संदेश

अक्तूबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मृत्यु और उसके बाद का अनुभव

  'मौत' के बाद जिंदा लौटे, जानिए कैसा था उनका अनुभव Sun, 28 Jun 2015  समय-समय पर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं कि मरने के कुछ समय बाद व्यक्ति फिर से जिंदा हो गया। ऐसे ही मृत्यु के किनारे को छूकर लौटने वाले अनेकों व्यक्तियों ने जो कुछ देखा महसूस किया और बताया, उन विवरणों पर वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है। 1970 में अमेरिका में इस तरह के अध्ययन के लिए 'साइन्टिफिक स्टडी ऑफ नियर डेथ फिनोमेना " नाम से एक संस्था। ब. रेमण्ड ए. मूडी नामक विख्यात मनःचिकित्सक की टीम ने प्रतिवर्ष 100 से ज्यादा ऐसे लोगों पर अध्ययन किया। सैकड़ों परीक्षणों के बाद डा.रेमंड ने देखा कि कुछ समानताएं सब में होती हैं। जो भी व्यक्ति मृत्यु के निकट पहुँच गये, उन्होंने सबसे पहले शरीर को छोड़ने के बाद दूर से उसे देखा। अनेक मृतक संबंधी भी मिलते हैं। घने अंधकार भरे मार्ग से प्रकाश की ओर गमन का अनुभव होता है। प्रकाश की ओर जाते ही शान्ति और आनन्द की अनुभूति होती है। अंधेरे से उजाले की ओर चली जाती है आत्‍मा ऐसे 100 व्यक्ति जिन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था और वे फिर पुनः जीवित हो गए थे उनके अनुभवों को डा. रेम

निजी अस्पतालों की लूट रोकेंगे या उनसे चुनावी चंदा उगाही होगी - अरविन्द सिसोदिया

चित्र
अस्पतालों की लूट रोकेंगे या उनसे चुनावी चंदा उगाही होगी - अरविन्द सिसोदिया राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नें हाल हैं स्वीकार किया कि राजस्थान में निजी चिकित्सालयों नें लूट मचा रखी है । बात तो सही है , मगर इन्हें लूटनें का अवसर किसनें दिया ? फिर चुनावों के ठीक पहले इस बयान की जरूरी क्यों पड़ी ? कहीं चुनावी चंदा उगाही का धंधा तो नहीं ...?   मुख्यमंत्री गहलोत के द्वारा निजी चिकित्सालयों पर यूं हमला और फिर उसे हाई लाईट करवाना अप्रत्याशित लग रहा है। नियत साफ होती तो चिकित्सा का अधिकार कानून लागू करते उसे प्रवर समिती को सौंपना ही संदेहास्पद है। इस बयान से दो मैसेज सामनें आ रहे हैं एक तो जनता के बीच आप भलापन दिखाना चाहते हैं। दूसरा निजी चिकित्सालयों से कुछ बडा चाहते हैं। चुनाव के ठीक पहले यह इसी ओर इशारा करता है कि चार साल में तो चिकित्सा क्षैत्र की लूट दिखी नहीं अब अचानक यह क्यों बडी स्क्रीन पर नजर आ रही है। कहीं कोई बडा खेल तो नहीं । जादूगर खेल तो दिखा ही सकता है। लूट तो प्राइवेट स्कूलों नें भी मचा रखी है । लूट फुटकर व्यापारी वर्ग नें भी मचा रखी है । सवाल यही है कि लूट की इजाजत किसनें द

राजनैतिक क्षेत्र में अर्मादित भाषा सहित छल कपट और झूठ पर नियंत्रण आवश्यक - अरविन्द सिसौदिया 

चित्र
  ये वही आजम खान है जिसने भारत माता को ‘डायन’ बोला था This is the same Azam Khan who called Bharat Mata a 'witch'  Azam Khan राजनैतिक क्षेत्र में अर्मादित भाषा सहित छल कपट और झूठ पर नियंत्रण आवश्यक - अरविन्द सिसौदिया Control of deceit, deceit and lies is necessary in the political field - Arvind Sisodia      हाल ही में समाजवादी पार्टी के सीनियर और दबंग नेता कहलानें वाले आजम खान को हेट स्पीच के मामले में अदालत नें दोषी पाया एवं उन्हे तीन साल की सजा सुनाई और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। Recently, Azam Khan, who was called a senior and domineering leader of the Samajwadi Party, was found guilty by the court in the hate speech case and sentenced him to three years' imprisonment and imposed a fine of 25 thousand rupees. वहीं सपा के सबसे बदतमीज नेता अखिलेश यादव को चुनाव आयोग ने उनके आरोपों को साबित करनें का नोटिश भी जारी किया है। At the same time, the Election Commission has also issued a notice to Akhilesh Yadav, the most ill-mannered leader of SP, to prove his allegation

