किसी को भी हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ जहर उगलने का अधिकार नहीं है - अरविन्द सिसौदिया Hindu Devi Devta

धर्मान्तरण व हिन्दू देवी देवताओं के विरूद्ध शपथ दिलाने का “आप पार्टी” के द्वारा प्रोत्साहन देना आपराधिक पाखण्ड - अरविन्द सिसौदिया

 
इसी साल की शिरूआत 29 -1-2022 में जब पंजाब में चुनाव थे,तब जालंधर में आप पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीबाल से धर्मान्तरण की समस्या के बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा “धर्मान्तरण के खिलाफ कानून बनना चाहिये।” वहीं उनकी दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल की मौजूदगी में 5 अक्टूबर, 2022 हिन्दू देवी देवताओं के विरूद्ध सार्वजनिक स्थल पर शपथ दिलाई गई। जो कि आप पार्टी की दोहरी मानसिकता एवं चरित्र का प्रमाण है।

यूं तो बहुत सारे बयान इस तरह के हैं जिनमें स्वयं अरविन्द केजरीवाल, मनीष सीसौदिया सहित बनेकों बडे नेता गण दोहरी बात करते हैं, एक ही तथ्य के विरूद्ध दो विरोधी बातें बोलते है। गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर इन नेताओं को जरा भी मलाल नहीं होता कि इनने पहले क्या कहा था। कृषि कानून बनें तब सबसे पहले इसे लागू करने वाले भी अरविन्द केजरीवाल थे। जब इसके खिलाफ खालिस्तानी आन्दोलनकारी वेष बदल कर उतरे तब उनके साथ भी अरविन्द केजरीवाल थे। जिसका फायदा उन्होनें पंजाब चुनाव में उठाया भी।
धर्मान्तरण कार्यक्रम का जो वीडियो सामनें आया है उसमें शामिल हजारों लोग बौद्ध धर्म अपनाने का संकल्प लेते और हिंदू देवी-देवताओं की निंदा करते सुने जा सकते हैं।

हालांकि, गौतम ने कहा कि किसी ने किसी धर्म के देवी-देवताओं के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा, जो किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करता हो। मगर वीडियो एवं चौनलों पर चल रहे समाचार से सब कुछ स्पष्टता से सुना जा सकता है। जिसमें हिन्दू देवी देवताओं के नाम लेकर के उन्हे अपमानित किया जा रहा है। इसका एक सबूत यह भी है कि जब आप पार्टी पर आरोप लगे तो उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) या दिल्ली सरकार की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने संवाददाता सम्मेलन में ‘आप’ पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ‘गौतम की टिप्पणी उस नफरत को दर्शाती है, जो पार्टी के मन में समुदाय (हिंदुओं) के प्रति है।’

उल्लेखनीय है कि पांच अक्टूबर को करीब 10,000 लोगों ने इस कार्यक्रम में बौद्ध धर्म अपनाने का कथित तौर पर संकल्प लिया। साथ ही, महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करने और हिंदू देवी-देवताओं की पूजा त्यागने का संकल्प लिया।

आप पार्टी के मंत्री गौतम ने धर्मान्तरण का प्रोत्साहन किया है इसका सबूत यही है कि उन्होनें खुद उस दिन ट्वटर पर इस कार्यक्रम की तस्वीरें साझा की थीं। उन्होंने कहा था कि 10,000 से अधिक लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाने और भारत को जातिवाद व छुआछूत से मुक्त कराने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया। वहीं चौनलों पर चल रहे वीडियो में सरकारी मंत्री गौतम को कार्यक्रम में शामिल हुए अन्य लोगों के साथ मंच साझा करते देखा जा सकता है। उन्हें संकल्प लेने की मुद्रा में खड़े भी देखा जा सकता है।

कार्यक्रम में यह संकल्प लिया गया, ‘‘मैं कभी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को नहीं मानूंगा, ना ही उनकी पूजा करूंगा। मैं कभी राम और कृष्ण को भगवान नहीं मानूंगा, ना कभी उनकी पूजा करूंगा। मैं गौरी, गणपति या हिंदू धर्म के किसी देवी-देवता को नहीं मानूंगा, ना ही उनकी पूजा करूंगा।’’

उधर, पश्चिम दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने गौतम पर निशाना साधते हुए उन पर ‘सामूहिक धर्मांतरण’ में शामिल होने का आरोप लगाया। वर्मा ने ट्वीट किया, “आप शासित पंजाब से हर रोज धर्मांतरण की खबरें सामने आती हैं। इसी तरह, केजरीवाल सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम अब दिल्ली में सामूहिक रूप से लोगों का धर्मांतरण करवा रहे हैं।”
बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजेंद्र पाल गौतम ने पाप किया है. उन्हें संवैधानिक पद पर रहने का अधिकार नहीं है.

दिल्ली में धर्मांतरण के सार्वजनिक अड्डे
वहीं विश्व हिंदू परिषद के विनोद बंसल ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि जिहादी तुष्टीकरण और ईसाई मिशनरियों के संरक्षण के साथ अब केजरीवाल सरकार दिल्ली में धर्मांतरण के सार्वजनिक अड्डे भी चलाने लगी ? दिल्ली के मंत्री स्वयं हिंदू देवी देवताओं के विरूद्ध शपथ दिला रहे हैं । राजनीति का निकृष्टम हिंदू द्रोही चेहरा और क्या होगा ! इस पर कठोरतम कार्रवाई जरूरी है।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी गौतम की आलोचना करते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की। विहिप ने दिल्ली पुलिस और उपराज्यपाल वी के सक्सेना से गौतम के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ करने का भी आग्रह किया। परिषद ने आरोप लगाया है कि मंत्री द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लोगों को शपथ दिलाने से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

विहिप ने केजरीवाल पर भी निशाना साधते हुए उनसे माफीनामे की मांग की और आरोप लगाया कि कार्यक्रम में उनके मंत्री के शामिल होने से उनका ‘पाखंड’ उजागर हुआ है।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ‘‘हमें इस कार्यक्रम में बौद्ध धर्म अपनाने वाले लोगों से कोई समस्या नहीं है। हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म अलग नहीं हैं। लेकिन जिस तरह से हमारे देवी-देवताओं का खुले तौर पर इस कार्यक्रम में तिरस्कार किया गया, वह स्वीकार्य नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को अपनी पसंद का धर्म अपनाने की स्वतंत्रता है, लेकिन किसी को भी धर्म परिवर्तन के लिए इस तरह के आयोजन में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ जहर उगलने का अधिकार नहीं है। यह निंदनीय, असंवैधानिक और हिंदू भावनाओं को आहत करने वाला है।’’



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