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नोट बंदी की 101 उपलब्धियां

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नोट बंदी की 101 उपलब्धियां  नोट बंदी देश का पुर्नउद्धार है, इसके बाद जमाखोरी लगभग खत्म हुई है। गरीबों के कल्याण की योजनाओं के लिये पैसा आया है। मंहगाई पर नियंत्रण हुआ है। बिना हिसाब किताब का पैसा बाजार से खत्म हुआ है। टैक्स वास्तविक रूप में मिलने लगा हे। टैक्स चोरी खत्म हुई है। उत्तरप्रदेश में प्रचण्ड बहूमत नोट बंदी के बाद ही भाजपा को मिला था। 01- नोटबंदी के बाद 16.6 खरब नोट सिस्टम में वापस आ गए। 16 हजार करोड़ रुपये को छोड़कर सभी कैश बैंक में जमा हो जाने से बिना हिसाब वाले पैसों का पता चला। 02- अधिकतर कैश के बैंकिंग सिस्टम आने से इस पैसे को कानूनी दर्जा मिला और नोटबंदी अवैध धन रखने वालों के खिलाफ एक्शन लेने का एक जरिया बना है। 03- कासा यानी चालू खाता, बचत खाता जमाओं में कम से कम 2.50-3.00 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 04- मुद्रा बाजार की ब्याज दरों में गिरावट हुई और म्युचुअल फंडों के साथ बीमा क्षेत्र में धन का प्रवाह बढ़ा। 05- आयकर विभाग ने संदिग्ध लेन-देन को लेकर 517 नोटिस जारी किए थे, जिसके बाद 1833 करोड़ रुपये की 541 संपत्तियां जब्त की गई। 06- नोटबंदी के बाद 17.73 लाख संदिग्‍ध मा

हाथी को चींटी ने पछाड़ा : खबरों से खिलवाड़

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हाथी को चींटी ने पछाड़ा  आज चैनली मिडिया में कुछ चैनल इस तरह खबरों को परोस रहे हैं कि सच हाथी की तरह वजनदार हो कर भी झूठ रुपी चींटी से परास्त हो गया | इसके लिया कुछ चैनलों का  व्यवहार / लक्ष्य  -  हिंदुत्व को किसी भी तरह नीचा दिखाओ , उसे अपमानित करो , हिन्दू समाज में विभाजन करो , देश का बुरा करने वालोँ पक्ष लो , मदद करो की नीति का है | कुछ चैनलों के कारण सम्पूर्ण मिडिया के प्रति अविश्वास फैलता जा रहा हे | ------ खबरों से खिलवाड़ : पांचजन्य से साभार ...... दिनांक 24-अप्रैल-2018 सत्य को न देखने के कारण यह संसार जला है, इस समय जल रहा है और जलेगा। — अश्वघोष (सौंदरनंद 16/43) संस्कृत की प्रख्यात उक्ति है- अति सर्वत्र वर्जयेत्।          यानी किसी भी चीज की अधिकता बुरी है। यदि यह कसौटी खबरों पर लागू करें तो पाएंगे कि आजकल हम सूचनाओं की बमबारी से त्रस्त हैं। दिनभर जैसी कच्ची-पक्की, सच्ची-झूठी, नफरत या राजनैतिक एजेंडे में पगी खबरों की बमवर्षा होती है उसमें खबरों की छंटाई लगता है बीते दिनों की बात हो गई है। यह लापरवाही पाठक और मीडिया दोनों के स्तर पर है और इसीलिए दोहरी खतरनाक भी है।

