राष्ट्रवादी मुस्लमान जस्टिस अब्दुल नजीर के भी खिलाफ कांग्रेस Justice Abdul Nazeer
राष्ट्रवादी मुस्लमान जस्टिस नजीर के भी खिलाफ कांग्रेस ? - अरविन्द सिसोदिया
कांग्रेस ने जस्टिस अब्दुल नजीर की नियुक्ति को न्यायपालिका पर बताया खतरा, इसके समर्थन में उन्होंने भाजपा के दिग्गजनेता रहे अरुण जेटली का वीडियो साझा किया है। हलांकि जेटली का बयान क़ानून नहीं है।
उनकी नियुक्ति की आलोचना उन दलों नें भी की है जो मुश्किल वोट बैंक की राजनीति करते हैं.
यूं तो कांग्रेस का यह आरोप मात्र राजनैतिक द्वेषता से प्रेरित है उनकी पार्टी जब सरकार में थी तब वह भी इस तरह की कई नियुक्तियां करती रही है।
यूं भी जब परमाणु वैज्ञानिक कलाम साहब राष्ट्रपति बन सकते हैं, शिक्षाविद उपराष्ट्रपति बन सकते हैं, रा और सेना के कई अधिकारी राज्यपाल बन सकते हैं, तो न्यायपालिका के क्यों राज्यपाल नहीं बन सकते। वे तो न्याय और संबिधान को ज्यादा जानने वाले होते हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश आजकल कांग्रेस के सर्वेसर्वा होनें की बीमारी से ग्रस्त हैं। उन्होंने कांग्रेस की ओर से जस्टिस नजीर की नियुक्ति को न्यायपालिका पर बताया खतरा बतया ओर समर्थन में अरुण जेटली का वीडियो साझा कर साधा निशाना है, जोकि मात्र विरोध के लिए विरोध करना मात्र है।
सेवा निवृत सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस एस अब्दुल नजीर को भारत सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार की आलोचना मात्र इसलिए की है कि मुस्लिम कट्टरपंथियो को खुश किया जा सके।
हलांकि कॉग्रेस के पास स्वयं के किसी नेता का कोई तथ्यॉत्मक समर्थन नहीं था, इसलिए उन्होंने भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली की टिप्पणी का उल्लेख किया है। जिसका कोई ओचित्य नहीं हैं।
कांग्रेस का गिरगिट बयान -
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, इस तर्क को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है। इसलिए इस तरह की नियुक्ति स्वीकार्य है। मूलरूप से गिरगिट की तरह रंग बदलना है।
- कट्टर पंथी मुसलमानों को ख़ुश करने हेतु कांग्रेस का बयान
कांग्रेस लाख हिन्दू और हिंदुत्ववादी होने का चोला पहनती रहे, उसका असली चेहरा या उसकी मूल सोच यही है की वह मात्र मुस्लिम परस्ती की राजनीति करती है।
न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर नें न्याय के मंदिर को कभी भी व्यक्तिगत सांम्प्रदायिकता से प्रभावित नहीं होने दिया। वे सच्चे राष्ट्रवादी, न्याय और सत्य के साथ ही अपनी व्यासपीठ पर खरे उतरे हैं । उन्होने श्रीराम जन्मदिन भूमि, तीन तलाक और नोटबंदी जैसे महत्वपूर्ण मामलों में, दिये गये निर्णयों में न्याय और सत्य को सर्वोपरि रखा है। इसी कारण वे राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण पद पर मनोनीत हूए हैं।
भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद ज्ञापित किया जाना चाहिए कि उन्होने न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर साहब का नाम राज्यपाल नियुक्ति हेतु महामहिम राष्ट्रपति महोदया को प्रेषित किया।
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