भाई बहन का अनूठा मंदिर : जगन्नाथपुरी धाम

चित्र
Unique temple of brother and sister: Jagannathpuri Dham भाई बहन का अनूठा मंदिर : जगन्नाथपुरी धाम   पुरी में जगन्नाथ मंदिर के 8 अजूबे इस प्रकार है। 1.मन्दिर के ऊपर झंडा हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराते हुए। 2.पुरी में किसी भी जगह से आप मन्दिर के ऊपर लगे सुदर्शन चक्र को देखेगे तो वह आपको सामने ही लगा दिखेगा। 3.सामान्य दिन के समय हवा समुद्र से जमीन की तरफ आती है, और शाम के दौरान इसके विपरीत, लेकिन पूरी में इसका उल्टा होता है. 4.पक्षी या विमानों मंदिर के ऊपर उड़ते हुए नहीं पायेगें। 5.मुख्य गुंबद की छाया दिन के किसी भी समय अदृश्य है. 6.मंदिर के अंदर पकाने के लिए भोजन की मात्रा पूरे वर्ष के लिए रहती है। प्रसाद की एक भी मात्रा कभी भी यह व्यर्थ नहीं जाएगी, चाहे कुछ हजार लोगों से 20 लाख लोगों को खिला सकते हैं. 7. मंदिर में रसोई (प्रसाद)पकाने के लिए 7 बर्तन एक दूसरे पर रखा जाता है और लकड़ी पर पकाया जाता है. इस प्रक्रिया में शीर्ष बर्तन में सामग्री पहले पकती है फिर क्रमश: नीचे की तरफ एक के बाद एक पकते जाती है। 8.मन्दिर के सिंहद्वार में पहला कदम प्रवेश करने पर

भाई दूज Bhaii-Dooj : अच्छे और सच्चे भाई बनें, अटूट और अनंत संबंध निभाएं

चित्र
भाई बहन के अटूट एवं अनंत सम्बन्धों का स्नेह पर्व भाई दौज  - अरविन्द सिसोदिया 9414180151 भ्रातृ द्वितीया कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। यह दीपावली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं।      भारतीय संस्कृति में भाई और बहन के अटूट संबंधों को लेकर बहुत ही गंभीरता एवं प्राथमिकता से ध्यान रखा गया है और इसी कारण वर्ष में 3 बार भाई बहन आपस में मिले और संबंधों को ताजा रखें । उनमें स्नेह,प्रेम आदर एवं अपनत्व का भाव भरते रहे । इस हेतु रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन का ही पर्व है । इसके बाद दीपावली पर भाई दूज एवं होली के त्यौहार पर भाई दौज आती है ।          इस तरह ईश्वर भी चाहता है कि भाई-बहन कम से कम साल में तीन बार तो आपस में मिलते रहे । आज देखने में जा रहा है कि बहुत सारे भाई अपनी बहनों से इसलिए किनारा करते हैं कि कहीं उन्हें संपत्ति में हिस्सा ना देना पड़े , हालांकि ईश्वर ने  बहन को अधिकार  बान ही बनाया है। जगन्नाथपुर

भारतीय सँस्कृति को, समाप्त करने वालों के षड़यंत्र से बचाना होगा

चित्र
  कोई संस्कृति समाप्त करनी है तो उससे उनके त्योहार छीन लो और यदि कोई त्योहार समाप्त करना है तो उससे बच्चों का रोमांच गायब कर दो। कितना महीन षड्यंत्र है? कितना साफ और दीर्घकालिक जाल बुना जाता है? समझिए दीपावली पर पटाखे बैन के षड्यंत्र की कहानी- पंच मक्कार(मीडिया,मार्क्सवादी,मिचनरीज, मुलाना, मैकाले) किस तरह से सुनियोजित कार्य करते है आप इस लेख के माध्यम से जान पाएंगे।किस तरह इकोसिस्टम बड़ा लक्ष्य लेकर चलता है वो आप जान पाएंगे।वे किस तरह 10,20 साल की योजना बनाकर स्टेप बाई स्टेप नैरेटिव सेट कर शनैःशनैः वार कर किले को ढहा देते हैं ये आप जानेंगे। जिसमें वे आपको ही अपनी सेना बनाकर अपना कार्य करते हैं और आपको पता भी नहीं चलता। पटाखो पर बैन की कहानी 2001 से शुरू होती है। जब एक याचिका में SC ने सुझाव दिया कि पटाखे केवल शाम 6 से 10 बजे तक मात्र चार घण्टे के लिए फोड़े जाए। साथ ही इसको लेकर जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों में बच्चों को बताया जाए। ये केवल एक सुझाव वाला निर्णय था ना कि पटाखे फोड़ने पर आपराधिक निर्णय। ध्यान रहे सुझाव केवल दीपावली पर ही था क्रिसमस और हैप्पी न्यूएर पर फैसले से नदारद थे। ये

