कांग्रेस नेता पित्रादो के मन से निकले भारतीयों के प्रति आपत्तिजनक अपशब्द - अरविन्द सिसोदिया

सुनो गौर से कांग्रेसीयों....

हम चाईनीज नहीं , हम अरब नहीं ,  हम अफ़्रीकी नहीं , हम अंग्रेज़ नहीं। हम  भारतीय हैँ ....! , हम सनातनी हैं.....!! , हम हिन्दूं हैं.....!!!

 भारतवासी भारत में करोड़ों वर्षों से रहते हैँ, इसी धरती इसी आसमान के नीचे रहते हुए उन्होंने काल गणना से लेकर ईश्वर की खोज तक के महान आयामों को पार करके अपने आप को सनातन बनाया है। किन्तु विश्व की सांम्प्रदायिक राजनीति में कुछ ऐसे विदेशी तत्व हैं जो भारत को अंततः इसाई बना लेना चाहते, इन्हीं की धरती से भारत को आंतरिक रूप से तोड़ने, पूर्ण रूपसे विभाजित करने, आपस में लडाने  और कमजोर कर के अंततः धर्मांतरण द्वारा ईसाई बना लेने के प्रयत्न लगातार कई सदियों व दशकों से चल रहे हैं। कांग्रेस की जातीय जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण इसी कुकृत्य को संपादित करने के औजार हैँ।

 इसी क्रम में एक थ्योरी यह बोई जाती है कि भारत में आर्य बाहर से आए, जबकि आर्य देवकन्या आर्या की संतानेँ है । भारतवासियों को बाहरी मूलका होना बताने की थ्योरी के अंतर्गत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने उसी थ्योरी को नये अंदाज में परोसा है। जिसमें भारत के लोगों को अलग-अलग करने के लिए किसी को चीनी बता दिया, किसी को अरेबियन बता दिया, किसी को अफ्रीकन बता दिया, तो किसी को श्वेत करके यूरोपियन बता दिया। यह भारत के आंतरिक विभाजन का सुनियोजित षड्यंत्र है। जिसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए, इस तरह के लोगों को - इस तरह के दल को भारत की राजनीति से पूरी तरह से बाहर करना अब अत्यंत आवश्यक हो गया है। जो हमारे अस्तित्व को ही समाप्त करने पर तुला हो उससे कैसी मित्रता।

कांग्रेस नेता पित्रादो के मन से निकली भारतीयों के प्रति घ्रणा - अरविन्द सिसोदिया 

- राजीव गांधी फाउन्डेशन ट्रस्ट के सदस्यों में से एक 

- इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से सैम पित्रोदा ने विवाद के बाद इस्तीफा दे दिया

Sam Pitroda Controversy
सैम पित्रोदा कांग्रेस का मस्तिष्क माने जाते है। वे नेहरू परिवार की तीन पीड़ियों की पसंद हैँ। जब वे अमेरिका की नागरिकता ले चुके थे तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने उन्हें भारत में काम करने को कहा और उन्होंने भारतीय नागरिकता स्वीकार करली। इंदिराजी की हत्या के बाद उन्हें प्रधानमंत्री राजीव गाँधी नें भी अपने साथ रखा वे राजीव जी के सलाहकार रहे। वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के भी सलाहकार रहे और सोनिया गाँधी नें उन्हें राजीव गाँधी फ़ौण्डेशन का ट्रस्टि भी बनाया था। ये सर्व विदित है कि सोनिया जी, राहुल जी और प्रियंका जी के साथ वे परिवारजन जैसा ही व्यवहार और रुतवा रखते हैँ। नेशनल हेराल्ड प्रकरण में भी वे सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के साथ जमानत पर हैँ। अर्थात वे न केवल राहुल के राजनैतिक गुरु हैँ बल्कि एक प्रकार से पारिवारिक सदस्य हैँ।

वे सार्वजनिकरूप से राहुल गाँधी को विश्व लीडर बनाने की वकालत करते हैँ और राहुल गाँधी के वेश्विक संबंधों के कर्ताधर्ता भी हैँ, भले ही चुनावों में दिखावटी तौर पर उन्होंने पद से त्यागपत्र दे दिया हो किन्तु आगे भी वे कांग्रेस के सर्वोच्च क्रम में ही रहने वाले हैँ।

मूलरूप से कांग्रेस में सोनिया का आगमन, इंदिरा जी हत्या और राजीव का प्रधानमंत्री बनना, पोप की भारत यात्रा, पोप के द्वारा तीसरी सहस्त्रावदी में भारत सहित एशिया को ईसाई बनाने के लक्ष्य की घोषणा...... भारत की राजनीति में एक बड़ा राजनैतिक मोड़ था..! जिसमें भारत को अंदर से धर्म, संस्कृति और आपसी समन्वय को समाप्त कर बेहद कमजोर करने की रणनीति है।

सैम पित्रोदा के विवादस्पद बयानात मूलतः कांग्रेस का अंतर्मन ही है जो वे भारत के बाहर दूसरे देशों के साथ साझा करते रहते हैँ। भारत में प्लांट करते हैँ। राहुल गाँधी के मुंह से निकलने वाले शब्द और उनके पीछे छिपे मंतव्य असाधारण होते हें! यह दूसरी बात है कि अध्ययनशिलता की कमी से राहुल का प्रगटीकरण अस्पष्ट और मज़ाकिया हो जाता है।

- पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वे कह रहे हैं कि भारत में ईस्ट के लोग चाइनीज वेस्ट के लोग अरेबियन, नार्थ के लोग श्वेत और साउथ वाले अफ्रीकन दिखते हैं। बयान देने के कुछ ही देर बाद कांग्रेस ने इससे किनारा कर लिया।

अर्थात उनके शब्दों का अर्थ भारत में रंग भेद व नस्लीय भेदभाव उत्पन्न करनें के साथ साथ भारतीयों को विदेशीयों की संतती की अपरोक्ष घोषणा है। जो कि लम्बे समय से भारत में वैमन्स्यता बोनें के लिये बाहरी ताकतें कर रहीं हैं। यह उसी एजेण्डे को आगे बडानें की कोशिश है।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुस्से में

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुस्से में पतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि “ जनता ने 2014 में भाजपा को मौका दिया, तो हमने एक दलित राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद दिया। फिर 2019 में भाजपा ने देश को एक आदिवासी राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू बनाया मगर कांग्रेस मुर्मू जी के राष्ट्रपति बनाने के ख़लिफ़ है क्योंकि कांग्रेस के युवराज के अमेरिका में एक ’दार्शनिक और मार्गदर्शक अंकल हैं, जो कांग्रेस की उलझन में ’तीसरे अंपायर’ (सैम पित्रोदा) की तरह काम करते हैं, उन्होंने कहा है कि सांवली चमड़ी वाले लोग अफ़्रीका से हैं। कांग्रेस ने त्वचा का रंग देखकर यह मान लिया कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू अफ्रीका से हैं और इसलिए उनकी त्वचा का रंग सांवला है तो उन्हें हराना चाहिए। हम श्री कृष्ण की पूजा करने वाले लोग हैं, चमड़ी के रंग से हमे फर्क नहीं पड़ता। आज शहजादे के फिलॉस्फर ने जो मेरे देश के बारे में बोला है और गाली दी है वह सहनीय योग्य नहीं है। क्या हम चमड़ी के रंग के आधार पर किसी व्यक्ति की योग्यता तय कर सकते हैं? चमड़ी के रंग का खेल खेलने के लिए शहजादे को किसने अनुमति दी है? ये ऐसा कह कर मेरे देशवासियों का अपमान कर रहे हैं।”





 

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