कांग्रेस का पाकिस्तान को बचाने का ये षड्यंत्र देशवासी समझ चुके है - अमित शाह Amit Shah Lok Sabha
यदि आप राष्ट्रहित के समर्थक हैँ तो इस भाषण को पूरा पढ़ें और समझें, कांग्रेस कितनी जहरीली पार्टी है।
Salient points of speech of Hon'ble Union Home Minister and Minister of Cooperation Shri Amit Shah while addressing on "Operation Sindoor" in Lok Sabha
द्वारा श्री अमित शाह -
29-07-2025
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा लोक सभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आयोजित चर्चा में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
मोदी जी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से आतंकियों के आकाओं को मारा और कल ‘ऑपरेशन महादेव’ के माध्यम से पहलगाम हमलें में शामिल आतंकियों को मिट्टी में मिलाया।
****************
सेना, CRPF और J&K पुलिस के संयुक्त 'ऑपरेशन महादेव' में पहलगाम हमले के तीनों आतंकी सुलेमान उर्फ फैजल जट, हमजा अफगानी और जिब्रान मार दिए गए।
****************
आतंकियों के मारे जाने की सूचना सुनने पर विपक्ष में भी ख़ुशी की लहर दौड़नी चाहिए थी लेकिन उनके चेहरे पर तो स्याही पड़ गई।
****************
कांग्रेस पार्टी और उसके पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम "आतंकी पाकिस्तान से आये थे" इसका सबूत मांग कर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का कम कर रहे हैं।
****************
कांग्रेस द्वारा पाकिस्तान को बचाने का षड्यंत्र 140 करोड़ भारतवासी जान चुके हैं। कांग्रेस बच नहीं पाएगी।
****************
मोदी सरकार में हमारी सेना ने कांग्रेस के समय में हुए आतंकी हमलों के दोषियों को भी पाकिस्तान में घुस कर मारा।
****************
मोदी सरकार में आतंकी हमले पर डोजियर नहीं भेजे जाते, बल्कि आतंकियों और उसके ठिकानों को जमींदोज किया जाता है।
****************
ऑपरेशन सिंदूर ने पूरी दुनिया में पाकिस्तान को एक्सपोज कर दिया।
****************
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की युद्ध क्षमता को तहस-नहस कर दिया।
****************
आज यदि कश्मीर का एक हिस्से पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है, तो इसके एकमात्र जिम्मेदार पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं। POK के अस्तित्व का कारण जवाहरलाल नेहरु की गलती है।
****************
1971 की लड़ाई में सेना ने तो पाकिस्तान को हरा दिया, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने 15,000 किमी की जीती हुई भूमि भी वापस लौटा दी और POK भी नहीं ले पाई।
****************
सारे आतंकवाद की जड़ पाकिस्तान है, जो कांग्रेस की एक भूल है, अगर देश का विभाजन न हुआ होता तो आज पाकिस्तान ही नहीं होता।
****************
आज चीन UNSC का सदस्य और भारत इससे बाहर है, तो इसके लिए केवल नेहरु जिम्मेदार हैं।
****************
जब भारत की सेना डोकलाम में चीन के साथ लड़ रही थी, तब राहुल गांधी चीनी अधिकारियों के साथ मुलाकात कर रहे थे।
****************
2004 में कांग्रेस ने POTA का कानून रद्द करके आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को कमजोर किया।
****************
दिसम्बर 2004 में कांग्रेस ने POTA हटाया और 2005 से आतंकी हमलों की सीरीज शुरू हुई जो पूरे UPA काल में चली।
****************
UPA सरकार ने अनेक बम धमाके हुए, जिसमे हजारों लोग मारे गए, राहुल गाँधी में है हिम्मत तो बताएं कि उनकी सरकार ने क्या किया?