आखरी ओवर का रोमांच - विराट नें पाक से जीत छीन कर, भारत की झोली में डाली

चित्र
  विराट कोहली नें पाकिस्तान से जीत छीन कर भारत की झोली में डाली भारत में सबसे बडा त्यौहार दीपावली मनाया जा रहा है, आज छोटी दीपावली मनाई जा रही थी। इस पर पाकिस्तान से मैच होना, पूरे देश की सांसे रोक देता है। भारत यह मैच हार जाता तो त्यौहार का मजा किर किरा हो जाता । भारत को फाईनल से कोई मतलब ही नहीं है। भारत को तो पाकिस्तान से जीत से मतलब होता है। जिसमें भारत जीत गया। जहां तक भारत की जीत का सवाल है, उसे अकेले विराट कोहली की जीत कहा तो जा सकता है मगर रन स्कोर को इस मुकाम तक पहुंचानें में हार्दिक पाण्डया की जबरदस्त सूझबूझ और साझेदारी को भी सलाम करना ही होगा, उन्हे अलग नहीं किया जा सकता। जब पाकिस्तान इस मैच को लगभग जीत ही चुका था , तब निश्चितरूप से विराट कोहली के अनुभव और पराक्रम का ही परिणाम था कि आखरी बाल पर भारत नें मैच जीत कर, पाकिस्तान को सुनिश्चित जीत दूर कर दिया। यह भी कहा जा सकता है कि विराट कोहली नें पाकिस्तान से जीत छीन ली । मैच में एक समय भारत,सिर्फ 31 रन पर 4 विकेट गंवा चुका था, उसके मुख्य बल्लेबाज राहुल, रोहित, सूर्यकुमार यादव मामूली स्कोरों पर आउट हो कर लौट चुके थे। इसके बाद व

देवात्मा सारिका सिंह : बहुत कष्ट सहे,ईश्वर उसे अब सुखी जीवन देना ...!

चित्र
                 मम्मी - पापा के मध्य में सारिका सिंह,खडे गणेश मंदिर परिसर का चित्र देवात्मा सारिका सिंह : बहुत कष्ट सहे उसनें,ईश्वर उसे अब सुखी जीवन देना ...! sarika singh वह हर त्यौहार पर पापा के साथ बाजार जाती थी। धन तेरस पर बर्तन उसकी पशंद का ही खरीदा जाता था। करवा चौथ पर मम्मी की साडी उसी की पशंद की खरीदी जाती थी। इस बार दीपावली पर न कुछ खरीद हुई न दिये जले  न रोशनी हुई। मन बहुत दुखी रहा , हर बात उसकी याद दिलाती रही । ईश्वर इतनी ममता इतना मोह क्यों देता है।   मेरी सबसे छोटी बेटी सारिका सिंह का जन्म जन्माष्टमी को हुआ और देवलोक गमन एकादशी 23 अगस्त 2022 को हुआ ...., मुखाग्नि भाई जयकांत सिंह नें दी । 24 अगस्त को अस्थि संचय और 25 अगस्त को सोरोंजी मथुरा - आगरा से आगे में अस्थि विसर्जन हुआ। --- बहुत कष्ट सहे उसनें,ईश्वर उसे अब सुखी जीवन देना ...! आज बेटी सुश्री सारिका सिंह के देवलोकगमन को 2 माह हो गया है । हँसती, खिलखिलाती, इस आंगन की चहकती चुलबुल , अचानक पूरे परिवार को आंसुओं में डुबो कर चली गई ...!! कोई भी उसे भूल नहीं पा रहा ...! घर खानें दौड़ता है, शरीर र्निजीव हो गये,घण्टों घण्टों उस

