मोदीजी के ध्यान योग का विरोध,कांग्रेस एण्ड कंपनी की हिन्दू विरोध मानसिकता की पराकाष्ठा का प्रमाणीकरण - अरविन्द सिसोदिया PM Modi's meditation



प्रधानमंत्री मोदीजी के ध्यान योग का विरोध,कांग्रेस एण्ड कंपनी की हिन्दू विरोध मानसिकता की पराकाष्ठा का प्रमाणीकरण - अरविन्द सिसोदिया 

एक कट्टर कांग्रसी विचारधारा के परिपक्व व्यक्ति नें अपनी फेसबुक बाल पर लिख है कि -

मोदी जी के ध्यान पर आपत्ती, मानसिक दिवालियापन,

प्रचार लगता है तो आपभी करो ध्यान, अरसाद ,प्रार्थना, नमाज

कौन रोक रहा है।

उल्टा विरोध से मिलेगा, असली प्रचार ।

ध्यान, योग, तपस्या भारतीय संस्कृति के उच्चतम आयाम जिससे यह संस्कृति विश्व में सबसे उच्चतम औश्र श्रेष्ठ बनी हुई है। किन्तु कांग्रेस एण्ड कंपनी के द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ध्यान योग पर इतनी हाय तौबा मचाना और विरोध में चुनाव आयोग तक पहुंचना और काले झंडे दिखवाना तथा अन्य प्रकार से विरोध करना, यह सब दिखाता है कि कांग्रेस एण्ड कंपनी के लोग हिन्दू धर्म के प्रति कितनी नफरत रखते हैं। इनमें कितनी भयावह घ्रणा हिन्दुओं के विरूद्ध भरी हुई है। ये सनातन विरोधी मानसिकता की पराकाष्ठा भी है। यह शुद्ध हिन्दुत्व का विरोध है। हिन्दू का विरोध है, भारतीय संस्कृति का विरोध है।


सच यही है कि मोदी जी ध्यान योग लगा रहे हैं तो अन्य दलों को किसने रोक रखा है वे भी अपने अपने प्रकार से अपनी अपनी मान्यता के अनुसार प्रार्थना करें, स्तुती करें।


यह भी सच है कि मोदी जी जितना धर्म कर्म और भारतीय संस्कित का सम्मान और उत्थान की चिन्ता करते हैं। उसका सौवां भाग भी अन्य लोग करते तो यह देश बहुत पहले विश्व गुरू बन जाता ।  मोदी तो धार्मिक हैं किन्तु कुछ अन्य लोग धार्मिक होनें की नौटंकी ही करते हैं। 


Opposition to PM Modi's meditation, proof of the height of anti-Hindu mentality of Congress and Company - Arvind Sisodia


A mature person of staunch Congress ideology has written on his Facebook page -

If you object to Modi Ji's meditation, mental bankruptcy,

If you feel it is propaganda, then you also do meditation, prayers, prayers, namaaz

Who is stopping you?

On the contrary, you will get real propaganda from opposition.

Meditation, yoga, tapasya are the highest dimensions of Indian culture due to which this culture has remained the highest and the best in the world. But Congress and Company creating such a ruckus over PM Narendra Modi's meditation, reaching the Election Commission in protest and showing black flags and protesting in other ways, all this shows how much hatred the people of Congress and Company have for Hindu religion. How much terrible hatred is filled in them against Hindus. This is also the height of anti-Sanatan mentality. This is opposition to pure Hindutva. It is opposition to Hindus, opposition to Indian culture.

The truth is that if Modi Ji is doing meditation, then who is stopping other parties from praying and praising in their own way according to their beliefs.


It is also true that if others cared even a hundredth of the way Modi Ji cares about religion and the respect and upliftment of Indian culture, then this country would have become a world leader long ago. Modi is religious, but some other people only pretend to be religious.

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तमिलनाडु कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का यह बयान पढ़ कर लगता है कि वे एक प्रकार से हिन्दुत्व को ही निशाना बना रहे हैं।


प्रधानमंत्री मोदी का ‘ध्यान नाटक’ केवल राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए : टी.एन. कांग्रेस


तमिलनाडु कांग्रेस नेता के. सेल्वापेरुन्थागई ने कहा कि ‘ध्यान नाटक’ केवल तमिलनाडु का अपमान नहीं है, बल्कि यह पूरे देश का अपमान है । उन्होनें कहा कि , “‘ध्यान नाटक’ आयोजित करने का निर्णय दिखाता है कि प्रधानमंत्री राजनीतिक सत्ता को बनाए रखने के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं।” 


एक बयान में, श्री सेल्वापेरुन्थगई ने आरोप लगाया कि लोकसभा 2024 के लिए प्रचार अभियान के समापन के बाद प्रधानमंत्री की कन्याकुमारी यात्रा का उद्देश्य 57 निर्वाचन क्षेत्रों में ‘राजनीतिक लाभ’ हासिल करना है, जहाँ लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में मतदान हो रहा है।


श्री सेल्वापेरुन्थगई ने कहा, “स्वामी विवेकानंद ने धार्मिक सौहार्द का प्रचार किया और दुनिया भर में हिंदू धर्म का प्रसार किया। उन्हें अन्य धर्मों के लोग भी प्यार करते थे। वह एक दयालु व्यक्ति थे। साथ ही, उन्होंने अपने प्रेरक कौशल के माध्यम से दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया। 11 सितंबर, 1893 को शिकागो में अपने प्रसिद्ध भाषण में उन्होंने कहा था, ‘मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं जिसने दुनिया के सभी धर्मों के सताए गए लोगों को शरण दी है।’


हालांकि, जब प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के पहले मुख्यमंत्री थे, तो दंगों में हजारों मुसलमान मारे गए थे और उन्होंने ‘नीरो की तरह व्यवहार किया था जो रोम जल रहा था’।


उन्होंने आगे आरोप लगाया, “पीएम मोदी जो युवावस्था में आरएसएस में शामिल हुए और आरएसएस विचारक गोलवलकर के विभाजनकारी कार्यों को पढ़ते हुए बड़े हुए, उन्होंने स्वामी विवेकानंद को नहीं पढ़ा होगा। भले ही उन्होंने उन्हें पढ़ा हो, लेकिन ऐसा कोई तरीका नहीं है कि उनका दिल उनके विचारों को स्वीकार करे।” बयान में कहा गया कि ‘ध्यान नाटक’ न केवल तमिलनाडु का अपमान है, बल्कि यह पूरे देश का अपमान है। 

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