मोदी और अडानी के बाद, अगला आक्रमण किस पर ? - अरविन्द सिसोदिया
सच से इन शब्दों का कोई लेना देना नहीं है यह मात्र कल्पना है, आज कल्पना सोच रही है कि -
" एक तरफ कांग्रेस युवराज की यात्रा समाप्त होगी, वे भारत के सबसे लोकप्रिय युवा बन चुके होंगे, सारा विपक्ष उन्हें कंधे पर बिठा चुका होगा और सब तरफ कांग्रेस की जय जय कार हो रही होगी और इसी स्थिति में बीबीसी की सदभाव समाप्त करंनें वाली रिपोर्ट के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जमीन पर ला दिया जायेगा और अमेरिकन मंदड़िया कंपनी की गड़बड़ रिपोर्ट के द्वारा अडानी को बर्वाद कर दिया होगा। संसद का बजट सत्र होगा, हो हुल्ल्ड के सभी ऑफसन खुले होंगे। इस सारे परीदृश्य में कांग्रेस की जय जयकार ही रही होगी 2023 और 2024 चुनाव कांग्रेस आसानी से जीत जायेगी। "
मन पागल है कुछ तो भी अनुमान अंदाजे लगाता रहता है।
तभी मन में आता है कि बाहरी देश से भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी की छवि पर आक्रमण हो गया, अडानी पर आर्थिकनुकसान पहुंचाने वाला आक्रमण हो गया, अब तीसरा आक्रमण किस पर.....अंबानी पर या आरएसएस पर .... मन आशंकित है....
युवराज के निशाने पर चार ही नाम होते हैं, मोदी और आरएसएस..... अडानी - अंबानी। मित्र चीन और पाकिस्तान हैं।
दोस्तों यह 2023-2024 बहुत ही ज़ालिम होने वाले हैं, देश पूछ रहा है अगला आक्रमण किस पर....¡
अंबानी या आरएसएस...पर.....
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अडानी पर हिंडनबर्ग की कथित रिसर्च रिपोर्ट के निष्कर्षों में अडानी के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों के साथ बातचीत और हजारों दस्तावेजों की समीक्षा करना और लगभग आधा दर्जन देशों में जाकर साइट विजिट करना शामिल था।
इसी तरह कि किसी मेहनत से बीबीसी नें भी रिपोर्ट तैयार की....
सवाल यही है कि इन दोनों संस्थानों नें इन्ही व्यक्तियों को क्यों चुना और इसके पीछे जो ताकत लगाई उसे किसने मैनेज़ किया....?
भारत की इंटेलिजेंस एजेंसीयों को सावधान तो ही ही जाना चाहिये बल्कि इनकी तह नें भी जाकर सही तथ्यों को उजागर करना चाहिए।
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