डाटा चोरी की राजनैतिक चोर बाजारी

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डाटा चोरी की राजनैतिक  चोर बाजारी  विश्वास पर घात  दिनांक ०२-अप्रैल-२०१८ कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनावों में कैम्ब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ली थीं, जबकि उसके एक कर्मचारी डैन मर्सीन ने किसी एनआरआई से कांग्रेस को ही हराने के पैसे ले लिए। गौरतलब है कि डैन मर्सीन 2012 में केन्या के नैरोबी स्थित एक होटल में मृत पाए गए थे। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस व्यक्ति की मृत्यु 2012 में हो गई, वह दो साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हारने की वजह कैसे बन सकता है? सवाल यह भी उठता है कि जब फेसबुक के डाटा लीक के खुलासे से पहले मीडिया कांग्रेस और कैम्ब्रिज एनालिटिका में अगले चुनाव के लिए हो रही बातचीत की खबरें छाप रहा था, तब कांग्रेस कहां सो रही थी? कहीं ऐसा तो नहीं कि तब कांग्रेस को कैम्ब्रिज एनालिटिका से जुड़ने की खबरें रास आ रही थीं? उसे लग रहा था कि इससे देश में माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी अरविंद शरण   फेसबुक प्लेटफॉर्म पर अवैध डाटा खुदाई और तमाम गैरकानूनी हथकंडों से अमेरिका समेत कई देशों की राजनीतिक सत्ता का स्वरूप तय करने के विश्वव्यापी गंदे खेल में भारत का

उपराष्ट्रपति नायडू ने CJI के खिलाफ महाभियोग के नोटिस को खारिज किया

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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को किया खारिज Publish Date:Mon, 23 Apr 2018 https://www.jagran.com By Sachin Bajpai नई दिल्ली (जेएनएन)। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव  के नोटिस को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया। इस संबंध में राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कुछ संविधान विशेषज्ञों से चर्चा व सलाह मशविरा के बाद ये निर्णय लिया। कांग्रेस के इस नोटिस में जितने सांसदों के हस्ताक्षर थे उसमें से 7 सांसद रिटायर हो चुके हैं और इसी को आधार बनाते हुए उपराष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को खारिज किया है। साथ ही उपराष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को राजनीति से प्रेरित भी बताया है। उन्होंने कहा है कि प्रस्ताव में चीफ जस्टिस पर लगाए गए सभी आरोपों को मैंने देखा और साथ ही उसमें लिखी अन्य बातें भी देखीं। उपराष्ट्रपति के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता नलीन कोहली ने कहा कि कांग्रेस की सारी बाते हवा में होती है। न्यायपालिका का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। राजनीतिक दलों की अोर से इस बारे में नोटिस मिलने के ब

अपनी भाषा :अपने स्वत्व की अभिव्यक्ति भी है – परम पूज्य भागवत जी

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     अपनी भाषा का प्रयोग व्यवहारिक सुविधा ही नहीं,  अपने स्वत्व की अभिव्यक्ति भी  है – परम पूज्य डॉ. मोहन भागवत जी April 07, 2018 नई दिल्ली (इंविसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि अपनी भाषा का प्रयोग केवल व्यवहारिक सुविधा नहीं है, अपितु अपने स्वत्व की अभिव्यक्ति भी है. स्व की अभिव्यक्ति मातृभाषा में ही संभव है. भाव विदेशी भाषा में व्यक्त नहीं होते. लोकव्यवहार में बोली जाने वाली भाषाओं का अनुवाद भाषा के भाव के अनुरूप नहीं हो पाता. सरसंघचालक जी “जनता को जनता की भाषा में न्याय” विषय पर संबोधित कर रहे थे. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा केदारनाथ साहनी सभागार में आयोजित सम्मलेन में मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में बिरसा मुंडा की जेल में संदेहास्पद स्थिति में मृत्यु हो गयी थी, उनके साथ पकड़े गये 241 मुन्डावी बोली बोलने वाले क्रांतिकारियों के साथ उनकी भाषा के भाषांतर करने वाले ना होने के कारण उनके साथ अन्याय हुआ, अंग्रेजों द्वारा चलाए जा रहे न्यायालय में उम्रकैद की सजा हो गई थी. लेकिन वो ब्रिटिशर्स का राज था, अब तो अपन

