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सर्वोच्च न्यायालय में सीधी सुनवाई के मामलों में, जस्टिस एल.नरसिम्हा की टिप्पणी की सख्ती से पालना हो

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सर्वोच्च न्यायालय में सीधी सुनवाई के मामलों में जस्टिस एल.नरसिम्हा की  टिप्पणी का सख्ती से पाला हो आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री पद पर रहते हुये शराब कारोवारीयों से मिल कर लाभ कमानें वाली नीति बनानें और शराब कारोवारियों को लाभ पहुंचानें की नियत से नीति परिर्वन के भ्रष्टाचार के आरोपी मनीष सीसौदिया की जमानत के लिये कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी का दाव फैल हो गया है। उन्हे जमानत नहीं मिली न ही उनके प्रकरण को सुनने योग्य माना गया।चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल.नरसिम्हा की बेंच ने सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आपको यहां आने से पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए। बेंच के एक और जज एल.नरसिम्हा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी मामले में केवल इसलिए दखल नहीं दिया जा सकता कि वह दिल्ली में हुआ है। अगर हम इस तरह सीधे तौर पर किसी मामले में सुनवाई करते हैं तो यह स्वस्थ परंपरा नहीं है।   मेरा तो बहुत ही स्पष्ट मानना है कि सुप्रिम कोर्ट में कोई भी मामला सीधे आना ही नहीं चाहिये, पहले उस पर निचली क्षैत्रअधिकार वाली अदा

गौ वंश रक्षा की जबावदेही कौन पूरा करेगा - अरविन्द सिसोदिया gou vansh raksha

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गौ वंश रक्षा की जबावदेही कौन पूरा करेगा - अरविन्द सिसोदिया  gou vansh raksha  भारत हिन्दुओं का अनादिकालीन देश है और हिन्दुओं के लिए गौ वंश पवित्र और पूज्यनीय है, वर्ष में अनेकों अवसरों पर गोवंश की पूजा की जाती है। उसके शरीर में 32 करोड़ देवी देवताओं का निवास माना गया है। किन्तु लगातार गौ वंश की हत्या करने हेतु तस्करी की घटनायें सामने आती रहती हैं। जबकि संविधान सभा नें बहुत स्पष्टता से गोवंश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रावधान किया हुआ है। हरियाणा में भरतपुर के गौ तस्करों को जिन्दा जलाने की घटना को बहुत दिन गुजरे भी नहीं थे कि राजस्थान के झालावाड जिले में गोवंश ले जाते वाहन जनता द्वारा पकड़े जानें से एकबार फिर गौतस्करी सामने आई है । आखिर यह क्रम कब थमेगा यह एक त्रासदी की तरह है। गैर भाजपा शासित राज्यों में गौ तस्करी व गौ वध की सांम्प्रदायिकता को शासन का अपरोक्ष संरक्षण रहता है।  यह पुलिस का घोर निकम्मा पन है या पाप ही कहा जायेगा कि गौ वंश को बचाने के लिए समाज के लोगों को अपना जीवन दाव पर लगाना पड़ रहा है। सार्वजनिक मार्गो से सार्वजनिक वाहनों से सरे आम गौ तस्करी क्यों होती है? क्या

सुपरप्रधानमंत्री से सुपर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक नेहरू वंशज soniya rahul priynka khrage

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    सुपरप्रधानमंत्री से सुपर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक नेहरू वंशज कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद सबसे पहले प्रधानमंत्री बननें की कोशिश सोनिया गांधी ने की थी , मगर मुलायम सिंह के विरोध से वे प्रधानमंत्री नहीं बन सकीं। इसके बाद फिर जब वे प्रधानमंत्री बननें वालीं थीं तब संभवतः विदेशी मूल के कारण प्रधानमंत्री नहीं बन पाईं और प्रधानमंत्री पद की शपथ मनमोहनसिंह को दिलवाई गई। तब वे सुपर प्रधानमंत्री बन गईं थीं। इसके लिये वाकायदा एक संरचना गठित की गई थी। कांग्रेस की सबसे खराब स्थिती को देखते हुये तयसुदा एक टूलकिट के तहत भारत जोडा यात्रा हुई और इसी दौरान गैर नेहरू परिवार का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी लाया गया है। अधिवेशन हुआ और भारत जोडो यात्रा -2 प्रस्तावित की गई है। कांग्रेस ने अपने आप को मजबूत करनें के लिये 500 गुणा ताकत छोंक दी है। वह जानती है कि अभी नहीं तो कभी नहीं । इसके अलावा बहुत सी विदेशी ताकतें भारत की प्रगति एवं हिन्दू आत्मविश्वास को बाधित करने के लिये, विफल करनें के लिये कांग्रेस को भारत की सत्ता पर आसीन करना चाहते हैं। यह कई दसकों से होता आ  रहा है कि विदेशी ताकते अपनी कठपुतली सरका

