राज्यसभा सांसद से मारपीट का असली कारण तो बताइये केजरीवाल साहब -अरविन्द सिसोदिया Real Reason Of Swati Maliwal

आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक,राज्य सभा की महिला सांसद और पूर्व महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल, मुख्यमंत्री केजरीवाल आवास के लिए इतना अपरिचित चेहरा तो नहीं था कि उसे मुख्यमंत्री से मिलने समय लेना पड़े और उसे अपरिचित मानकर धक्का मुक्की हो जाये। सब कुछ सुनियोजित था। उसे सबक सिखाया गया है।

मुख्यमंत्री केजरीवाल को कभी सड़क पर गोलगप्पे खिलाने वाली स्वाति मालीवाल अचानक इतनी बुरी क्यों हो गईं कि उसे मुख्यमंत्री का बाउंसर मारपीट कर आवास से निकाल दे। इस मारपीट की पुष्ठी आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह करें और बदसलूकी करने वाले पर कार्यवाही का भरोषा दे।

स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री में इतना भी शिष्टाचार नहीं था कि वे अपनी महिला राज्य सभा सांसद से मिलने या हालचाल पूछने पहुंचे और बदसलूकी के लिए जिम्मेवार अपने बाउंसर अर्थात ओएसडी से नाराजगी व्यक्त करें। बल्कि वे अपने उसी ओएसडी के साथ दूसरे प्रदेशों की यात्रा में नजर आते हैँ। इससे स्पष्ट संदेश है की मारपीट कर स्वाति को डराना धमकाना सुनियोजित था।

क्योंकि स्वाति अरविन्द केजरीवाल के एनजीओ से जुडी थीं और लगभग उसी समय से केजरीवाल का यह ओएसडी भी उनके साथ है। अर्थात लगभग 15/20 साल से ये लोग आपस में परिचित हैँ और एक दूसरे से भी अच्छी तरह परिचित हैँ। यह ओएसडी न तो पागल है, न मनोविक्षिप्त है, यह लगातार केजरीवाल के साथ है और यह सिर्फ और सिर्फ वफादार है। प्रतीत यही होता है कि मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद मुख्यमंत्री नें स्वयं इसे, स्वाति को सबक सिखाने और बेइज्जत करने भेजा था और वही उसने किया। सबक सिखाने का कोई कारण पूर्व से होगा। यही कारण था कि केजरीवाल लगातार पत्रकारवार्ताओं में स्वाति की मारपीट का कारण बताने से बचते रहे। स्वाति का नाम आते ही वे असहज होते हुए भी देखे गये अर्थात कुछ और बड़ी बात है जो अभी तक सामने नहीं आई है।

अभी इनसाइड स्टोरी अभी भी छुपी हुईं है। इस पर एक स्टोरी सामने आई है जो नवभारत अख़बार के नेट पर है कि स्वाति पर राज्यसभा सांसद पद से त्याग पत्र का दबाव था, केजरीवाल स्वाति से त्यागपत्र लेकर उसकी जगह किसी सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ वकील को राज्य सभा भेजना चाहते हैँ। जो उनके केसों में मदद कर रहा है। इसीक्रम में सब कुछ सुनियोजित प्रकार से हुआ है, जिसके चलते आगे स्वाति को राज्य सभा से हटाया जायेगा।

वास्तविकता में मुख्य षड्यंत्रकर्ता अपराधी मुख्यमंत्री केजरीवाल हैँ, ओएसडी नें तो उनके आदेश की पालना मात्र की है। यह वह पहले भी कर्ता रहा है। इसलिए गिरफ्तारी मुख्यमंत्री केजरीवाल की होनी चाहिए।

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You Should Know The Real Reason Behind The Assault On Swati Maliwal 

स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट की असली वजह क्या है? 
पढ़िए इनसाइड स्टोरी
Swati Maliwal Assault Case: आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से पिटाई का पहला वीडियो सामने आया है। यह 13 मई का बताया जा रहा है, जब स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास पर मारपीट और बदसलूकी हुई थी। 52 सेकंड के इस वीडियो में स्वाति मालीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर देखा जा सकता है। आइए जानते हैं मालीवाल के साथ हुई मारपीट की असली वजह।

