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एनडीए नें पीएम नरेंद्र मोदी को नेता चुना , समर्थन पत्र सौंप दिया

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एनडीए की बैठक में मौजूद सभी दलों के नेताओं ने जीत के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देते हुए उनके नेतृत्व में आस्था भी व्यक्त की, NDA के सहयोगी दलों ने PM मोदी को समर्थन पत्र सौंप दिया है . एनडीए नें पीएम नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना  एनडीए नें पीएम नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना लिया है एवं 8 जून 2024 को मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ले सकते है।  लोकसभा चुनाव परिणाम आने बाद केंद्र में 18वीं लोकसभा की सरकार के गठन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। वहीं अभी तक चल रही 17वीं लोकसभा को भंग करने का प्रस्ताव मंत्रीपरिषद नें पारित कर दिया गया। जिसके आधार पर महामहिम राष्ट्रपति महोदया नें गत लोकसभा को भंग कर दिया एवं नवीन सरकार के गठन तक मंत्रीपरिषद को कार्य करते रहनें का अनुरोध किया है। सरकार बनाने की कोशिशों में आज एन डी ए और इन्डी गठबंधन की बैठकें हुईं। लोकसभा चुनाव के सभी नतीजे आ चुके हैं और स्थिती साफ हो चुके हैं कि लोकसभा के 543 सीटों के सदन में एन डी ए को 292 मिली हैं। जो पूर्ण बहूमत से 20 अधिक है। वहीं कांग्रेस गठबंधन के खाते में 233 सीटें आईं हैं। जो 272 के बहुमत आंकड़े से बहुत पी...

नेताजी स्पेशल नहीं बन पाये, वीआईपी स्टेटस नहीं मिला - अरविन्द सिसौदिया

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 नेताजी स्पेशल नहीं बन पाये, वीआईपी स्टेटस नहीं मिला - अरविन्द सिसौदिया भारत के सर्वोच्च न्यायलय नें राजनैतिक दल के नाते वीआईपी स्टेटस मांगने सर्वोच्च न्यायालय पहुँचे कांग्रेस सहित 14 विपक्षी दलों को, अपने तर्कोँ एवं तथ्यों के आधार पर याचिका वापस लेनें की स्थिति में ला दिया। उन्होंने जो कहा और में जो समझा उसके हिसाब से राजनैतिक दल के नेताओं को उक्त न्यायालय नें सामान्य नागरिकों की श्रेणी में ही रखते हुये विशेष श्रेणी देनें से या अतिरिक्त विशेष गाइडलाइन बनाने से मना कर दिया। इस घटनाक्रम से नेताजी स्पेशल नहीं बन पाये, वीआईपी स्टेट्स नहीं मिला। यूँ तो भारत में राज आनें का मतलब या राज में होनें का मतलब ही नेताजी का सब कुछ होना होता है। उनका रौब रुतबा, उनका ईश्वर तुल्य होना। यह सर्वोच्चता का सिलसिला आजादी के बाद से ही चल रहा है। प्रतिदिन देश के कानून और व्यवस्था को प्रभावित करनें के लिये कार्यकर्ता या समर्थक के आधार पर, हजारो फोन सरकारी दफतरों में, अधिकारी, कर्मचारी आदी पर पहुंचते है। यह सब संविधान और लोकतंत्र से परे ही होता है  सच यह है कि यह कृत्य संविधान ...

नितिश की आखरी पलटी का इंतजार कर रहा है बिहार - अरविन्द सिसौदिया Nitish Kumar kee aakharee palatee

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    नीतीश कुमार की आखरी पलटी का इंतजार कर रहा है बिहार - अरविन्द सिसौदिया Bihar is waiting for Nitish Kumar's last turn - Arvind Sisodia neeteesh kumaar kee aakharee palatee ka intajaar kar raha hai bihaar - aravind sisodia बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यूं तो 1974 से राजनीति में हैं, किन्तु वे लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद 1985 में पहली बार विधानसभा में पहुंचे थे एवं 1990 में पहली बार केंद्र में मंत्री बने थे । वहीं 1998-1999 में केंद्रीय रेल मंत्री भी रहे। बिहार आम चुनाव सन 2000 में वे 7 दिन तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे किन्तु बहुमत नहीं होने के कारण इस्तीफा  और फिर से अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री बनें।   धोकेबाज मुख्यमंत्री के रूप में जानें जाते हैं सोसलिस्ट विचारधारा के नीतीश कुमार साल 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री बनें थे किन्तु तब बहुमत नहीं होने के कारण 7 दिन ही पद पर रहे। उसके बाद नीतीश कुमार अब तक 4 बार जनादेश लेकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तीन बार जनादेश वाले गठबंधन को तोड़कर नए गठबंधन के नेता के तौर पर। इस तरह नीतीश कुमार अब तक 8 बार म...

नितिश का चरित्र अपने साथीयों को धोखा देनें का रहा है - अरविन्द सिसौदिया

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  नितिश का चरित्र अपने साथीयों को धोखा देनें का रहा है - अरविन्द सिसौदिया नितिश कुमार  : जातीय जनगणना तो बहाना है, भाजपा से हाथ छुडाना है। मेंने पहले भी लिखा था कि भाजपा की बड़ती ताकत से जिस तरह शिवसेना प्रमुख भयभीत थे और मौका देखते ही अलग हो गये। उसी तरह नितिश कुमार भी भयभीत हैं। वे बहुत जल्द भाजपा का दामन छोडते नजर आ सकते हैं। यूं भी नितिश का चरित्र अपने साथीयों को धोखा देनें का रहा है। में तो क्या लिखूं आप स्वयं इनके इतिहास को देखेंगे तो मेरा कहा एक एक शब्द सही पायेंगें। जब से बिहार में भाजपा जदयू से बडी पार्टी बनी है तब से ही नितिश परेशान हैं, अपने लिये ज्यूनियर पार्टनर तलाश रहे हैं। क्यों कि अब भाजपा सीनियर पार्टनर हो गई है। वे सिर्फ भाजपा से ही नहीं अपनी ही पार्टी के प्रशात किशोर अर्थात पीके से भी परेशान चल रहे हैं। जातीय जनगणना तो बहाना है, भाजपा से हाथ छुडाना है। लगता है कि जदयू अब टूटेगा । राज्यसभा चुनाव की उठापठक नितिश कुमार को चुनौती भी दे सकती है। नितिश का कद सही मायनें में अब नरेन्द्र मोदी से काफी बौना हो चुका है। बगले चुनाव को लेकर भाजपा कतई भयभीत नहीं है। क्यों क...