विपक्ष संभावित हार से बौखलाया,अतिरिक्त सतर्कता रखें - अरविन्द सिसोदिया
विपक्ष संभावित हार से बौखलाया,अतिरिक्त सतर्कता रखें - अरविन्द सिसोदिया
आगामी लोकसभा के लिए आमचुनाव संपन्न हो गए, एग्जिट पोल 2024 भी आ गया, मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे हैं, यह भी अंदाजा एग्जिट पोल ने लगा लिया, विपक्ष को भी इन सब बातों का ध्यान है कि उनका ईडी गठबंधन सत्ता से बहुत दूर है, किंतु हार को स्वीकार्य कैसे करें , हार का ठीकरा मालिक राहुल गांधी पर फोड़ नहीं सकते! राहुल सक्षम भावी पी एम हैँ और आगे भी देश के प्रधानमंत्री बनने लायक रहेंगे, इस नीति पर कैसे काम किया जाए और इस आकांक्षा को बनाये रखने के लिए, लगातार तीसरी हार के वास्ते किसी न किसी को बलि का बकरा तो बनना पड़ेगा और यह सब बहुत आसान है क्योंकि ईवीएम EVM सामने है!
गठबंधन के लोग एग्जिट पोल के ठीक पहले एकत्र हुए, उन्होंने घोषणा की कि एग्जिट पोल पर इनेलो की बहस में कोई भी कांग्रेसी सम्मिलित नहीं होगा और उन्होंने 295 प्लस सीटों का एक टारगेट भी प्रेसवार्ता करके दे दिया! इलेक्शन कमिशन पर भी कुछ बोले और इसके बाद वह इलेक्शन कमीशन से भी मिलने गए ! अर्थात उन्हें ज्ञात है कि चुनाव परिणाम उनके फेवर में नहीं आ रहे हैं और चुनाव परिणाम आते ही, चुनाव में धांधली के आरोप की घोषणा करना शेष जो 4/5 जून में होना है. फिर इस बहाने सड़कों पर उतरना आंदोलन करना और अराजकता फैलाने तक की कोशिश करने की कुछ नौटंकीयां सामने आएंगीं।
कुल मिलाकर केंद्र और राज्य के गृह मंत्रालय और सुरक्षा बलों को सतर्क रहना चाहिए। कि देश में किसी भी तरह की अनहोनी ना हो पाए। क्योंकि जिन्होंने 5 साल से 365 दिन 24 घंटे झूठे आरोप लगाने और झूठ फैलाने और हम उत्पन्न करने में पूरी ताकत लगाई हो, वे चुप नहीं बैठेंगे और किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। इसलिए सावधानी सतर्कता बनती है। इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को चकबंदी रखना चाहिए।
चुनाव होते ही बंगाल में फिर से हिंसा भड़क चुकी है वहां एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या हो चुकी है। विपक्ष की जो गतिविधियां दिख रहीं हैं । वे प्रेसर पालटिक्स की हैं। कांग्रेस नें पहले भी भडका को सीएए के विरूद्ध शाहीन बाग लगवाये थे। कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्ली पर आक्रमण करवा चुकी है। कांग्रेस के जयराम रमेश नें 100 से अधिक जिला कलेक्टरों पर दबाव का झूठ परोस ही दिया है। इससे पहले भी अनेकों घटनायें इस तरह की रहीं हैं। कुल मिला कर केन्द्रीय गृह मंत्रालय को अतिरिक्त सावधानी और किसी भी अनहोनी को तुरन्त दवा देनें की कुशलता से काम लेना होगा । क्यों कि ये हार की जिम्मेवारी राहुल गांधी अथवा ईडी गठबंधन पर तो आनें नहीं देंगे। अपनी हार के लिये वे झूठ और भ्रम के बावरण गढ़ेंगे और जनता को भ्रमित करेंगे। इसलिये सुरक्षा एजेंसियों को अतिरिक्त सर्तकता बरतनी होगी।
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