मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शासन को जनता की बड़ी शाबासी - अरविन्द सिसोदिया






#CM Bhajan Lal Sharma

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शासन को जनता की बड़ी शाबासी दी  - अरविन्द सिसोदिया

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भ्रष्टाचार मुक्त और विकासयुक्त राजस्थान उन्नति पथ पर - अरविन्द सिसोदिया

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर पहली परीक्षा में पास - अरविन्द सिसोदिया

नोट - कल के आलेख में मैने राजस्थान में भाजपा को 7 में से 6 सीटें दीं थीं , माफी चाहता हूं कि एक सीट हम 2300 वोटों से पीछे रह गये, परिवारवाद के कारण .... । खैर 7 में से 5 तो जीते । 


राजस्थान में भजनलाल शर्मा की सरकार को अभी 11 महीने ही हुए थे और 7 सीटों के उपचुनाव में सरकार की बड़ी परीक्षा थी । हालांकि इन सीटों में भाजपा की 1 ही सीट थी , 4 सीटें कांग्रेस की , 1 आदिवास पार्टी की और 1 सीट हनुमान बेनिवाल की सीट पर था । इन में से दो विधायकों की मृत्यु से और पांच विधायकों के सांसद बन जाने से रिक्त हुई थीं और इस पर हुए चुनाव में भाजपा नें 7 में से 5 सीटें जीतीं और 1 सीट वह बहुत मामूली मतों से हारी !  कांग्रेस की 4 सीटें थीं वह मात्र 1 सीट पर ही जीत सकी है वह भी मात्र 2300 मतों से !  4 सीटों पर कांग्रेस तीसरे नंबर पर पहुंच गई !! कांग्रेस की यह स्थित उस राजस्थान में हुई है जहां कांग्रेस प्रदेश की मुख्य दो पार्टियों में से एक है ।

राजस्थान उप चुनाव में भाजपा नें पुराने चले आरहे हार के मिथक को तोड़ दिया है । इस बड़ी जीत की सफलता से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा  प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर पर भाजपा हाई कमान ने जो विश्वास किया था सही साबित हुआ है ।

भाजपा नें 1 से 5 पर पहुंच कर अपनी ताकत पांच गुना बड़ाई है तो कांग्रेस 4 से 1 पर और 3 सीटों पर तीसरे नंबर पर !  यह परिणाम भाजपा के पक्ष को  जबरदस्त मजबूती देते हैं और प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार की पीठ शाबासी से थपथपाते हैं । यह राजस्थान के मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा के कामकाज को जनता के समर्थन और सम्मान की मिली जुली  गौरवान्वित अभिव्यक्ति है ।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभालते ही, जहां राजस्थान की पहचान बन चुके भ्रष्टाचार पर कठोरता से नकेलकसी  और वहीं गहलोत सरकार में ठप्प हो चुके विकास को  बहुआयामी गति प्रदान करने , कठोर  परिश्रम किया । जिसके परिणामस्वरूप राजस्थान में भाजपा की सरकार की साख कल्याणकारी सरकार के रूप में स्थापित हुई और व्यापक जनविश्वास स्थापित हुआ । जो उओ चुनावों में परिणामों के रूप में प्रगट हुआ ।

भाजपा सरकार के मुखिया भजनलाल शर्मा ने जब पद संभाला तब राजस्थान की पहचान पेपरलिक, कुर्सीयुद्ध और भ्रष्ट प्रशासनतन्त्र की थी । राजस्थान में लगभग प्रत्येक परीक्षा के पेपरलिक हो रहे थे तो  प्रतिदिन राजकीय अधिकारियों को बड़े बड़े भ्रष्टाचारों में रंगे हाथों पकड़े जाने की खबरें आम थी । इतना ही नहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस में खेमेबाजी और उसके मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट में चल रहे सत्ता संघर्ष में कभी कांग्रेस सरकार होटलों में बंद रहती थी और महीनों तक विधायकों की बाड़ा बंदी रहती थी । मुख्यमंत्री गहलोत और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व में भी सत्ता संघर्ष चला जिसमें विधायकों नें विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफें सौंपने और फिर महीनों तक इस्तिफासुदा विधायक - मंत्री सुविधाभोगी भी बने रहे और राजस्थान में अस्थिर राजनीतिक स्थित कांग्रेस सरकार की थी। जिसके कुशासन में जनता पीस रही थी । जिसने राजस्थान को हर तरह से नुकसान पहुंचाया । अंततः राजस्थान की जनता नें कांग्रेस के कुशासन से प्रदेश को मुक्त कर भाजपा को सत्ता सौंपी । तबसे ही भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजस्थान के विकास के लिए  संकल्पित होकर सक्रियता से कार्यरत हैं ।

