नितिश की आखरी पलटी का इंतजार कर रहा है बिहार - अरविन्द सिसौदिया Nitish Kumar kee aakharee palatee

 

 

नीतीश कुमार की आखरी पलटी का इंतजार कर रहा है बिहार - अरविन्द सिसौदिया

Bihar is waiting for Nitish Kumar's last turn - Arvind Sisodia


neeteesh kumaar kee aakharee palatee ka intajaar kar raha hai bihaar - aravind sisodia


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यूं तो 1974 से राजनीति में हैं, किन्तु वे लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद 1985 में पहली बार विधानसभा में पहुंचे थे एवं 1990 में पहली बार केंद्र में मंत्री बने थे । वहीं 1998-1999 में केंद्रीय रेल मंत्री भी रहे। बिहार आम चुनाव सन 2000 में वे 7 दिन तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे किन्तु बहुमत नहीं होने के कारण इस्तीफा  और फिर से अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री बनें।

 

धोकेबाज मुख्यमंत्री के रूप में जानें जाते हैं
सोसलिस्ट विचारधारा के नीतीश कुमार साल 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री बनें थे किन्तु तब बहुमत नहीं होने के कारण 7 दिन ही पद पर रहे। उसके बाद नीतीश कुमार अब तक 4 बार
जनादेश लेकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तीन बार जनादेश वाले गठबंधन को तोड़कर नए गठबंधन के नेता के तौर पर। इस तरह नीतीश कुमार अब तक 8 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं।

भविष्य ही बतायेगा कि 9वीं बार मुख्यमंत्री या पहलीबार प्रधानमंत्री या राजनैतिक बर्चस्व की समाप्ती .....! फिलहाल बिहार उनकी अगली पलटी का इंतजार कर रहा है। क्यों कि वे 2024 तक लालूप्रसाद यादव की पार्टी के साथ बनें रहें यह लगता नहीं है। जैसे ही उन्हे प्रधानमंत्री पद की दौड से अलग थलग कर दिया जायेगा वे फिर धोकेबाजी करके पलटू चाचा के ओहदे को साकार करने से नहीं चूकेंगे, यह बिहार मानता है।

बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है,सब अपने आपको मजबूत करनें में लगे हैं। नितिश के साथी भी अपने भविष्य को लेकर चिन्तित हैं, उन्हे अब नितिश में भरोसा नहीं रहा है। क्यों कि नितिश भावी मुख्यमंत्री तेजस्वी को घोषित कर चुके हैं , इस तरह से उन्होने अपनी पार्टी के अस्तित्व को ही संकट में डाल दिया है। जब अगला मुख्यमंत्री तेजस्वी होंगे और नितिश नहीं होंगे तो फिर नितिश की नाव पर कोई क्यों सवार होगा ? इसी कारण से नितिश कुमार की पार्टी में बिखराव प्रारम्भ होगया जो लोकसभा चुनाव से पहले औ
तेजी से होगा । 

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