संकल्प पूरा, सफर शुरू - पाञ्चजन्य




संकल्प पूरा, सफर शुरू
तारीख 17 May 2014
http://www.panchjanya.com
पाञ्चजन्य से साभार 
यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। 16 मई को देश के16वें प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के नाम पर स्पष्ट बहुमत की मुहर लगाने वाले 16वीं लोकसभा चुनाव के नतीजों ने जहां चुनावी पंडितों के कयासों को कमोबेश सही साबित किया वहीं राजनीतिक दलों के बड़े बड़े नेताओं के आंकड़े धराशायी कर दिए। आजादी के बाद के शायद सबसे अहम रहे इन चुनावों पर देशी.विदेशी मीडिया पैनी नजर गढ़ाए थाए क्योंकि ये चुनाव उस यूपीए के कालिख पुते 10 साल के शासन से त्रस्त भारत की जनता के भाग्य का फैसला करने वाले थे। 16 मई की सुबह 8 बजे से ईवीएम के आंकड़े जहां भाजपा और राजग की उत्तरोत्तर बढ़त दिखाते गए वहीं कांग्रेस इतिहास में अपनी शर्मनाक पराजय की ओर बढ़ती गई। गठबंधन की बात करें तो भाजपा नीत राजग तमाम रिकार्ड तोड़ते हुए आगे बढ़ता गया तो कांग्रेस नीत यूपीए पानी पानी होता गया। आंकड़े देखें तो 16 मई की देर रात तक आए नतीजों और रुझाानों को मिलाकर भाजपा अकेले अपने दम पर 288 सीट जीत चुकी थी और कांग्रेस 50 से भी कम यानी 44 सीटें ही जीत पाई थी।
लहर तो थी। बेशक। श्अच्छे दिन आने वाले हैंश् और श्अबकी बार मोदी सरकारश् के नारे भारत के गली.चौबारों से कस्बों.देहातों और शहरों के मॉल.स्टालों तक ऐसे छाये कि बच्चे बच्चे की जुबान पर श्अबकी बारण्ण्ण्ण्श् ही सुनाई देता था। सोशल मीडिया ने अपना जादुई असर दिखाया। चुनावी संदेश पलक झपकते लाखों मोबाइलों से होते हुए सात समंदर पार तक पहंुचे। मोदी का तिलिस्म सबको लुभाता गया और विकास के पर्याय की उनकी छवि ने देश के करोड़ों युवाओं के दिल में घर कर लिया। मोदी.मंत्र देश में आसेतु हिमाचल गूंजने लगा और इसी का नतीजा है कि लद्दाख से कन्याकुमारी तक और कच्छ से कामरूप तक भाजपा की जबरदस्त आंधी चली जिसमें हर क्षेत्र केए हर प्रांत के विपक्षी दिग्गज ढह गएए गढ़ों में सेंध लगी और किले ताश के महलों की मानिंद भरभराकर औंधे मुंह जा गिरे।
महाराष्ट्र में शरद पवार हों या चव्हाणए सबकी चाल उल्टी पड़ी। भाजपा की आंधी से वहां की कांग्रेस.राकांपा सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कुल 48 सीटों में से भाजपा ने 23 और साथी शिवसेना ने 18 सीटें जीतकर राकांपा को 4 और कांग्रेस को 2 सीट पर समेट दिया। उत्तर प्रदेश में तो आगे पीछे के तमाम रिकार्ड टूट गए। राज्य की 80 सीटों में से भाजपा ने 71सीटें पाईं तो कांग्रेस राहुल और सोनिया की 2 ही सीटें जीत पाई। केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की तो बताते हैं जमानत ही जब्त हो गई। बिहार ने तो बड़बोले नीतीश कुमार को चेहरा दिखाने लायक ही नहीं छोड़ा। खुद को मुस्लिमों का रहनुमा दिखाने की झौंक में भाजपा और खासकर मोदी पर बेबुनियाद आरोप लगाने वाले नीतीश की जदयू को 2 सीटें मिलीं जबकि भाजपा 22 और उसकी सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी को 6 सीटें हासिल हुई हैं। भाजपा की एक और सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को 3 सीटें मिलीं। कांग्रेस को बिहार ने 2 सीटों पर ही समेट दिया। तमिलनाडु में भाजपा का पहली बार खाता खुला और उसने कन्याकुमारी की एक सीट जीती है। जम्मू.कश्मीर में अलगाववादी नारे उछालने वाले फारुख और उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला की बेहद किरकिरी हुई। उनकी पार्टी नेशनल कांफें्रस का खाता भी नहीं खुला जबकि भाजपा ने वहां 6 में से 3 सीटें जीतीं। दिल्लीए राजस्थानए गोवा और गुजरात में तो मोदी का जादू साफ झलकाए जहां भाजपा ने सभी सीटें जीतकर रिकार्ड बनाया। कहना न होगाए 2014 का यह जनादेश भाजपा के उस संकल्प को मिला है जो उसने अपने घोषणापत्र में स्पष्ट लिखा और चुनावी रैलियों में देशभर के मतदाताओं से किया हैए जो है सबका साथए सबका विकास। भारत को सुराज की आस हैए अच्छे दिनों की प्रतीक्षा है। सफर शुरू हो गया है। आगे के पृष्ठों पर प्रस्तुत हैं भाजपा द्वारा जीती सीटों के क्षेत्रवार आंकड़े।
. पाञ्चजन्य ब्यूरो.
आवरण कथा संबंधित रू उत्तर भारत
केन्द्र में सरकार बनाने के लिए प्रत्येक लोकसभा चुनाव में उत्तर भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उत्तर प्रदेश और बिहार दो ऐसे राज्य हैं जिन्होंने 2014 के चुनाव में भाजपा को रिकॉर्ड तोड़ सीटें देकर मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक वापसी की है। पार्टी को 80 में से 73 सीटें मिली हैं। बिहार में 31 और झारखंड में 13ए हिमाचल प्रदेश में सभी 4ए उत्तराखंड की सभी 5 और जम्मू.कश्मीर में 3 सीटों पर विजय प्राप्त करने के साथ चंडीगढ़ की एक सीट पर भी केसरिया ध्वज फहराया। पंजाब में भाजपा को 2 सीटें मिलीं और उससे भी बड़ा दुखद यह रहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली को अमृतसर से पराजय का मुंह देखना पड़ा।