****************
मोदी सरकार कश्मीर केंद्रित आतंकी घटनाओं को छोड़कर देश के बाकी हिस्से में कोई बड़ी आतंकी घटना नहीं हुई।
****************
बाटला हाउस एनकाउंटर में सोनिया गांधी को शहीद मोहन शर्मा के मरने पर नहीं, आतंकियों के मारने पर रोना आया।
****************
कल तक ये बोल रहे थे - बैसरन के आतंकी पाकिस्तान भाग गए। हमने तो आतंकियों को ठोक दिया।
****************
दाउद इब्राहिम, सैयद सलाहुद्दीन, टाइगर मेमन, अनीस इब्राहिम, रियाज भटकल, इकबाल भटकल, मिर्जा सादा बेग... ये सभी आतंकी कांग्रेसी सरकार में देश से भागे।
****************
सोनिया-मनमोहन सरकार के 10 वर्षों में 7,217 आतंकी घटनाएं हुई जबकि मोदी सरकार में यह 70% तक घट गई।
****************
धारा 370 के समाप्त होने के बाद कश्मीर में आतंकवादी इकोसिस्टम को नष्ट कर दिया है।
****************
पहले आतंकियों के जनाजे में भीड़ जुटती थी, आज आतंकियों को जहाँ मारा जाता है, वहीं दफना दिया जाता है।
****************
कांग्रेस सरकार में एक साल में 2,654 स्टोन पेल्टिंग की घटनाएं हुई, मोदी सरकार में स्टोन पेल्टिंग की घटनाएँ जीरो हो गयी।
****************
कांग्रेस सरकार में एक साल में 132 दिन पाक प्रायोजित हड़ताल के कारण घाटी बंद रहती थी, मोदी सरकार में पिछले तीन साल से अब तक घाटी में एक भी हड़ताल नही हुई।
****************
कांग्रेस सरकार में VIP ट्रीटमेंट पाने वाले हुर्रियत के नेता, मोदी सरकार में जेल की सलाखों के पीछे हैं।
****************
मोदी सरकार ने 2019 के बाद कश्मीर में आतंकियों को पोषित करने वाले दर्जनों संगठनों को बैन किया।
****************
जो भी हमारी सीमा पर घुसपैठ करेगा, मारा जाएगा। हम आतंकवाद को ख़त्म करके रहेंगे।
****************
पोटा रद्द करने वालों और टेररिस्टों को बचाव कर वोट बैंक की राजनीति करने वालों को मोदी जी की आतंक विरोधी नीति पसंद नहीं आती।
****************
पहलगाम के बाद बिहार में दिया गया मोदी जी का भाषण आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई का 140 करोड़ लोगों का प्रतिशोध है, जो कांग्रेस को नहीं दिखता... जिसका जैसा चश्मा होता है, उसकी वैसे ही दृष्टि होती है।
****************
मोदी सरकार ने चिंदबरम के गृह मंत्री कार्यकाल के दौरान छिपे आतंकवादियों को ढूढ़कर मारा है। यह मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है।
****************
कांग्रेस की सरकार के दौरान आतंकी वीजा लेकर घुसते थे।
****************
मोदी सरकार आतंकवादियों को पनाह देने वालों को मनमोहन सरकार की तरह विक्टिम का सर्टिफिकेट नहीं देती।
****************
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस के दौरान लोक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए भारतीय सेना की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। श्री शाह ने कांग्रेस सहित विपक्ष पर आरोप लगाया कि यूपीए शासन में आतंकी देश से भागते थे, लेकिन मोदी सरकार में उन आतंकियों को चुन-चुन कर मारा जा रहा है। यूपीए शासन में सरकार पाकिस्तान को आतंकी हमलों के डोसियर भेजती थी, मगर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकियों के घर में घुसकर जवाब देता है।