कांग्रेस महाअधिवेशन : राहुल;अल्पसंख्यकवाद और फूट डालो राज करो, ही फस्ट थीम 2024 congress-cwc-meeting

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 कांग्रेस महाअधिवेशन : राहुल;अल्पसंख्यकवाद और फूट डालो राज करो, ही फस्ट थीम Congress General Conference, Rahul and minorityism will be the first theme 2024 कांग्रेस अपनी लोकसभा आम चुनाव 2024 की तैयारी के दूसरे चरण में 85 वें महाअधिवेशन नवा रायपुर के द्वारा अपनी तैयारीयों को पुख्ता कर रही है। इससे पहले कांग्रेस का 2024 चुनाव तैयारी हेतु भारत जोडा यात्रा का कार्यक्रम पूर्ण हो ही चुका है। महाअधिवेशन में श्रीमती सोनिया गांधी ने करीब करीब 9 मिनिट के संबोधन और अन्य सम्बोधनों का जो तथ्य निकल कर आता है, वह यही है कि कांग्रेस मुख्यरूप से अल्पसंख्यकबाद को ही सामनें रखेगी और राहुल गांधी ही उनके चेहरे होंगे। कांग्रेस की ओर से फूट डालो राज करो की नीति पर ही समाज में फूट डालने वाली जाती जनगणना का समर्थन किया गया है। कांग्रेस ने मूल रूप से मोदीजी एवं भाजपा के खिलाफ लडनें का आव्हान किया है।  उन्होनें कहा है कि “हमें शासन से निडरता और जोश के साथ निपटना चाहिए, और जिन लोगों पर यह हमला करता है, उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना चाहिए।” यह इस बात का संकेत है कि कांग्रेस आम चुनाव 2024 मूलरूप से सेल्फ मो

भारतीय नववर्ष विक्रम संवत् Indian New Year Vikram Samvat

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  Indian New Year Vikram Samvat भारतीय नववर्ष विक्रम संवत् 2080 ( युगाब्द 5125 ) मंगलमय हो आदरणीय बन्धुवर/ भगिनी, अपना नववर्ष चैत्र शुक्ल एकम् विक्रम संवत् 2080 / युगाब्द 5125, तद्नुसार 22 मार्च 2023, बुधवार “वर्ष प्रतिपदा “ से प्रारम्भ होने वाले है। भारतीय नव वर्ष पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। यह नव-वर्ष आपको, आपके परिवार एवं समस्त विश्व के लिए कल्याणकारी एवं मंगलमय हो। जिस दिन परमपिता परमात्मा ने सृष्टि की रचना की उसे ही नव वर्ष का प्रारम्भ कहते हैं। भारतीय संस्कृति की काल गणना एवं ज्योतिष शास्त्र के प्राचीन ग्रंथों के सनातन प्रमाणानुसार यह शुभ दिन चैत्र शुक्ल एकम, “वर्ष प्रतिपदा“ है। जो कि अनादीकाल से हमारे उत्सवों में से एक प्रमुख आयोजन है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा केवल धार्मिक या ऐतिहासिक महत्त्व का दिन नहीं है अपितु इस दिन प्रकृति में नवचेतना का सांगोपांग परिवर्तन होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ऋतुराज वसन्त के आगमन की पहली तारीख होती है। इसके साथ ही सम्पूर्ण भौतिक जगत् में हलचल प्रारम्भ हो जाती है। वृक्ष, लता, वनस्पति, औषधि, जल आकाश, वायुमण्डल सभी में परिवर्तन होने लगता है, मानव शरी