आवरण कथा संबंधित रू पूर्वी भारत
देशभर में चली केसरिया बयार से पूर्वी भारत का हिस्सा भी अछूता नहीं रहाए लेकिन उस अनुपात में भाजपा को सीटें प्राप्त नहीं हो सकी। इस क्षेत्र के अंतर्गत पश्चिम बंगालए ओडिशा और असम सहित पूर्वोत्तर के राज्यों के कुल 88 लोकसभा क्षेत्रों में से भाजपा को 11 स्थान और सहयोगी दल को 2 सीटें मिली हैं। ओडिशा.1ए असम.7 और अरुणाचल प्रदेश में 1 सीट मिली हैं।
नेतृत्व में देशभर में भारतीय जनता पार्टी की विजय भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान की विजय है और देश की युवाशक्ति की विजय है। पण् बंगाल को केन्द्र सरकार से क्या अपेक्षा होगी यह तो नहीं कह सकते किन्तु 2016 में हम राज्य विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जरूर देखना चाहेंगे।

आवरण कथा संबंधित रू मध्य भारत
मध्य भारत में भाजपा ने केसरिया लहर के साथ 82 में से 76 लोकसभा सीटें जीतकर अपूर्व विजय प्राप्त की। ;हरियाणा.7ए राजस्थान.25ए मध्यप्रदेश.27ए छत्तीसगढ़.10 और दिल्ली.7द्ध हरियाणा में भाजपा के अलावा कांग्रेस को एक और इनेलो को 2 सीटें प्राप्त हुई हैं। दिल्ली में सभी 7 सीटों पर भाजपा का परचम लहराया है।
मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री अवश्य थेए किन्तु दबदबा राहुल व सोनिया का था। इन दोनों का देश की रीति.नीति से कोई लेना.देना नहीं थाए जनता नाराज थीए 1977 में भी इतना बुरा हश्र नहीं हुआ था कांग्रेस का। देश की राष्ट्रीय पार्टी भाजपा को नरेन्द्र मोदी के रूप में ऐसा नेता मिला है जो जनआशाओं का केन्द्र बन गए। भारतीय जनता पार्टी के विषय में बात हो रही थी कि यह कांग्रेस का मुकाबला नहीं करेगीए किन्तु इन चुनावों में पार्टी के संगठनए मोदी जी के कुशल नेतृत्व ने चित्र ही बदल डाला।
डॉण् राजकुमार भाटियाए
अध्यक्ष एनडीटीएफ