श्री शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या पाकिस्तान द्वारा की गई और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतीय सेना को ऑपरेशन सिंदूर के लिए परमिशन दी और सेना ने बहादुरी के साथ पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की धर्म पूछ कर की गई नृशंस हत्या की भर्त्सना करते हुए पीड़ित परिजन एवं ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान द्वारा की गई गोलीबारी में हताहत हुए नागरिकों के प्रति अपनी सांत्वना व्यक्त की। श्री शाह ने कहा कि कल से पक्ष विपक्ष इस घटना पर चर्चा कर रहे हैं, और इसपर चर्चा किया जाना एवं भविष्य ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो यह सुनिश्चित किया जाना भी आवश्यक है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन महादेव की जानकारी सदन के माध्यम से पूरे देश को देते हुए कहा कि कल तीन आतंकवादी सुरक्षाबलों के संयुक्त अभियान ऑपरेशन महादेव में मारे गए हैं। इनमें से एक सुलेमान उर्फ फैजल जट, लश्कर ए तैयबा का कमांडर था और पहलगाम हमले में लिप्त था। इसके सबूत भारतीय एजेंसियों के पास हैं। बाकी दोनों आतंकी हमजा अफगानी और जिब्रान भी ए ग्रेड आतंकी थे। जिन्होंने बैसरन घाटी में हमारे नागरिकों को मारा था, उन तीनो आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिए गए, ये तीनों आतंकी वही थे। श्री शाह ने सदन के माध्यम से इस ऑपरेशन में शामिल रहे जम्मू कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना के जवानों को कोटि कोटि साधुवाद व्यक्त किया।
श्री शाह ने बताया कि ऑपरेशन महादेव की शुरुआत 22 मई 2025 को हुई। पहलगाम आतंकी हमले की रात को ही सुरक्षा बैठक की गई थी। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमला एक बजे हुआ और मैं शाम साढ़े पांच बजे श्रीनगर में उतर चुका था। उसी रात सुरक्षा मीटिंग की गई, सभी सुरक्षाबलों के साथ इस बैठक में ये तय किया गया कि पहलगाम आतंकी हमले के आरोपी पाकिस्तान भागने न पाएं और हमने यह सुनिश्चित किया। 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश में आए और सीसीएस की बैठक हुई। 22 मई को इंटिलेजेंस ब्यूरो को दाचीगाम में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली। मई से 22 जुलाई तक इस सूचना की पुष्टि की कोशिश की गई। सेना, सीआरपीएफ और आईबी के अधिकारी आतंकियों के सिग्नल पाने के लिए घूमते रहे। 22 जुलाई को जब आईबी ने आतंकियों के वहीं होने की पुष्टि कर दी तो चार पैरा के जवानों के नेतृत्व में आतंकियों को घेरा गया। कुल मिलाकर कल जो ऑपरेशन हुआ, उसमें निर्दोष नागरिकों को मारने वाले तीनों आतंकी मौत के घाट उतार दिए गए। सुलेमान उर्फ फैजल जट, अफगान और जिब्रान नामक आतंकियों ने ही पहलगाम आतंकी हमला किया। जिन लोगों ने इन आतंकियों को मदद की थी, उनसे भी एनआई ने पहचान कराई कि ये ही पहलगाम में हमला करने वाले आतंकी थे। साथ ही, घटनास्थल से मिले कारतूस की एसएफएल जांच कराई गई। कल के ऑपरेशन में मिले कारतूस की भी जांच की गई और राइफल्स को चंडीगढ़ भेजकर भी जांच कराई गई। इन सभी जांच में तय हो गया कि ये तीनों वही आतंकी थे।' आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आतंकियों को भी मारा और उन्हें भेजने वाले उनके आकाओं को भी मारा। एक ऐसा सबक सिखाया है कि आने वाले दिनों में कोई ऐसी हिमाकत नहीं कर पाएगा।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मुझे अपेक्षा थी कि कि जब विपक्ष आतंकियों के मारे जाने की सूचना सुनेगा तो विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी, लेकिन इनके चेहरे पर तो स्याह फैल गयी है। आतंकी मारे गए, इसकी भी खुशी नहीं हो रही। आतंकी मारे गए हैं तो इससे भी विपक्ष को परेशानी है, ये कैसी राजनीति है? बैलिस्टिक रिपोर्ट मेरे हाथ में है। सुरक्षा विशेषज्ञों ने खुद मुझे 28 जुलाई की शाम 6:46 बजे वीडियो कॉल के माध्यम से बताया गया कि ऑपरेशन में मारे गए आतंकी वही हैं जो पहलगाम हमले के जिम्मेदार थे। उस वक्त मेरे सामने वो बच्ची खड़ी थी जिसकी शादी को सिर्फ 6 दिन हुए थे और वह विधवा हो गई थी, वो दृश्य मैं आज तक नहीं भूल पाया हूं। यह भारतीय सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की बहुत बड़ी कामयाबी है जिस पर देश की 140 करोड़ जनता को नाज है।
