कांग्रेस में हार की हेड्रिक का जश्न क्यों -- अरविन्द सिसोदिया

Why is Congress celebrating Hedrick's defeat? - Arvind Sisodia


कांग्रेस हाई कमान खुश है कि एक हिन्दू राष्ट्र में, जिसमें एक चौथाई मुस्लिम भी हैँ, उसमे ईसाई नेतृत्व की स्वीकारोक्ती भी बनी हुईं है।
 

कांग्रेस में हार की हेड्रिक का जश्न क्यों? - अरविन्द सिसोदिया 

कांग्रेस की स्थापना ब्रिटेन के ब्रिटिश अधिकारी ए ओ ह्युम नें की थी वे ईसाई थे और भारत में रहते हुए यहाँ के नागरिकों को ब्रिटिश भक्त बनाने के लिए कार्य कर रहे थे। ताकी ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कोई विद्रोह हो तो यहीं के लोगों से मैनेज़ किया जा सके। यह  नियती का ही खेल है कि भारत की स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी कांग्रेस मुख्यतौर पर इटली की ईसाई महिला और उसकी संतानों के नेतृत्व में चल रही है। भारत के हिन्दू और मुसलमानो कइका बड़ा वर्ग आज भी इनके नेतृत्व में निष्ठा रखता है।

भारत में पूर्ण बहूमत का दौर 1984 के बाद के चुनावों में समाप्त हो गया था। लंबे अंतराल और गठबंधन सरकारों से ऊब कर देश फिर से 2014 में पूर्ण बहूमत की सरकार के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लौटा था और इसका दोहराव 2019 में भी हुआ। किन्तु 2024 में पूर्ण बहूमत सरकार का दौर रुक गया, क्योंकि आम चुनाव के बीच हीट वेब नें चुनाव के मत प्रतिशत को प्रभावित किया। निर्वाचन आयोग और राज्यों में लगी चुनावी टीमें मतदाता को मतपेटीतक नहीं ला पाईं! इसके आलावा लंबे चुनाव अभियान नें जनता में बोरियत पैदा करदी, इससे चुनावी आकर्षण भी समाप्त हो गया. वहीं झूठ फैलाने की पूरी आजादी मिली सौ, संविधान बदल दिया जायेगा, आरक्षण खत्म हो जायेगा और हर महीनेँ महिलाओं के खाते में 8500 आएंगे खटाखट यह खूब प्रचारित हो गया। वहीं भाजपा के शुभचिंतकों में बिखराब रहा जिसके अनेकों कारण थे।
इसके बावजूद भी केंद्र में लगातार तीसरीबार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का गठन हुआ। वहीं तीन राज्यों में भाजपा के गठबंधन की राज्य सरकारें बनी, सबसे महत्वपूर्ण भाजपा ने एक बड़े नये राज्य में पहलीबार राज्य सरकार बनाई। 

परिणामों की उपलब्धियों पर भाजपा की सफलता सौ टका ही मानी जायेगी। यदी परफॉर्मेंस के आधार पर नंबर भी देनें पड़ें तो 90+ प्रतिशत पर भाजपा ख़डी है जिसे फस्ट क्लास कहा जा सकता है।

मगर भाजपा में मायूसी दिखी क्योंकि उनके नंबर 100 प्रतिशत से कुछ कम हो गये। वहीं कांग्रेस लगातार तीन चुनावों से अपने सबसे कम सीटों के इतिहास पर बनी हुईं है। अर्थात 44, 52 और अब 99 मात्र। इन तीनों चुनावों का जोड़ भी भाजपा की वर्तमान 240 सीटों से कम है। फिर भी जश्न कांग्रेस खेमें में यह प्रश्न फैदा करता है कि क्यों? लगातार तीसरीबार विपक्ष में बैठना है, वह भी अंडर 100 यह तो बुरा हुआ है। फिर भी जश्न क्यों?

कांग्रेस को अपनी विफलताओं पर कभी शर्म नहीं आती, नाही विफलताओं के आधार पर उनके क्रिसचियन नेतृत्व पर कोई बड़ा सवाल उठता और जो भी सवाल खड़ा करता है उसे बाहर कर दिया जाता है। यह भारत में ही संभव है कि आजादी के 75 साल बाद भी एक ईसाई नेतृत्व पार्टी पर स्वामित्व जैसा बनाये हुये है। 

कांग्रेस खुश सिर्फ इसलिए है कि उसके नेतृत्व को भारत में स्वीकार करने वाला जनमत अभी भी कुछ मात्रा में बना हुआ है। उसे ख़ुशी इस बात की है की वह अब अधिकृत नेता प्रतिपक्ष के पद पर आसीन होगा। उसे ख़ुशी इस बात की है की वह कांग्रेस गठबंधन का परोक्ष अपरोक्ष नेता है। सबसे मजेदार बात कांग्रेस गठबंधन बंगाल में, पंजाब में, केरल में और जम्मू और कश्मीर में एक दूसरे के सामने चुनाव लड़े फिर भी एक हैँ और कांग्रेस का नेतृत्व मान रहे हैँ। कुल मिला कर कांग्रेस फैल होते हुए भी खुश सिर्फ इसलिए है कि युवराज राहुल गाँधी को स्वीकारोक्ती मिल गईं है और वे उत्तरप्रदेश में काफी हद तक वापसी कर रहे हैँ।

