संघ का विश्वास : जनाकांक्षाओं को पूर्ण करेगी नई सरकार





संघ का विश्वास : जनाकांक्षाओं को पूर्ण करेगी नई सरकार
सरकार्यवाह श्री सुरेश (भय्या) जी जोशी

नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश (भय्या) जी जोशी ने विश्वास व्यक्त किया है परिवर्तन की आकांक्षा व्यक्त करने वाले करोड़ों देशवासियों की भावनाओं एवं अपेक्षाओं की पूर्ति करने में नव निर्वाचित सरकार सफल सिद्ध होगी. उन्होंने 16 मई को समस्त देशवासियों और नव निर्वाचित सरकार का हार्दिक अभिनंदन करने के लिये अपना प्रेस वक्तव्य जारी किया.

सरकार्यवाह ने आशा व्यक्त की “ हम सभी के सहयोग से वैचारिक सामाजिक और धार्मिक भिन्नताओं से ऊपर उठकर भेदभाव और विषमतापूर्ण व्यवहार से मुक्त होकर शोषणमुक्त और समरस समाज निर्मिति की दिशा में एकात्म भाव बनाये रखने में नवनिर्वाचित सरकार सफल सिद्ध होगी.”

अपने वक्तव्य में श्री जोशी ने अपने आशा और विश्वास में यह भी जोड़ा कि लोकतंत्र में सरकार की भूमिका निश्चित ही महत्वपूर्ण होती है, किंतु हमें विश्वास रखना होगा कि परिवर्तन की प्रक्रिया की अपनी एक गति होती है और परिवर्तन सरकार, प्रशासन, सभी राजनैतिक दल, जनसामान्य, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के समन्वित प्रयासों से ही संभव है.

सरकार्यवाह ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होने के साथ ही सभी लोग सामान्य सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्माण करने का सकारात्मक प्रयास करेंगे. श्री जोशी ने कहा कि निर्वाचन के कालखंड में विचारों का खंडन-मंडन, व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप स्वाभाविक है किंतु वे सभी से विनम्र प्रार्थना करना चाहेंगे कि समस्त देशवासियों ने आज तक जिस संयम का परिचय दिया है, ऐसा ही सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने में सभी लोग अपनी भूमिका निभायें.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में संपन्न लोकसभा चुनाव में समस्त देशवासियों ने सारे विश्व के सम्मुख स्वस्थ लोकतंत्र का उदाहरण प्रस्तुत किया है, यह अभिनंदनीय है. हम सभी के लिये यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि चुनाव प्रक्रिया सामान्यत: संयम, शांति एवं जागृतता के साथ संपन्न हुई. इसमें सहभागी सभी राजनैतिक दलों के हजारों कार्यकर्ता, निर्वाचन में सहभागी सभी दलों के सैकड़ों प्रत्याशी, प्रसार माध्यम, प्रशासन तथा सुरक्षा तंत्र, इन सब की भूमिका संतोषजनक रही है
Source vskbharat.com

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

God’s Creation and Our Existence - Arvind Sisodia

Sanatan thought, festivals and celebrations

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

कविता - संघर्ष और परिवर्तन

‘‘भूरेटिया नी मानू रे’’: अंग्रेजों तुम्हारी नहीं मानूंगा - गोविन्द गुरू

सरदार पटेल प्रथम प्रधानमंत्री होते तो क्या कुछ अलग होता, एक विश्लेषण - अरविन्द सिसोदिया sardar patel

सरदार पटेल के साथ वोट चोरी नहीं होती तो, वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री होते - अरविन्द सिसोदिया