श्री शाह ने कहा कि जिस दिन पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाला टीआरएफ लिया था, उसी दिन ही इसकी जाँच एनआईए को सौंप दी गई, जो दुनिया की मानी हुई जांच एजेंसी है जिसकी सजा दर 95 प्रतिशत से अधिक है। जांच में मृतकों के परिजनों, पर्यटकों, खच्चर संचालकों, विभिन्न दुकान में काम करने वाले लोगों समेत 1055 लोगों से पूछताछ की गई और इसे वीडियो रिकॉर्ड किया गया। बाद में इसके आधार पर स्केच बनाया गया। इसी के आधार पर स्केच बनाए गए और जांच में 22 जून 2025 को बशीर और परवेज की पहचान की गई, जिन्होंने आतंकियों को शरण दी थी। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन दोनों ने खुलासा किया कि 21 अप्रेल की रात को 3 आतंकवादी बैसरण से दो किमी दोर परवेज ढोक में आए थे। इन आतंकवादियों के पास एके 47 और एम9 कार्बाइन थी। दो आतंकवादियों ने काली पोशाक पहनी थी और एक ने छद्म वेश धरा हुआ था। वो कुछ सामान लेकर वहां से चले गए। इसके बाद स्केच बनाया गया। गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों और उनकी माताओं ने तीन मृत आतंकियों की पहचान की है। पहलगाम हमले में दो एके-47 एक एम9 कार्बाइन का प्रयोग किया गया था।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मुझे एक दुख हुआ कि कल इस देश के पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने सवाल उठाया कि क्या सबूत है कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए? ये कब उठाया, जब संसद में चर्चा होने वाली थी। आखिर चिदंबरम क्या कहना चाहते हैं और क्यों पाकिस्तान को बचाना चाहते हैं? बता दूं कि तीन में से दो आतंकियों के पाकिस्तानी वोटर कार्ड मिले हैं। ढोक से जो चॉकलेट मिलीं, वो भी पाकिस्तान में बनीं थी। चिदंबरम द्वारा यह सवाल उठाने का मतलब है कि इस देश का पूर्व गृहमंत्री पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं। चिदाम्बरम सवाल उठाकर कह रहे हैं कि आतंवादी पाकिस्तान के नहीं थे, तो क्या वे यह सवाल उठा रहे हैं कि भारत ने पाकिस्तान पर हमला क्यों किया? जब पूरी दुनिया में हमारे सांसद गए और सभी ने माना कि पाकिस्तान ने हमला किया, लेकिन चिदंबरम का पाकिस्तान को बचाने का ये षड्यंत्र आज देशवासी समझ चुके है, ये बच नहीं पाएंगे।
श्री शाह ने कहा कि अभी तो शुरू हुआ है। मैं पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में घटनाक्रम बताना चाहता हूं। मुझे लगा कि कल रक्षा मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी समर्थन में भाषण देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और विपक्ष ने कई सवाल उठाए। मैं बताना चाहता हूं कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारा गया। हम उसी वक्त मैं श्रीनगर के लिए निकल गया। रात को ही सुरक्षाबलों की बैठक कर आतंकियों को भागने से रोकने की व्यवस्था की। 23 अप्रैल को सीसीएस की बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस के ब्लंडर सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला किया। हमने अटारी पर एकीकृत जांच चौकी को सस्पेंड कर दिया और पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा। पाकिस्तानी उच्चायुक्त के सलाहकारों को अवांछित किया और कई को वापस भेजा। साथ ही सीसीएस ने यह संकल्प लिया कि आतंकियों और उनके आकाओं को उचित जवाब दिया जाएगा। कल गोगोई ने कहा कि पीएम मोदी हमले के वक्त विदेश दौरे पर थे, लेकिन जब राहुल गांधी गए थे, तब वहां कोई नहीं था। