मेरा शासन My Gov मतदाता सूची
भारत में मतदातासूची निर्माण प्रक्रिया में निम्नसुधार किये जाने चाहिए
1- चुनाव आयोग के लिये कार्य करने वाले प्रत्येक सरकारी और गैरसरकारी व्यक्तियों की जिम्मेवारी होगी कि वे सही जानकारी दें अन्यथा उन्हें 6 माह तक की जेल हो सकती है। इससे उन्हें दबाब में लेने की राजनैतिक प्रवृति पर रोक लगेगी।
2- मतदातासूची में नाम तब ही आएगा जब उसका नाम नागरिकता रजिस्टर में एक निश्चित नंबर पर होगा। नागरिकता क्रमांक के बिना भारत में कोई भी कार्ड नहीं बनेगा। यह नागरिकता क्रमांक जन्म के साथ ही जिला कलेटर कार्यालय जबाबदेह व्यवस्था से बनाएगा। किसी भी तरह की सिफारिश, हेरफेर न हो इसकी चिंता वहाँ की लोकलबोड़ी को भी करनी होगी। जन्म प्रमाणपत्र और नागरिकता रजिस्टर की महती व्यवस्था व्यवस्थित की जाये। इसके बिना आधार, पेन, मतदाता, बैंक, ड्राइविंग सहित तमाम कार्ड नहीं बनेंगे।
3- मतदाता सूची में पूरा नाम, माता व पिता का पूरा नाम, जन्मस्थान के समय का पता , जन्मतिथी स्पष्टता से दर्ज होंगे।
4- स्थान परिवर्तन पर नाम कम से कम 6 माह के निवास होनें के बाद ही मतदाता सूची में तब दर्ज होगा जब पहली वाली जगह से नाम कटवानें की रसीद संलग्न की जाये। इसकी सूचना नागरिकता रजिस्ट्रेशन कार्यालय को भी देनी होगी। एक बार स्थान परिवर्तन के पश्चात पुनः स्थान परिवर्तन में कम से 5 वर्ष का अंतर होगा। यूँ बार बार पता या स्थान परिवर्तन नहीं किया जायेगा।
5- स्थान परिवर्तन पर कारण सहित शपथपत्र देना होगा। दूसरा जहां का नया पता है उसके आवास मालिक को यह लिख कर देना होगा कि ये गत 6 माह से अधिक से यहाँ निवास कर रहे हैँ।
6- मृत्यु होनें के 15 दिवस के अंदर ही मृत्यु प्रमाणपत्र के लिये आवेदन अनिवार्य है, दूसरे यह जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की भी होगी। मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने वाली संस्था को इसकी जानकारी नागरिकता रजिस्टर कार्यालय, मतदाता, आधार सहित प्रमुख सभी संस्थानों को देनी होगी।
7- राष्ट्रीय और प्रांतीय राजनैतिक दलों को मतदाता सूची शुद्ध रखने, डोर टू डोर सर्वे करने एवं प्रमाणीकृत करने हेतु bla नियुक्त करने हेतु बाध्य होंगे। अपनी अनुपस्थिति वा विफलता के बाद उन्हें किसी तरह की आपत्ति का अधिकार नहीं होगा।
8- मतदातासूची का डिजिटल डाटा किसी को प्रदान नहीं किया जायेगा, इसके दुरूपयोग की संभावना पूरी तरह रोकी जाएगी।
=====----====मतदाता सूची निर्माण एवं शुद्धिकरण हेतु प्रस्तावित नियमावली
अध्याय 1 – आधारभूत परिभाषाएँ
1. नागरिकता क्रमांक (Citizen Registration Number - CRN)
यह प्रत्येक भारतीय नागरिक को जन्म के समय जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा जारी किया जाएगा।
CRN के बिना किसी भी प्रकार का पहचान पत्र (आधार, पैन, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक खाता आदि) जारी नहीं किया जाएगा।
CRN पंजीकरण की प्रक्रिया में स्थानीय निकाय (नगरपालिका/पंचायत) और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त जिम्मेदारी होगी।
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अध्याय 2 – पंजीकरण प्रक्रिया
