विदेशी षडयंत्रों को कवर फायर देनें का खेल बंद करे कांग्रेस - अरविन्द सिसौदिया modi Adani Anmbani Tata Birla Dalmia

विदेशी षडयंत्रों को कवर फायर देनें का खेल बंद करे कांग्रेस - अरविन्द सिसौदिया

 Congress should stop the game of giving cover fire to foreign conspiracies - Arvind Sisodia

कांग्रेस जब से सत्ता से बाहर हुई है तब से ही वह निरंतर लोकसभा एवं राज्यसभा में सदन की कार्यवाही बाधित कर रही है। एक विपक्षी राजनैतिक दल के नाते , जनहित के मुद्दे सदन में उठाना, लोककल्याण के लिये सरकार का ध्यान आकर्षण करना जैसे लोकमहत्व के मुद्दे सदन से गायब ही कर दिये गये हैं। बल्कि सदन को विदेशी षडयंत्रों को कवर फायर देनें का उपक्रम मात्र बना दिया है। यह अनुचित है।

राफेल को लेकर झूठा मुद्दा बनाना , कथित किसान आन्दोलन जिसके पीछे खलिस्तानी ताकतों का हाथ को मुद्दा बनाना, पेगासस को बे वजह मुद्दा बनाना , कई बार चीन को लेकर झूठ फैलानें का मुद्दा और अब बीबीसी द्वारा मोदी पर पूरे सच को छिपा कर बनीं भ्रामक फिल्म, हिडनवर्ग के द्वारा मनगढ़त बातों के आधार पर भारत को क्षती पहुंचानें वाली झूठी रिपोर्ट आदि से विदेशी ताकते अपनाहित साधती स्पष्ट नजर आ रही  हैं। इनका देशहित में विरोध करना कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष का फर्ज बनता है। किन्तु राजनीति उन्हे कवर फायर देनें की हो रही है।

स्विस बैंकों में भारत सहित तमाम दुनिया का भारी धन जमा है, जिसका हिसाब ये ईसाई देश बताता नहीं है। इस मुद्दे पर कांग्रेस सहित गैर भाजपा विपक्ष को कभी संर्घष करते नहीं देखा। संयुक्त राष्ट्र संघ में तमाम रिर्पोटें भेदभाव से आती हैं। उनमें भारत के प्रति नकारात्म रवैया रहता है, इस मुद्दे पर कांग्रेस को कभी संर्घष करते नहीं देखा। देश में प्रति दस वर्ष में आर्थिक आधार पर गरीबी की रेखा से नीचे रहनें वालों की सूची बननी चाहिये जो कि बीपीएल कहलाते हें। इस सूची करण से नये गरीब उसमें जुड सकें और लाभ ले सकें तथा जो उस पात्रता से ऊपर हो गये वे हटाये जा सकें , उनको दिया जा रहा लाभ रोका जा सके, मगर इस मुद्दे पर कभी संर्घष नहीं देखा । भारत का संविधान धर्म, सम्प्रदाय एवं जाती व्यवस्था से अलग हट कर समानता के भाव को अनुमत करता है। किन्तु इस हेतु कांग्रेस एवं विपक्ष हमेशा मौन रहता है और समाज में विभाजनकारी बातों को बल देता है। बिहार में जाती जनगणना का मकसद समाज में वर्ग संर्घष खडा करना है। विपक्ष उसे हवा दे रहा है या मौन है।

संविधान जब बन रहा था तब उसमें सकारात्मक विपक्ष मान कर ही प्रावधान किये गये थे, उन्हे पता होता कि विपक्ष नकारात्मक भावका भी हो सकता है, राष्ट्रविरोधी भी हो सकता है। तो संभवतः प्रावधान और कडे तथा अनुशासनात्मक होते । किन्तु विपक्ष तो नकारात्मकता से भी आगे बड कर विदेशी षडयंत्रों को कवर फायर देनें का काम कर रहा है। जो कि राष्ट्रविरोधी है। इसे तुरंत रोका जाना चाहिये।

भारत के उद्योगपति चाहे अडानी,अंबानी, टाटा बिरला डालमिया हों । एक कोई एक नाम या परिवार नहीं होते बल्कि ये भी आर्थिक जगत के नेता ही है। जिनमें पैसा लगानें वाले करोडों लोगों का विश्वास है। जिस तरह मतदान में नरेन्द्र मोदी जी पर करोडों लोगों को विश्वास है। उद्योग जगत को निवेशकों का विश्वास बडा बनाता है, सरकार नहीं । ठीक उसी तरह जिस तरह राजनीति में जनता का मत बडा नेता बनाता है। कोई भी आर्थिक ग्रुप आगे बड रहा है तो निवेशकों के समर्थन से बड रहा है। जिस दिन निवेशकों का विश्वास खत्म उस दिन उसका अस्तित्व खत्म । 


कोरोना और उसके बाद भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भारत के 140 करोड लोगों के विश्वास के कारण ने केबल पुनः खडा हुआ बल्कि उसनें विश्व के तमाम देशों को पीछे छोड दिया जो अभी तक दुनिया के क्षत्रप थे। निश्चित रूप ये उन्हे भारत का आगे बडना अच्छा नहीं लग रहा है। वे भारत को टांग पकड कर पीछे खींचना चाहते हैं और अपने से पीछे धकेलना चाहते हैं। यह देश पर अपरोक्ष हमला है। इसमें विपक्ष को अपने देश के साथ खडा होना चाहिये। यह भारत की परम्परा भी है।

कांग्रेस लगातार राजनीति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जनता के विश्वास को तोडनें में लगी हुई है, इसके लिये उसने षडयंत्रों को सहारा लिया जो कि अनुचित है ,अपराध है। यही वह अंबानी और अडानी ग्रुप के साथ कर रही है। 

मोदी विरोध में कांग्रेस भारत के करोडो निवेशकों का बुरा करने वालों के साथ खडी हो गई, यह कांग्रेस का पूरी तरह भारत विरोधी कृत्य है। जिसे स्विकार नहीं किया जा सकता । भारत के करोडो निवेशक कांग्रेस को इस कृत्य की सजा देंगे।

देश के साथ आपराधिक षडयंत्रों और षडयंत्रों के समर्थन को कभी अनुमत नहीं किया जा सकता है। इसका विरोध करना भी स्वस्थ पत्रकारिता का कर्त्तव्य है।

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