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा बिहार में आयोजित कार्यक्रम में दिए गए वक्तव्य का जिक्र करते हुए श्री शाह ने बताया कि ऐसे हमले के समय प्रधानमंत्री को जनता की भावनाओं के अनुरूप जवाब देना होता है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बिहार की जनसभा में इस पर आतंकियों को कड़ा संदेश दिया और आंतक के आकाओं की कमर तोड़ने की बात कही। अब यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के इस भाषण में जिसे चुनावी भाषण दिखता है तो ये उनकी समझ पर गंभीर सवाल उठते हैं। यह चुनावी भाषण नहीं बल्कि आतंक के खिलाफ लड़ने का 140 करोड़ भारतीयों का प्रतिघोष है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इसके बाद 30 अप्रैल को सीसीएस की बैठक हुई, जिसमें सशस्त्र बलों को पूर्ण ऑपरेशन की आजादी दी गई और इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर हुआ। भारतीय सेना ने 7 मई को रात को 1:04 बजे से 1:24 बजे तक ऑपरेशन सिन्दूर चलाया और पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इससे बड़ा संयमित हमला नहीं हो सकता। दुनियाभर में युद्ध हो रहे है, जिनमें आम नागरिक मर रहे हैं, लेकिन हमारे हमलों में एक भी आम नागरिक नहीं मारा गया। मरकज, सुभानल्लाह, बहावलपुर, मरकज-ए-तैयबा, सियालकोट, मुजफ्फराबाद, कोटली, बरनाला कैंप पर हमला किया गया। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में हमने पीओक में एक तरह से अपने ही हिस्से में आतंकियों पर हमला किए, लेकिन इस बार पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकियों पर हमला किया। इस हमले में हाफिज मोहम्मद जमील, मुदस्सर खादियान, याकूब मलिक, मोहम्मद हमजा जमील, मोहम्मद यूसुफ अजहर, मोहम्मद आमिर, मोहम्मद हसन, अब्दुल मलिक, नोएल मलिक आदि आतंकी मारे गए। इन 10 लोगों में से आठ ने यूपीए सरकार में आतंकी हमले किए, जिन्हें माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने खत्म किया। यूपीए सरकार के समय जो आतंकवादी छिप गए थे, उन्हें देश की सेना ने समाप्त कर दिया है और केवल 10 नहीं कम से कम 100 से अधिक आतंकियों को हमारी सेना ने मार डाला है और विपक्ष इसपर भी गर्व नहीं कर सकता है।
श्री शाह ने कहा कि 7 मई को रात्रि में 1:26 बजे सेना कर कार्य समाप्त हुआ। हमारे डीजीएमओ ने पाकिस्तानी डीजीएमओ से बात की और उन्हें हमारी कार्रवाई की जानकारी दी और कहा कि आत्मरक्षा के अधिकार के तहत हमने सिर्फ आतंकवादी ठिकानों पर हमला किए हैं। ये मनमोहन सरकार नहीं है कि मुंबई हमला हुआ तो हम चर्चा करते रहे। ये मोदी सरकार है, जो डोजियर नहीं भेजती, बल्कि तुरंत कार्रवाई करती है। उरी हमले के जवाब में हमने सर्जिकल स्ट्राइक किया, पुलवामा हमले के जवाब में हमने एयर स्ट्राइक किया और पहलगाम हमले के बाद भारत में पाकिस्तान के 100 किलोमीटर के अंदर जाकर, 9 आतंकवादी अड्डों और 100 से अधिक आतंकवादियों को खत्म किया। भारतीय सेना तो आतंकी ठिकानों पर हमला किया, लेकिन पाकिस्तान ने इस हमले को अपने ऊपर हमला माना। दूसरे दिन आतंकियों का जनाजा उठा, जिसमें पाकिस्तानी सेना के अफसर और अधिकारी शामिल हुए। इसने पाकिस्तान की सच्चाई पूरी दुनिया के सामने रख दी कि पाकिस्तान में आतंकवाद सरकार से सरंक्षित और वित्तपोषित है। पाकिस्तान ने हमारे सैन्य अड्डों पर हमला किया लेकिन हमें कोई नुकसान नहीं हुआ। दूसरे दिन 9 यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सैन्य अधिकारियों और रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की और जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निशाना बनाया गया। इनमें से आठ एयरबेस को इतनी सटीकता से निशाना बनाया गया कि उनकी एयर डिफेंस धरी की धरी रह गई। नूरखान चकलाला, मुरीदके, रफीकी, रहीमयार खान, जैकॉबाबाद, सुक्कुर, भोलारी एयरबेस को ध्वस्त कर दिया गया। भारत ने पाकिस्तान की आक्रमण करने की क्षमता को पंगु करके रख दिया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के पास शरण में आने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा था इसलिए 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन किया और शाम 5 बजे इस संघर्ष को विराम दिया गया। कल विपक्ष सवाल उठा रहे थे कि भारत अगर इतनी अच्छी पोजीशन में था तो क्यों रोक दिया? मैं बताना चाहता हूं कि युद्ध के कई परिणाम होते हैं और सोच समझकर फैसले लेने होते हैं। 