विक्रम संवत के प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य

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  विक्रम संवत के प्रवर्तक चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य vikram sanvat ke pravartak chakravartee samraat vikramaadity Chakravarti Emperor Vikramaditya, the originator of Vikram Samvat   (विक्रमी संवत् = ईस्वी सन् + 57) । इस संवत् का आरम्भ भारत में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। बारह महीने का एक वर्ष और सात दिन का एक सप्ताह रखने का प्रचलन विक्रम संवत् से ही शुरू हुआ। महीने का हिसाब सूर्य व चन्द्रमा की गति पर रखा जाता है।         सन् 2023 में अपना भारतीय नव संवतसर 22 मार्च  बुधवार से विक्रम संवत 2080 का शुभारम्भ हो रहा है। इस शुभ अवसर की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें। भारतीय नववर्ष सभी को मगंलमय हो।   विक्रम संवत के प्रवर्तक चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य  - अरविन्द सिसोदिया यो रुमदेशधिपति शकेश्वरं जित्वा गृहीत्वोज्जयिनी महाहवे | आनीय संभ्राम्य मुमोचयत्यहो स विक्रमार्कः समस हयाचिक्र्मः|| (- 'ज्योतिविर्दाभरण ' नमक ज्योतिष ग्रन्थ २२/ १७ से .......)     यह श्लोक स्पष्टतः यह बता  रहा है कि रुमदेशधिपति .. रोम देश के स्वामी शकराज ( विदेशी राजाओं को तत्कालीन भाषा में

ईश्वर के दंड अधिकारी शनि देव के कुछ सुप्रसिद्ध दंड shani dev

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ईश्वर के दंड अधिकारी शनि देव के कुछ सुप्रसिद्ध दंड  शनि देव के विषय में यह कहा जाता है कि :- शनिदेव के कारण गणेश जी का सिर छेदन हुआ। शनिदेव के कारण राम जी को वनवास हुआ था। रावण का संहार शनिदेव के कारण हुआ था। शनिदेव के कारण पांडवों को राज्य से भटकना पड़ा। शनि के क्रोध के कारण विक्रमादित्य जैसे राजा को कष्ट झेलना पड़ा। शनिदेव के कारण राजा हरिशचंद्र को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी। राजा नल और उनकी रानी दमयंती को जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ा था।

लोकदेवता कल्ला जी राठौड़ का बलिदान दिवस Lok Devta Kalla ji Rathod Balidan Divas

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लोकदेवता कल्ला जी राठौड़ के बलिदान दिवस  (24 फरवरी) को Lok Devta Kalla ji Rathod Balidan Divas  उनका पुण्य-स्मरण और श्रद्धा-सुमन 🌹🌹समर्पित करते हुए सादर श्रद्धांजलि 🌹🌹 वीर प्रसूता राजस्थान की धरती ने अनेक वीरों को भारत माता की रक्षा के लिए स्वतंत्रता की बलि-वेदी पर उत्सर्ग कर दिया,परिणामस्वरूप उनकी छवि लोकदेवता जैसी बन गयी।  कल्ला जी राठौड़ ऐसे ही एक महामानव थे,जिनका जन्म मेड़ता राजपरिवार में आश्विन शुक्ल 8, विक्रम संवत 1601 को हुआ था। इनके पिता मेड़ता के राव जयमल के छोटे भाई आसासिंह थे। ज्ञातव्य हो कि महान भक्तिमती मीराबाई इनकी बुआ थीं। कल्ला जी की रुचि बचपन से सामान्य शिक्षा के साथ ही योगाभ्यास,औषध विज्ञान तथा शस्त्र संचालन में भी थी। प्रसिद्ध योगी भैरवनाथ से इन्होंने योग की शिक्षा पायी। इसी समय मुगल आक्रमणकारी अकबर ने मेड़ता पर हमला किया। राव जयमल के नेतृत्व में आसासिंह तथा कल्ला जी ने अकबर का डटकर मुकाबला किया पर सफलता न मिलते देख राव जयमल अपने परिवार सहित घेरेबन्दी से निकल कर चित्तौड़ पहुँच गये। चित्तौड़ के तत्कालीन राणा उदयसिंह ने उनके स्वागत में बदनौर की जागीर प्रदान की और कल

अपमान करो,माफ़ी मांगो और फ्री हो जाओ,यह कैसा पाखंड - अरविन्द सिसोदिया Apmankro , Mafimango, or free ho jao, yh kaesa pakhnd ...?