2. मतदाता सूची में नाम जोड़ना
मतदाता सूची में नाम तभी जोड़ा जाएगा जब नागरिक का नाम नागरिकता रजिस्टर में वैध CRN के साथ दर्ज हो।
आवेदन के साथ अनिवार्य रूप से ये दस्तावेज प्रस्तुत होंगे:
जन्म प्रमाणपत्र (अधिकृत संस्था द्वारा जारी)
माता और पिता का पूरा नाम
जन्म के समय का पता
वर्तमान पता
सभी विवरण स्पष्ट और त्रुटिरहित होने चाहिए।
3. दस्तावेजों की सत्यापन जिम्मेदारी
चुनाव आयोग के लिए कार्यरत प्रत्येक सरकारी या गैर-सरकारी व्यक्ति सही जानकारी देने के लिए बाध्य होगा।
गलत जानकारी देने या जानबूझकर हेरफेर करने पर अधिकतम 6 माह का कारावास और जुर्माना लगाया जा सकेगा।
यह दंड लागू होने से राजनीतिक दबाव और पक्षपात पर रोक लगेगी।
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अध्याय 3 – स्थान परिवर्तन
4. स्थान परिवर्तन नियम
नए पते पर नाम स्थानांतरित करने से पहले नागरिक को कम से कम 6 माह का निवास प्रमाण देना होगा।
पुराने पते से नाम कटवाने की रसीद अनिवार्य होगी।
जानकारी नागरिकता रजिस्टर कार्यालय को भी भेजी जाएगी।
एक बार स्थानांतरण के बाद पुनः स्थानांतरण करने के लिए न्यूनतम 5 वर्ष का अंतराल अनिवार्य होगा (विशेष परिस्थिति को छोड़कर, जैसे सरकारी सेवा स्थानांतरण)।
5. स्थान परिवर्तन हेतु अतिरिक्त प्रमाण
कारण सहित शपथपत्र देना अनिवार्य होगा।
नए पते के आवास मालिक का लिखित प्रमाण कि आवेदक वहां 6 माह से अधिक समय से निवास कर रहा है।
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अध्याय 4 – मृत्यु एवं विलोपन
6. मृत्यु की सूचना और विलोपन प्रक्रिया
मृत्यु के 15 दिनों के भीतर मृत्यु प्रमाणपत्र हेतु आवेदन अनिवार्य।
मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने वाली संस्था को सूचना नागरिकता रजिस्टर, मतदाता सूची, आधार, पैन, बैंक आदि सभी प्रमुख संस्थानों को देनी होगी।
स्थानीय प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि मृतक का नाम मतदाता सूची से हटाया जाए।
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अध्याय 5 – राजनीतिक दल एवं नागरिक सहभागिता
7. राजनीतिक दल की जिम्मेदारी
राष्ट्रीय और प्रांतीय दलों को मतदाता सूची शुद्ध रखने के लिए डोर-टू-डोर सत्यापन करने हेतु बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करने होंगे।
यदि दल समय पर यह कार्य नहीं करते तो बाद में सूची पर आपत्ति दर्ज करने का अधिकार समाप्त हो जाएगा।
8. जनजागरूकता अभियान
चुनाव आयोग, स्थानीय निकाय और राजनीतिक दल संयुक्त रूप से मतदाता सूची पंजीकरण और सुधार हेतु वार्षिक जनजागरूकता अभियान चलाएंगे।
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अध्याय 6 – डिजिटल सुरक्षा
9. डेटा सुरक्षा और गोपनीयता
मतदाता सूची का पूरा डिजिटल डेटा किसी भी निजी संस्था को प्रदान नहीं किया जाएगा।
केवल आवश्यक सीमा तक और एन्क्रिप्टेड स्वरूप में अधिकृत एजेंसियों को उपलब्ध कराया जाएगा।
डेटा के दुरुपयोग पर सख्त दंडात्मक प्रावधान लागू होंगे।
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अध्याय 7 – अतिरिक्त तकनीकी सुधार
10. एकीकृत नागरिक पोर्टल