आवरण कथा संबंधित रू पश्चिमी भारत
पश्चिमी भारत में भाजपा ने 81 में 73 सीटें जीतीं। इनमें गुजरात की सभी 26 सीटेंए महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ की 43 सीटों पर जीत मिली है। गोवा में 2ए दमन.दीव में एक और दादरा.नगर हवेली में एक सीट पर जीत मिली है।

मैं आशा करता हूं कि विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे और युवा वर्ग के लिए नई पहल होगी।
-देवेन्द्रनाथ मिश्र
वरिष्ठ साहित्यकारए मुम्बई, महाराष्ट्र

परिणाम बताते हैं कि भारत की जनता ने दिल से मतदान किया था। उनके लिए अब शायद देश ज्यादा मायने रखता है एक परिवार नहीं। ये देश जागरूक हो चुका है और अब नेताओं की चिकनी चुपड़ी बातों में आने वाला नहीं।
-सुनील स्लेथिया, ब्यूरो चीफ pनून कश्मीर

आवरण कथा संबंधित रू दक्षिण भारत
दक्षिण भारत में मोदी लहर के आगे जाति व पंथ को नकारकर लोगों ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रति अपना विश्वास जताया है। कर्नाटक की 28 सीटों में से भाजपा ने 17 सीटों पर जीत का परचम लहराकर साबित कर दिया है कि देश का यह हिस्सा भी भाजपा की लहर से अछूता नहीं है। तेलंगाना में 17 सीटों में से 11 सीटों पर टीआरएस ने बाजी मारी हैए जबकि तेदेपा.भाजपा गठबंधन को 2 संसदीय क्षेत्रों में विजय प्राप्त हुई है। भाजपा ने 2 संसदीय और 4 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की है। तेदेपा को सीमांध्र में 25 में से 15 लोकसभा सीटें प्राप्त हुईं हैं। जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी को 8 सीटें प्राप्त हुई हैं। नरेन्द्र मोदी की व्यापक लोकप्रियता से यह क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा।

अंधेरा छंट चुका हैए कमल खिल चुका हैए तुष्टीकरणण्ण्ण् वंशवादए भ्रष्टाचारियों को मुंहतोड़ जवाब देने वाली भारत की जनता को शत.शत नमन। श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए और भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक विजय संकेत करती है कि जनता क्या चाहती है। हम सभी उम्मीद करते हैं कि अच्छे दिन आने वाले हैंण्ण्ण् जय जनता जनार्दन।
-सुशील पाठक, उज्जैन, मध्य प्रदेश

समस्त कानूनी व्यवस्थाओं के बावजूद आज जीवन के हर क्षेत्र में महिलायें अपने आपको असुरक्षित महसूस करती हैं ! आम महिलाओं की जहां एक ओर दामिनी जैसे कांड व दहेज की आग से रूह कंपकपाती है तो दूसरी ओर कन्या भ्रूण हत्या व स्वास्थ्य सम्बंधी मसलों में भी वह यातनाएं झेलती है इसीलिए आदरणीय मोदी जी को हार्दिक बधाई देते हुए आज हर नारी उन्हें कृष्णावतार के रूप में देखना चाहती है जो उनके कष्टों के निवारण करने के लिए ठोस कदम उठाएंगे और उन्हें अपने जीवन उत्थान करने के लिए सबल बनाएंगे !
- सुनीता शर्मा, लेखिकाए गाजियाबाद


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