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अपमान करो,माफ़ी मांगो और फ्री हो जाओ, यह कैसा पाखंड - अरविन्द सिसोदिया Apmankro, Mafimango, or free ho jao yh kaesa pakhnd ...? उज्जैन में रामकथा करने पहुँचे कवि और पूर्व आम आदमी पार्टी के नेता रहे कुमार विश्वास नें रामकथा में संघ पर अनपढ़ होनें की टिप्पणी कर डाली और फिर माफ़ी भी माँगली। सच यह है की संघ में सभी स्तरों पर उच्च शिक्षा प्राप्त बुद्धिमान व्यक्तित्व सेवारत हैं। संभवतः कुमार विश्वास उन महान राष्ट्र भक्तों के मुकाबले शून्य जितने भी न हों....। सभी परमपूज्य सरसंघचालक जी बहुत ही श्रेष्ठ उच्च शिक्षा से शिक्षित रहे हैं। इसी तरह कांग्रेस नें भी झूठ बोलना, भ्रम फैलाना और अपमानजनक टिप्पणीयां करने का अभियान छेड़ा हुआ है। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा  नें प्रधानमंत्री को अपमानित करनेवाली टिप्पणी की, कई मुकदमेँ दर्ज हो गये, पुलिस नें गिरफ्तार कर लिया तो जमानत हेतु तर्क दिया कि उन्होंने माफ़ी माँगली थी, इसलिए जमानत दे दीं जाये। कांग्रेस युवराज भी इसी तरह अदालत में माफ़ी मांग चुके हैं। सवाल यही हैं कि यह तो किसीको भी अपमानित करने का सबसे आसान तरीका हो गया कि पहले अपमानित करलो, फिर बंद कमरे में

देश को पंजाब पर पैनी नजर रखनी होगी - अरविन्द सिसोदिया desh ko panjab pr paeni najar rkhni hogi

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देश को पंजाब पर पैनी नजर रखनी होगी - अरविन्द सिसोदिया  माना जाता है कि भारत में आप पार्टी के अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया नें सक्रिय राजनीति से आनें से पहले, अमरीका से आर्थिक सहयोग प्राप्त कर एनजीओ चलाते थे।  विदेशी फंडिंग कम से कम देश के लिए खतरनाक होता है।  सरकार नें विदेशी फंड लेने वाले कई एन जी ओ इसी कारण से बंद भी किये हैं। क्योंकि यह फंडिंग किसी अन्य उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए ही होती है और प्राप्त करने वाला एन जी ओ अपरोक्ष रूप से उस विदेशी संस्था अथवा संस्था की ओट में बैठी ताकत की एजेंट जैसा ही होता है। पंजाब में खालिस्तान  को  फिर से जमानें की कोशिश पाकिस्तान और कुछ अन्य दूसरे देशों का एजेंडा लगातार रहा है। वे उस पर कार्य करते भी आरहे हैं। भारत पहले भी इस समस्या से जूझ चुका है और बड़ी क्षति भी उठा चुका है। कनाडा में काफ़ी संख्या में सिख रहते हैं और उन्हें ख़ालिस्तानी मूमेंट से जोड़ने के प्रयत्न लगातार होते रहे हैं। धनबल से लगातार यह कोशिश हो रही  है। यह सब दिल्ली में भी, आम आदमी पार्टी की सत्ता में आनें के साथ साथ दवे पाँव पैठ जमा रहा है। सबूत कोई नहीं है, मगर

क्या बिहार से नितिश बनाम लालू होनें वाला है - अरविन्द सिसौदिया kya Nitish banaam Lalu hoga

