ईवीएम को ब्लेक बॉक्स बताना ब्लेक माइन्ड की मानसिकता

 ईवीएम को ब्लेक बॉक्स बताना ब्लेंक माइन्ड की मानसिकता - अरविन्द सिसोदिया

आम चुनाव 2024 में ईवीएम आरोपों से बच गई थी और सभी दल लगभग खुश थे, क्यों कि सभी दलों की कुछ कुछ इज्जत बच गई थी। किन्तु अमेरिकी पृष्ठभूमी के चुनावों को लेकर अमेरिकी अमीर एलन मस्क की एक अप्रमाणिक आरोप की अभिव्यक्ति आते ही भारत में ईवीएम को फिर आरोपों  में घेरे में लिया जा रहा है। ईवीएम गलत है या सही है यह विषय कभी नहीं रहता बल्कि मसला रहता है कि में अपनी अलोकप्रियता का ठीकरा, अपनी विफलता के लिये बली का बकरा किसे बनाऊं,  इसके लिये सबसे मुफीद ईवीएम होती है।


कांग्रेस राजकुमार राहुल गांधी जो कभी देश के साथ खडे नहीं होते और मोदी सरकार के विरूद्ध कुछ तो भी कडवा बोलनें के लिए खडे रहते हैं उन्होनें इस मसले पर भी अपनी पोस्ट में लिखा, “भारत में ईवीएम एक “ब्लैक बॉक्स“ है, और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही का अभाव होता है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।“


राहुल की यह टिप्पणी इसलिये गलत है कि ईवीएम प्रणाली के मतदान से ही उनके दल कांग्रेस की सरकार 2004 और 2009 में इसी ईवीएम के जर्ये सत्ता में आई और मनमोहन सिंह ने शासन किया । यदी ईवीएम गलत थी तो उन्होनें बदला क्यों नहीं ? झूठ बोलना और भ्रम फैलाना राहुल गांधी की आदत है मानसिकता भी है। इसी के तहत यह भी एक भ्रामक बयान द्धारा ईवीएम को ब्लेक बॉक्स बताना ब्लेंक माइन्ड की मानसिकता है।


मस्क के बयान का खण्डन भारत के पूर्व आईटी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने किया तथा जवाब दिया है कि “यह एक बहुत बड़ा व्यापक सामान्य कथन है जिसका अर्थ है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता। यह कथन गलत है।“ चंद्रशेखर के अनुसार, मस्क का दृष्टिकोण अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है, जहाँ वे “इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन“ बनाने के लिए नियमित कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हैं।


चंद्रशेखर ने मस्क के बयान को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय ईवीएम कस्टम-डिजाइन किए गए, सुरक्षित और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं। “कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ नहीं, वाईफाई नहीं, इंटरनेट नहीं; कोई रास्ता नहीं है। फैक्ट्री-प्रोग्राम किए गए नियंत्रक जिन्हें फिर से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता है,“ 


पूर्व मंत्री चंद्रशेखर ने बताया कि “इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक उसी तरह से बनाया है और बनाया जा सकता है जैसा कि भारत ने किया है। हमें एक ट्यूटोरियल चलाने में खुशी होगी, एलन,“ !


Calling EVM a black box is the mentality of a blackmind - Arvind Sisodia


In the 2024 general elections, EVMs were saved from allegations and almost all parties were happy because some respect of all parties was saved. But as soon as American rich man Elon Musk expressed an unauthentic allegation about the elections of American background, EVMs are again being surrounded by allegations in India. The issue is never whether EVMs are right or wrong, but the issue is who should I blame for my unpopularity, whom should I make a scapegoat for my failure, for which EVM is the most suitable.

Congress prince Rahul Gandhi, who never stands with the country and stands up to say something bitter against the Modi government, also wrote in his post on this issue, “EVMs in India are a “black box”, and no one is allowed to investigate them. Serious concerns are being raised about transparency in our electoral process. When institutions lack accountability, democracy becomes a sham and the possibility of fraud increases."


Rahul's comment is wrong because it was through the EVM system of voting that his party Congress came to power in 2004 and 2009 and Manmohan Singh ruled through the same EVM. If EVM was wrong then why did he not change it? Lying and spreading confusion is Rahul Gandhi's habit and mentality. Under this, calling EVM a black box through a misleading statement is the mentality of a black mind.


Musk's statement was refuted by India's former Minister of State for IT Chandrashekhar and he replied that "This is a very broad general statement which means that no one can make secure digital hardware. This statement is wrong." According to Chandrashekhar, Musk's approach can be applied in the US and other places, where they use regular computing platforms to make "internet-connected voting machines".


Chandrasekhar rejected Musk's statement, saying Indian EVMs are custom-designed, secure and isolated from any network or media. "No connectivity, no Bluetooth, no WiFi, no internet; there is no way. Factory-programmed controllers that cannot be re-programmed,"


"Electronic voting machines can be designed and built exactly the way India has done them. We would be happy to run a tutorial, Elon," the former minister said.

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