नागरिकता रजिस्टर, मतदाता सूची, आधार और अन्य सरकारी पहचान प्रणालियों को एकीकृत करने के लिए सुरक्षित केंद्रीय पोर्टल बनाया जाए।
स्थान परिवर्तन, मृत्यु, और व्यक्तिगत विवरण में बदलाव एक ही पोर्टल पर करने से सभी संस्थानों में स्वतः अपडेट हो जाएगा।
11. बायोमेट्रिक सत्यापन
मतदाता सूची पंजीकरण और मतदान प्रक्रिया में डुप्लीकेसी रोकने हेतु बायोमेट्रिक सत्यापन (फिंगरप्रिंट + फेस रिकग्निशन) को अनिवार्य किया जाए।
12. वार्षिक ऑडिट
प्रत्येक वर्ष चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची का स्वतंत्र ऑडिट कराया जाए, जिसमें त्रुटियां और विसंगतियां सार्वजनिक रिपोर्ट में दर्ज हों।
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स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया — मतदाता सूची निर्माण व शुद्धिकरण (प्रस्तावित)
चरण A — जन्म पंजीकरण और नागरिकता क्रमांक (CRN) जारी करना
1. अस्पताल/डिलीवरी सेंटर या परिवार बच्चे के जन्म की सूचना स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र/पंचायत/नगरपालिका को 30 दिनों के भीतर देता है।
2. माता-पिता/अस्पताल जन्म प्रमाणपत्र के लिये जिला-कलेक्टर कार्यालय/स्थानीय निकाय में आवेदन कराते हैं। (आवेदक के पहचान-प्रमाण पत्र अनिवार्य)।
3. जिला-कलेक्टर कार्यालय सत्यापन के बाद जन्म के साथ नागरिकता क्रमांक (CRN) जारी करता है और उसका प्रमाण पत्र (CRN कार्ड/रसीद) माता-पिता को देता है।
4. CRN केन्द्रिय नागरिक रजिस्टर में दर्ज होता है और माता-पिता के CRN से लिंक किया जाता है। (यह CRN बाद में सभी सरकारी पहचान-प्रपत्रों का मूल की-फील्ड होगा।)
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चरण B — CRN के आधार पर पहचान पत्रों/डेटाबेस का समेकन
5. CRN के बिना कोई नया आधार/पैन/बैंक खाता/ड्राइविंग लाइसेंस/मतदाता पहचान पत्र जारी नहीं होगा — संबंधित एजेन्सी CRN की सत्यता केंद्रीय पोर्टल से स्वतः जाँचेगी।
6. एक समेकित, सुरक्षित केंद्रीय पोर्टल बनाया जाता है जो CRN, मतदाता रजिस्टर, आधार आदि को लिंक करता है; हर अपडेट यहाँ से सभी संबंधित प्रणालियों में ऑटो-सिंक होता है।
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चरण C — मतदाता पंजीकरण (नया नाम जुड़ना / प्रथम पंजीकरण)
7. जब नागरिक मतदान आयु (18 वर्ष) प्राप्त कर ले — तो CRN + जन्मतिथि के आधार पर प्रणालियों द्वारा प्रोविजनल पंजीकरण नोटिफिकेशन स्वतः जनरेट होगा और नागरिक/स्थानीय बूथ अधिकारी को सूचित किया जाएगा।
8. नागरिक स्वयं भी ऑनलाइन या बूथ-स्तर पर फॉर्म भरकर पंजीकरण कर सकता है; आवश्यक दस्तावेज: CRN प्रमाण, जन्म प्रमाणपत्र/ID, माता-पिता का पूरा नाम, जन्मस्थान व समय का पता, वर्तमान पता।
9. पंजीकरण के साथ BLA/बूट-लेवल एजेंट प्राथमिक सत्यापन के लिये घर पर जाकर दस्तावेज़, फोटो, और मालिक का आवास-प्रमाण (landlord affidavit) अपलोड करेगा। हर सत्यापन में जियो-टैग, टाइमस्टैम्प और फोटो अनिवार्य होंगे।
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चरण D — क्षेत्रीय सत्यापन, स्वीकृति और प्रतिवाद
10. स्थानीय Returning Officer (RO) / जिला चुनाव कार्यालय BLA द्वारा जमा की गई जानकारी की तकनीकी जांच करेगा; यादृच्छिक नमूना-ऑडिट के लिये क्षेत्रीय निरीक्षक भेजे जाएंगे।
