जीवन मे कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो
आगे-आगे बढना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो!
जीवन मे कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो,
आगे-आगे बढना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो!
जीवन मे—
चलने वाला मन्जिल पाता, बैठा पीछे रहता है,
ठहरा पानी सडने लगता, बहता निर्मल होता है,
पांव मिले चलने की खातिर,
पांव पसारे मत बैठो!
जीवन मे—
तेज दौडने वाला खरहा, दो पल चल कर हार गया,
धीरे-धीरे चल कर कछुआ, देखो बाजी मार गया,
चलो कदम से कदम मिला कर,दूर किनारे मत बैठो!
जीवन मे—
धरती चलती, तारे चलते, चांद रात भर चलता है,
किरणो का उपहार बांटने, सूरज रोज निकलता है,
हवा चले तो खुशबू बिखरे, तुम भी प्यारे मत बैठो
आगे आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो
जीवन मे—
bahut hi badiya kavita hai jisko pad kar kuch karne ichcha jagrat hui hai
जवाब देंहटाएं