिस में शिकायत की है कि कुछ लोगों ने उनके घर में घुसकर मारपीट की और बग्गा को अपने साथ ले गए। दिल्ली पुलिस ने इसी शिकायत के आधार पर पंजाब पुलिस के जवानों पर अपहरण का मामला दर्ज किया।

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है ऐसा दावा ट्वीट कर दावा किया था। उनका कहना था कि तजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस के 50 जवान घर से गिरफ्तार करके ले गए।

दिनभर चले के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार भाजपा प्रवक्ता तजिंदर बग्गा देर रात ही दिल्ली स्थित अपने घर पहुंच गए। इससे पहले रात को ही गुरुग्राम में द्वारका कोर्ट की मजिस्ट्रेट के घर पर बग्गा की पेशी हुई। मजिस्ट्रेट के यहां से राहत मिलने और रिहाई के बाद बग्गा समर्थकों के साथ अपने घर पहुंचे। यहां कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपने कंधों पर उठाकर स्वागत किया। इस दौरान बग्गा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि वो लोग जिन्हें लगता है कि पुलिस की मदद से कुछ भी कर सकते हैं मैं उनसे कहना चाहता हूं कि भाजपा कार्यकर्ता किसी से नहीं डरेगा। मैं हरियाणा, दिल्ली पुलिस और मेरा समर्थन करने वाले भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं। दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और दोषियों को सजा मिलेगी। घर पहुंचने पर बग्गा के घर उत्सव का माहौल है। समर्थकों के बीच देर रात तक मिठाइयां बांटी गईं।  

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