केंद्र में सरकार बनाने के लिए उत्तर प्रदेश बहुत जरूरी होता है। भाजपा से टिकिट वितरण में चूक हुईं है और उत्तरप्रदेश की भाजपा को चुनाव जिताने में बेरुखी क्यों रही इसपर विचार जरूरी है।

हालांकि अभी कांग्रेस को कोई बहुत बडी सफलता मिल गईं येशा कुछ नहीं हुआ, ना ही यह सब आगे होगा यह भी नहीं लगता। क्योंकि कांग्रेस गठबंधन बारूद के ढेर पर बैठा है, कुछ महीनों बाद इसमें बड़ा बिखराव हो सकता है। प्रत्येक इस्यू पर इनमें अलग अलग नजरिये होंगे। इससे स्पष्ट है कि यह गठबंधन तो टूटेगा।

कांग्रेस की ख़ुशी का सबसे बड़ा कारण यही है कि शाही परिवार का ईसाई बर्चस्व कांग्रेस में बना हुआ है और मज़बूत हुआ है। वे संसदीय दल के नेता हैँ, वे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैँ। उन्हें प्रतिदिन भारत के प्रधानमंत्री को गरियाने का अवसर है। जो गुलाम भारत में संभव नहीं था वह स्वतंत्र भारत में संभव है।

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Why is Congress celebrating Hedrick's defeat? - Arvind Sisodia

The Congress high command is happy that in a Hindu nation, which has a quarter of Muslims, the acceptance of Christian leadership is still there.

The Congress was founded by British officer A.O. Hume. He was a Christian and while living in India, he was working to make the citizens here British devotees. So that if there is any rebellion against the British government, it can be managed by the people here. It is the game of destiny that even after 75 years of India's independence, the Congress is mainly being run under the leadership of a Christian woman from Italy and her children. A large section of Hindus and Muslims of India still have loyalty to their leadership.

The era of absolute majority in India ended in the elections after 1984. After a long gap and bored with coalition governments, the country again returned in 2014 in the form of an absolute majority government under the leadership of Prime Minister Narendra Modi and this was repeated in 2019 as well. But in 2024, the era of full majority government came to an end, because the heat wave during the general elections affected the percentage of votes. The Election Commission and the election teams in the states could not bring the voters to the ballot box! Apart from this, the long election campaign created boredom among the public, due to which the electoral attraction also ended. At the same time, there was complete freedom to spread lies, the Constitution will be changed, reservation will be abolished and Rs 8500 will be deposited in the accounts of women every month, this was widely publicized. At the same time, there was a rift among the well-wishers of BJP, for which there were many reasons.

Despite this, Prime Minister Narendra Modi's government was formed at the Center for the third consecutive time. At the same time, BJP alliance state governments were formed in three states, most importantly BJP formed the state government for the first time in a big new state.

BJP's success will be considered 100% on the achievements of the results. If marks have to be given on the basis of performance, then BJP is standing at 90+ percent, which can be called first class.

But disappointment was visible in BJP because their numbers fell a little less than 100 percent. On the other hand, Congress has been at its lowest level of seats in history for three consecutive elections. That is, 44, 52 and now only 99. The sum of these three elections is also less than the current 240 seats of BJP. Still the celebration raises a question in the Congress camp that why? It is bad that they have to sit in opposition for the third consecutive time, that too under 100. Still why the celebration?

Congress is never ashamed of its failures, nor is any big question raised on its Christian leadership on the basis of failures and whoever raises questions is thrown out. It is possible only in India that even after 75 years of independence, a Christian leadership is maintaining a kind of ownership over the party.

Congress is happy only because the public opinion that accepts its leadership in India still remains in some amount. It is happy that it will now occupy the post of authorized leader of opposition. It is happy that it is the direct or indirect leader of the Congress alliance. The most interesting thing is that the Congress alliance fought elections against each other in Bengal, Punjab, Kerala and Jammu and Kashmir but they are still united and are accepting the leadership of the Congress. Overall, the Congress is happy despite its failure only because Yuvraj Rahul Gandhi has got acceptance and he is making a comeback in Uttar Pradesh to a great extent.

Uttar Pradesh is very important for forming the government at the center. BJP has made mistakes in ticket distribution and it is important to think about why there was indifference in helping the BJP win the elections in Uttar Pradesh.

However, it does not seem that Congress has got any big success right now, nor does it seem that all this will happen in the future. Because the Congress alliance is sitting on a heap of gunpowder, there can be a big split in it after a few months. They will have different views on every issue. It is clear from this that this alliance will break.

The biggest reason for the happiness of the Congress is that the Christian dominance of the royal family has remained and strengthened in the Congress. He is the leader of the parliamentary party, he is the leader of the opposition in the Lok Sabha. They have the opportunity to abuse the Prime Minister of India every day. What was not possible in slave India is possible in independent India.

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