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महाराष्ट्र में भाजपा मुख्यमंत्री, जनमत चाहता है - अरविन्द सिसोदिया

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महाराष्ट्र में भाजपा मुख्यमंत्री, जनमत चाहता है - अरविन्द सिसोदिया महाराष्ट्र में भाजपा 2014 से ही सबसे बड़ी पार्टी है , जनता की प्रथम स्वीकृति अब  भाजपा है । यह एक स्वभाविक प्रक्रिया है जो देश में बड़ी पार्टी होती है वह धीरे धीरे प्रदर्शों में भी बड़ी पार्टी बन जाती है । यही लाभ भाजपा को कई प्रदेशों में मिला है ।  विशेषकर इस चुनाव ने कांग्रेस को पूरी तरह वहां सत्ता के साथ - साथ राजनीति से भी बाहर कर दिया है । अभी 2024 में भाजपा कांग्रेस सीधे 75 सीटों पर आमने सामने थे जिनमें से 62 सीटें भाजपा को वहां की जनता ने दीं हैं । वहीं बेहद मामूली सीटों पर रह गए  शरद पवार और उद्धव ठाकरे दोनों का ही राजनीतिक भी समाप्ति की ओर है। कांग्रेस वहां 101 सीटों पर लड़ कर मात्र 16 सीटें जीत पाई है , उद्धव ठाकरे 94 सीटों पर लड़ कर मात्र 20 सीटें जीत पाये हैं  और शरद पंवार 86 सीटों पर लड़ कर मात्र 10 पर जीत पाये हैं । जनता नें कांग्रेस नेतृत्व को एक प्रकार से सजा दी है ।  अर्थात महाराष्ट्र भी अब गुजरात , मध्यप्रदेश की तरह भाजपा का अजेय गढ़ बन गया है । वहां की सत्ता भाजपा को ही स...

इंडी गठबंधन में कांग्रेस बनाम राज्यस्तरीय दलों का नियंत्रण युद्ध - अरविन्द सिसौदिया

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  supremacy between Congress and state level parties इंडी गठबंधन में कांग्रेस बनाम राज्यस्तरीय दलों का नियंत्रण युद्ध - अरविन्द सिसौदिया - इंडी गठबंधन में अन्दर की राजनीती एक दूसरे से छीना छपटी का मजेदार खेल  झारखण्ड में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र सहाय का एक बयान जबरदस्त सुर्थियों में है कि “ सत्ता के लिये इंडी गठबंधन के लोग गिद्धों की तरह लड रहे हैं ।” यह एक हद तक सही है कि इंडी गठबंधन में दो तरह के नियंत्रण केन्द्र है। पहला है कांग्रेस के राहुल गांधी का जो अन्य सभी दलों को दवा कर अपने पीछे चलाना चाहते हैं। जिससे ऊब कर नितिश कुमार भाग खडे हुये थे। वहीं इसी गठबंधन में दूसरा नियंत्रण केन्द्र अलग - अलग राज्यों में अलग - अलग मजबूत दल हैं। जैस बंगाल में ममता बैनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस नें लोकसभा चुनाव अलग लडा कांग्रेस से बात तक नहीं की ! यूपी में अखिलेश के नेतृत्व में सपा ने उपचुनावों में एक तरफा निर्णय लेकर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये, हरियाणा में अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्री पद छोड़ कर कांग्रेस के खिलाफ उतरे और जीत के ढोल नंगाडे बजा रही कांग्रेस को सत्ता से ...

कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन की जिम्मेवारी भी राहुल को लेनी चाहिये - अरविन्द सिसोदिया

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कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन की जिम्मेवारी भी राहुल को लेनी चाहिये - अरविन्द सिसोदिया कांग्रेस नें मीडियाई माहौल तो इस तरह का खडा किया था कि हरियाणा में भाजपा को 15 से 20 सीटें भी बमुस्किल मिलें , मगर ग्रासरूट पर कांग्रेस आपस में लड रही थी। सही बात तो यह है कि जमीनी तालमेल के अभाव की यह हार है, कांग्रेस भाजपा से मतप्रतिशत में मामूली पिछड़ी है यानी कि भाजपा का मत प्रतिशत 40 है तो कांग्रेस का 39 है किंतु सीटों के मामलों में वह बुरी तरह पिछड़ गई । वहीं कांग्रेस के महगाई , बेरोजगारी , अग्निवीर , किसान और पहलवान वाले मुद्दों की हवा ही निकल गई ! कहीं कोई प्रभाव ही नहीं था।   सच यह था कि भाजपा का टिकिट वितरण बहुत सटीक रहा, उन्होंने 90 सीटों पर 60 नए चेहरे उतारे थे । लोकसभा में भी भाजपा नें 10 में से पांच सीटें जीतीं ही थीं और विधानसभा की दृष्टि से वह कांग्रेस के बहुत पीछे नहीं थी। इस प्रकार भाजपा लोकसभा चुनावों में भी बराबरी की टक्कर ले रही थी और वहां भाजपा कमजोर नहीं थी । कांग्रेस नें लोकसभा के प्रदर्शन में से भी खोया है जबकि भाजपा नें बढाया है।  भाजपा की हरियाणा चुनाव रणनीति भी सक...

राहुल गांधी के लोकतंत्र विरोधी साम्यवादी मंसूबे उजागर - अरविन्द सिसोदिया

राहुल गांधी के लोकतंत्र विरोधी साम्यवादी मंसूबे उजागर - अरविन्द सिसोदिया Loktantra Virodhi Rahul राहुल गांधी के जन्म से बहुत पहले , परतन्त्र भारत में तब के बड़े नेता मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू तब के रूस की यात्रा पर जाते थे , कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यक्रमों में सम्मिलित होते थे । जब देश स्वतन्त्र हुआ तब हिंदी चीनी भाई भाई के नारे भी खूब सुनाई दिये। जो तिब्बत तब विदेशी मामलों में ब्रिटीश भारत के पास था और स्वतंत्र भारत के साथ रहना चाहता था । उसे नेहरूजी नें चीन की झोली में डाल दिया । नेहरूजी तब सैन्य गुटों में भी रूस के गुट में रहे और पाकिस्तान अमेरिकी गुट का फायदा उठाता रहा । अर्थात नेहरू परिवार का साम्यवादी प्रेम कई पीढ़ियों का है । जब कांग्रेस की सर्वेसर्वा सोनिया गांधी थीं और देश में कांग्रेस की मनमोहनसिंह सरकार थी तब सोनिया गांधी , राहुल गांधी और मनमोहनसिंह नें चीन यात्रा की और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ MoU किया । जिसकी तस्वीरें इंटरनेट पर अभी भी मिल जाती हैं । हाल ही में राहुल गांधी अपने गुरु सेम पित्रोदा के साथ अमेरिका में यात्रा पर हैं और वहां से उनका चीन प्रेम ...