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Is it going to be Nitish vs Lalu from Bihar - Arvind Sisodia kya bihaar se nitish banaam laaloo honen vaala hai - Arvind Sisodia क्या बिहार से नितिश बनाम लालू होनें वाला है - अरविन्द सिसौदिया बिहार के नितिश कुमार से ज्यादा पापूलर तो देश में लालू प्रसाद यादव हैं जब कोई सबूत नहीं मिले तो परिस्थितीजन्य साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लिये जाते है। करीब करीब 8 साल पहले तत्कालीन राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव नें पटना में कहा था कि मुख्यमंत्री जनता बनाती है। लोकतंत्र में जनता ही मालिक है। मैं मुख्यमंत्री नहीं बन सकता। अदालत से बरी हो जाने के बाद सीएम क्या, पीएम भी बन सकता हूं। सीएम पद के लिए मेरे घर में कोई इंट्रेस्टेड भी नहीं है पर जनता की इच्छा होगी तो कोई रोक भी नहीं सकता है। सभी राजनीति में ही हैं। हलांकी तब से अब तक गंगा में बहुत पानी बह गया मगर राजनीति में सब संभव है और बहुत सारे संभव असंभव भी हो जाते हैं। ................. भारत में अपने साथियों से सबसे ज्यादा धोकेबाजी का कोई रिकार्ड है तो वह बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार के नाम है, इसलिये उनका नाम पलटू चाचा के नाम से ख्याती प्राप्त है

नितिश की आखरी पलटी का इंतजार कर रहा है बिहार - अरविन्द सिसौदिया Nitish Kumar kee aakharee palatee

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    नीतीश कुमार की आखरी पलटी का इंतजार कर रहा है बिहार - अरविन्द सिसौदिया Bihar is waiting for Nitish Kumar's last turn - Arvind Sisodia neeteesh kumaar kee aakharee palatee ka intajaar kar raha hai bihaar - aravind sisodia बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यूं तो 1974 से राजनीति में हैं, किन्तु वे लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद 1985 में पहली बार विधानसभा में पहुंचे थे एवं 1990 में पहली बार केंद्र में मंत्री बने थे । वहीं 1998-1999 में केंद्रीय रेल मंत्री भी रहे। बिहार आम चुनाव सन 2000 में वे 7 दिन तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे किन्तु बहुमत नहीं होने के कारण इस्तीफा  और फिर से अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री बनें।   धोकेबाज मुख्यमंत्री के रूप में जानें जाते हैं सोसलिस्ट विचारधारा के नीतीश कुमार साल 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री बनें थे किन्तु तब बहुमत नहीं होने के कारण 7 दिन ही पद पर रहे। उसके बाद नीतीश कुमार अब तक 4 बार जनादेश लेकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तीन बार जनादेश वाले गठबंधन को तोड़कर नए गठबंधन के नेता के तौर पर। इस तरह नीतीश कुमार अब तक 8 बार मुख्यमंत्री पद क

हनुमानजी को अष्ट सिद्धियां और नव निधियां सूर्यदेव से प्राप्त हुई थीं

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      हनुमान जी की अष्ट सिद्धिया : - 1. अणिमा सिद्धि यह ऐसी सिद्धि है, जिससे व्यक्ति सूक्ष्म (बहुत छोटा) रूप धारण कर सकता है. इसी सिद्धि से हनुमान जी ने मां सीता को अपना सूक्ष्म रूप दिखाया था. हनुमान चालीसा के दोहे में भी इसका उल्लेख है, सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा. 2. महिमा सिद्धि अणिमा के विपरीत इस सिद्धि से विशाल रूप धारण किया जा सकता है. इतना बड़ा कि सारे जगत को ढक ले. जैसे श्री कृष्ण का विराट स्वरूप. 3. गरिमा सिद्धि इस सिद्धि से शरीर को जितना चाहे भारी बनाया जा सकता है. इस सिद्धि से ही हनुमान जी ने अपनी पूंछ को इतना भारी बना दिया था कि भीम उसे हिला भी नहीं सके. 4. लघिमा सिद्धि गरिमा के विपरीत इस सिद्धि से अपने आप को इच्छानुरूप हल्का बनाया जा सकता है. इतना हल्का जैसे रूई का फाहा. फिर इस रूप में वह गगनचारी बन कहीं भी क्षणांश में आ-जा सकता है. 5. प्राप्ति सिद्धि यह सिद्धि अपनी इच्छित वस्तु की प्राप्ति में सहायक होती है. जानवरों, पक्षियों और अनजान भाषा को भी समझा सकता है, भविष्य को देखा जा सकता है तथा किसी भी कष्ट को दूर करने की क्षमता पाई जा सकती है. अपनी इस सिद्धि के कारण हनुमान ज

