मोदीजी के ध्यान योग का विपक्षी विरोध, वोट बैंक साधनें की नौटंकी - अरविन्द सिसोदिया

 


मोदीजी के ध्यान योग का विपक्षी विरोध, 

वोट बैंक साधनें की नौटंकी - अरविन्द सिसोदिया

भारत के प्रधानमंत्री लगभग प्रत्येक आम चुनाव के बाद किसी पवित्र स्थल पर बैठ कर ध्यान लगाते हैं, जिसे मौन भी कहा जाता है। गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है चिन्तन में वह मौन है। अर्थात मौन रह कर ध्यान लगानें से व्यक्ति किसी विषय विशेष पर गहराई से सोच सकता है। यह साधना सनातन हिन्दू धर्म की महान खोज है, जिसे पूरे विश्व नें कम ज्यादा अपनाया है। मोदी जी ने 2019 में आखिरी फेज की वोटिंग से पहले केदारनाथ की रुद्र गुफा में 17 घंटे ध्यान लगाया था।

हलांकि विपक्ष की यह सब चुनावी नौटंकी है, मतदान के दिन भी मीडिया राजनेताओं के साथ रहता उसका सीधा प्रसारण भी होता है। मतदान के दिन लगभग सभी प्रत्याशी पहले किसी मंदिर या पवित्र स्थल पर जाते है। फिर वोट डालते है। जब वोटिंग वाले दिन तक मीडिया को अनुमती है तो ध्यान योग में मीडिया पर रोक कैसे हो सकती है। 

कुल मिला कर भाजपा के नेतृत्व में हिन्दुत्व के उत्थान चाहनें वाले लोगों का समूह है तो कांग्रेस के नेतृत्व में हिन्दुत्व को समाप्त करनें की आकांक्षा रखनें वालों को गिरोह है। यही वह तथ्य है कि मोदी जी के हिन्दुत्व को विरोध करो ताकि मुसलमान खुश होकर विपक्ष को वोट करे। सच तो यही है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का 24 घंटे एक ही सोच रहता है कि मुसलमान वोट हमसे खुश रहे और हमें वोट करें । भले ही ये लोग वोट के बाद उन्हे पूछते भी नहीं हैं।

कांग्रेस पार्टी सहित विपक्ष के कई दलों को अचानक प्रधानमंत्री जी के इस ध्यान योग पर भी एतराज हो गया है, वे भारत निर्वाचन आयोग पहुंच गये हैं। मुख्य बात यह है कि कांग्रेस और विशेष कर ममता इस ध्यान योग से डरे हुये हैं। क्यों कि भाजपा बंगाल में क्लिन स्विप करने जैसी स्थिती की ओर बड़ रही है और जिस शिला पर प्रधानमंत्री मोदी ध्यान करनें जा रहे हैं, वहीं कभी स्वामी विवेकानन्द जी ने भी ध्यान किया था और इसके बाद वे अमेरिका की धर्म संसद में हिन्दुत्व की विजय पताका फहरानें में सफल हुये थे। इन दलों को यही डर है कि मोदी जी के इस ध्यान योग से सनातन हिन्दुत्व मजबूत होगा ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अंतिम भाषण के बाद कन्याकुमारी स्थित ध्यान मंडपम में 24 घंटे के लिए साधना में लीन हो जाएंगे। पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस ने विरोध दर्ज कराया है। प्रधानमंत्री मोदी के ’ध्यान’ को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंची और प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है।

तर्क यह दिया जा रहा है कि देश में लोकसभा चुनाव के लिए सातवें यानी अंतिम चरण का मतदान एक जून को होगा, इसकी प्रचार अभियान 30 जून की शाम को समाप्त हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अंतिम भाषण के बाद कन्याकुमारी स्थित ध्यान मंडपम में 24 घंटे के लिए साधना में लीन हो जाएंगे। पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को लेकर काग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, अभिषेक मनु सिंघवी और नासिर हुसैन के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात करके उनके ’ध्यान’ कार्यक्रर्य के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है।

चुनाव आयोग से मिलने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि अपनी शिकायत में कई बातों को रखा है। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि मतदान से चुनावी शोर थमने के बाद कोई भी नेता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव प्रचार में नहीं कर सकता है।

वहीं टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी के इस ध्यान को टेलिविजन पर दिखाया गया तो उनकी पार्टी इलेक्शन कमीशन में शिकायत दर्ज कराएगी। ममता का कहना है कि ध्यान का टेलिकास्ट करने से आचार संहिता का उल्लंघन होगा। उधर, मोदी के ’ध्यान’ के खिलाफ कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंची। मोदी के इस कदम को आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन बताया।

लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 57 लोकसभा सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है। इन सीटों के लिए चुनाव प्रचार 30 मई की शाम 5 बजे थम जाएगा।

कुल मिला कर भाजपा के नेतृत्व में हिन्दुत्व के उत्थान चाहनें वाले लोगों का समूह है तो कांग्रेस के नेतृत्व में हिन्दुत्व को समाप्त करनें की आकांक्षा रखनें वालों को गिरोह है। यही वह तथ्य है कि मोदी जी के हिन्दुत्व को विरोध करो ताकि मुसलमान खुश होकर विपक्ष को वोट करे। सच तो यही है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का 24 घंटे एक ही सोच रहता है कि मुसलमान वोट हमसे खुश रहे और हमें वोट करें । भले ही ये लोग वोट के बाद उन्हे पूछते भी नहीं हैं।


Opposition's oppose to Modi's meditation, a drama to garner vote bank - Arvind Sisodia


After almost every general election, the Prime Minister of India sits at some holy place and meditates, which is also called silence. Lord Krishna has said in the Gita that he is silent in contemplation. That is, by meditating in silence, a person can think deeply on a particular subject. This meditation is a great discovery of Sanatan Hindu religion, which has been more or less adopted by the whole world. Modi ji meditated for 17 hours in Rudra cave of Kedarnath before the last phase of voting in 2019.


However, all this is an election drama of the opposition, even on the day of voting, the media remains with the politicians and its live telecast is also done. On the day of voting, almost all the candidates first go to some temple or holy place. Then they cast their vote. When the media is allowed till the day of voting, then how can there be a ban on media during meditation.


Overall, there is a group of people under the leadership of BJP who want to uplift Hindutva and under the leadership of Congress there is a gang of people who want to end Hindutva. This is the fact that oppose Modi ji's Hindutva so that Muslims are happy and vote for the opposition. The truth is that Congress and other opposition parties have only one thought 24 hours a day that Muslims should be happy with us and vote for us. Even if these people do not even ask about them after the vote.


Many opposition parties including Congress party have suddenly objected to this meditation of the Prime Minister, they have reached the Election Commission of India. The main thing is that Congress and especially Mamata are afraid of this meditation. Because BJP is moving towards a situation like a clean sweep in Bengal and the rock on which Prime Minister Modi is going to meditate, Swami Vivekananda ji had also meditated once and after this he was successful in hoisting the victory flag of Hindutva in the Dharma Parliament of America. These parties are afraid that Sanatan Hindutva will be strengthened by this meditation of Modi ji.


After his final speech, Prime Minister Narendra Modi will go into meditation for 24 hours at Dhyan Mandapam in Kanyakumari. Congress has lodged a protest against this program of PM Modi. Congress reached Election Commission regarding PM Modi's 'Dhyan' and demanded a ban on its telecast.


The argument being given is that the seventh or the last phase of voting for the Lok Sabha elections in the country will be held on June 1, its campaign will end on the evening of June 30. After his final speech, Prime Minister Narendra Modi will go into meditation for 24 hours at Dhyan Mandapam in Kanyakumari. Regarding this program of PM Modi, a delegation of Congress leaders Randeep Singh Surjewala, Abhishek Manu Singhvi and Nasir Hussain met the Election Commission and demanded a ban on the telecast of his 'Dhyan' program.


After meeting the Election Commission, Congress spokesperson Abhishek Manu Singhvi said that many things have been put forward in his complaint. He told the Election Commission that after the election noise stops with the voting, no leader can directly or indirectly campaign.


TMC supremo and Bengal Chief Minister Mamata Banerjee said that if Narendra Modi's meditation is shown on television, her party will file a complaint with the Election Commission. Mamata says that telecasting meditation will violate the code of conduct. On the other hand, Congress approached the Election Commission against Modi's 'meditation'. Modi's move was termed as a violation of the Model Code of Conduct (MCC).


Voting is to be held on June 1 for 57 Lok Sabha seats in the seventh and final phase of the Lok Sabha elections. The election campaign for these seats will end at 5 pm on May 30.


Overall, there is a group of people under the leadership of BJP who want the rise of Hindutva and there is a gang of people under the leadership of Congress who want to end Hindutva. This is the fact that oppose Modi ji's Hindutva so that Muslims will be happy and vote for the opposition. The truth is that the Congress and other opposition parties think 24 hours a day that the Muslims should be happy with them and vote for them. Although these people do not even ask about them after the vote.

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