Edited By अशोक उपाध्याय | आईएएनएस 17 May 2024,

नई दिल्ली: 13 मई की सुबह जब से यह खबर आई है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार ने सीएम आवास पर आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्यों में से एक और वर्तमान में आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की है, तब से यह सवाल हवा में तैर रहा है इस शर्मनाक घटना के पीछे क्या कारण था? कहानी और भी जटिल लग रही है, क्योंकि बिभव कुमार केजरीवाल के एनजीओ के दिनों से ही उनके करीबी सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं और मालीवाल का उस सेटअप में लंबे समय तक अपना कद था। जो प्रारंभिक विवरण सामने आए हैं, उससे कुछ और भी प्रतीत होता है। मालीवाल की एफआईआर में रोंगटे खड़े कर देने वाले विवरण हैं कि कैसे बिभव कुमार ने उनकी छाती, पेट पर पिटाई की। कुछ अन्य विवरण छूट गए हैं, शायद उनकी एफआईआर में आवश्यकता नहीं थी।

क्या कह रहे हैं सूत्र?
विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि मालीवाल द्वारा आप के राज्यसभा सांसद के रूप में पद छोड़ने के लिए पूर्व-मसौदा त्याग पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के कारण केजरीवाल के करीबी सहयोगी ने उन पर हमला किया। सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व, मालीवाल की सीट को एक वरिष्ठ वकील को देने काे इच्छुक है, जो अदालतों में केजरीवाल का मुकदमा देख रहे हैं। इस साल जनवरी में, मालीवाल को दिल्ली से आप के राज्यसभा सदस्य के रूप में चुना गया था। इनका कार्यकाल 2030 में समाप्त होगा। राज्यसभा सीट के लिए होने वाले उप-चुनाव (अगर ऐसी स्थिति बनी तो) के लिए आप जिसे भी टिकट देगी, उसका जीतना लगभग तय है। जब केजरीवाल को (आबकारी नीति मामले में) गिरफ्तार किया गया, तो मालीवाल विदेश में थीं। पार्टी के अन्य नेता जब इस मामले पर बयान जारी कर रहे थे, तो वह अनुपस्थित थीं।


मालीवाल को नहीं सौंपी गई अहम जिम्मेदारी
सूत्रों ने कहा कि उन्हें दिल्ली लौटने और लोकसभा चुनाव अभियान में भाग लेने के लिए कहा गया। लेकिन उनके वापस आने पर उन्हें कोई सार्थक कार्यभार नहीं दिया गया। कथित शराब घोटाले में केजरीवाल के जेल जाने के बाद से आप में कुछ बदलाव आ गया है। हालांकि केजरीवाल निर्विवाद रूप से 'बॉस' बने हुए हैं और आप में उनकी बात अंतिम है, कुछ नए सत्ता केंद्र, चाहे वे किसी भी क्षमता के हों, अपने लिए जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं, उनको मालीवाल से काफी शिकायतें हैं। सूत्रों ने बताया कि मालीवाल इन मुद्दों और कुछ अन्य चीजों पर केजरीवाल के साथ चर्चा करना चाहती थीं, इसलिए वह 13 मई की सुबह सीएम के आधिकारिक आवास पर गईं। सूत्रों ने यह भी कहा कि जब मालीवाल से राज्यसभा के सभापति को संबोधित त्याग पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने पूछा, 'वह क्यों', राज्यसभा में पार्टी के नौ अन्य लोग हैं, तो कोई और क्यों नहीं? निकट भविष्य में उन्हें कुछ और पद देने का वादा किया गया। सूत्रों ने कहा, लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया।


मालीवाल ने क्या आरोप लगाए?
एफआईआर में मालीवाल का कहना है, 'मैं मदद के लिए लगातार चिल्ला रही थी, लेकिन कोई नहीं आया। बिभव कुमार ने मेरे सीने, पेट और कमर पर लात मारना शुरू कर दिया। मुझे अत्यधिक दर्द हो रहा था और मैं हमला रोकने की गुहार लगाती रही। उन्होंने कहा, 'मेरी शर्ट ऊपर हो रही थी, लेकिन उन्होंने मुझ पर हमला जारी रखा। मैंने बार-बार कहा कि मुझे मासिक धर्म हो रहा है और कृपया मुझे जाने दिया जाए। मुझे असहनीय दर्द हो रहा था। लेकिन बिभव ने पूरी ताकत से मुझ पर हमला जारी रखा।' मालीवाल ने कहा कि मुझे बताया गया कि केजरीवाल आवास पर हैं और जल्द ही उनसे मिलेंगे। इससे एक प्रासंगिक सवाल उठता है - अगर केजरीवाल घर पर थे, तो क्या उन्होंने अपने ड्राइंग रूम से उठ रही चीखें या शोर नहीं सुना? मामले में एफआईआर होने और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) द्वारा बिभव कुमार को नोटिस जारी करने के बाद भी बिभव को मुख्यमंत्री के निजी सचिव के पद से अभी तक बर्खास्त नहीं किया गया है। हाल ही में उन्हें केजरीवाल और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ भी देखा गया। इससे पता चलता है कि कुमार को मुख्यमंत्री का विश्वास प्राप्त है।