1948 में युद्ध निर्णायक मोड़ पर थी, सरदार पटेल न बोलते रहे और जवाहर लाल नेहरू ने एकतरफ युद्ध विराम कर दिया। पाक आक्यूपाइड कश्मीर का अस्तित्व है तो नेहरू के कारण है। इसके जिम्मेदार नेहरू हैं। 1960 में सिंधु जल पर भौगोलिक और रणनीतिक रूप से भारत बेहद मजबूत था, लेकिन पंडित नेहरू ने 80 प्रतिशत भारत का पानी पाकिस्तान को दे दिया। 1965 की लड़ाई में हाजी पीर जैसी जगह पर हमने कब्जा किया था, 1966 में उसे लौटा दिया। 1971 के युद्ध में 93 हजार युद्धबंधक यानि पाकिस्तानी सेना की 42 प्रतिशत सेना और 15 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र हमारे पास था। शिमला में जब समझौता हुआ तो पीओके मांगना ही भूल गए और 15 हजार वर्ग किलोमीटर की जीती हुई भूमि भी वापस दे दी। पाकिस्तान नरसंहार के लिए युद्ध अपराध न्ययाधिकरण बनाना था, नहीं बना। पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों पर मुकदमा चलना था, लेकिन नहीं चला। तत्कालीन फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ ने कहा है कि भुट्टो ने भारत के नेतृत्व को मूर्ख बनाया। ये हमें सिखा रहे हैं। ये तो पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं तो इनको क्या अधिकार है पूछने का? देश के पूर्व गृहमंत्री कह रहे हैं कि पाकिस्तान ने हमला नहीं किया इसलिए इन्हें कोई अधिकार नहीं है सवाल पूछने का।
श्री शाह ने कहा कि कल कुछ कांग्रेस के सदस्य चीन का सवाल पूछ रहे थे। लेकिन इन्हें याद होना चाहिए कि 1962 के युद्ध में 30 हजार वर्ग किलोमीटर हिस्सा चीन को दे दिया गया। उस वक्त भी ऐसी चर्चा हुई थी, तब जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि वहां घास का एक तिनका भी नहीं उगता है तो उसका क्या करना है। इस पर एक सदस्य ने कहा कि आपके सिर पर भी एक बाल नहीं है, उसे भी चीन को दे दें क्या? पंडित नेहरू ने असम को आकाशवाणी पर बाय बाय कर दिया था। अमेरिका ने प्रस्ताव दिया था कि चीन को सुरक्षा परिषद में नहीं लिया जाए और भारत को ले लिया जाए लेकिन पंडित नेहरू ने कहा कि हम ये स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि इससे चीन के साथ हमारे संबंध खराब होंगे और चीन जैसा महान देश नाराज हो जाएगा। लेकिन आज चीन सुरक्षा परिषद में है, लेकिन हमें आने नहीं दे रहा है जिसका कारण पंडित नेहरू का ये फैसला है। राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन से एमओयू किया था। जब हमारे सैनिक डोकलाम में चीन की आंख में आंख डालकर बैठे थे, तब राहुल गांधी चीन के राजदूत के साथ बैठक कर रहे थे। इस आतंकवाद की जड़ पाकिस्तान है और अगर कांग्रेस पार्टी विभाजन स्वीकार न करती तो पाकिस्तान कभी न होता। कल विदेश मंत्री श्री जयशंकर ने बताया था कि बलूचिस्तान ब्लंडर कांग्रेस ने किया जिसने पाकिस्तान को भारत के साथ वार्ता के लिए खड़ा कर दिया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2002 में अटल जी की सरकार थी और आतंकवाद को समाप्त करने के लिए एनडीए सरकार “पोटा कानून” लेकर आई। पोटा कानून का विरोध किसने किया, कांग्रेस पार्टी ने किया। हमें मजबूरन संयुक्त सत्र बुलाना पड़ा, तब पोटा कानून पारित किया गया। आज मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं आप किसे बचाना चाहते थे। पोटा को रोककर कांग्रेस अपने वोटबैंक का उल्लू सीधा करके आतंकियों को बचाना चाहते थे। जब कांग्रेस की यूपीए सरकार आई तो इन्होंने पहली कैबिनेट बैठक में पोटा कानून रद्द कर दिया। मैं पूछता हूं कि किसके फायदे के लिए कांग्रेस ने पोटा कानून रद्द किया। दिसंबर 2004 में पोटा कानून खत्म हुआ और 2005 में अयोध्या में रामलला के टेंट पर हमला हुआ। 