11. यदि सब ठीक हुआ तो नाम स्वीकृत कर अंतिम मतदाता सूची में स्थान दिया जाएगा और नागरिक को डिजिटल/प्रिंट रसीद भेजी जाएगी।
12. किसी तीसरे-पक्ष (राजनीतिक दल) द्वारा आपत्ति होने पर आपत्ति केवल निर्धारित समयावधि के भीतर ही स्वीकार होगी — यदि दलों ने निर्धारित डोर-टू-डोर कार्य नहीं किया तो बाद में आपत्ति दर्ज करने का अधिकार समाप्त रहेगा।
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चरण E — स्थान परिवर्तन (Address Transfer / Shift)
13. स्थानांतरण हेतु आवेदन: आवेदक नए और पुराने पते दोनों के साथ CRN और कारण सहित शपथपत्र देगा।
14. नए पते पर नाम तभी अंतर्निहित होगा जब: (a) न्यूनतम 6 माह वहां निवास का प्रमाण हो, और (b) पुराने पते से नाम कटवाने की रसीद (old-constituency deletion receipt) प्रस्तुत की गई हो।
15. नए पते के आवास-मालिक (owner/lessor) का लिखित प्रमाण कि आवेदक पिछले 6 माह से वहाँ निवास कर रहा है, अनिवार्य होगा; यह भी BLA द्वारा सत्यापित होगा।
16. स्थानांतरण के बाद पुनः स्थानांतरण के लिये सामान्य नियम के अनुसार कम से कम 5 वर्ष का अंतर अनिवार्य होगा — केवल औपचारिक/सरकारी सेवा आधार पर अपवाद मान्य होंगे (स्पष्ट अपवाद सूची बनेगी)।
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चरण F — मृत्यु और विलोपन (De-registration on Death)
17. मृत्यु के 15 दिनों के भीतर मृत्यु प्रमाणपत्र के लिये आवेदन अनिवार्य होगा; इसे स्थानीय प्रशासन/स्वास्थ्य-संस्था जारी करे।
18. मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करते ही उक्त संस्था केंद्रीय नागरिक रजिस्टर, मतदाता सूची, आधार, पैन व अन्य जुड़ी प्रणालियों को स्वचालित सूचना भेजे (API/सिक्योर चैनल)।
19. प्राप्त सूचना पर RO द्वारा मृतक का नाम मतदाता सूची से अक्षम/हटाया जाएगा तथा संबंधित संस्थानों को नोटिफिकेशन जारी होगा।
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चरण G — सत्यापन पद्धति: तकनीकी और मानव निगरानी
20. हर पंजीकरण/संशोधन पर बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट) + फेस-इमेज रिकॉर्ड अनिवार्य होगा ताकि डुप्लीकेसी रोकी जा सके।
21. BLA जमा किये गए हर रिकॉर्ड का लॉग (अपलोड-टाइम, जियो-कोऑर्डिनेट, फोटो) रखेगा; किसी भी फर्जी प्रविष्टि पर आपत्तिजनक BLA/कार्यालयी के खिलाफ अनुशासनात्मक व दंडात्मक कार्रवाई।
22. इलेक्ट्रॉनिक सबमिशन पर स्वतः-विल्मोचन (automated anomaly detection): एक सॉफ्टवेयर स्कैन करेगा कि कौन-से रिकॉर्ड असामान्य हैं (एक ही CRN से कई पते, विसंगत जन्मतिथि आदि) — ऐसे मामलों में मैन्युअल जांच होगी।
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चरण H — जवाबदेही और दंड
23. चुनाव आयोग के लिए कार्य करने वाले सरकारी/गैर-सरकारी किसी भी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर गलत जानकारी देने पर प्रस्तावित दण्ड: अधिकतम 6 माह कारावास तथा जुर्माना और सेवा निलंबन/स्थानीय अनुशासनात्मक कार्रवाई।
24. मतदाता सूची का दुरूपयोग/बिक्री/अनाधिकृत वितरण करने पर कठोर सिविल एवं आपराधिक दंड।
