अशोक गहलोत नें फिर डाला चुनावी चुग्गा - अरविन्द सिसोदिया rajasthan budget 2023
गहलोत सरकार द्वारा ,मतदाता रूपी जनता जनार्दन के वोट ठगने के लिये चुनावी चुग्गा डाला गया है।
जिस तरह मझली का शिकार करने के लिये कांटे में आटा लगा कर डालते हैं,मझली आटे के चक्कर में फंस कर शिकार हो जाती है। यही पक्षियों को फंसानें के लिये चुग्गा डाला जाता है, तो शेर को फंसानें बकरी बांध दी जाती है। प्रलोभन देकर व्यक्ति को फंसाना इौर उसको शिकार कर लेना पुरानी परम्परा है। इसी का आधुनिक रूप है, ये छूट वो छूट , ये लाभ वो लाभ और वोट ठग कर ....! सत्ता सुख भोगो और कभी कभी कुछ कुछ देते भी रहो । प्रलोभन के आधार पर मत प्राप्त करना अपराध है। इसलिये इसे लोककल्याण से जोड दिया गया है। जबकि वास्तविक लोककल्याण तब होगा जब हम एक नागरिक की आय अर्जित करनें की क्षमता बढायें। उसमें रोजगार करने की गुणवत्ता विकसित करें। पहले दस तक गिनती गिन कर किसान कर्ज माफी की घोषणा के आधार पर अशोक गहलोत सरकार सत्ता में आई थी, अब चार साल से ज्यादा वक्त हो गया, कुछ महीनों बाद चुनाव है। गहलोत साहब ने फिर से मतदाताओं के आगे चुग्गा फेंका है। जनता के मतों को लूटनें के इस प्रयत्न को पूरी तरह विफल करके दिखाना है।
जिस तरह मझली का शिकार करने के लिये कांटे में आटा लगा कर डालते हैं,मझली आटे के चक्कर में फंस कर शिकार हो जाती है। यही पक्षियों को फंसानें के लिये चुग्गा डाला जाता है, तो शेर को फंसानें बकरी बांध दी जाती है। प्रलोभन देकर व्यक्ति को फंसाना इौर उसको शिकार कर लेना पुरानी परम्परा है। इसी का आधुनिक रूप है, ये छूट वो छूट , ये लाभ वो लाभ और वोट ठग कर ....! सत्ता सुख भोगो और कभी कभी कुछ कुछ देते भी रहो । प्रलोभन के आधार पर मत प्राप्त करना अपराध है। इसलिये इसे लोककल्याण से जोड दिया गया है। जबकि वास्तविक लोककल्याण तब होगा जब हम एक नागरिक की आय अर्जित करनें की क्षमता बढायें। उसमें रोजगार करने की गुणवत्ता विकसित करें। पहले दस तक गिनती गिन कर किसान कर्ज माफी की घोषणा के आधार पर अशोक गहलोत सरकार सत्ता में आई थी, अब चार साल से ज्यादा वक्त हो गया, कुछ महीनों बाद चुनाव है। गहलोत साहब ने फिर से मतदाताओं के आगे चुग्गा फेंका है। जनता के मतों को लूटनें के इस प्रयत्न को पूरी तरह विफल करके दिखाना है।
बजट भाषण मजाक का पात्र बनने से राजस्थान कि जग हँसाई हुई - अरविन्द सिसोदिया
गहलोत बजट मतदाता को फंसाने चुनावी चुग्गा मात्र है - अरविन्द सिसोदिया
कोटा 10 फरवरी। भाजपा राजस्थान प्रदेश के प्रदेश सह संयोजक, मीडिया संपर्क विभाग अरविन्द सिसोदिया नें कांग्रेस की राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बजट की गोपनीयता, गंभीरता एवं गरिमा को नष्ट करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा गहलोत को मालूम है कि अब उनकी राज्य सरकार कुछ ही समय की मेहमान मात्र है , न ही जनता उसे रिपीट करने वाली और न ही कांग्रेस पार्टी उन्हें अगला मुख्यमंत्री फेस बनाने वाली है। इसलिए कुछ तो भी पेश कर दो, जवाबदेही तो है नहीं, वाली सोच का बजट प्रस्तुत किया गया है. जिसकी न तो कोई गारंटी है, न ही कोई विश्वसनीयता है। "
सिसोदिया नें कहा मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट का अधिकांश हिस्सा पहले ही होर्डिंग एवं प्रचार तंत्र पर उजागर किया जा चुका था,इसके व्यापक सीधे प्रसारण की भी व्यवस्था की गई | पार्टी हाईकमान से संकित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समानांतर चुनाव लड़नें की तैयारी कर रहे हैं , इसीक्रम में उन्होनें बजट को अपनी व्यक्तिगत लोकप्रियता एवं चेहरा चमकानें का माध्यम बनाया है | किन्तु वे उसमें भी विफल हो गए हैं।
मीडिया सहसंयोजक सिसोदिया नें कहा उनके द्वारा बजट प्रस्तुति में पिछले बजट के पैराग्राफ पढने से ही स्पष्ट है कि उन्होंने अस्वस्थ मानसिकता के बीच बजट तैयार किया और प्रस्तुत किया है। जिसके चलते राजस्थान विधानसभा को पूरे देश में शर्मिंदगी झेलनी पढ़ रही है।
सिसोदिया ने कहा बजट को लोकलुभावन बनाने एवं जन समर्थन प्राप्त करने की भी कोशिश, राजस्थान की जनता के जन अविश्वास के चलते विफल हो गई है। उन्होंने पिछला बजट ३ घंटे में पढ़ा था जिसे अभी तक राजस्थान मंहगी बिजली और मंहगे डीजल पेट्रोल के रूप में भुगत रहा है | उनकी कथनी और करनी पूरी तरह से एक दूसरे के विपरीत होती है | इस बार उन्होंने बजट पढ़नें में फिर से ३ घंटे से ज्यादा समय लिया है, जो की राजस्थान सरकार के द्वारा फिरसे कष्ट दिये जानें का संकेत ही हैं | क्योंकि बजट में प्रस्तुत तथ्यों एवं लोक लुभावन घोषणाओं के अर्थ प्रबंधन में जमीन आसमान का फ़र्क़ा है , इन विसंगतियों के चलते बजट घोषणाओं का सफलता से कोई तालमेल नहीं है।
सिसोदिया ने कहा गत राजस्थान चुनाव में भी इसी तरह से 40 पेज और सैकड़ों घोषणाओं वाला कांग्रेस चुनाव घोषणा पत्र जारी किया गया था। जो झूठ का पुलिंदा साबित हुआ। उसकी 90 प्रतिशत घोषणायें सिर्फ प्रतीकात्मक ही रहीं। उन्होंने कहा इस बजट के बाद प्रदेश में जनसमस्याओं में बड़ोत्री ही होगी, क्यों कि राज्य की मंहगी कर प्रणाली का कहीं भी सरलीकरण नहीं किया गया है। यह जनता और बोझ और कष्टकारी ही साबित होगा।
सिसोदिया नें कहा बजट भाषण को सदन में पढ़ने से पहले भी कई वार पढ़ कर उसकी मानसिकता तैयार की जाती है, ताकि सदन में कोई अटकाव या गलती न हो, किन्तु मुख्यमंत्री नें सदन में जिस गैर जिम्मेवार तरीके से बजट पढ़ना और अटकना प्रारंभ किया, यह इस बात का सबूत है कि मुख्यमंत्री गहलोत बजट निर्माण के प्रति कतई गंभीर नहीं थे, लगता तो यह है कि उन्होंने बजट, पढ़ने से पहले देखा ही नहीं था, इसे अफसरशाही के भरोसे छोड़ा हुआ था, इसी कारण यह मजाक का पात्र बन गया।
भवदीय
अरविन्द सिसोदिया
भाजपा प्रदेश संयोजक
मीडिया संपर्क विभाग, राजस्थान।
9414180151
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