सरल, सह्रदय और जिम्मेदारीयों के प्रति संकल्पित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर शीर्ष नेतृत्व नें भरोसा जताया और शर्मा उस भरोसे पर खरे उतरे । पिछली दो विधानसभाओं यानी कि 10 साल में हुए उपचनावों में भाजपा लगातार फैल होती आरही थी । किन्तु शर्मा ने अथक मेहनत से तस्वीर को पूरी तरह बदल कर राजस्थान भाजपा को जीत का हाई बूस्ट दिया है ।

राजस्थान में प्रधानमंत्री मोदीजी के आशातीत सहयोग से डबल इंजन सरकार सामान्य से कई गुना गति से काम कर रही है । जबकि  पूर्व में नई सरकारें दो साल तक तो हनीमून मोड़ में रहती थीं और आखरी के छः महीने काम करती थीं , यही हाल गत गहलोत सरकार का भी रहा ।

मुख्यमंत्री शर्मा ने पेपरलीक से जुड़े छोटे बड़े सभी अपराधियों और भ्रष्टाचारियों  को जेल भेजने का काम किया , जलजीवन मिशन के भ्रष्टाचार और नकारात्मक प्रक्रिया की समीक्षा की  , सरकारी स्तर पर प्रशासनिक जबाबदेही तय की और भ्रष्टाचार पर पूरी तरह नकेल कसी । इसके परिणामस्वरूप राजस्थान में एक बार फिर बिना पैसे काम होनें का वातावरण बना है ।

शर्मा ने सत्ता संभालते ही पूर्वी राजस्थान केनाल परियोजनाओं की सभी बाधाओं को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ मिल बैठ कर दूर किया और हरियाणा के मुख्यमंत्री मोहन लाल खट्टर के साथ वार्ता कर यमुना का जल पश्चमी राजस्थान को उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया ।

मुख्यमंत्री शर्मा नें राईजिंग राजस्थान के द्वारा राजस्थान को उधोग धंधों और रोजगार में अग्रणी प्रदेश बनाने के जीतोड़ प्रयत्न किए जा रहे हैं । इस हेतु शर्मा नें विदेश यात्राएं भी कीं और उधोग व रोजगार मेले लगा कर जनसेवा के नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं ।  राजस्थान में प्रगति और अग्रणी होने का नया विश्वास प्रगति पथ पर है । जो राजस्थान और राजस्थान के युवाओं के सपने पूरे करनें में सक्षम होगा । वहीं भाजपा के चुनाव घोषणापत्र को पूरा करने पर काफी काम हुआ , मात्र 11 महीनों में ही 60-70 प्रतिशत काम पूरा हो गया ।

गत सरकार में बिजली की दयनीय स्थिति थी , बार बार बिजली दरें बढ़ती रहती थीं । भजनलाल शर्मा सरकार ने सबसे ज्यादा काम इसे आत्म निर्भर बनाने में किया और सभी प्रयास समय से पूरे हुए तो राजस्थान दूसरे प्रदेशों को बिजली बेंचने वाला प्रदेश बनने जा रहा है ।

शर्मा के नेतृत्व में 1 लाख  नौकरियां पहले साल में देनें की कोशिशें हो रही हैं वहीं राजस्थान के उत्थान हेतु  20 लाख करोड़ से अधिक के एम ओ यू साइन हुए हैं जो बदलती तस्वीर के साक्षी हैं ।

निवेश सम्मेलन और प्रवासी राजस्थानियों की भूमिका

भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों को 'राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कमेटी' में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जो 9 से 11 दिसंबर 2024 तक आयोजित होने वाला है। इस सम्मेलन का उद्देश्य राज्य में निवेश को बढ़ावा देना और विकास के नये अवसर प्रदान करना है। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों को राजस्थान के उत्थान व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभानें का विशेष आव्हान किया हैं। यह सरकार वास्तविक विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है, जिससे राज्य में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।

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