इस रिपोर्ट के लेखक ----
अशोक उपाध्याय
लेखक के बारे में
अशोक उपाध्याय
"नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में सीनियर ड‍िज‍िटल कंटेंट प्रोड्यूसर। जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड मैनेजमेंट, नोएडा से 2013 में पासआउट।
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बिभव कुमार ने फॉर्मेट कर दिया फोन, CCTV डेटा भी डिलीट...' कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दी 5 दिन की कस्टडी

Swati Maliwal Case: स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. इस मामले में देर रात दिल्ली पुलिस और बिभव कुमार के वकीलों के बीच जोरदार बहस चलती रही. पढ़ें किसने क्या कहा...

तीस हजारी कोर्ट में बिभव कुमार की पुलिस रिमांड पर बहस हुई. 

नई दिल्ली. स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. बिभव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने 13 मई को सीएम आवास पर आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद मालीवाल के साथ मारपीट की थी.

इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए बिभव ने अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की थी. हालांकि उस पर सुनवाई से पहले ही दिल्ली पुलिस ने शनिवार सुबह उन्हें सीएम आवास से गिरफ्तार कर लिया था. ऐसे में कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को ‘निरर्थक’ करार देते हुए इसका निपटारा कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने बिभव कुमार को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल के सामने पेश किया, जिन्होंने उन्हें 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस की तरफ से पेश वकील ने मामले में बिभव से पूछताछ करने के लिए 7 दिन की हिरासत मांगी थी.

' मोबाइल फोन फॉर्मेट, CCTV के फुटेज किए डिलीट’
पुलिस ने अदालत को बताया कि हमले के कारण के बारे में पूछताछ के लिए बिभव कुमार की हिरासत जरूरी है. पुलिस ने बिभव पर सीएम आवास में सबूत मिटाने का आरोप लगाया है. पुलिस ने कहा कि बिभव कुमार ने जांच एजेंसी को अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड नहीं दिया और बताया था कि मोबाइल में कुछ खराबी होने के कारण उनका फोन मुंबई में ‘फॉर्मेट’ कर दिया गया था.

पूछताछ में बिभव कर रहे टालमटोल... पुलिस ने रिमांड अर्जी में क्या-क्या कहा?

दिल्‍ली पुलिस ने कोर्ट में रखे ऐसे फैक्‍ट्स, जिनके सामने पस्‍त हो गए बिभव

पुलिस ने कोर्ट से कहा कि मोबाइल के हटाए गए डेटा को दोबारा हालिस करने के लिए बिभव कुमार को मुंबई ले जाना होगा. पुलिस ने कहा कि उनका मोबाइल फोन किसी एक्सपर्ट से खुलवाने के लिए भी उनकी मौजूदगी जरूरी है. हालांकि बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने इन दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि ‘न तो 13 मई से पहले मालीवाल की सीएम आवास जाने का कोई रिकॉर्ड था और न ही उन्होंने 16 मई को एफआईआर दर्ज करने का कारण साफ किया है.

राजीव मोहन ने कहा कि मालीवाल बिना अपॉइंटमेंट लिए सीएम आवास पर गईं और दिल्ली पुलिस तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि मालीवाल चोट लगने के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही हैं और मीडिया में भी बयान दे रही हैं. उन्होंने कहा कि जांच के लिए बिभव कुमार के मोबाइल फोन की जरूरत नहीं है, क्योंकि मालीवाल ने फोन या वॉट्सएप कॉल पर धमकी देने का कहीं भी आरोप नहीं लगाया है.

हालांकि इन तमाम दलीलों को सुनने के बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने बिभव कुमार को 5 दिन के लिए दिल्ली पुलिस की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

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