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कांग्रेस अलगाववाद के साथ क्यों - अरविन्द सिसोदिया jammu or kashmir

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कांग्रेस अलगाववाद के साथ क्यों  - अरविन्द सिसोदिया पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कांग्रेस और एन सी के एजेंडे को जम्मू और कश्मीर में  उनका एजेंडा बता कर कोई नई बात नहीं की है बल्कि उसने तो अपनी विदेशनीति को ही दोहराया है कि वह जम्मू और कश्मीर में भारत के प्रति अलगाव पनपाये रखना चाहता है । सोचना तो कांग्रेस को चाहिए कि वह इस राह पर क्यों चल रही है , जबकि कांग्रेस के ही पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने शेख अब्दुल्लाह को अलगाववाद के कारण जेल में डाला था । इस परिवार की पाकिस्तान परस्ती सर्व विदित है , प्रमाणित है ।  जम्मू और कश्मीर के लोगों की पाकिस्तान में कोई दिलचस्पी नहीं है । वहां आतंकवाद इसीलिए पनपाया जाता है कि पाकिस्तानी आतंक के भय से उन्हें भारत का विरोधी बनाया जाए । कांग्रेस और अन्य सरकारों के राज में यह सब खूब फलाफूला ! जब से भाजपा आई है तब से आतंकवाद की सियासत समाप्त हो गई । जम्मू और कश्मीर के लोग स्वयं को शांति व सुरक्षित महसूस कर रहे हैं । इस तरह से वहां शांति और स्वतन्त्रता दोनों स्थापित हुई हैं । फिर कांग्रेस का अलगावी एजेंडे के साथ जाना देश विरोधी जैसा है । ...

कांग्रेस में हार की हेड्रिक का जश्न क्यों -- अरविन्द सिसोदिया

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Why is Congress celebrating Hedrick's defeat? - Arvind Sisodia कांग्रेस हाई कमान खुश है कि एक हिन्दू राष्ट्र में, जिसमें एक चौथाई मुस्लिम भी हैँ, उसमे ईसाई नेतृत्व की स्वीकारोक्ती भी बनी हुईं है।   कांग्रेस में हार की हेड्रिक का जश्न क्यों? - अरविन्द सिसोदिया  कांग्रेस की स्थापना ब्रिटेन के ब्रिटिश अधिकारी ए ओ ह्युम नें की थी वे ईसाई थे और भारत में रहते हुए यहाँ के नागरिकों को ब्रिटिश भक्त बनाने के लिए कार्य कर रहे थे। ताकी ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कोई विद्रोह हो तो यहीं के लोगों से मैनेज़ किया जा सके। यह  नियती का ही खेल है कि भारत की स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी कांग्रेस मुख्यतौर पर इटली की ईसाई महिला और उसकी संतानों के नेतृत्व में चल रही है। भारत के हिन्दू और मुसलमानो कइका बड़ा वर्ग आज भी इनके नेतृत्व में निष्ठा रखता है। भारत में पूर्ण बहूमत का दौर 1984 के बाद के चुनावों में समाप्त हो गया था। लंबे अंतराल और गठबंधन सरकारों से ऊब कर देश फिर से 2014 में पूर्ण बहूमत की सरकार के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लौटा था और इसका दोहराव 2019 में भी हुआ। किन्तु 2024...