श्रीराम वनवास से लौटनें पर , 17.5 लाख वर्ष पूर्व आयोजित हुई थी दीपावली

चित्र
  रामसेतु Ram - setu (एडम ब्रिज) 17.5 लाख वर्ष पूर्व भगवान श्रीराम 17.5 लाख वर्ष पूर्व जन्मे थे सर्वप्रथम रामसेतु के संदर्भ में 1993 में नासा ने 14 दिसम्बर 1966 को अमरीकी उपग्रह से खींचे चित्रों को विभिन्न विशलेषणों के आधार पर जारी किये। जिसमें माना गया था कि रामसेतु लगभग 17.5 लाख वर्ष पूर्व का है। बाद में इस पर साम्प्रदायिक तत्वों एवं अर्न्तराष्ट्रीय हितनिहित के कथित धर्म संस्थानों ने करवाये।   रामसेतु का चित्र नासा ने 14 दिसम्बर 1966 को जेमिनी-11 से अंतरिक्ष से प्राप्त किया था। इसके 22 साल बाद आई.एस.एस 1 ए ने तमिलनाडु तट पर स्थित रामेश्वरम और जाफना द्वीपों के बीच समुद्र के भीतर भूमि-भाग का पता लगाया और उसका चित्र लिया। इससे अमेरिकी उपग्रह के चित्र की पुष्टि हुई। संभवतः सांसद रघुवीरसिंह कौशल नें लोकसभा में एक प्रश्न तब लगाया था , नासा के द्वारा रामसेतु अर्थाम एडम ब्रिज की आयु के संदर्भ में , लोकसभा में बहुत छोटे से जबाव में 17.5 लाख वर्ष पूर्व का अनुमान नासा के द्वारा लगाया गया माना गया था। इसी आधार पर श्रीराम का जन्म भी 17.5 लाख वर्ष पूर्व का ही माना जायेगा और दीपावली जो कि श्रीराम क

मानव तन प्रदान करने वाले ईश्वर को धन्यवाद ज्ञापित करें - अरविन्द सिसोदिया

चित्र
ईश्वर की कृतज्ञता को धन्यभाग्य ज्ञापित करो - अरविन्द सिसोदिया ईश्वर की कृतज्ञता को आभार ज्ञापित करें - अरविन्द सिसोदिया ईश्वर नें जब पृथ्वी पर प्रकृति रचना प्रारंभ की तो आत्मारूपी प्राणों को शरीर मिलना प्रारंभ हुये । आत्मा में समस्त क्षमतायें होती है , किंतु वह बिना शरीर के उनका प्रयोग, उपयोग नहीं कर पाता । When God started the creation of nature on earth, souls like souls started getting bodies. The soul has all the capabilities, but it cannot use them without the body. आत्मा की स्थिति स्वंयभू स्वामी जैसी है। वह ड्राइवर जैसी है, संचालक जैसी । वह शरीर को ड्राइव करती है, जैसे स्कूटर चलाना, कार चलाना , घर चलाना, कार्यालय चलाना, सरकार चलाना आदि आदि विविधताओं से परिपूर्ण यह संचालन का, नेतृत्व का विषय है । ईश्वर भी सृष्टि का संचालन कर रहे हैं । उसी का लघुरूप मानव है । The state of the soul is like that of the self-styled godman. She is like a driver, like a conductor. She drives the body, such as driving a scooter, driving a car, running a house, running an office, running a government, etc

जनसंख्या नीति बननी चाहिए : संघ

चित्र
  देश में सब पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बननी चाहिए: दत्तात्रेय होसबाले -आरएसएस के सरकार्यवाह बोले, साल भर में बढ़ीं 6600 संघ की शाखाएं   प्रयागराज, 19 अक्टूबर ।    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बुधवार को यहां कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के जनजातीय समुदाय के लोगों में भी स्वाभिमान जागरण के कारण ''मैं भी हिन्दू हूँ '' का बोध विकसित हुआ है।   संघ के सरकार्यवाह आज प्रयागराज के गौहनिया स्थित जयपुरिया स्कूल के वात्सल्य परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वाभिमान जागरण के कारण ही पूर्वोत्तर राज्यों के जनजातीय समुदाय के लोग अब संघ से भी जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि मेघालय और त्रिपुरा राज्य के जनजाति समुदाय के लोग संघ के सरसंघचालक जी को भी इस बोध के साथ आमंत्रित करने लगे हैं। प्रयागराज में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चार दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के अंतिम दिन दत्तात्रेय होसबाले ने  पत्रकारों को बताया कि संघ अपनी स्थापना के शताब्दी वर्ष में बहुत से आयामों में कार्य को गति प्रदान कर रहा ह