हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे....


हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे
August 09, 2018
हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे 
संगठन का भाव भरते जा रहे ॥ध्रु.॥

यह सनातन राष्ट्र मंदिर है यहां 
वेद की पावन ऋचाएं गूंजती
प्रकृति का वरदान पाकर शक्तियां
देव निर्मित इस धरा को पूजती
हम स्वयं देवत्व गढ़ते जा रहे ॥1॥  
हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे

राष्ट्र की जो चेतना सोई पड़ी 
हम उसे फिर से जगाने आ गए 
परम पौरुष की पताका हाथ ले 
क्रांति के नवगीत गाने आ गए 
विघ्न बाधा शैल चढ़ते जा रहे ॥2॥
हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे

हम करें युवाओं का आह्वान फिर 
शक्ति का नव ज्वार पैदा हो सके 
राष्ट्र रक्षा का महा अभियान ले 
संगठन भी तीव्रगामी हो सके 
लक्ष्य का संधान करते जा रहे ॥3॥
हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

‘‘भूरेटिया नी मानू रे’’: अंग्रेजों तुम्हारी नहीं मानूंगा - गोविन्द गुरू

राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले आरोप झूठे, बेबुनियाद और जनता को गुमराह करने वाले हैं। - अरविन्द सिसोदिया

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

मोदीजी के नेतृत्व में भारत सबसे तेजगति की आर्थिकशक्ति - अरविन्द सिसोदिया

"जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है"।

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग