अपमान करो,माफ़ी मांगो और फ्री हो जाओ,यह कैसा पाखंड - अरविन्द सिसोदिया Apmankro , Mafimango, or free ho jao, yh kaesa pakhnd ...?
अपमान करो,माफ़ी मांगो और फ्री हो जाओ, यह कैसा पाखंड - अरविन्द सिसोदिया
Apmankro, Mafimango, or free ho jao yh kaesa pakhnd ...?
उज्जैन में रामकथा करने पहुँचे कवि और पूर्व आम आदमी पार्टी के नेता रहे कुमार विश्वास नें रामकथा में संघ पर अनपढ़ होनें की टिप्पणी कर डाली और फिर माफ़ी भी माँगली। सच यह है की संघ में सभी स्तरों पर उच्च शिक्षा प्राप्त बुद्धिमान व्यक्तित्व सेवारत हैं। संभवतः कुमार विश्वास उन महान राष्ट्र भक्तों के मुकाबले शून्य जितने भी न हों....। सभी परमपूज्य सरसंघचालक जी बहुत ही श्रेष्ठ उच्च शिक्षा से शिक्षित रहे हैं।
इसी तरह कांग्रेस नें भी झूठ बोलना, भ्रम फैलाना और अपमानजनक टिप्पणीयां करने का अभियान छेड़ा हुआ है। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा नें प्रधानमंत्री को अपमानित करनेवाली टिप्पणी की, कई मुकदमेँ दर्ज हो गये, पुलिस नें गिरफ्तार कर लिया तो जमानत हेतु तर्क दिया कि उन्होंने माफ़ी माँगली थी, इसलिए जमानत दे दीं जाये।
कांग्रेस युवराज भी इसी तरह अदालत में माफ़ी मांग चुके हैं।
सवाल यही हैं कि यह तो किसीको भी अपमानित करने का सबसे आसान तरीका हो गया कि पहले अपमानित करलो, फिर बंद कमरे में या किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर माफ़ी मांगलो बात खत्म।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के मानले में सर्वोच्च न्यायालय नें जो रूचि ली वह भी संविधान के समता के प्रावधान का उलंघन लगता हैं, सामान्य व्यक्ति और असामान्य व्यक्ति को सुनने के अलग अलग निर्णय सामने आ रहे हैं। जो अनुचित हैं।
मुख्यसवाल यह हैं कि किसी भी व्यक्ति का अपमान करने वाले व्यक्ति के द्वारा माफ़ी माँगली जाना तो इस बात का प्रमाण हैं कि वह अपराधी हैं। इसलिए उसे सजा सुनिश्चित दी जानी चाहिए एवं उस सजा में माफ़ी मांगना भी सम्मिलित होना चाहिए। वहीं माफ़ी मांगने कि विधि भी तय होनी चाहिये कि वह देश के दो बड़े चैनलों एवं दो सर्वाधिक प्रसार संख्या वाले समाचार पत्रों में विज्ञापन के रूप में प्रकाशित करवाया जाये।
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