2006 में मुंबई ट्रेन बम धमाकों में 187 लोगों की मौत हुई। 2006 में लोधा-उधमपुर में हिन्दुओं पर हमला हुआ, जिसमें 34 लोग मारे गए। 2007 में हैदराबाद में 44 लोग और उत्तर प्रदेश के लखनऊ तथा वाराणसी में 13 लोग मारे गए। 2008 में रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हमला हुआ। श्रीनगर में आर्मी के काफिले पर हमला हुआ जिसमें 10 जवान मारे गए। नवम्बर 2008 में मुंबई आतंकी हमले में 246 लोग मारे गए। 2008 में जयपुर के 8 बम धमाकों में 64 लोग, अहमदाबाद के 21 बम धमाकों में 57 लोग मारे गए, दिल्ली के 5 बम धमाको में 22 लोग मारे गए और पुणे की जर्मन बेकरी में 17 लोग मारे गए। 2010 में वाराणसी में बम धमाका हुआ और 2011 में मुंबई में 3 धमाके हुए जिसमें 27 लोग मारे गए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई होती है। लेकिन सवाल ये है कि 2005 से 2011 के बीच 27 जघन्य हमले हुए और 1000 के करीब लोग मारे गए। आपने क्या किया? राहुल गाँधी यहाँ सदन में आकर बताएं कि उनकी सरकार ने क्या किया था। ये बस पाकिस्तान डोजियर भेजते रहे। ये कहते हैं कि आपके समय में भी हमले हुए। हमारे समय में जो भी आतंकी घटनाएं हुईं वो पाक प्रेरित और कश्मीर केंद्रित हुई हैं। इनके अलावा 2014 से 2025 तक देश में एक भी आतंकी घटना नहीं हुई। मोदी सरकार में कश्मीर की स्थिति आज ऐसी है कि आतंकियों को पाकिस्तान से आना पड़ता है, कश्मीर में आतंकी नहीं होते हैं। मैंने एक दिन सलमान खुर्शीद के बयान को सुना कि उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी बाटला हाउस एनकाउंटर पर रो पड़ीं। अरे रोना था तो शहीद मोहनलाल के लिए रोना था। मगर इन्हें बाटला हाउस के आतंकियों के लिए रोना आता है। इन्हें हमसे प्रश्न करने का कोई अधिकार नहीं है।
श्री शाह ने कहा कि विपक्ष को लगता था कि बायसरन के गुनहगार पाकिस्तान भाग गए, लेकिन सेना ने ठोक दिया। ये मुद्दा उठाना चाहते हैं तो उठाइए, मेरे पास सलमान खुर्शीद का वीडियो है। दिखाना हो तो समय तय कर लीजिए। सैयद सलाहुद्दीन 1993 में भागा, कांग्रेस की सरकार थी, दाऊद इब्राहिम 1986 में भागा, टाइगर मेमन में 1993 भागा, रियाज भटकल 2007 में भागा, इकबाल 2010 में भागा, शादाब बेग 2009 में भागा और हर बार कांग्रेस की सरकार थी। आतंकी जब भी भागे, कांग्रेस की सरकार थी।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के विषय पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती है और हम विपक्ष के हर आरोप का जवाब देंगे। साल 2004-14 में अखंड सोनिया-मनमोहन की सरकार थी। 2004 से 14 में कुल 7217 आतंकी घटनाएं हुई और 2014-25 तक 70 प्रतिशत की कमी के साथ यह संख्या 2150 तक आ गई। 2004 से 2014 के दौरान 1770 लोग मारे गए, जबकि 2014-2025 में यह संख्या 357 रह गई। 2014 से 2024 तक सुरक्षा बलों में हताहतों की संख्या 1060 थी जो भाजपा कार्यकाल में कुल 542 रह गई। भाजपा सरकार में टेररिस्ट्स के मारे जाने में 123% का इजाफा हुआ। अनुच्छेद 370 हटाकर भाजपा सरकार ने टेरर इकोसिस्टम को खत्म कर दिया है। भाजपा ने जीरो टेरर, एरिया डोमिनेशन प्लान बनाया है, मल्टी लेवल डिप्लॉयमेंट किया है, सुरक्षा जेल बनाई हैं, 98 प्रतिशत ट्रायल अब वीडियो पर हो रहे हैं, संचार साधन बसाया है, 702 फोन विक्रेताओं जेल भेजा है और को 2667 अवैध सिमकार्ड खत्म किए हैं। एक जमाना था, कश्मीर में जनाजे में 10-10 हजार लोग रहते थे। लेकिन अब जो आतंकी मारा