इंडी गठबंधन में कांग्रेस बनाम राज्यस्तरीय दलों का नियंत्रण युद्ध - अरविन्द सिसौदिया

 supremacy between Congress and state level parties



इंडी गठबंधन में कांग्रेस बनाम राज्यस्तरीय दलों का नियंत्रण युद्ध - अरविन्द सिसौदिया


- इंडी गठबंधन में अन्दर की राजनीती एक दूसरे से छीना छपटी का मजेदार खेल 


झारखण्ड में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र सहाय का एक बयान जबरदस्त सुर्थियों में है कि “ सत्ता के लिये इंडी गठबंधन के लोग गिद्धों की तरह लड रहे हैं ।”


यह एक हद तक सही है कि इंडी गठबंधन में दो तरह के नियंत्रण केन्द्र है। पहला है कांग्रेस के राहुल गांधी का जो अन्य सभी दलों को दवा कर अपने पीछे चलाना चाहते हैं। जिससे ऊब कर नितिश कुमार भाग खडे हुये थे। वहीं इसी गठबंधन में दूसरा नियंत्रण केन्द्र अलग - अलग राज्यों में अलग - अलग मजबूत दल हैं। जैस बंगाल में ममता बैनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस नें लोकसभा चुनाव अलग लडा कांग्रेस से बात तक नहीं की ! यूपी में अखिलेश के नेतृत्व में सपा ने उपचुनावों में एक तरफा निर्णय लेकर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये, हरियाणा में अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्री पद छोड़ कर कांग्रेस के खिलाफ उतरे और जीत के ढोल नंगाडे बजा रही कांग्रेस को सत्ता से बाहर ही रहने दिया। जम्मू और कश्मीर में कांग्रेस और अब्दुल्लाह की नेशनल कांफ्रेंस के मध्य बहुत सी सीटों पर दोस्ताना मुकाबला हुआ और कांग्रेस पहले से हाफ सीट ही जीत पाई। महाराष्ट्र में कांग्रेस मजबूर नजर आ रही है, वह वहां के शरद पंवार और उद्धव ठाकरे की पार्टियों के सामनें लगभग घुटने टेक स्थिती में है। झारखण्ड में चल रहा टकराब सबको दिख रहा है। 


इंडी गठबंधन में सम्मिलित राज्यस्तरीय दल अब यह समझ गये हैं कि कांग्रेस जिनके कंधें पर सवार होकर जीतती है उन्ही दलों को कमजोर करती है। अर्थात इंडी गठबंधन में कांग्रेस बनाम राज्यस्तरीय दलों का नियंत्रण युद्ध का खेला चल रहा है। राहुल गांधी चाहते हैं कि गठबंधन उनके कंट्रोल में रहे, राज्य स्तरीय दल चाहते हैं कि राज्य में उनका ही कंट्रोल रहे कांग्रेस मजबूत हुई तो वे समाप्त हो जायेगे। अपने अपने अस्तित्व की रक्षा में यह इन्टरनल खेला बहुत ही मजेदा तरीके से चल रहा है। 

-----------------------------------

In the Indy alliance, there is a battle for supremacy between Congress and state level parties - Arvind Sisodia 

- The internal politics in Indi alliance is a fun game of snatching from each other


A statement by BJP's working president in Jharkhand, Ravindra Sahay, is in great news that "People of Indi alliance are fighting like vultures for power."


It is true to some extent that there are two types of control centers in Indi alliance. The first is of Congress' Rahul Gandhi who wants to control all other parties and make them follow him. Nitish Kumar got fed up with this and ran away. At the same time, the second control center in this alliance is different strong parties in different states. Like in Bengal, Trinamool Congress under the leadership of Mamta Banerjee fought the Lok Sabha elections separately and did not even talk to Congress! In UP, under the leadership of Akhilesh, SP took a one-sided decision in the by-elections and declared its candidates, in Haryana, Arvind Kejriwal resigned from the post of Chief Minister and contested against Congress and allowed Congress, which was beating the drums of victory, to remain out of power. In Jammu and Kashmir, there was a friendly fight between Congress and Abdullah's National Conference on many seats and Congress could win only half the seats than before. In Maharashtra, Congress seems helpless, it is almost kneeling in front of Sharad Pawar and Uddhav Thackeray's parties. The conflict going on in Jharkhand is visible to everyone.


The state level parties included in the Indy alliance have now understood that Congress weakens the very parties on whose shoulders it wins. That is, in the Indy alliance, a game of control war is going on between Congress and state level parties. Rahul Gandhi wants the alliance to remain in his control, state level parties want that they should have control in the state, if Congress becomes strong then they will be finished. This internal game is going on in a very interesting way to protect their existence.


टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

रामसेतु (Ram - setu) 17.5 लाख वर्ष पूर्व

सफलता के लिए प्रयासों की निरंतरता आवश्यक - अरविन्द सिसोदिया

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

हम ईश्वर के खिलोने हैँ वह खेल रहा है - अरविन्द सिसोदिया hm ishwar ke khilone

माता पिता की सेवा ही ईश्वर के प्रति सर्वोच्च अर्पण है mata pita ishwr ke saman

हमारा शरीर, ईश्वर की परम श्रेष्ठ वैज्ञानिकता का प्रमाण