कविता - परमपूज्य भारतमाता kavita
कविता -
परमपूज्य भारतमाता
- अरविन्द सिसोदिया
ये हे भारतमाता, परमपूज्य भारतमाता !
ईश्वर जहां जन्म पाता,
त्याग तपस्या और बलिदानों की अनगणित गाथा,
हम सबकी ये भाग्य विधाता, इतिहास जिसके शौर्य गीत सुनाता।
ये हे भारतमाता !!
---1--
अग्रपूज्य गौरीनंदन गणेश,जहां गणशक्ति के अग्रदूत,
त्रिशूलधारी शिव पार्वती सँग देते सरल जीवन का संदेश,
लक्ष्मीपती विष्णु लेते जहां विविध उद्धारों को अवतार,
ब्रह्मा रचते प्रकृति को, काली दुर्गा बनती शत्रु का संहार।
सीता राम मर्यादा और कृष्ण राधा प्रेम का पाठ पढ़ाते,
युगों युगों से अविनाशी यह धरा देती विश्व बन्धुत्व को प्राण।
जय जय भारत माता, तुम युगों युगों से महान।
जय जय भारत माता, तुम युगों युगों से महान।
ये हे भारतमाता, परमपूज्य भारतमाता !
ईश्वर जहां जन्म पाता,
त्याग तपस्या और बलिदानों की अनगणित गाथा,
हम सबकी ये भाग्य विधाता, इतिहास जिसके शौर्य गीत सुनाता।
ये हे भारतमाता !!
---2---
इसके आँगन में गूँजे वेदों की वाणी,
ये धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की पवित्र दानी ।
रामायण है सामाजिक मर्यादा के प्राण,
गीता है धर्म रक्षा का उत्सव महान ।
ये हे भारतमाता, परमपूज्य भारतमाता !
ईश्वर जहां जन्म पाता,
त्याग तपस्या और बलिदानों की अनगणित गाथा,
हम सबकी ये भाग्य विधाता, इतिहास जिसके शौर्य गीत सुनाता।
ये हे भारतमाता !!
---3--
भीष्म की सौगंध , अर्जुन का धनुष,
भीम का बल, अभिमन्यु का रण ।
हरिश्चंद्र का सत्य, विक्रमदित्य का प्रण,
जिसके चरणों में अर्पित हुये सभी पुरषार्थ ।
ये हे भारतमाता, परमपूज्य भारतमाता !
ईश्वर जहां जन्म पाता,
त्याग तपस्या और बलिदानों की अनगणित गाथा,
हम सबकी ये भाग्य विधाता, इतिहास जिसके शौर्य गीत सुनाता।
ये हे भारतमाता !!
--4--
शंकर ने जग को अद्वैत सुनाया,
तुलसी ने ज्ञान का दीप जलाया।
दयानंद ने वेद-पथ जगाया,
विवेकानंद ने विश्व को भारत का ज्ञान बताया ।
ये हे भारतमाता, परमपूज्य भारतमाता !
ईश्वर जहां जन्म पाता,
त्याग तपस्या और बलिदानों की अनगणित गाथा,
हम सबकी ये भाग्य विधाता, इतिहास जिसके शौर्य गीत सुनाता।
ये हे भारतमाता !!
--5--
प्रताप ने पर्वत-सा साहस दिखाया,
शिवाजी ने स्वराज्य का गान गया ,
धर्मरक्षा में गुरु तेग बहादुर का बलिदान ,
गुरु गोविन्द सिंह का पूरा परिवार महान।
ये हे भारतमाता, परमपूज्य भारतमाता !
ईश्वर जहां जन्म पाता,
त्याग तपस्या और बलिदानों की अनगणित गाथा,
हम सबकी ये भाग्य विधाता, इतिहास जिसके शौर्य गीत सुनाता।
ये हे भारतमाता !!
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भगतसिंह की राष्ट्रधर्म पर ऊँची शान
सावरकर, आज़ाद, तिलक हैँ सम्मान ,
बोस की हुंकार से काँपा था संसार।
पूरे विश्व में मस्तक ऊँचा हुआ अपार,
ये हे भारतमाता, परमपूज्य भारतमाता !
ईश्वर जहां जन्म पाता,
त्याग तपस्या और बलिदानों की अनगणित गाथा,
हम सबकी ये भाग्य विधाता, इतिहास जिसके शौर्य गीत सुनाता।
ये हे भारतमाता !!
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गांधी के सत्य ने जग को सिखाया,
अहिंसा से मानव धर्म निभाया।
केशव माधव नें अनुशासन से ध्येय दिखाया,
भारत बना इन्ही संतों से फिर महान।
ये हे भारतमाता, परमपूज्य भारतमाता !
ईश्वर जहां जन्म पाता,
त्याग तपस्या और बलिदानों की अनगणित गाथा,
हम सबकी ये भाग्य विधाता, इतिहास जिसके शौर्य गीत सुनाता।
ये हे भारतमाता !!
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यह देवों की धरती,देवियों का उत्थान,
ईश्वर भी जन्म लेकर, बडाता इनकी शान,
इसके संत, इसके महंत, इसके ऋषि महान,
इसके वीर बलिदानी, ऊँचा रखते इनका मान,
माँ भारती ! सदा रहे अमर, अविनाशी रहे और शत शत तुम्हे प्रणाम ।
ये हे भारतमाता, परमपूज्य भारतमाता !
ईश्वर जहां जन्म पाता,
त्याग तपस्या और बलिदानों की अनगणित गाथा,
हम सबकी ये भाग्य विधाता, इतिहास जिसके शौर्य गीत सुनाता।
ये हे भारतमाता !!
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