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चरण I — राजनीतिक दलों की भूमिका (BLA तय करना और ज़िम्मेदारी)
25. हर राष्ट्रीय/राजनीतिक दल को सीमित-समय में अपने क्षेत्रीय बूथ-स्तर के लिए BLA-नियुक्त करना अनिवार्य होगा; नियुक्ति की सूचना चुनाव आयोग को देनी होगी।
26. दलों को मतदाता सूची शुद्ध रखने के लिये डोर-टू-डोर सत्यापन में भाग लेना होगा; विफलता पर उनके द्वारा बाद में दायर आपत्तियों पर विचाराधीनता समाप्त होगी। (निर्दिष्ट नियमावली में दायरा स्पष्ट होगा।)
27. BLA का प्रशिक्षण चुनाव आयोग/स्थानीय निकाय द्वारा कराना होगा — सत्यापन मानक, डेटा सुरक्षा और जवाबदेही की ट्रेनिंग अनिवार्य।
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चरण J — डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और पहुँच नीतियाँ
28. मतदाता सूची का पूरा डिजिटल-डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं होगा; केवल एन्क्रिप्टेड, लॉग्ड और आवश्यकता-आधारित API-सुलभता (जैसे: सरकारी उपयोग, कानून प्रवर्तन, अधिकृत चुनाव संचालन) होगी।
29. किसी भी बाहरी निकाय/कंपनी को पूरी सूची देने पर पूर्ण निषेध; केवल अनिवार्य, सीमित और नियंत्रित एक्सेस संभव होगा तथा हर एक्सेस का ऑडिट ट्रेल कायम रहेगा।
30. डेटा ब्रेक/दुरुपयोग की स्थिति में त्वरित सूचना, रिस्पॉन्स-टीम और दंडात्मक प्रक्रिया लागू होगी।
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चरण K — ऑडिट, निगरानी और शिकायत निवारण
31. हर वर्ष चुनाव आयोग द्वारा स्वतंत्र ऑडिट: तकनीकी ऑडिट + फील्ड ऑडिट; परिणाम सार्वजनिक सारांश में प्रकाशित होगा (व्यक्तिगत संवेदनशील डाटा को हटाकर)।
32. नागरिक/दल/संस्था के पास एक केंद्रीकृत grievance-portal होगा: आवेदन की प्राप्ति 7 दिनों में स्वीकार/नोट किया जाएगा; 30 दिनों में प्राथमिक निवारण; 90 दिनों में अंतिम निवारण या अपील निर्देशित किया जाएगा।
33. अनियमितता पाए जाने पर संबंधित RO/अधिकारी/पदाधिकारी के विरुद्ध अनुशासनिक और दंडात्मक अनुशासनात्मक प्रक्रिया चलेगी।
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चरण L — कार्यान्वयन निर्देशिका (संक्षिप्त जिम्मेदारी तालिका)
जिला कलेक्टर/स्थानीय निकाय: जन्म पंजीकरण, CRN जारी करना, मृत्यु प्रमाण पत्र।
चुनाव आयोग (State/EC): नीति, BLA प्रशिक्षण, ऑडिट, दंड व्यवस्था लागू कराना।
BLA / बूथ अधिकारी: डोर-टू-डोर सत्यापन, दस्तावेज अपलोड, भूमि-मालिक प्रमाण संग्रह।
राजनीतिक दल: BLA नामांकन और सहभागिता (यदि नियम तय)।
केंद्रीय/राज्य आईटी-सेवा: समेकित पोर्टल, API, एन्क्रिप्शन, लॉगिंग।
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संक्षिप्त चेकलिस्ट — प्रत्येक क्रिया के लिये (आवश्यक दस्तावेज)
नए पंजीकरण: CRN प्रमाण, जन्म प्रमाणपत्र, माता/पिता का पूरा नाम, वर्तमान पता, फोटो।
पता परिवर्तन: CRN, पुराने पते की deletion-receipt, 6 माह का निवास प्रमाण, मालिक का लिखित प्रमाण, शपथपत्र।
मृत्यु विलोपन: मृत्यु प्रमाणपत्र (15 दिन में आवेदन)।
सत्यापन: BLA फोटो, जियो-टैग, टाइमस्टैम्प, बायोमेट्रिक (जहाँ लागू)।
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