जाता है, उसे वहीं दफना दिया जाता है। मोदी सरकार में किसी भी आतंकवादी का महिमामंडन करने की अनुमति नहीं है। आतंकियों के समर्थकों को चुन चुन कर नौकरी से निकाला गया है, उनके पासपोर्ट और सरकार कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिए गए हैं, 75 से अधिक आतंकी समर्थकों को कोर्ट से ऑर्डर लेकर सरकार से बर्खास्त कर दिया गया है, आतंकी समर्थकों से भरी बार काउंसिल को सस्पेंड कर निष्पक्ष चुनाव करवाया है। कई संगठन प्रतिबंधित किए गए, विशेष यूएपीए अदालतें बनाई गईं, 2022 मार्च से लेकर 2025 तक यूएपीए के 367 मामले दर्ज किए गए और 374 कुर्की की गई। परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस शासन में एक वर्ष में 2654 घटनाएं संगठित पत्थरबाजी की हुआ करती थी लेकिन 2024 में यह घटनाएं शून्य हो गई हैं। इनके दौर में घाटी में 132 दिन हड़ताल रहती थी, अब घाटी हमेशा खुली रहती है और संगठित हड़ताल 3 साल एक भी नहीं हुई है। कांग्रेस शासन में पत्थरबाजी में हर वर्ष 112 लोगों की मृत्यु होती थी लेकिन 3 वर्ष से एक नागरिक ने अपनी जान नहीं गंवाई है। यूपीए सरकार में हर वर्ष 6235 लोग पत्थरबाजी में घायल होते थे लेकिन आज यह संख्या भी शून्य हो गई है।
श्री शाह ने कहा कि एक समय में हुर्रियत के नेताओं को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलता था लेकिन भाजपा सरकार ने हुर्रियत के हर कॉम्पोनेंट को प्रतिबंधित कर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया है। हम हुर्रियत से कोई बात नहीं करते। ये टेरर आउटफिट हैं। हम बात करेंगे तो कश्मीर के युवाओं से बात करेंगे। पहले चुनाव के दौरान डर का माहौल होता था, मगर अब पंचायत चुनाव में 98.3 प्रतिशत मतदान हुआ। कांग्रेस के बंद-बहिष्कार का समय खत्म हो गया। पहले अलगाववादी बात करना चाहते थे, मगर अब नहीं कर सकते हैं। 2019 के बाद मोदी सरकार ने कई आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया। केंद्र सरकार ने टीआरएफ (TRF), पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF), तहरीक उल मुजाहिद्दीन (TeM), जमात उल मुजाहिद्दीन - बांगलादेश हिंदुस्तान (JMB) जम्मू-कश्मीर गजनवी फ़ोर्स (JKGF), खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स (KTF), हिज्ब उल तहरीन (HuT), जमात ए इस्लामी, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF), जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (JKDFP), जम्मू-कश्मीर मुस्लिम लीग (JKML), तहरीक ए हिर्रिय्त (TeH), मुस्लिम कोंफ्रेंस (MC), जम्मू-कश्मीर नेशनल फ्रंट (JKNF), जम्मू-कश्मीर पीपल्स फ्रीडम लीग (JKPFL), जम्मू-कश्मीर पीपल्स लीग (JKPL), जम्मू-कश्मीर इताहुल मुसलमीन (JKIM), आवामी एक्शन कमेटी (AAC), सिख फॉर जस्टिस (SFJ) और पीएफआई (PFI) जैसे आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित किया है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि गोगोई जी पाकिस्तान तो कई बार गए हैं लेकिन शायद कभी सीमा के रास्ते नहीं गए। बर्फ में और -43 डिग्री ठंड में जवान तैनात हैं। वहां से कोई आएगा तो मारा जाएगा। कांग्रेस को सीमा की कठिनाइयां नहीं मालूम हैं। घुसपैठ की बात कर रहे कांग्रेस नेताओं के समय में घुसपैठिए सीधे आते थे, उन्हें वीजा दिया जाता था। पोटा रद्द करने वाले को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की आतंक रोधी नीति पसंद नहीं आएगी। मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो टोलेरेंस की नीति है और भारत विजयी होकर रहेंगे। अंत में श्री अमित शाह ने सेना और सुरक्षाबलों को उनके पराक्रम के लिए धन्यवाद और आभार व्यक्त किया।
********************
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें