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महान मोदीजी के सामने टुच्चा विपक्ष - अरविन्द सिसोदिया Great Modi ji

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महान मोदीजी के सामने टुच्चा विपक्ष - अरविन्द सिसोदिया  भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल विश्व के सर्वश्रेष्ठ प्रशासक राजनेता हैँ बल्कि वह लगातार अपने अथक परिश्रम से पूरे विश्व में स्वयं को और भारत को नंबर एक बनाए हुए।  मोदीजी की यही क्षमतायें, उनकी यही दक्षतायें उन्हें विश्व स्तर पर और भारत के स्तर पर सर्वोच्च लोकप्रियता की पायदान पर रखे हुए है। वहीं विपक्ष की स्थिति बहुत ही खराब है, विपक्ष में कोई नेता गुस्से में भरा हुआ है, कोई बदतमीजी से भरा हुआ है, कोई रोज-रोज संविधान विरोधी बातें करता है, तो कोई राष्ट्र विरोधी बातें करता है, कोई सनातन को समाप्त करने की बात करता है, तो कोई मुसलमान को आरक्षण देने की बात करता है, कुल मिलाकर जहां देखो वहां सामान्य राजनीति से परे अतिरिक्त गुस्से से अतिरिक्त हिंसा से अतिरिक्त बदतमीजी से अतिरिक्त बदमिजाजी से भरे हुये नेताओं का समूह विपक्ष बन गया है। कुल मिलाकर असामाजिकता के लिए जितने भी तमाम अवगुण चाहिए वे सब इन विपक्ष के नेताओं ने अंगीकृत  किए हुए है। देखिए -  - भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह! - अफजल (आतंकवादी ) हम शर्मि

पति पत्नी के प्रेम के समर्पण की अनोखी दास्तान pati patni prem

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पति-पत्नी के अटूट रिश्ते की निशानी सिलारी गांव की देवली (स्मारक)। आज दैनिक अखबार "मरुधरा न्यूज" में छपा मेरा द्वारा लिखित यह ऐतिहासिक लेख। आज तक आप सभी ने बलिदानी वीरों के स्मारकों के बारे में बहुत सुना और पढ़ा होगा। लेकिन आज मैं आपको पति - पत्नी के अटूट प्रेम/रिश्ते की निशानी एक देवली (स्मारक) जो मेरे गांव सिलारी, तहसील - पीपाड़शहर, जिला - जोधपुर ग्रामीण में स्थित है। उसके बारे में बताना चाहता हुं। मेरा गाँव सिलारी प्राचीन है, रावजी की बही के अनुसार विक्रम संवत 1345 (1288 ई.) में मेरे गांव सिलारी की स्थापना रक्षाबंधन पर्व के दिन 13वी शताब्दी में हुई थी। गांव का नामकरण "सिलारी" होने के पीछे एक दंतकथा गांव के बुजुर्गो द्वारा बताई जाती है की, जोगमाया(योगमाया जी) की मूर्ति धरती से शिला के रूप में प्रकट होने के कारण गांव का नाम सिलारी रखा गया था। एक दिन मेरे गांव सिलारी निवासी इंदरनाथजी का फोन मेरे पास आया और उन्होंने कहा गांव के प्राचीन तालाब की पाल पर स्थित आसन के पास बाड़े में एक देवली स्थापित है, उन्होंने मुझे इस देवली की फोटो भेजी। फोटो देखने से पता चला

नौटंकीबाज केजरीवाल सहानुभूति बटोरनें स्वंय पर प्रायोजित हमला करवा सकते हैं - अरविन्द सिसोदिया

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  चुनाव में सहानुभूति का भी खेला होता है, माना जाता है कि ममता को बंगाल में लगा कि बाजी हाथ से निकल रही है, पैर में पट्टा चढ़ गया , व्हील चेयर आ गई और चुनाव जीत गईं ! लोकसभा चुनाव में फिर से कुछ इस तरह का हुआ, येशा ही तेजस्वि का चल रहा है। केजरीवाल का जेल जाना भी एक सुनियोजित टूलकिट था लगातार 9 सम्मन ठुकरा कर आमचुनाव को समीप लागया गया फिर योजनाबद्ध जेल पहुंचा गया, यह सब सहानुभूति बटोरनें का टूलकिट था जिसमें वे सफल हुये ।  अब इसी तरह की नौटंकी की ओर केजरीवाल बड रहे हैं। क्यों कि उनकी लगातार असलियत बाहर आ रही है। वे लगातार बेनकाब हो रहे है और उनके द्वारा आने वाली नौटंकियों के लिये देश का और प्रशासन को सावधान रहना होगा ......! दिल्ली के लोगों को इसके असली चेहरे को समझना होगा। Sympathy also plays a role in elections, it is believed that in Bengal, Mamata felt that the game was slipping away, she got a strap on her leg, a wheel chair came and won the election. Something like this happened again in the Lok Sabha elections, yes Tejashwi is running. Kejriwal's going to jail was