कैंसर का घरेलु इलाज, जो लास्ट स्टेज में भी करता है काम

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कैंसर का ऐसा घरेलु इलाज, जो लास्ट स्टेज में भी करता है काम http://rajivdixitji.com/cancer-treatment http://videominecraft.ru/watch/ कैंसर हमारे देश मे बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है । हर साल बीस लाख लोग कैंसर से मर रहे है और हर साल नए cases आ रहे है । और सभी डॉक्टर्स हाथ-पैर डाल चुके है । राजीव भाई की एक छोटी सी विनती है याद रखना के … ” कैंसर के patient को कैंसर से death नही होती है, जो treatment उसे दिया जाता है उससे death सबसे अधिक होती है ” । माने कैंसर से ज्यादा खतरनाक कैंसर का treatment है । Treatment कैसा है ? ?आप सभी जानते है .. Chemotherapy दे दिया, Radiotherapy दे दिया, Cobalt-therapy दे दिया । इसमें क्या होता है के शरीर का जो प्रतिरक्षक शक्ति है Resistance power ! वो बिलकुल ख़तम हो जाती है । जब Chemotherapy दिए जाते है तो डाक्टर ये बोलते है की हम कैंसर के सेल को मारना चाहते है लेकिन होता क्या है अच्छे सेल भी उसी के साथ मर जाते है । डॉक्टर आपको भूल-भुलैया में रखता है अभी 6 महीने में ठीक हो जायेगा 8 महीने में ठीक हो जायेगा लेकिन अंत में वो मर ही जाता है , कभी हुआ नही ह

गुलाबचन्द कटारिया : जन विश्वास का नेता

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- अरविन्द सिसौदिया जिला  महामंत्री भाजपा कोटा !!!  9414180151 / 9509559131 माननीय गुलाबचन्द्र कटारिया जी को कभी सत्ता सुख ने छुआ तक नहीं हे। कांग्रेस को खुश करने के लिये कोई कुछ भी कह सकता है - लिख सकता हे। समस्या,समाधान, अनुसंधान और विकास निरंतर चलनेवाली प्रतिक्रिया है। जनता के बीच जिनकी जमानत भी नहीं बचती वे लिखनें में कुछ भी लिख सकते हे। मगर कोई भी आरोप लगाने वाला श्री गुलाबचन्द कटारिया जैसा जन विश्वास का नेता बन कर दिखायें तो जानें। विधानसभा की सदस्यता 1977 - 1955 सदस्य, 6वीं राजस्थान विधान सभा 1980 - 1985 सदस्य, 7वीं राजस्थान विधान सभा 1989 - 1991 सदस्य, 9वीं लोक सभा 1993 - 1998 सदस्य, 10वीं राजस्थान विधान सभा 1998 - 2003 सदस्य, 11वीं राजस्थान विधान सभा 2003 - 2008 सदस्य, 12वीं राजस्थान विधान सभा 2008 - 2013 सदस्य, 13वीं राजस्थान विधान सभा 2013 - cont. सदस्य, 14वीँ राजस्थान विधान सभा पार्टी पदों पर कार्य 1977 - 1980 उपाध्यक्ष एवं महासचिव, जनता युवा मोर्चा 1980 - 1985 सचिव, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), राजस्थान 1986 - 1993 महासचिव, भाजपा, राजस्थान 27/05/19

एक है हिन्दुत्व : परम पूज्य भागवत जी

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एक है हिन्दुत्व – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक जी का साक्षात्कार रा.स्व.संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा यानी संघ से जुड़ा वर्ष का सबसे बड़ा आयोजन. समाज में संघ कार्य की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है. विविध क्षेत्रों में संघ के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की उत्कंठा है. 2018 के अवसर पर रेशिम बाग, नागपुर में सरसंघचालक परम पूज्य श्री मोहन भागवत जी ने देश के वर्तमान राजनीतिक – सामाजिक परिदृश्य तथा संघ के बढ़ते व्याप के संदर्भ में पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर तथा आर्गनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर से विस्तृत बातचीत की. प्रस्तुत हैं विशेष साक्षात्कार के संपादित अंश – आज संघ कार्य के लिए जो अनुकूलता दिखती है, इसे आप कैसे देखते हैं? संघ के स्वयंसेवक सर्वदूर समाज में जाते हैं. अन्यान्य क्षेत्रों में काम भी करते हैं. संघ की शाखा में भी जाते हैं. समाज में, विभिन्न संगठनों में काम करते हैं. कई ऐसे हैं जो ऐसा कुछ नहीं करते, अपनी घर-गृहस्थी के लिए ही काम करते हैं. इन सबके व्यवहार और आचरण से वह सब झलकता है. जो काम उन्होंने किया है, वह घर-गृहस्थी चलाने का काम हो या किसी संगठन