माता पार्वती का महल...श्रीलंका Mata parvti ka mahal

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माता पार्वती का महल...श्रीलंका Mata parvti ka mahal shree lanka  एक बार की बात है, देवी पार्वती का मन खोह और कंदराओं में रहते हुए ऊब गया। दो नन्हें बच्चे और तरह तरह की असुविधाएँ। उन्होंने भगवान शंकर से अपना कष्ट बताया और अनुरोध किया कि अन्य देवताओं की तरह अपने लिये भी एक छोटा सा महल बनवा लेना चाहिये।   शंकर जी को उनकी बात जम गई। ब्रह्मांड के सबसे योग्य वास्तुकार विश्वकर्मा महाराज को बुलाया गया। पहले मानचित्र तैयार हुआ फिर शुभ मुहूर्त में भूमि पूजन के बाद तेज गति से काम शुरू हो गया। महल आखिर शंकर पार्वती का था कोई मामूली तो होना नहीं था। *विशालकाय महल जैसे एक पूरी नगरी, जैसे कला की अनुपम कृति, जैसे पृथ्वी पर स्वर्ग। निर्माता भी मामूली कहाँ थे! विश्वकर्मा ने पूरी शक्ति लगा दी थी अपनी कल्पना को आकार देने में। उनके साथ थे समस्त स्वर्ण राशि के स्वामी कुबेर ! बची खुची कमी उन्होंने शिव की इस भव्य निवास-स्थली को सोने से मढ़कर पूरी कर दी। तीनों लोकों में जयजयकार होने लगी। एक ऐसी अनुपम नगरी का निर्माण हुआ था जो पृथ्वी पर इससे पहले कहीं नहीं थी। गणेश और कार्तिकेय के आनंद की सीमा नहीं थी। पार्वती

देश पे हमला नहीं सहेगा हिंदुस्तान -अरविन्द सिसोदिया

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  देश पे हमला नहीं सहेगा हिंदुस्तान -अरविन्द सिसोदिया  India will not tolerate any attack on the country - Arvind Sisodia भारत को समझना होगा, भारत और हिंदुत्व को समाप्त करने का विश्वव्यापी एजेंडा India has to understand, the worldwide agenda to end India and Hindutva पिछले कुछ वर्ष पूर्व की ही बात है कि अमेरिका की जमीन से एक अभियान चला था जिसका नाम था डिसमेंटल ऑफ़ हिंदुत्व अर्थात हिंदू धर्म को समाप्त करो, इस अभियान में बड़ी संख्या में  विश्वविद्यालयों नें भाग लिया, वामपंथी एवं हिन्दू विरोधी संस्थाओं नें भाग लिया। बहुत बडी धनराशि व्यय की गईं। हलांकि इसका विरोध भी हुआ, मगर विषय यह है की जब हिन्दू नें किसीका का बुरा ही नहीं किया तो इस तरह का आयोजन क्यों? इसका उत्तर तलाशना ही होगा, तभी सही तथ्यों तक पहुंचा जा सकेगा। क्यों कि इस भारत विरोधी अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस नें भी 2020 में कहा था कि भारत का प्रधानमंत्री मोदी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहता है। हमें सच समझने के लिए कुछ दशक पीछे चलना होगा, जब भारत की जमीन से ही ईसाई धर्मगुरु पोप नें घोषणा की थी कि ईसा की पहली सहस्राब्दी अर्थात पहले