देश गुलाम क्यों बनता है ? : २६ जनवरी गणतंत्र दिवस : अंग्रेज लोर्ड मैकाले के सपने





- अरविन्द सिसोदिया 
              २६ जनवरी गणतंत्र दिवस को मानाने जा रहे हैं , यह दिवस संविधान सभा द्वारा बनाये लोकतान्त्रिक ढांचे और प्रशासन व्यवस्था को लागू करने के दिवस के रूप में मनाया जाता है , हमारा संविधान इसी दिन से लागू हुआ था । आज हमारे सामने इस व्यवस्था की विफलता और कमजोरियां  इस तरह से है कि इअतली में जन्मी सोनिया गांधी का विदेशी होते हुए भी लोकसभा में प्रवेश हो गया और अंगेजी अभी तक भातीय भाषाओँ को अंगूठा दिखाते हुए भाषा के सिहासन पर बैठी हुई है ...!! जो अपमान  देश की संस्कृति का गुलामी के कालखंड में नहीं हुआ वह अब स्वतंत्रता के दौरान हो रहा है ।
लगता है हम अंग्रेज  लोर्ड मैकाले के सपने पूरे करने में जुटे हुए हैं .....देश गुलाम क्यों बनता है ? क्यों कि हम देश हित कि नही सोचते ....!!
-------------------------------------
- राहुल वत्स की facebook  से 
"हर भारतीय के लिए चुनौती " ***
सन् 1836 में लार्ड मैकाले अपने पिता को लिखे एक पत्र में कहता है:
"अगर हम इसी प्रकार अंग्रेजी नीतिया चलाते रहे और भारत इसे अपनाता रहा तो आने वाले कुछ सालों में 1 दिन ऐसा आएगा की यहाँ कोई सच्चा भारतीय नहीं बचेगा.....!!"
(सच्चे भारतीय से मतलब......चरित्र में ऊँचा, नैतिकता में ऊँचा, धार्मिक विचारों वाला, धर्मं के रस्ते पर चलने वाला)
भारत को जय करने के लिए, चरित्र गिराने के लिए, अंग्रेजो ने 1758 में कलकत्ता में पहला शराबखाना खोला, जहाँ पहले साल वहाँ सिर्फ अंग्रेज जाते थे। आज पूरा भारत जाता है।
सन् 1947 में 3.5 हजार शराबखानो को सरकार का लाइसेंस.....!!
सन् 2009-10 में लगभग 25,400 दुकानों को मौत का व्यापार करने की इजाजत।
चरित्र से निर्बल बनाने के लिए सन् 1760 में भारत में पहला वेश्याघर कलकत्ता में सोनागाछी में अंग्रेजों ने खोला और लगभग 200 स्त्रियों को जबरदस्ती इस काम में लगाया गया।
आज अंग्रेजों के जाने के 64 सालों के बाद, आज लगभग 20,80,000 माताएँ, बहनें इस गलत काम में लिप्त हैं।
अंग्रेजों के जाने के बाद जहाँ इनकी संख्या में कमी होनी चाहिए थी वहीं इनकी संख्या में दिन दुनी रात चौगुनी वृद्धि हो रही है !!
आज हमारे सामने पैसा चुनौती नहीं बल्कि भारत का चारित्रिक पतन चुनौती है।
इसकी रक्षा और इसको वापस लाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए !!!
॥ जय हिन्द ॥ जय जय माँ भारती ॥ वन्दे मातरम्

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सनातन हिंदू ही ईश्वर और उसकी लीलाओं को पढ़ सका - अरविन्द सिसोदिया

भजन - मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी shiv bhajan Adiyogi

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आमजन को जल संरक्षण से जोड़ा - राकेश जैन bjp kota rajasthan

पाकिस्तानी मुनीर को बुलाने पर ट्रंप की अमरीका में ही आलोचना trnp Amerika

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS की शाखा में जाने के लाभ

महान स्वतंत्रता सेनानी रानी झाँसी लक्ष्मी बाई lakshmi bai