देश को पंजाब पर पैनी नजर रखनी होगी - अरविन्द सिसोदिया desh ko panjab pr paeni najar rkhni hogi
देश को पंजाब पर पैनी नजर रखनी होगी - अरविन्द सिसोदिया
माना जाता है कि भारत में आप पार्टी के अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया नें सक्रिय राजनीति से आनें से पहले, अमरीका से आर्थिक सहयोग प्राप्त कर एनजीओ चलाते थे।
विदेशी फंडिंग कम से कम देश के लिए खतरनाक होता है। सरकार नें विदेशी फंड लेने वाले कई एन जी ओ इसी कारण से बंद भी किये हैं। क्योंकि यह फंडिंग किसी अन्य उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए ही होती है और प्राप्त करने वाला एन जी ओ अपरोक्ष रूप से उस विदेशी संस्था अथवा संस्था की ओट में बैठी ताकत की एजेंट जैसा ही होता है।
पंजाब में खालिस्तान को फिर से जमानें की कोशिश पाकिस्तान और कुछ अन्य दूसरे देशों का एजेंडा लगातार रहा है। वे उस पर कार्य करते भी आरहे हैं। भारत पहले भी इस समस्या से जूझ चुका है और बड़ी क्षति भी उठा चुका है।
कनाडा में काफ़ी संख्या में सिख रहते हैं और उन्हें ख़ालिस्तानी मूमेंट से जोड़ने के प्रयत्न लगातार होते रहे हैं। धनबल से लगातार यह कोशिश हो रही है। यह सब दिल्ली में भी, आम आदमी पार्टी की सत्ता में आनें के साथ साथ दवे पाँव पैठ जमा रहा है। सबूत कोई नहीं है, मगर महसूस बहुत कुछ होता है।
कथित किसान आंदोलन में अपरोक्ष रूप से खालिस्तान की मिलावट प्रमाणित तौर पर महसूस की गई किन्तु जानबूझ कर आँख फेरी गईं थी। दिल्ली के लालकिले पर खालिस्तानी झंडा फहराया जाना इसी कथित किसान आंदोलन से निकली साजिश ही तो थी। देश हित में कई बार इस तरह मे मूमेंट पर चादर डालदी जाती है ताकि बात वहीं दफन हो जाये। संभवतः यही कोशिश रही होगी।
राजनैतिक विचारक यह पहले से ही मान रहे थे कि आम आदमी पार्टी की सरकार आनें से पंजाब में खालिस्तान परस्त ताकतों को जड़ जमानें का अवसर मिलेगा। वे मज़बूत होंगी।
अब पंजाब के अमृतसर में 'खालिस्तानी' अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला थाने पर हमला कर दिया, इससे छह पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है अर्थात खालिस्तान समर्थकों की हिंसक तैयारी प्रमाणित हुई है।
पंजाब में गुरुवार को कथित खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इनके हमले के बाद दबाव में आई पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया।
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और वह खालिस्तान समर्थकों पर प्रभावी कार्यवाही कभी नहीं करेगी, वह महज नौटंकी करके देश को बड़ा नुकसान पहुँचा सकती है। बड़े संकट में डाल सकती है।
पंजाब पर महामहिम राज्यपाल महोदय को एवं केंद्रीय गृह मंत्रालय को कड़ी नजर रखनी होगी। जरूरत महसूस हो तो बिना किसी देरी के राज्यपाल शासन का कदम भी उठाने से नहीं हिचकना चाहिए।
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